Archive | August 24th, 2018

मुख्यमंत्री ने जनपद लखीमपुर खीरी के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया

Posted on 24 August 2018 by admin

बाढ़ के दृष्टिगत की गई तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये

बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बनायी गयी बाढ़ चैकियां 24 घण्टे सक्रिय रहंे: मुख्यमंत्री

press-331बाढ़ से निपटने के कार्यों में और अधिक तेजी लाये जाने के निर्देश

बाढ़ नियंत्रण व राहत कार्यों के सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नहीं होगी

बाढ़गस्त क्षेत्रों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए

मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर राहत सामग्री वितरित की

लखनऊ: 24 अगस्त, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद लखीमपुर खीरी के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री जी ने ओ0एन0जी0सी0 सभागार में जिले के अधिकारियों के साथ बाढ़ के दृष्टिगत की गई तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने जिले में अब तक बाढ़ से निपटने के लिए की गयी तैयारियों का पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिया कि जहां पर नदियां कृषि भूमि का कटान कर रही हंै और फसलें नष्ट हो रही हैं, वहां पर बैम्बू क्रेट लगाने में तेजी लायी जाए, जिससे कृषि भूमि को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में स्थापित की गईं बाढ़ चैकियां 24 घण्टे सक्रिय रहंे। कटान के दृष्टिगत संवेदनशील स्थलों की सतत निगरानी की जाए। बाढ़ चैकियों पर पेट्रोमैक्स की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए। मुुख्यमंत्री जी ने सिंचाई विभाग के अफसरों को निर्देशित किया कि वे धौरहरा तहसील के कटान से प्रभावित साहबदीन पुरवा तथा सरैयाकलां गांवों में कटान से निपटने के लिए अविलम्ब प्रभावी कार्रवाई करें। press-431
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि जनपद में बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए जनपद के सिंचाई विभाग के अधिकारी, बाढ़ की समस्या कम होने तक, अवकाश पर नहीं जायेंगे। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को बाढ़ से निपटने के कार्यों में और अधिक तेजी लाये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस आपदा से निपटने के लिए जनपद को पर्याप्त धनराशि दी गई है। बाढ़ नियंत्रण व राहत कार्यों के सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बाढ़गस्त क्षेत्रों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। यदि वह वहां से नहीं हटना चाहते तो उन्हें राहत सामग्री वहीं पर पहंुचायी जाए। समीक्षा बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें राहत सामग्री वितरित की।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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किसी भी संघर्ष में कांग्रेस सदैव कर्मचारियों के साथ है

