Archive | November, 2011

नवोदित पत्रकारों को प्रशिक्षित किया वरिष्ठ पत्रकारों ने

Posted on 16 November 2011 by admin

वर्तमान समय में भ्रष्टाचार एक प्रमुख समस्या बन गया है; और इसका सर्वाधिक असर गरीब व अशिक्षित जनता पर पड़ रहा है। उक्त बात वरिष्ठ पत्रकार राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ ने विश्व संवाद केन्द्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त के प्रचार विभाग द्वारा आयोजित संवाददाता प्रशिक्षण वर्ग को संबोधित करते हुए कही । उन्होंने कहा कि आज हर पैसे वाला व्यक्ति  अपने  धन के बल पर सभी प्रकार के कार्य करवाने में सक्षम है एवं करवा भी रहा हैं। संवाददाता प्रशिक्षण वर्ग को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनमानस में नैतिकता व जागरूकता से ही भ्रष्टाचार की रोकथाम संभव है। राजनाथ सिंह सूर्य ने अपने संबोधन में कहा कि आज मनरेगा जैसी योजनाओ के कारण भ्रष्टाचार निचले पायदान तक पहुंच गया है। संवाददाता प्रशिक्षण वर्ग के उदघाटन सत्र को नई दुनिया के ब्यूरो प्रमुख योगेश मिश्र ने अपने संबोधन में नवोदित पत्रकारों को प्रायोगिक कार्यों के आधार पर संबोधित किया। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति लेखन और प्रेस वार्ता में पत्रकारों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका एवं उनके उत्तरदायित्वों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस अवसर पर  कहा कि प्रत्येक पत्रकार को कम से कम दो समाचार पत्र नियमित रूप से पढना चाहिए और प्रत्येक घटना का पूर्ण सत्यापन करने के बाद ही समाचार लेखन करना चाहिए। समाचारों में सभी तथ्यों और तत्वों का समावेश होना चाहिए। उदघाटन सत्र में पत्रकारों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से एक अनौपचारिक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिभागियों ने प्रश्न पूछे और वरिष्ठ पत्रकार राजनाथ सिंह सूर्य ने उनके प्रश्नों के उत्तर दिये। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त के प्रचार प्रमुख विजय गुप्त ने  कहा कि राष्ट्रीय दृष्टिकोण एवं संस्कारों से युक्त पत्रकारिता आज की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार सुभाष सिंह ने किया। उक्त कार्यक्रम के उदघाटन अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण मोहन मिश्र, लोकनाथ जी, विश्व संवाद केन्द्र प्रभारी राजेन्द्र जी, मृत्युंजय दीक्षित, दिवाकर अवस्थी, वर्ग कार्यवाह विवेकानन्द दीक्षित सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

निकायों पर कब्जा जमाकर लोकतंत्र का हनन करना चाहती हैं

Posted on 16 November 2011 by admin

स्थानीय निकायों में महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्ष के पदों पर प्रशासक नियुक्त किये जाने के उ0प्र0 सरकार के फैसले को मा0 उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दिये जाने के बाद एक बार फिर साबित हो गया कि प्रदेश सरकार की मंशा इन पदों पर सीधे कब्जा जमाने और इन लोकतांत्रिक संस्थाओं को संविधान के 73वें व 74वें संशोधन के जरिए मिले अधिकारों पर खुद कुंडली मारकर बैठ जाना है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि  प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती प्रदेश में अपनी करारी हार और पैर न खड़ा कर पाने की शंका के चलते पहले तो स्थानीय निकाय चुनाव टालना चाहती थी। इसके बाद महापौर/नगर पालिका अध्यक्ष के निर्वाचन को अप्रत्यक्ष एवं सभासदों/पार्षदों के निर्वाचन राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्हों पर न कराये जाने का षडयंत्र रचा, जिसके विरोध में कांग्रेस पार्टी ने सड़क पर उतरकर संघर्ष किया। बहुजन समाज पार्टी अब पुनः इन पदों पर प्रशासक नियुक्त करके अपना कब्जा जमाना चाहती है। किन्तु आज मा0 उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद यह तथ्य साबित हो गया कि सुश्री मायावती लगातार षडयंत्र करके इन निकायों पर कब्जा जमाकर लोकतंत्र का हनन करना चाहती हैं।
मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि उ0प्र0 सरकार को प्रदेश की जनता से इस गैर कानूनी और अलोकतांत्रिक आदेशों के लिए मा0 उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद क्षमा याचना करनी चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

बुन्देलखण्ड राज्य के पुनर्गठन हेतु विधानसभा में संकल्प प्रस्तुत किया था जो आज तक लम्बित है

