उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए, राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (एन.जी.आर.बी.ए.) की समस्त परियोजनाओ के क्रियान्वयन हेतु केन्द्र सरकार से नब्बे प्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने संसाधनों के रख-रखाव व संचालन पर सहायता प्रदान करने की अवधि को पांच वर्ष से बढ़ाकर 15 वर्ष किये जाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली में प्रधान मंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एन.जी.आर.बी.ए. के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 1341.6 करोड़ रुपये की 07 योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश के 26 शहर, जिसमें कई बड़े शहर कन्नौज, कानपुर, इलाहाबाद तथा वाराणसी आदि शामिल हैं, गंगा नदी के किनारे बसे हुए हैं। सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करते हुए आने वाली पीढ़ी के लिए खाद्य सुरक्षा, औद्योगिक विकास, ऊर्जा व अन्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक नई सोच पैदा करके समग्र योजना बनानी होगी, जिससे पर्यावरण सुरक्षित रहे और विकास भी जारी रहे।
श्री यादव ने गंगा नदी एवं सहायक नदियों को मिलाकर एक समग्र नदी बेसिन प्रबन्ध योजना को जल्द से जल्द तैयार किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित योजना का प्रारूप नदी तंत्र की जमीनी हकीक़त को देखते हुए जल विशेषज्ञों की देखरेख में विभिन्न विभागों जैसे सिंचाई, पर्यावरण, कृषि, रसायनिक, उर्वरक, बाढ़ नियंत्रण, वनीकरण, उद्योगों, नगरीय निकायों आदि के सम्बन्ध में बनाये जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समग्र बेसिन प्रबंधन योजना तभी कारगर होगी, जब इसमें केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय तथा उत्तर प्रदेश सरकार एवं विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से एक वर्ष में बनाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्लान को बनाते समय देश के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित योजना में कृषि पर्यावरण, सिंचाई, ऊर्जा, उद्योग, नगर विकास, बाढ़ नियंत्रण, वानिकी एवं जल प्रबन्ध आदि सभी विभागों का समन्वय होना भी जरूरी है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि 07 आई.आई.टी के कन्र्सोटियम से अपेक्षा की जाए कि कन्र्सोटियम वरीयता के आधार पर रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करे।
उत्तर प्रदेश में हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या की ओर मुख्यमंत्री ने प्रधान मंत्री का ध्यानाकृष्ट करते हुए कहा कि इससे उत्तर प्रदेश में जान-माल की भारी हानि, भूमि कटान एवं फसलों की क्षति के अलावा प्रदूषण की गम्भीर समस्या पैदा होती है। उन्होंने प्रधान मंत्री से अनुरोध किया कि बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने के लिए तत्काल दीर्घकालीन मद्द केन्द्र सरकार दिलायें, जिससे बाढ़ से सम्बन्धित समस्त निरोधात्मक उपाय सुनिश्चित करायें जा सकें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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