Posted on 24 August 2018 by admin

राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इन्टक उत्तर प्रदेश एवं इन्डियन नेशनल शुगर मिल्स
वर्कर्स फेडरेशन की एक संयुक्त आज दारूलशफा कामनहाल‘ए’ब्लाक में सम्पन्न हुई।
बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री
राजबब्बर जी सांसद ने प्रदेश सरकार की श्रम विरोधी नीतियों की निन्दा करते हुए
श्रमिकों का एकजुट होकर संघर्ष के लिए आवाहन किया। उन्होने कहा कि प्रदेश के
कर्मचारियेां/श्रमिकों के हित में किये जा रहे किसी भी संघर्ष में कांग्रेस
सदैव कर्मचारियों के साथ है।
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं शुगर मिल्स वर्कर्स फेडरेशन
के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह देश
कामगारों का देश है। इस देश के 40 करोड़ कामगारों के साथ सरकार द्वारा किये जा
रहे शोषण और अन्याय को इन्टक कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता। हम देश की आजादी के
लिए, तिरंगे के सम्मान में, कामगारों के लिए, किसानों और नौजवानों के लिए आज
यह संकल्प लेते हैं कि इनके हितों की रक्षा के लिए हम कितनी भी बड़ी ताकत से
टकराने को तैयार हैं। हम डरने वाले नहीं हैं। ‘सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका
सकते नहीं’।
श्री सिंह ने आगे कहा कि आजादी के पर्व से इन्टक की स्थापना समाजसेवा, गरीबों
और श्रमिकों के हक के लिए संघर्ष तथा संगठित और असंगठित क्षेत्र के कामगारों
को न्याय दिलाने के उद्देश्य से की गई थी। इंटक आज भी महात्मा गांधी, जवाहर
लाल नेहरू और सरकार वल्लभ भाई पटेल के आदर्शों पर चलकर निष्ठापूर्वक राष्ट्र
की समृद्धि एवं श्रमिकों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा है।
श्री सिंह ने आगे कहा कि वर्तमान केन्द्र और प्रदेश सरकार घोर श्रमिक विरोधी
सरकार है। इसमें श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है, देश की सुरक्षा के साथ
खिलवाड़ किया जा रहा है। इस क्रम में आर्डीनेन्स फैक्ट्री को कारपोरेट घराने के
हवाले करने की रणनीति तैयार की जा रही है। इंटक जोरदार शब्दों में सरकार से यह
मांग करता है कि देश की सुरक्षा के मद्देनजर इस प्रक्रिया को तत्काल रोका जाये।
आज की बैठक के माध्यम से राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इन्टक प्रदेश एवं केन्द्र
सरकार की श्रमिक विरोधी, किसान विरोधी और उद्योग विरोधी नीतियों की पुरजोर
निन्दा करते हुए श्रम कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने की मांग करता
है साथ ही सभी क्षेत्रों में न्यूनतम मजदूरी 25000/रूपया मासिक से कम न दी
जाये जिससे कार्यरत श्रमिक/कर्मचारी अपने पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति कर
सकें। इसके लिए एक राष्ट्रीय वेतन नीति बनाई जाये।
श्री सिंह ने कहा कि सम्पूर्ण देश के 19 प्रान्तों में चीनी उद्योग होने के
बावजूद अभी तक सरकार द्वारा कोई राष्ट्रीय चीनी नीति नहीं बनाई जा सकी है जिस
कारण यह उद्योग अनेक समस्याओं से ग्रसित होता जा रहा है। इस अतिमहत्वपूर्ण
उद्योग को बचाने के लिए शीघ्र ही राष्ट्रीय चीनी नीति बनाई जाये और उद्योग का
आधुनिकीकरण किया जाये। इसके साथ ही इंटक यह भी मांग करता है कि केन्द्र व
राज्य सरकार के रिक्त पदों पर संविदाकर्मियों को समायोजित किया जाय। आंगनबाड़ी,
आशा वर्कर, शिक्षा मित्र, किसान मित्र, रोजगार सेवक, शिक्षा प्रेरक व केनद्र व
प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को समान
कार्य के लिए समान वेतन नीति के तहत नियमित कर्मचारी के बराबर वेतन दिया जाये।
प्रदेश का टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग, केमिकल, फिरोजाबाद का कांच चूड़ी उद्योग,
भदोही का कारपेट उद्योग, बनारस का साड़ी उद्योग, आगरा का चर्म उद्योग,
मुरादाबाद का पीतल उद्योग तथा बरेली का जरी जरदोजी उद्योग आदि का नई तकनीकी
अपनाकर पुनरूद्धार किया जाये जिससे इनमें कार्यरत लाखों श्रमिक लाभान्वित हो
सकें।
श्री अशोक सिंह ने आगे कहा कि पूरे देश में लगभग 40 करोड़ मजदूर हैं जो असंगठित
क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। बढ़ती मंहगाई, सामाजिक असुरक्षा, केन्द्र व
प्रदेश सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के कारण इन कर्मियों का जीवन दूभर हो गया
है। इसी प्रकार भवन सन्निर्माण संघ(बीओसीडब्लू बोर्ड) की सम्पूर्ण धनराशि
मजदूरों के हित में खर्च किया जाये। यह श्रमिक यन्त्रवत अपना जीवन ढोने के लिए
विवेश हैं। यदि सरकार इनको सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा प्रदान करे तो इनके जीवन
में भी खुशहाली आ सकती है और इनके बच्चों का भविष्य भी सुखद और उज्जवल हो
सकेगा।

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तीन दिवसीय उ0प्र0 ट्रैवल मार्ट 27 अगस्त,23 देशों से 50 टूर आपरेटर्स तथा 18 भारतीय टूर आपरेटर्स करेंगे प्रतिभाग- प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी

Posted on 24 August 2018 by admin

सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ: 24 अगस्त, 2018
उ0प्र0 ट्रैवल मार्ट 2018 का आयोजन दिनांक 27 अगस्त से 29 अगस्त, 2018
तक उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग एवं फेडरेशन आॅफ इंडियन चैंबर्स आॅफ
काॅमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज़ (फिक्की) द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में
किया जायेगा, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा किया
जायेगा। यह जानकारी पर्यटन मंत्री, प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने पर्यटन
भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
प्रो0 जोशी ने बताया कि पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश एवं देश की
प्रतिष्ठित संस्था फिक्की के संयुक्त सहयोग से दिनांक 27 से 29 अगस्त,
2018 तक ऐतिहासिक शहर लखनऊ में आयोजित हो रहे उत्तर प्रदेश ट्रैवल मार्ट
में लगभग 23 देशों के 50 टूर आपरेटर्स तथा 18 भारतीय टूर आपरेटर्स
प्रतिभाग कर रहें हैं, जिनमें आस्ट्रेलिया से 04, कनाडा से 01, कोलम्बिया
से 01, चेक रिपब्लिक से 01, डेनमार्क से 01, फ्रांस से 03, जर्मनी से 03,
हंगरी से 01, इंडोनेशिया से 05,मलेशिया से 04, मैक्सिको से 03, म्यांमार
से 01, नार्वे से 01, फिलीपीन्स से 02, पोलैण्ड से 01, स्लोवाकिया से 01,
साउथ अफ्रीका से 02, ताइवान से 01, थाईलैण्ड से 04, द नीदरलैण्ड्स से 01,
टर्की से 02, यूनाइटेड किंगडम से 05 तथा यूएसए से 02 बायर्स प्रतिभाग कर
रहे हैं। भारतीय प्रतिभागी टूर आपरेटर्स में अहमदाबाद से 01, करद से 01,
कोल्हापुर से 02, कोलकाता से 02, मुम्बई से 04, नासिक से 01, नई दिल्ली
से 02, पूणे से 04 तथा बड़ोदरा से 01 प्रतिभाग करेंगे।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि प्रतिभागी टूर आपरेटर बायर्स आपस में
विचार-विमर्श के द्वारा अपने व्यापार को बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे।
ये प्रयास उत्तर प्रदेश के पर्यटन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और अनूठी
पहल के रूप में परिलक्षित है। उ0प्र0 ट्रैवल मार्ट 2018 में बायर्स और
सेलर्स के मध्य 1725 बिजनेस टू बिजनेस बैठकें भी सुनिश्चित की गई हैं,
जोकि दिनांक 27 व 29 अगस्त, 2018 को सेलर्स के बूथ पर होंगी।
पर्यटन एवं सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अवनीश
अवस्थी ने अवगत कराया कि ट्रैवल मार्ट 2018 में आने वाले विदेशी टूर
आपरेटर्स को फैम (परिचयात्मक भ्रमण) के माध्यम से राज्य के मनोहरी
क्षेत्रों का भ्रमण भी कराया जायेगा। पर्यटन विभाग द्वारा विदेशी टूर
आपरेटर्स के लिये 03 विशेष परिचयात्मक भ्रमण के प्रोग्राम तैयार किये गये
हैं, जिसे वे अपनी सुविधा व रूचि के अनुसार चुन सकतें हैं। फैम टूरिज्म
(परिचयात्मक भ्रमण) से विदेशी टूर आपरेटर्स बुंदेलखण्ड में ‘मानसून की
खूबसूरती‘, ‘भगवान कृष्ण भूमि बृज भूमि‘ व उत्तर प्रदेश के बौद्ध धर्म से
जुडे़ स्थलों से परिचत होंगे।
उ0प्र0 ट्रैवल मार्ट 2018 में फिक्की की टूरिज़्म कमेटी की चेयरपर्सन व
सीएमडी, द ललित सूरी हाॅस्पिटैलिटी ग्रुप की डाॅ0 ज्योत्सना सूरी, इंडिया
ग्लाइकोल्स लिमिटेड व फिक्की के जनरल सेके्रटरी श्री दिलीप चिनाॅय
इंडस्ट्री के दृष्टिकोण को साझा करेंगे।

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मुख्यमंत्री ने जनपद गोण्डा का हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया

Posted on 24 August 2018 by admin

बाढ़ पीड़ितों का हालचाल पूछा और राहत सामग्री बांटी

press-252केन्द्र व प्रदेश की सरकारें किसी भी आपदा से प्रभावित
होने वाले लोगों को त्वरित राहत पहुंचाने के लिए कटिबद्ध: मुख्यमंत्री

बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है

राज्य सरकार द्वारा आपदाग्रस्त लोगों के लिए हर
सम्भव सहायता तत्काल उपलब्ध कराने के प्रबन्ध किये गये