Posted on 16 November 2011 by admin

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मीडिया चेयरमैन एवं बांदा के सदर विधायक विवेक कुमार सिंह ने जारी एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने आज उ0प्र0 को 4 भागों में बांटों का जो एलान किया है। कांग्रेस पार्टी के तीन विधायक विवेक कुमार सिंह, विनोद कुमार चतुर्वेदी एवं तत्कालीन विधायक प्रदीप जैन आदित्य ने वर्ष 2007 में जब 15वीं विधानसभा का गठन हुआ था, तभी प्रथक बुन्देलखण्ड राज्य के पुनर्गठन हेतु विधानसभा में संकल्प प्रस्तुत किया था जो आज तक लम्बित है।
श्री सिंह ने कहा कि श्री प्रदीप जैन आदित्य के सांसद निर्वाचित हो जाने के बाद श्री विनोद चतुर्वेदी एवं विवेक कुमार सिंह के नाम से आज तक विधानसभा में संकल्प लंबित है और हर विधानसभा के सत्र में वह आता है किन्तु आज तक सुश्री मायावती ने विधानसभा में चर्चा नहीं कराया है और पूरे साढ़े चार वर्षों में यह भाषणों में राग अलापा करती हैं और प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखती रहती हैं और इस मामले को हवा देती रहती हैं। किन्तु उन्होने कभी भी संवैधानिक व्यवस्था का सम्मान नहीं किया। यही काम जो 21नवम्बर से शुरू हेाने वाले विधानसभा सत्र के दौरान करने जा रही हैं, यदि पहले ही इस पर चर्चा या मतदान करा लिया गया होता तो अब तक बुंदेलखण्ड राज्य बन गया होता।
सुश्री मायावती जी अब यह जान चुकी हैं कि उ0प्र0 में उन्हें करारा हार का सामना आने वाले चुनाव में करना पड़ेगा तो जनता को जनता को गुमराह करने के लिए झूठ का सहारा ले रही हैं। उन्होने कहा कि सुश्री मायावती जी को जवाब देना चाहिए कि उन्होने वर्ष 2007 में प्रस्तुत किये गये संकल्प पर चर्चा या मतदान अभी तक क्यों नहीं कराया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

उ0प्र0 कंाग्रेस सेवादल वर्णिका 2011

Posted on 16 November 2011 by admin

जनपद इलाहाबाद, फूलपुर के झूसी में कंाग्रेस महासचिव श्री राहुल गांधी जी की कल दिनांक 14नवम्बर को आयोजित हुई विशाल जनसभा के दौरान मंच पर ‘‘उ0प्र0 कंाग्रेस सेवादल वर्णिका 2011’’ पुस्तक का विमोचन श्री राहुल गांधी द्वारा किया गया। उक्त वर्णिका के मुख्य सम्पादक सेवादल के प्रान्तीय मुख्य संगठक श्री प्रहलाद प्रसाद द्विवेदी एवं प्रबन्ध सम्पादक सेवादल के प्रान्तीय मुख्य प्रवक्ता अशोक सिंह रघुवंशी द्वारा श्री गांधी को उक्त पुस्तक सौंपी गयी।
उ0प्र0 कांग्रेस सेवादल के मुख्य प्रवक्ता अशोक सिंह रघुवंशी ने बताया कि कांग्रेस सेवादल द्वारा प्रस्तुत की गयी उपरोक्त वर्णिका में सेवादल द्वारा किये जा रहे कार्यों, संगठनात्मक विवरण तथा भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा विस्तृत रूप से वर्णित की गयी है।
श्री रघुवंशी ने बताया कि सेवादल के मुख्य संगठक श्री प्रहलाद प्रसाद द्विवेदी के नेतृत्व में कल झूसी में जनसभा के दौरान नेहरू-गांधी परिवार की चैथी पीढ़ी को गाड आफ आनर देकर अपनी परम्परा का एक ओर जहां निर्वहन किया गया वहीं यह एक एंेतिहासिक क्षण था।
सेवादल के मुख्य प्रवक्ता ने बताया कि कल राहुल जी सुरक्षा में जिस तरह संेध लगी है उसकी जितनी निन्दा की जाय वह कम है। उन्होने कहा कि प्रान्तीय मुख्य संगठक श्री द्विवेदी ने निर्णय लिया है कि सेवादल द्वारा शीघ्र ही सेवादल के कार्यकर्ताओं का एक दस्ते का गठन किया जायेगा जो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की सुरक्षा में रहेगा। उन्होने कहा कि हेलीपैड पर पुलिस द्वारा सेवादल के कार्यकर्ताओं को न जाने दिये जाने के कारण ही यह घटना हुई है। भविष्य में इस घटना को रोकने के लिए सेवादल के कार्यकर्ता अपने दस्ते के साथ मौजूद रहेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

