उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ में दलित व अन्य पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्मे महान सन्तों, गुरूओं और महापुरूशों के आदर व सम्मान में बनाये गये स्मारकों, संग्रहालय, पार्क, गैलरी एवं चौराहों से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
ऐतिहासिक धरोहरों और बेजोड़ सांस्कृतिक विरासत के कारण पूरे विश्व में लखनऊ की एक अलग पहचान
पिछले तीन वषोZं में उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ शहर को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए अरबों रूपये खर्च किये
उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने क्षेत्रीय पार्क (सेक्टर-एल) बिजली पासी किला के निकट, आशियाना में आज से आगामी 5 दिसम्बर तक चलने वाले लखनऊ महोत्सव का दीप प्रज्जवलित कर विधिवत् शुभारम्भ किया।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने उदघाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि बदलते परिवेश में लखनऊ पर नाज, कानून द्वारा कानून का राज थीम पर आयोजित इस महोत्सव के माध्यम से लखनऊ के गौरवशाली इतिहास के साथ-साथ वर्तमान में शहर की बदलती तस्वीर की पूरी जानकारी, लखनऊवासियों तथा दूर-दूर से आने वाले सभी लोगों को भी प्राप्त होगी।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि लखनऊ शहर ऐतिहासिक धरोहरों के साथ-साथ वर्तमान समय में विभिन्न गौरवशाली स्मारकों, संग्रहालयों एवं पार्कों के कारण विश्व के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में अपनी जगह प्रमुखता से बनाने की ओर अग्रसर है। इन्हीं स्मारकों, संग्रहालयों एवं पार्कों के कारण नििश्चत तौर से लखनऊ एक वििशश्ट एवं आधुनिक महानगर के तौर पर भी उभरा है। पिछले तीन वशोZं में लखनऊ शहर को आधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस करने के लिए उनकी सरकार ने अरबों रूपये खर्च किये हैं, और उनकी सरकार द्वारा कराये जा रहे विकास कार्यों से अगले कुछ वशोZं में लखनऊ शहर की तस्वीर और अधिक आकशZक होगी।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि हमारे देश में दलित व अन्य पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्मे महान सन्तों, गुरूओं और महापुरूशों के आदर व सम्मान में, लखनऊ में उनकी सरकार द्वारा बनाये गये स्मारकों, संग्रहालय, पार्क, गैलरी एवं चौराहों से इस शहर में आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि अब यहां आने वाले पर्यटकों को नगर की अन्य खूबियों के साथ-साथ सामाजिक परिवर्तन आन्दोलन के महानायकों के त्याग और बलिदान से प्रेरणा भी मिलेगी। इसके साथ ही इस वशZ लखनऊ महोत्सव का इसलिए भी विशेश महत्व है, क्योंकि इसी वशZ लखनऊ के हृदय स्थल हजरतगंज के दो सौ वशZ पूरे हो रहे हैं।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा हजरतगंज को खूबसूरत बनाने के लिए कई परियोजनाओं पर तेजी से काम कराया जा रहा है। इसके चलते इस शहर की स्थिति में और भी अधिक सुधार होगा। उत्तर प्रदेश में सभी धर्मों के लोग आपस में मिल-जुल कर सदियों से रहते चले आये हैं। इसीलिए उनकी सरकार द्वारा न केवल लखनऊ शहर बल्कि प्रदेश के अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरों एवं स्थानों का पुराना गौरव लौटाने के लिए बड़े पैमाने पर विकास कार्य कराये जा रहे हैं, जिसका लाभ स्थानीय लोगों के अलावा इन स्थानों पर आने वाले पर्यटकों को भी मिलेगा। उन्होंने इस अवसर पर लखनऊ महोत्सव समिति द्वारा प्रकाशित `उर्मिला´ पत्रिका का विमोचन किया।
इस अवसर पर ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम के माध्यम से लखनऊ की विकास यात्रा पर आधारित फिल्म दिखायी गई, इसमें लखनऊ की आधुनिकता एवं प्राचीन परम्परा का बेहतर समन्वय आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात सिटी मान्टेसरी के बच्चों द्वारा नृत्य का कार्यक्रम पेश किया गया और इसके उपरान्त राष्ट्रीय कथक संस्थान द्वारा ´´बुद्ध चरितम्´´ नाटिका का भी प्रस्तुतीकरण किया गया। अन्त में, पण्डित विश्वमोहन भट्ट द्वारा वीणा वादन किया गया।
मण्डलायुक्त श्री प्रशान्त त्रिवेदी ने इस मौके पर अतिथियों का स्वागत करते हुए लखनऊ महोत्सव से जुड़ी तमाम जानकारियां देते हुए लखनऊ महोत्सव को लखनऊ के गौरवशाली अतीत एवं बेजोड़ परम्परा का दर्पण बताया। इस अवसर पर प्रदेश मन्त्रिमण्डल के अनेक सदस्य, सांसद, विधायक, वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य नागरिक तथा बड़ी संख्या में पर्यटक, शिल्पकार एवं कलाकार मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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