बचाव व राहत कार्यों में कोताही कतई न हो
तथा पीड़ितों को हर सम्भव मदद मुहैया करायी जाए

लखनऊ: 24 अगस्त, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोण्डा की तहसील करनैलगंज अन्तर्गत एल्गिन-चरसड़ी बंधे का हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पाल्हापुर राहत केन्द्र पर बाढ़ पीड़ितों से मिलकर प्रभावितों का हालचाल पूछा और बाढ़ पीड़ितों को स्वयं राहत सामग्री बांटी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र करनैलगंज में एक महीने के अन्दर मुख्यमंत्री जी ने दोबारा पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और राहत सामग्री का वितरण किया। राहत कैम्प में कुल 35 बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री प्रदान की गई। press-1-11
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश की सरकारें किसी भी आपदा से प्रभावित होने वाले लोगों को त्वरित राहत पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हंै। बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक बाढ़ प्रभावित को राहत उपलब्ध कराने के साथ-साथ आवश्यक मदद उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आपदाग्रस्त लोगों के लिए हर सम्भव सहायता तत्काल उपलब्ध कराने के लिए प्रबन्ध किये गये हैं। उन्होने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बाढ़ बचाव व राहत कार्यों में कोताही कतई न हो तथा पीड़ितों को हर सम्भव मदद मुहैया करायी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि राहत शिविरों में विस्थापितों को हर प्रकार की राहत सामग्रियां दी जाए। इसके साथ ही राहत कैम्पों में जीवनरक्षक दवाओं के साथ अन्य आवश्यक दवाओं, भोजन, पेयजल, जानवरों के लिए चारा इत्यादि की उपलब्धता प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों तथा विभिन्न संगठनों द्वारा राहत कार्य में दिए जा रहे सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि वे सब मिलकर आपदा पीड़ितों को राहत पहुंचाने में और अधिक सहयोग करें। एल्गिन-चरसड़ी अस्थाई बांध के कटने पर उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस समस्या से स्थाई निजात मिलेगी।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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सरयू, गंगा, राप्ती में विलीन हुई भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की अस्थियां