प्रदेश के विभाजन का शिगूफा शुद्ध रूप से चुनावी स्टंट है

Posted on 15 November 2011 by admin

जनस्वाभिमान यात्रा के नायक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा उत्तरashoha_me_kalraj_ji_3, हडबड़ी में लिया गया फैसला है। मुख्यमंत्री विभाजन की बात कर जनता को गुमराह करने की साजिश कर रही है। अपनी जिम्मेदारियों से बचने का रास्ता ढूढ रही हैं।
श्री मिश्र आज द्वितीय चरण की जन स्वाभिमान यात्रा के सातवें दिन असोहा सहित अन्य स्थानों की जनसभाओं में बोलते हुए कहा कि उ0प्र0 की बदहाल स्थिति के लिए मुख्यमंत्री पूर्णरूप जिम्मेदार है। बसपा का ब्राहमण सम्मेलन महज दिखावा है। ईमानदार ब्राहमण प्रशासनिक अधिकारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। सर्वणों को फर्जी एससी-एसटी एक्ट के मुकदमों में फंसाकर जा रहा है। चुनाव से डरी सहमी बसपा सरकार में जनता का सामना करने का नैतिक साहस नहीं रह गया है। लोक-लुभावन घोषणाएं एवं जातीय सम्मेलन करके अपने पक्ष में वातावरण बनाना में लगी है। जनता यह जानना चाहती है कि साढे़ चार वर्षों तक सत्ता में रहते हुए उसने इन वर्गो के हितों में कौन से कल्याणकारी कदम उठाये ।
उन्होंने कहा कि नेहरू की कर्मभूमि से राहुल का यह कहना है कि उ0प्र0 के लोग बाहर न जाये। उनका यह कहना देश के प्रान्त और भाषा के आधार पर विभाजन की मानसिकता का द्योतक है। जब उ0प्र0 के लोगों पर हमले हो रहे थे और महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार उसको रोकने मेें नाकाम थी। तब राहुल गांधी कहां थे और उनको गुस्सा क्यों नहीं आया ? कांग्रेस, बसपा नूरा-कुश्ती का खेल छोड़कर तथ्यात्मक स्थिति का सामना करे। केन्द्र और प्रदेश में बैठी इनकी सरकारें जनसमस्याओं के लिए जवाबदेह हैं। बयानबाजी के बजाय अपनी जवाबदेही सुनिश्चित करें और यह बतायें कि 20 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में लगभग 12 करोड़ लोग गरीबी की रेखा के नीचे कैसे पहुंच गये।
श्री मिश्र ने कहा कि सपा-बसपा-कांग्रेस का प्रेम समझ से परे है कि एक-दूसरे से लड़ते है और समर्थन भी करते हैंै। कल सपा कार्यकर्ताओं को कांग्रेसियों ने जमकर पीटा फिर भी सपा का कांग्रेस को समर्थन जारी है। बसपा को राहुल के उ0प्र0 के दौरे से नाराजगी है फिर भी केन्द्र में समर्थन जारी है। इनमें इतना नैतिक साहस नही है कि समर्थन वापस ले सकंे। क्या राहुल गांधी उ0प्र0 के लोगों को बसपा के कुशासन से निजात दिलाने के लिए बिना शर्त दिया समर्थन वापस लेंगे अथवा बसपा, कांग्रेस को केन्द्र में दिये गये समर्थन की चिट्ठी वापस लेगी?
ashoha_me_kalraj_ji_1उन्होंने कहा कि चाल-चरित्र के मामले में कांग्रेस और बसपा में कोई फर्क नहीं है। जहां दोनों दलों में लोकतंत्र नहीं है वहीं दोनों के मंत्री भ्रष्टाचार और बलात्कार के मामले में हटाये जा रहे हैं। उ0प्र0 के मंत्री आय से अधिक सम्पत्ति के मामले मेें मुख्यमंत्री का अनुशरण करने की होड़ में लगे हुए हैं और आय से अधिक मामले में लोकायुक्त की जांच के दायरे में आ रहे हैं। यह दर्शाता है कि पिछले साढे़ चार वर्षों में अगर विकास हुआ है तो केवल बसपा के मंत्रियों और नेताओं का। साढ़े चार वर्ष के बसपा के शासन में किसान बदहाल है, किसानों को डीएपी नही मिल रही है। वृद्धावस्था, विकलांग पेंशन में सरेआम धाधंली की जा रही है। जनकल्याणकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। मनरेगा के नाम पर फर्जी जाॅब कार्ड बनाकर प्रशासनिक अधिकारी लूट मचाये हुए है। मनरेगा के मामले में केन्द्र व राज्य सरकार के अधिकारियों के संलिप्तता के संदर्भ में सीबीआई जांच की जाए। उन्होंने कहा कि महिला मुख्यमंत्री के राज्य में महिलाओं की आबरू सरेआम लूटी जा रही है कोई भी सुरक्षित नहीं है। कानून व्यवस्था जर्जर है।
उन्होंने कहा कि उन्नाव से मेरा पुराना नाता है। उन्नाववासियों का सौभाग्य है कि यहाँ पर हृदयनारायण दीक्षित जैसे कुशल राजनीतिज्ञ एवं साहित्यकार रहते है। कमजोर दलित वर्ग के लिए लगातार संघर्ष करते है। श्री मिश्र ने कहा कि अब सत्ता परिवर्तन का समय आ गया है। बसपा के कुशासन का अन्त करने के लिए जनता निकल पड़ी है। जनस्वाभिमान यात्रा में जगह-जगह पर भारी जनसैलाब का इक्ट्ठा होना सत्ता परिवर्तन का आगाज है। उन्हांेने कहा कि सपा-बसपा के कुशासन के कारण ही प्रदेश बदहाल हुआ है। उन्होंने घोषणा की जब भाजपा सत्ता में आयेगी तो उ0प्र0 अव्वल प्रदेश बनेगा। बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, कानून का शासन होगा।
राष्ट्रीय प्रवक्ता रामनाथ कोविद ने कहा कि मायावती के कुशासन से आम जनता में आक्रोश है। सत्ता परिवर्तन होने वाला है। बसपा के राज में दलितों का उत्पीड़न हुआ है, दलितों उत्पीड़़न के आंकड़ो में रिकार्ड तोड़ वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री का दलित प्रेम मात्र दिखावा है। पुलिस उत्पीड़न की घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है। उ0प्र0 पुलिस उत्पीड़न के लगभग 35ः मामले बढ़े हैं। पुलिस एक तरफ सिटीजन चार्टर लागू करती है दूसरी तरफ लाश लेकर भागती है। उ0प्र0 में 30ः शिकायतें पुलिस द्वारा मनावधिकार के उलंघन के खिलाफ दर्ज हुए हैं।
प्रदेश प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि प्रदेश में गुड़ाराज है। प्रशासनिक अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है। कलराज जी के नेतृत्व में चल रही जनस्वाभिमान यात्रा ने अलख जगायी है। उन्होंने जनता से आवाहन किया कि बसपा के कुशासन को उखाड़ फेकने के लिए भाजपा को जिताएं।
कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष शिवप्रताप शुक्ल स्वतंत्र देव सिंह, अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री दिवाकर सेठ, क्षेत्रीय अध्यक्ष सुभाष त्रिपाठी, प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक, प्रदेश मंत्री अनुपमा जायसवाल, पूर्णिमा वर्मा, जिलाध्यक्ष विपिन गुप्ता, गिरिजा श्ंाकर गुप्ता, दिनेश दुबे, अतुल दीक्षित, दिलीप श्रीवास्तव, संजय शुक्ल, अमरनाथ लोधी सरोज सिंह, गंगा प्रसाद वर्मा, आदि लोग उपस्थिति थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

