‘‘निषाद/मछुवारा समाज को आरक्षण दिये जाने पर कांग्रेस को दिया जा सकता है समर्थन’’
राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चै0 लौटन राम निषाद ने यहां जारी अपने बयान में सपा सरकार पर 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किये जाने के मुद्दे पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुये कहा कि झूठा बयान बाजी कर अतिपिछड़ों को प्रदेश सरकार द्वारा भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निषाद, मल्लाह, केवट, कश्यप, गोडि़या, तुरहा, मांझी, रायकवार, धीमर , धीवर, कहार, राजभर, प्रजापति, चैहान, आदि अतिपिछड़ी जातियों को आरक्षण मुद्दे पर लालीपाप दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विधान सभा चुनाव में मुलायम सहित सपा नेताओं ने सरकार बटने पर 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की हर मंच से घोषणा की जा रही थी जो कि झूठा व असंवैधानिक वायदा था। क्योंकि किसी भी जाति को अनुसूचित जाति/जनजाति में शामिल करने का अधिकार केन्द्र सरकार, भारतीय संसद व राष्ट्रपति के पास निहित है, किसी राज्य सरकार को नहीं। उन्होंने आगे कहा कि यदि केन्द्र सरकार उ0प्र0 की निषाद मल्लाह, केवट, बिन्द, धीवर, कहार, गोडि़या, तुरहा, मांझी, बिहार की मल्लाह, केवट, बिन्द, तुरहा, नोनिया, कैवर्त आदि को अनुसूचित जाति व मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में मांझी की पर्यायवाची निषाद, मल्लाह, केवट, कैवर्त, धीवर, धीमर, कहार, भोई आदि को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण देती है तो आगामी लोक सभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने में कोई हर्ज नहीं है।
श्री निषाद ने कहा कि राहुल गांधी व सोनिया गांधी जी उ0प्र0 की मंझवार जाति को परिभाषित कर उसकी पर्यायवाची/उपजाति मल्लाह, केवट, निषाद, धीवर, धीमर, बिन्द, मांझी, कहार, गोडि़या, तुरहा, रायकवार आदि को अनुसूचित जाति एवं मांझी व मंझवार की भांति मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ की मल्लाह, केवट, मांझी, निषाद, धीवर, धीमर, भोई, कहार आदि जातियों को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण देने के लिए पूरा मन बना लिये थे। परन्तु दिग्विजय सिंह व कुछ अन्य के द्वारा भ्रमित किये जाने से इन जातियों व आरक्षण व सामाजिक न्याय नहीं मिल पाया जिसके कारण विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को राहुल जी के कठिन परिश्रम के बाद भी बुरी हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि यदि कांगे्रेस उचित निर्णय लेकर उ0प्र0, मध्यप्रदेश, झारखण्ड, बिहार, की निषाद, मछुवारा समाज की जातियों को अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का आरक्षण दे दिया तो कांग्रेस को बहुत बड़ा
जनाधार मिल जायेगा, अन्यथा इन राज्यों में कांग्रेस का सफाया हो जायेगा। उन्होंने कहा कि संप्रग-1 के कार्यकाल में राष्ट्रीय विमुक्त घूमन्तु व अर्ध घूमन्तु जनजाति आयोग का गठन किया गया था, उस आयोग की सिफारिश को भी केन्द्र ने लागू न कर विमुक्त घूमन्तु व अत्यन्त पिछड़े वर्ग की जातियों के साथ सामाजिक अन्याय किया। उन्होंने वाल्मीकि, चमार, बंजारा, गोड़ आदि की भांति उ0प्र0 की मंझवार, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ की मांझी जनजाति को परिभाषित कर इनकी पर्यायवाची/समनामी जातियों को आरक्षण का लाभ दिये जाने की मांग की है।
श्री निषाद ने कहा कि सपा से सामाजिक न्याय, आरक्षण व राजनैतिक सम्मान की बात सोचना बेईमानी लगता है। उन्होंने कहा कि जो पार्टी मंत्री मण्डल में भागीदारी व विधान परिषद, राज्य सभा आदि में अतिपिछड़ों व गैर यादवों को हिस्सेदारी नहीं दे सकता, वह क्या देगा, आरक्षण व सामाजिक न्याय। उन्होंने कहा कि यदि मुलायम वचन के पक्के है तो अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए केन्द्र को विधि सम्मत प्रस्ताव भेजकर दबाव बनाये और नीतीश की तरह ईमानदारी का परिचय देकर उ0प्र0 की मल्लाह, केवट, कहार, राजभर, बंजारा, गोसाई, घोसी आदि 34 विमुक्त व घूमन्तु जनजातियों को क्षेत्रीयता समाप्त कर महाराष्ट्र की तर्ज पर शिक्षा, सेवायोजन, स्थानीय निवार्चन, आर्थिक विकास आदि में सामाजिक न्याय समिति-2001 की रिपोर्ट के आधार पर जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था करें। क्योंकि राज्य सरकार विमुक्त जातियों को अलग से आरक्षण देने के लिए स्वतंत्र है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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