Posted on 24 August 2018 by admin

फैजाबाद/बलरामपुर/बिठूर कानपुर/लखनऊ 24 अगस्त 2018, संत समाज की उपस्थिति में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल, नगर विकास राज्यमंत्री गिरीश यादव, भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन) शिवप्रकाश जी, अवध प्रान्त के संगठन मंत्री प्रद्युम्न, सांसद लल्लू सिंह, विधायक वेद गुप्ता एवं महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के साथ सरयू नदी में नयाघाट पर भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की अस्थियों का मंत्रोचारण के बीच विसर्जन किया। राम की पैड़ी पर आयोजित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की अस्थि कलश विसर्जन यात्रा के समापन पर आयोजित श्रद्वांजलि सभा को सम्बोधित करते हुये उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का पूरा जीवन पथ प्रर्दशक रहा है। जैसे अमेरिका में कहा जाता था कि अगर भारत को जानना हो तो स्वामी विवेकानन्द के जीवन चरित्र को पढ़ लीजिए तो भारत को जान जायेंगे। उसी प्रकार आने वाले समय में लोग कहेंगे अगर भारतीय राजनीति को जानना हो तो अटल बिहारी बाजपेयी का जीवन चरित्र पढ़ लीजिए। अटल जी महामानव थे। उपमुख्यमंत्री डा. शर्मा ने लखनऊ में अटल जी के साथ बिताये पलो को याद करते हुये कई संस्मरण भी सुनाये।
बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने अटल जी को श्रद्वांजलि देते हुये उनके कार्यो को याद किया। नगर विकास राज्यमंत्री गिरीश यादव ने बाजपेयी जी के पूरे जीवन को एक उदाहरण बताया। श्रद्वांजलि सभा को वशिष्ठ धाम के महंत डा.राम विलास दास वेदांती, महंत अवधेश दास, राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन) शिवप्रकाश जी ने भी सम्बोधित किया।
अयोध्या में इकबाल अंसारी ने भी की पुष्पांजलि:-
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा जैसे टेढ़ी चैराहे से आगे बढ़ी तो श्रीराम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मुकदमें के बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी अस्थि कलश यात्रा का अपने आवास के सामने स्वागत किया और पुष्पांजलि अर्पित की।
बलरामपुर में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री बलरामपुर से पहली बार सांसद चुने गए अटल बिहारी वाजपेई का अस्थि कलश पर बलरामपुर सीमा पर श्रावस्ती में समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री श्रावस्ती सांसद दद्दन मिश्रा पूर्व सांसद सत्यदेव सिंह जिला अध्यक्ष राकेश सिंह सदर विधायक पलटू राम तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ला उतरौला विधायक राम प्रताप वर्मा सहित सैकड़ों लोगों ने पुष्पांजलि कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। जब तक सूरज चांद रहेगा अटल आपका नाम रहेगा। अटल बिहारी अमर रहे। जैसे गगनभेदी नारों के बीच जब भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई का अस्थि कलश जिले की सीमा में पहुंचा तो अपने चहेते दिवंगत नेता के अस्थि कलश की एक झलक पाने को लोग बेताब दिखे। ऐसा लग रहा था मानो अस्थि कलश के रूप में लोग साक्षात अटल जी को देख रहे हैं। बच्चे, बूढ़े, जवान व महिलाएं सभी की आंखें नम थी। लोग अस्थि कलश पर पुष्प वर्षा कर अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे। राप्ती के सिसई घाट पर देर शाम अस्थियों का विसर्जन किया गया। इस दौरान सूबे के तीन कैबिनेट मंत्री, सांसद व विधायक मौजूद थे।
बलरामपुर-श्रावस्ती सीमा पर दिन में तीन बजे से लोग एकत्र होना शुरू हो गए थे। पांच बजते-बजते लोगों की तादाद काफी बढ़ गई थी। अस्थि कलश को लेकर सूबे के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, रमापति शास्त्री, मुकुट बिहारी वर्मा, श्रावस्ती सांसद दद्दन मिश्र लेकर जैसे ही जिले की सीमा में प्रवेश किया तो जिले की सीमा पर मौजूद सैकड़ों लोगों ने पुष्प वर्षा कर अस्थि कलश को नमन किया। लोग अटल बिहारी अमर रहे के नारे लगा रहे थे। अस्थि कलश रखा वाहन धीरे-धीरे बलरामपुर शहर की तरफ बढ़ रहा था। रास्ते में लोग अपने वाहनों को किनारे खड़ा कर एक टक अस्थि कलश को देख रहे थे। तमाम गांवों के लोग बलरामपुर-बहराइच मार्ग पर आ गए थे। गिधरैया, हरिहरगंज, तहसील गेट, पहलवारा, वीर विनय चैक पर अस्थि कलश को देखने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। नगर में लोग घरों की छतों से अस्थि कलश की झलक पाने के लिए बैचैन दिखाई पड़े। अस्थि कलश वाहन के साथ सदर विधायक पल्टूराम, तुलसीपुर विधायक कैलाशनाथ शुक्ल, गैसड़ी विधायक शैलेश कुमार सिंह शैलू, उतरौला विधायक रामप्रताप वर्मा, पयागपुर विधायक सुभाष त्रिपाठी, पूर्व सांसद सत्यदेव सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश सिंह सहित भारी संख्या में लोग चल रहे थे। वीर विनय चैके बाद अस्थि कलश पंजाब नेशनल बैंक, एमएलके कालेज गेट होते हुए बिजलीपुर मंदिर पहुंचा। इस दौरान जगह-जगह लोगों ने अस्थि कलश पर पुष्पवर्षा कर श्रद्धांजलि दी। शाम पांच बजे के करीब जब अस्थि कलश राप्ती नदी के सिसई घाट पहुंची तो माहौल पूरी तरह से गमगीन रहा। हिंदू, मुस्लिम, सिख सहित तमाम राजनैतिक व सामाजिक संगठनों के लोग अस्थि कलश विसर्जन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे।
श्रद्धांजलि सभा में भावुक हुए लोग
बलरामपुर-सिसई घाट पर शनिवार देर शाम आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि भारत ने अपना सपूत खो दिया है। ऐसे लोग बार बार जन्म नहीं लेते। मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा बोले कि अटल जी सच्चे अर्थों में युग पुरुष थे। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि अटल जी ने राजनीति और साहित्य के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया है। उनके आदर्शों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। श्रावस्ती सांसद दद्दन मिश्रा ने कहा कि अटल जी का बलरामपुर से बहुत गहरा नाता था। उनके निधन से बलरामपुर नहीं पूरे देश की जनता दुखी है।
बिठूर कानपुर में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी का अस्थि कलश लखनऊ से चलकर कानपुर उत्तर व् दक्षिण होते हुए कानपुर ग्रामीण में गंगा बैराज पहुंचे। यहां से बिठूर चुंगी से होते हुए पत्थर घाट पर अस्थियों का विसर्जन किया गया। गंगा बैराज से बिठूर के पत्थर घाट तक पूरे बिठूर में छतों से और अस्थि कलश के साथ-साथ चलते हुए आम जनमानस ने पुष्प वर्षा की। पत्थर घाट पर विसर्जन में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ वैदिक पाठशाला के 12 पुरोहितों ने विसर्जन कराया। इसके पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री देवेश कोरी यात्रा प्रमुख के रूप में इस अस्थिकलश को लेकर के पहुंचे। क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह क्षेत्रीय महामंत्री संगठन भवानी सिंह अस्थि कलश के साथ साथ चल रहे थे। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना, सत्यदेव पचैरी, सतीश महाना, अर्चना पांडे, मोहसिन रजा के साथ-साथ सांसद देवेंद्र सिंह भोले विधायक अभिजीत सिंह, सांगा, नीलिमा कटियार, अरुण पाठक, महेश त्रिवेदी, दिनेश अवस्थी ने अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में उपस्थित रहकर श्रद्धेय अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि दी।