बलिया (उत्तर प्रदेश) की प्रेस वार्ता में पूर्व भाजपा अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह द्वारा उठाए गए प्रमुख बिन्दु

Posted on 15 November 2011 by admin

013उत्तर प्रदेश इस समय संकट के दौर से गुजर रहा है जो प्रदेश आजादी के समय देश के अग्रणी राज्यों में गिना जाता था। वो आज बदहाली का शिकार हो गया है। वर्ष 1951 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के लगभग बराबर थी। परन्तु आज प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 26051 रू॰ प्रतिवर्ष है जो कि प्रति व्यक्ति आय की राष्ट्रीय औसत 54835 रू॰ प्रतिवर्ष के लगभग आधी है। यानि आजादी के बाद उत्तर प्रदेश भारत के अन्य प्रांतों की तुलना में लगातार पिछड़ता चला गया है।

    यहां तक कि बिहार जैसा प्रदेश जो आजादी के समय सबसे पिछड़ा राज्य माना जाता था वो भी कुछ वर्षों से काफी तेजी से प्रगति कर रहा है। आज बिहार के आर्थिक विकास की गति 11 फीसदी से भी अधिक है जबकि उत्तर प्रदेश में विकास की दर महज 6 फीसदी के आसपास सिमट गई है।

    केन्द्र सरकार द्वारा गठित तेंदुलकर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 20 करोड़ आबादी में से लगभग 8 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे है। गरीबी और बदहाली का सर्वाधिक असर इस प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में दिखाई दे रहा है। योजना आयोग के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश के गरीबों का 80 फीसदी हिस्सा गांवों में बसता है। प्रदेश के गांवों में फैली गरीबी और रोजगार के अवसरों में कमी के कारण यहां की गरीब जनता दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र और अन्य प्रांतों में रोजगार तलाशने को मजबूर है।

    उत्तर प्रदेश ही नही पूरे देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने का काम आखिर किसने किया है? कांग्रेस एवं उसके सहयोगी दलों ने इस देश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था की सर्वथा उपेक्षा की है। जबकि इस देश का 55 फीसदी रोजगार ग्रामीण अंचलों से आता है। आज उत्तर प्रदेश में कृषि रसातल में चली गई है। गांवों में सड़क, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। इसके बावजूद इस प्रदेश के गांवों की स्थिति को सुधारने के लिए प्रदेश या केन्द्र सरकार ने कोई गंभीर प्रयास नही किया है।

    भारत का आर्थिक नियोजन उसके प्रकृति एवं चरित्र के अनुरूप किया जाना चाहिए। योजना आयोग की रिपोर्ट के अनुसार केन्द्र द्वारा उत्तर प्रदेश को 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-12) के दौरान ग्रामीण विकास के लिए जो बजट आबंटित किया गया है वह उत्तर प्रदेश को मिलने वाले कुल बजट का महज   4.2 फीसदी ही है। जबकि पहले की पंचवर्षीय योजनाओं में ग्रामीण विकास के लिए औसतन 10 फीसदी बजट का आबंटन होता था।

    यदि कांग्रेस पार्टी को उत्तर प्रदेश की गरीबी और पलायन की चिंता होती तो ग्रामीण विकास के लिए उत्तर प्रदेश को मिलने वाले बजट प्रतिशत में कमी नही आई होती।

    उत्तर प्रदेश की उपेक्षा करने वाली केन्द्र की यूपीए सरकार को बसपा और सपा दोनों का समर्थन हासिल है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश की बदहाली के लिए सपा, बसपा एवं कांग्रेस तीनों जिम्मेदार है।

    आजादी के बाद इस देश में सबसे लम्बे समय तक कांग्रेस पार्टी का शासन रहा है। भारत मेें गरीबी और बेरोजगारी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस पार्टी द्वारा गांधी जी के आर्थिक दर्शन को छोड़ना रहा है। चाहे गांधी दर्शन का स्वदेशी का विचार रहा हो, ग्राम स्वराज्य रहा हो, कुटिर उद्योग रहे हो अथवा रामराज्य अवधारणा रही हो, इन सबके साथ-साथ गांधी जी की इन समस्त नीतियों को तिलांजलि देकर कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ गांधी का नाम अपनाया हुआ है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि गांधी जी की हत्या भले ही नाथूराम गोडसे ने की हो मगर गांधीवाद की हत्या कांग्रेस पार्टी ने की है। कांग्रेस पार्टी को जवाब देना होगा कि आखिर क्यों उसने गांधी जी को पूरी तरह छोड़ दिया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

द्वितीय चरण की जनस्वाभिमान यात्रा के नायक श्री कलराज मिश्र की उन्नाव में हुई प्रेसवार्ता के मुख्य अंश