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मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की सहभागिता

Posted on 24 August 2018 by admin

18 अगस्त से 20 अगस्त तक मॉरीशस के पाय नामक स्थान में स्वामी विवेकानन्द अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र पर चलने वाले तीन दिवसीय विश्व हिन्दी सम्मेलन में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर सदानन्द प्रसाद गुप्त के नेतृत्व में पाँच सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल ने प्रतिभागिता की। इस प्रतिनिधि मण्डल के अन्य सदस्य थे - डॉ0 राजनारायण शुक्ल, कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान, लखनऊ, डॉ0 प्रदीप कुमार राव, सदस्य, कार्यकारिणी, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान, प्रोफेसर योगेन्द्र प्रताप सिंह, सदस्य, कार्यकारिणी, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान तथा श्री शिशिर, निदेशक, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान। श्री शिशिर प्रतिनिधि मण्डल के संयोजक रहे।
18 से 20 अगस्त, 2018 तक चलने वाले विश्व हिन्दी सम्मेलन का केन्द्रीय विषय था ’हिन्दी विश्व और भारतीय संस्कृति’। सम्मेलन का उद्घाटन 18 अगस्त को प्रातः दस बजे हुआ। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि थे मॉरीशस गणराज्य के प्रधानमंत्री माननीय प्रवीण कुमार जगन्नाथ। समारोह में भारत की विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज तथा मॉरीशस गणराज्य की शिक्षा एवं मानव संसाधन, तृतीयक शिक्षा तथा वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री श्रीमती लील देवी दूकन लछमन की विशिष्ट उपस्थिति थी। समारोह में मॉरीशस गणराज्य के पूर्व प्रधानमंत्री माननीय अनिरुद्ध जगन्नाथ की प्रेरणाप्रद उपस्थिति भी रही।
उद्घाटन के उपरांत 18 और 19 अगस्त तक कुल आठ सत्रों में आठ विषयों पर चर्चा हुई। 18 अगस्त को कुल चार समानान्तर सत्र चले जिनमें हिन्दी संस्थान के प्रतिभागी सभी सत्रों में पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार सम्मिलित हुए। प्रथम समानान्तर सत्र ’भाषा और लोक संस्कृति के अन्तः सम्बन्ध’ विषय पर आयोजित था। इस सत्र में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की ओर से महाराणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जंगल घूसड़ के प्राचार्य डॉ0 प्रदीप कुमार राव ने प्रतिभाग किया। उन्होंने चर्चा में भाग लेते हुए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की ओर से निम्नांकित चार अनुशंसाएँ कीं -
1- लोक कथाओं, लोक गीतों इत्यादि के प्रकाशन को प्रोत्साहित किया जाय।
2- विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा विश्व विद्यालयों के पाठ्यक्रमों में लोक संस्कृति और लोक साहित्य का समावेश किया जाय।