Posted on 15 November 2011 by admin

navabganj_me_kalraj_mishra_2ऽ    नेहरू की कर्मभूमि से राहुल का यह कहना है कि उ0प्र0 के लोग बाहर न जाये। यह देश के प्रान्त और भाषा के आधार पर विभाजन की मानसिकता का द्योतक है। जब उ0प्र0 के लोगों पर हमले हो रहे थे और महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार उसको रोकने मेें नाकाम थी। तब राहुल गांधी कहां थे और उनको गुस्सा क्यों नहीं आया ?
ऽ    केन्द्र की सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों में, बसपा सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों में, सपा पर भी आरोप रहे। सपा, बसपा के प्रमुखों पर आय से अधिक सम्पत्ति की जांच जारी है। केवल भाजपा ही भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई लड़ रही है। भाजपा ने भ्रष्टाचार को मुद्दा पिछले लोकसभा चुनाव में ही बनाया था।
ऽ    कांग्रेस, बसपा नूरा-कुश्ती का खेल छोड़कर तथ्यात्मक स्थिति का सामना करे। केन्द्र और प्रदेश में बैठी इनकी सरकारें जनसमस्याओं के लिए जवाबदेह हैं। बयानबाजी के बजाय अपनी जवाबदेही सुनिश्चित करें और यह बतायें कि 20 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में लगभग 12 करोड़ लोग गरीबी की रेखा के नीचे कैसे पहुंच गये।
ऽ    बसपा, कांग्रेस दोनो रणनीति के तहत एक दूसरे को ताकत दे रहे हैं। कांग्रेस चाहती है कि जिस तरह से केन्द्र की सरकार को बसपा ने समर्थन दिया है उसी तरह वह उ0प्र0 में बसपा का भी समर्थन करे।
ऽ    एक छोटे से कालखण्ड को छोड़कर केन्द्र और प्रदेश की सत्ता में कांगे्रस परोक्ष अथवा अपरोक्षरूप से बनी हुई है। उ0प्र0 की बदहाल स्थिति के लिए जिम्मेदारी भी उसकी ही बनती है। कांग्रेस यह बताये कि उ0प्र0 के बेरोजगार नौजवानों के रोजगार के लिए विगत सात वर्षों में केन्द्र सरकार ने कौन सा नया उद्योग लगाया और कौन सा नया पैकेज दिया। मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए कौन से कदम उठाये।
ऽ    विकास की दौड़ में लगातार पिछड़ रहे उ0प्र0 की तस्वीर अत्यन्त ही भयावह है। उ0प्र0 पांच प्रमुख गरीब प्रान्तों में से एक है। जी0डी0पी0 के मामले 27 राज्यों में 26वां स्थान है। देश के सर्वश्रेष्ठ अस्पातालों में से एक भी उ0प्र0 का नहीं है तथा किसी भी सर्वश्रेष्ठ निजी बैंक का मुख्यालय उ0प्र0 में नहीं है।GDP Per Capita Per Year  के मामले में उन्तीस राज्यों में 28वां स्थान है।
ऽ    चाल-चरित्र के मामले में कांग्रेस और बसपा में कोई फर्क नहीं है। जहां दोनों दलों में लोकतंत्र नहीं है वहीं दोनों के मंत्री भ्रष्टाचार और बलात्कार के मामले में हटाये जा रहे हैं। उ0प्र0 के मंत्री आय से अधिक सम्पत्ति के मामले मेें मुख्यमंत्री का अनुशरण करने की होड़ में लगे हुए हैं और आय से अधिक मामले में लोकायुक्त की जांच के दायरे में आ रहे हैं। यह दर्शाता है कि पिछले साढे़ चार वर्षों में अगर विकास हुआ है तो केवल बसपा के मंत्रियों और नेताओं का।
ऽ    चुनाव से डरी सहमी बसपा सरकार में जनता का सामना करने का नैतिक साहस नहीं रह गया है। सरकार ने नगर निकाय चुनाव जानबूझ कर टालने की साजिस की इसलिए लोक-लुभावन घोषणाएं एवं जातीय सम्मेलन करके अपने पक्ष में वातावरण बनाना चाहती हैं। जबकि साढे़ चार वर्षों तक सत्ता में रहते हुए उसने इनके हित में कौन से कल्याणकारी कदम उठाये जनता यह जानना चाहती है।
ऽ    पुलिस उत्पीड़न की घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है। उ0प्र0 पुलिस उत्पीड़न के लगभग 35ः मामले बढ़े हैं। पुलिस एक तरफ सिटीजन चार्टर लागू करती है दूसरी तरफ लाश लेकर भागती है। उ0प्र0 में 30ः शिकायतें पुलिस द्वारा मनावधिकार के उलंघन के खिलाफ दर्ज हुए हैं।
ऽ    सपा, बसपा कांग्रेस का यह प्रेम समझ से परे है कि एक-दूसरे से लड़ते है और समर्थन भी करते हैंै। कल सपा कार्यकर्ताओं को कांग्रेसियों ने जमकर पीटा फिर भी सपा का कांग्रेस को समर्थन जारी है। बसपा को राहुल के उ0प्र0 के दौरे से नाराजगी है फिर भी केन्द्र में समर्थन जारी है। इनमें इतना नैतिक साहस नही है कि समर्थन वापस ले सकंे। क्या राहुल गांधी उ0प्र0 के लोगों को बसपा के कुशासन से निजात दिलाने के लिए बिना शर्त दिया समर्थन वापस लेंगे अथवा बसपा, कांग्रेस को केन्द्र में दिये गये समर्थन की चिट्ठी वापस लेगी?
ऽ    भारतीय जनता पार्टी ही अकेली पार्टी है जो जनता की लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक लड़ रही है और जनता के समर्थन से बदलाव करके ही दम लेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 अपार्टमेन्ट अधिनियम 2010 में विहित उपबन्धों के अनुपालन हेतु नियम एवं आदर्श उपविधि बनाये जाने की स्वीकृति प्रदान की

Posted on 15 November 2011 by admin

मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश अपार्टमेन्ट (निर्माण, स्वामित्व और अनुरक्षण का संवर्धन) अधिनियम 2010 में विहित उपबन्धों के अनुपालन हेतु नियम एवं आदर्श उपविधि बनाये जाने हेतु अनुमति प्रदान कर दी गयी है।
प्रस्तावित अपार्टमेन्ट आॅनरशिप रूल्स में व्यवस्था की गयी है कि अधिनियम की धारा-12(1) के अंतर्गत प्रमोटर द्वारा योजना के अनुमोदन की तिथि के 12 माह के अन्दर सक्षम प्राधिकारी के समक्ष निर्धारित प्रपत्र - ए में घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा। भवन के निर्माण/निर्माणाधीन होने के संबंध में, इस नियम के लागू होने की तिथि से 90 दिन के अन्दर प्रमोटर द्वारा घोषणा पत्र प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य होगा। इसी प्रकार प्रस्तावित नियम 3 के अन्तर्गत घोषणा के प्रस्तुत कर देने के उपरान्त उसमें संशोधन, लिपिकीय/अंकीय अथवा स्वाभाविक त्रुटियों के कारण अथवा भवन की स्वीकृत योजना में संशोधन के फलस्वरूप अथवा किसी अन्य न्यायसंगत कारण से हो सकेगा। परन्तु इस प्रकार का संशोधन भवन उपविधियों, स्वीकृत भवन मानचित्र अथवा अनुबन्धीय दायित्वों के विरूद्ध नहीं होना चाहिए। तद्नुसार नियम-4 के अंतर्गत आवश्यक प्राविधान किये गये हैं।
इसके अलावा अपार्टमेन्ट से सम्बन्धित बोर्ड के बहुमत से निर्णय होने के बाद अध्यक्ष अथवा उसका अधिकृत प्रतिनिधि सक्षम प्राधिकारी के समक्ष यथास्थिति प्रमोटर/अपार्टमेन्ट स्वामी के विरूद्ध कार्यवाही की अनुमति हेतु लिखित शिकायत अधिनियम की धारा-25(4) के अंतर्गत कर सकता है। तत्पश्चात सक्षम प्राधिकारी यथास्थिति अपार्टमेन्ट स्वामी/प्रमोटर को नोटिस जारी कर सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए यथोचित आदेश पारित करेगा। इसकेे उपरान्त ही संबंधित अपार्टमेन्ट स्वामी/प्रमोटर के विरूद्ध कार्यवाही के संबंध में न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया जा सकेगा।
अधिनियम की धारा-10 के अंतर्गत वांछित अनुबन्ध अपार्टमेन्ट को गिफ्ट, विनियम, क्रय एवं लीज आदि से प्राप्त करने की स्थिति में अपार्टमेन्ट स्वामी द्वारा निर्धारित प्रपत्र-बी में अनुबन्ध निष्पादित किया जायेगा। यह अनुबन्ध अपार्टमेन्ट प्राप्त करने के 30 दिन के अन्दर निष्पादित करना अनिवार्य होगा।
मंत्रिपरिषद ने अधिनियम की धारा-14(6) के तहत माॅडल बाॅयलाॅज बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्रस्तावित माॅडल बाॅयलाॅज में अपार्टमेन्ट स्वामियों के संघ के उद्देश्य, संघ के सदस्य, संघ के पदाधिकारियों के निर्वाचन की प्रक्रिया, संघ के अधिकार एवं कर्तव्य, संघ की बैठकों के संचालन की प्रक्रिया निर्धारित की गयी है। बाॅयलाॅज के अध्याय-4 में संघ के प्रबन्धन की प्रक्रिया का प्राविधान किया गया है तथा अध्याय-5 में अपार्टमेन्ट स्वामियों के दायित्वों यथा-अनुरक्षण एवं मरम्मत, अपार्टमेन्ट का हस्तान्तरण, अपार्टमेन्ट के उपयोग, साझा क्षेत्रों एवं सुविधाओं तथा सीमित साझा क्षेत्रों एवं सुविधाओं के उपयोग, प्रवेश का अधिकार, आचरण के नियम, आगन्तुकों/मेहमानों के कार्य व्यवहार तथा नियम विरूद्ध गतिविधियों का प्राविधान किया गया है। प्रस्तावित माॅडल बाॅयलाॅज के अध्याय-6 में संघ के कोष एवं उसके संचालन आदि के सम्बन्ध में प्राविधान किये गये हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

मंत्रिपरिषद ने 06 राजकीय विभागों एवं चार विशिष्ट संदर्भों के संबंध में वेतन समिति की संस्तुतियों को आंशिक संशोधन के साथ मंजूरी प्रदान की

Posted on 15 November 2011 by admin

मंत्रिपरिषद ने वेतन समिति से 06 राजकीय विभागों (कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, नगर एवं ग्राम्य नियोजन, विधायी, प्रशासनिक सुधार, वाणिज्य कर तथा वित्त) के साथ चार विशिष्ट संदर्भों के संबंध में प्राप्त संस्तुतियों को आंशिक संशोधन के साथ मंजूरी प्रदान कर दी है। इस निर्णय के फलस्वरूप लगभग 6.5 करोड़ रूपये का अतिरिक्त वार्षिक वित्तीय व्यय भार राज्य सरकार पर पड़ेगा और इससे लगभग 3.5 हजार कार्मिक लाभान्वित होगें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रि परिषद की बैठक में उ0प्र0 को पूर्वान्चल, बुन्देलखण्ड, अवध प्रदेश तथा पश्चिम प्रदेश में पुनर्गठित किये जाने हेतु राज्य विधान मण्डल के आगामी 21 नवम्बर से शुरू हो रहे सत्र में प्रस्ताव पारित कराकर आवश्यक कार्यवाही हेतु भारत सरकार को भेजने का फैसला

Posted on 15 November 2011 by admin

  • कांग्रेस बताये कि उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन के लिए वह क्या कार्यवाही कर रही है, एस0आर0सी0 की बात करना जिम्मेदारी से मुकरना
  • छोटे राज्यों के गठन के मामले में बी0जे0पी0 अपना रुख स्पष्ट करे
  • सपा द्वारा नये राज्यों के गठन के विरोध की निन्दा

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने कहा है कि प्रदेश की जनता की मांग व अपेक्षाओं तथा सर्वसमाज के हित में उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश का चार नये राज्यों-पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड, अवध प्रदेश तथा पश्चिम प्रदेश में पुनर्गठन किये जाने हेतु, राज्य विधानमण्डल के 21 नवम्बर से शुरू हो रहे इसी सत्र में प्रस्ताव पारित कराकर आवश्यक कार्यवाही हेतु भारत सरकार को भेजने का निर्णय लिया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी आज मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये इस आशय के फैसले की जानकारी यहां एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में मीडिया प्रतिनिधियों को दे रहीं थीं। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद-3 के तहत, संसद द्वारा ही विधि के माध्यम से नये राज्यों के निर्माण, वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं व नामों में परिवर्तन किये जाने का प्राविधान है और यह सब कार्य, बगैर केन्द्र सरकार की पहल के नहीं किया जा सकता। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रदेश के विकास में दूरगामी अनुकूल प्रभाव डालने वाले इस फैसले पर केन्द्र सरकार सकारात्मक रूख अपनाकर अपने स्तर से सभी जरूरी संवैधानिक कार्यवाही तेजी के साथ करेगी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वे महसूस करती हैं कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की जनता की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, यहां विकास को गति प्रदान करने के लिए, उत्तर प्रदेश को छोटे राज्यों में पुनर्गठित किया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि सर्वविदित है कि नए राज्यों का गठन करना केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। लेकिन दुःख की बात है कि केन्द्र में कांग्रेस पार्टी व बी0जे0पी0 ने अपने-अपने शासनकाल के दौरान, इस मामले में अभी तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाया, जबकि उनकी सरकार, केन्द्र सरकार को अनेकों बार चिट्ठी लिखकर इस प्रकार का अनुरोध कर चुकी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार को उम्मीद थी कि केन्द्र सरकार इस मामले में जरूर कोई सकारात्मक फैसला लेगी। यदि ऐसा होता तो फिर उनकी पार्टी की सरकार तुरन्त ही इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर, इसका प्रस्ताव पारित कराके केन्द्र सरकार के पास भिजवा देती। लेकिन दुःख की बात है कि केन्द्र सरकार द्वारा आज तक इस सम्बन्ध में कोई भी कदम नहीं उठाया गया। ऐसी स्थिति में अब केन्द्र सरकार पर फिर से दबाव बनाने के लिए उनकी पार्टी की सरकार ने काफी गम्भीरता से सोच विचार करने के बाद यह फैसला लिया।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने 09 अक्टूबर, 2007 को लखनऊ में आयोजित एक विशाल जनसभा में उत्तर प्रदेश का पुनर्गठन कर अलग राज्यों-पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गठन का सार्वजनिक रूप से प्रबल समर्थन किया था। तत्पश्चात 31 अक्टूबर, 2007 को प्रदेश सरकार द्वारा राज्य विधानसभा में यह मत व्यक्त किया गया था कि संविधान के अनुच्छेद-3 के तहत राज्यों के पुनर्गठन का का अधिकार संसद को है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने 15 मार्च, 2008 को मा0 प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश का पुनर्गठन कर पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश की स्थापना हेतु केन्द्र सरकार से संवैधानिक रूप से विहित प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई करने का अनुरोध किया था, ताकि इस दिशा में सार्थक प्रगति हो सके। इस मामले में केन्द्र के स्तर से कोई प्रगति न होने पर तत्पश्चात माननीया मुख्यमंत्री जी ने मा0 प्रधानमंत्री जी को 11 तथा 13 दिसम्बर, 2009 को पुनः नये राज्यों के गठन का अनुरोध किया था। उन्होंने यह भी उल्लेख किया था कि केन्द्र की सहमति मिलते ही प्रदेश सरकार राज्य विधानसभा से प्रदेश के पुनर्गठन का प्रस्ताव पारित कराकर केन्द्र सरकार को भेज देगी।
अपने सम्बोधन में माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी व सरकार परमपूज्य बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर की सोच के मुताबिक, देश में छोटे राज्यों व अन्य छोटी इकाइयों के गठन की हमेशा ही प्रबल समर्थक रही है। इस बारे में उनका मानना है कि यदि प्रशासनिक इकाईयां छोटी होंगी तो फिर कानून-व्यवस्था एवं विकास कार्यो की स्थिति को बेहतर बनाने में प्रशासनिक तंत्र तथा उस इलाके की जनता को काफी ज्यादा सुविधा होगी। इसीलिए उन्होंने अपने प्रत्येक कार्यकाल में प्रदेश में अनेक नए मण्डल, जिले व तहसील आदि का गठन किया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के समस्त क्षेत्रों में संतुलित व समग्र विकास उपलब्ध कराने और पूरे प्रदेश की जनता को बेहतर भविष्य दिलाने के लिए उनकी सरकार उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन की भी हमेशा ही पक्षधर रही है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी के हिसाब से देश का सबसे बड़ा प्रदेश होने के साथ-साथ क्षेत्रफल के नजरिये से भी काफी बड़ा राज्य है। सन् 2011 की जनगणना के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की आबादी 19.95 करोड़ से भी अधिक है और, यहां देश की कुल जनसंख्या के लगभग 16 प्रतिशत लोग रहते हैं। इसी प्रकार, क्षेत्रफल के लिहाज से भी कुल 2,40,928 वर्ग किलोमीटर के साथ, उत्तर प्रदेश की गिनती देश के सबसे बड़े क्षेत्रफल वाले राज्यों में होती है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने दुःख जताते हुए कहा कि राज्य व केन्द्र में विपक्षी पार्टियों की पूर्ववर्ती सरकारों, जिनमें कांग्रेस, बी0जे0पी0 व समाजवादी पार्टी सहित सभी विपक्षी पार्टियां शामिल हैं, की गलत नीतियों के चलते, प्रदेश का संतुलित विकास नहीं हो सका और विकास की दौड़ में उत्तर प्रदेश लगातार पिछड़ता चला गया। उन्होंने इस मामले में खासतौर पर यह भी ध्यान दिलाया कि उत्तर प्रदेश ने देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिए, जिन्होंने भी अपने प्रदेश का सही तरीके से विकास करने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाये।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यही कारण है कि मई, 2007 में अपनी सरकार बनाने के फौरन बाद, उन्होंने प्रदेश के पिछड़े इलाकों का तेजी से विकास करने और क्षेत्रीय असंतुलन को दूर कर, पूरे प्रदेश का सम्पूर्ण विकास करने के लिए केन्द्र सरकार से 80 हजार करोड़ रूपये का विशेष आर्थिक सहायता पैकेज प्रदान करने का अनुरोध किया था। इस पैकेज में पूर्वांचल के विकास के लिए 36,270 करोड़ रूपये तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास सम्बन्धी 10685 करोड़ रूपये के प्रस्ताव भी सम्मिलित थे। लेकिन इस मामले में केन्द्र सरकार ने आज तक कोई निर्णय नहीं लिया है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड एवं हिमांचल प्रदेश आदि राज्यों की तर्ज पर केन्द्र से पूर्वांचल में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र की स्थिति इन राज्यों जैसी होने के कारण, स्पेशल एरिया इन्सेंटिव पैकेज प्रदान करने का भी अनुरोध किया गया था, इस पर भी केन्द्र ने आज तक कोई ध्यान नहीं दिया।
इसके अलावा पूर्वांचल में बाढ़ की विभीषिका के स्थायी समाधान हेतु माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा मा0 प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर, नेपाल की सीमा पर बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं को पूरा कराये जाने का अनुरोध किया गया था। किन्तु इस सम्बन्ध में भी अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है। इसी प्रकार बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सूखे की गम्भीरता को देखते हुए 7,016 करोड़ रूपये के पैकेज का प्रस्ताव भी केन्द्र सरकार को भेजा गया, जिसपर आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया, जबकि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के लिए सूखा राहत पैकेज को केन्द्र द्वारा मंजूरी प्रदान कर दी गयी।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसानों को कर्ज के शिकंजे से बाहर निकालने के लिए 2797 करोड़ रूपये के ऋण राहत पैकेज को स्वीकृत करने का केन्द्र सरकार से अनुरोध किया गया। साथ ही किसानों को ऋण माफी देने के लिए 31 मार्च, 2011 तक वितरित ऋणों को शामिल करते हुए, केन्द्र सरकार से विशेष योजना लागू करने का अनुरोध भी किया गया। लेकिन केन्द्र द्वारा इन मामलों में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसानों को राहत नहीं दी गयी। वर्ष 2009 में केन्द्र द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए 3506 करोड़ रूपये का पैकेज घोषित किया गया। इस पैकेज में केवल 1595 करोड़ रूपये की अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता रखी गयी है। शेष धनराशि केन्द्रीय योजनाओं के धन के साथ जोड़ दी गयी, जिसके परिणामस्वरूप यह पैकेज लगभग सिमट कर लगभग 1600 करोड़ रूपये ही रह गया।
माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा इन सब मामलों में आदरणीय प्रधान मंत्री जी से व्यक्तिगत तौर पर भेंटकर तथा अनेकों बार पत्र लिखकर भी यथाशीघ्र कार्यवाही करने और राज्य सरकार द्वारा मांगी गयी धनराशि जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया, लेकिन भारत सरकार द्वारा अभी तक इस दिशा में कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गयी है। सम्भवतः केन्द्र सरकार ने जान बूझकर विशेष आर्थिक सहायता पैकेज इसलिए नहीं दिया क्योंकि वह चाहती है कि उत्तर प्रदेश के लोग हमेशा पिछड़े एवं गरीब बने रहें।
उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन के सम्बन्ध में राज्य सरकार के आज के फैसले पर विभिन्न विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाओं के सम्बन्ध में माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सबसे पहले कांग्रेस पार्टी को यह बताना चाहिए कि प्रदेश का छोटे राज्यों में पुनर्गठन किये जाने के लिए वह और उसकी केन्द्र सरकार क्या कार्रवाई कर रही है। कांग्रेस द्वारा दूसरे राज्य पुनर्गठन आयोग की मांग से स्पष्ट है कि यह पार्टी इस प्रकरण में अपनी जिम्मेदारी से मुकर रही है। बी0जे0पी0 के नेताओं को स्पष्ट करना चाहिए कि इस प्रकरण में उनकी पार्टी का रूख क्या है।
माननीया मुख्यमंत्री जी का यह भी मानना है कि प्रदेश के पुनर्गठन के सम्बन्ध में राज्य सरकार के निर्णय को चुनावी स्टंट बताना पूरी तरह गलत एवं तथ्यों से परे है। सभी जानते हैं कि नये राज्यों के गठन की बात उन्होंने वर्ष 2007 में सार्वजनिक तौर पर कही थी। इसके बाद मार्च, 2008 तथा दिसम्बर, 2009 में आदरणीय प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर इस दिशा में केन्द्र सरकार से कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया था। इस अवधि में विधानसभा का कोई आम चुनाव निकट नहीं था, क्योंकि उनकी पार्टी को पूरे पांच वर्ष के कार्यकाल के लिए पूर्ण बहुमत का जनादेश मिला है। राज्य सरकार द्वारा लगातार किये गये प्रयासों के बावजूद जब केन्द्र सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया, तब मजबूर होकर प्रदेश सरकार को यह फैसला लेना पड़ा। उन्होंने नये राज्यों के गठन को लेकर सपा द्वारा विरोध जताये जाने की निंदा की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2011
M T W T F S S
« Oct   Dec »
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
-->









 Type in