3- लोक संस्कृति तथा लोक भाषा की शोध परियोजनाओं को वरीयता दी जाय।
4- हिन्दी भाषा एवं साहित्य के विकास के लिए कार्यरत संस्थाएँ ऐसी शोध परियोजनाओं को अपनी कार्य योजना का हिस्सा बनाएँ।
उपर्युक्त चार अनुशंसाओं में से ऊपर की तीन अनुशंसाएँ सम्मेलन द्वारा स्वीकार कर ली गयीं।
’प्रौद्योगिकी के माध्यम से हिन्दी तथा भारतीय भाषाओं का विकास’ विषय पर केन्द्रित द्वितीय सत्र में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर डॉ0 योगेन्द्र प्रताप सिंह ने भाग लिया। डॉ0 योगेन्द्र प्रताप सिंह ने चर्चा में भाग लेते हुए निम्नांकित सुझाव दिए -
1- सरकारी कार्यालयों के निमित्त कम्प्यूटर खरीदने पर देवनागरी कुंजीपटल को अनिवार्य किया जाय।
2- भारत में खरीदे जाने वाले कम्प्यूटर के सॉफ्टवेयर अनिवार्य रूप से हिन्दी भाषा तथा देवनागरी लिपि के लिए अनुकूलित हों।
3- फॉण्ट की परस्पर परिवर्तनीयता को उपयोगी बनाने हेतु देवनागरी के फॉण्ट का व्यापक स्तर पर मानकीकरण किया जाय जिससे टंकित सामग्री भेजने में फॉण्ट परिवर्तित न हो जाये। इसके लिए सरकारी तथा प्रकाशन से सम्बन्धित सभी फॉण्ट निर्माताओं को उस मानक के अनुसार फॉण्ट निर्माण हेतु निर्देशित किया जाय। सी-डैक ख्ब्.क्।ब्, के सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की आवश्यकता है जिससे वह उपयोगी हो सके।
उपर्युक्त अनुशंसाओं में अनुशंसा ’एक’ सम्मेलन द्वारा स्वीकृत हुई।
तृतीय सत्र ’हिन्दी शिक्षण में भारतीय संस्कृति’ विषय पर केन्द्रित था। विषय पर अनेक विद्वानों के विचार आए। हिन्दी संस्थान की ओर से भाग लेते हुए उ0प्र0 भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ0 राजनारायण शुक्ल ने निम्नांकित सुझाव दिये -

1- भारतीय भाषाओं में प्रवीणता के मूल्यांकन के लिए एक उपयुक्त मानदण्ड हो।
2- हिन्दी पाठ्यक्रम का सैद्धांतिक आधार पर विवेचन हो।
3- सिद्धांतों के आधार पर शिक्षकों का प्रशिक्षण हो।
4- भारतीय डायसपोरा देशों में भारतीय संस्कृति के संवर्धन के लिए अधिक प्रयत्न किया जाय।
चतुर्थ समानान्तर सत्र हिन्दी साहित्य में संस्कृति चिन्तन विषय पर आयोजित था। इस सत्र में उ0प्र0 हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ0 सदानन्द प्रसाद गुप्त ने भाग लिया इस सत्र की अध्यक्षता मॉरीशस की डॉ0 राजदानी गोविन्द ने की, सह-अध्यक्ष थे गगनाँचल के सम्पादक डॉ0 हरीश नवल। चर्चा में भाग लेते हुए डॉ0 सदानन्द प्रसाद गुप्त ने भारतीय संस्कृति के विषय में फैलाये गये भ्रम पूर्ण धारणा का खण्डन करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति मिली-जुली संस्कृति नहीं है। डॉ0 गुप्त नें भारतीय संस्कृति के मूलभूत तत्वों - आत्मा की अमरता का सिद्धांत, काल की चक्रीय अवधारणा, कर्मफल तथा पुनर्जन्म का सिद्धांत प्रकृति और मनुष्य के बीच अंगागि सम्बन्ध की अवधारणा, चराचर की पवित्रता के सिद्धांत की चर्चा की। उन्होंने निम्नांकित सुझाव दिये -
1- भाषा साहित्य तथा संस्कृति के अन्तः सम्बन्ध पर कार्यशालाएँ एवं विचार गोष्ठियाँ आयोजित की जायँ।
2- भारतीय संस्कृति के मूलभूत तत्वों को स्पष्टता के साथ रेखांकित किया जाय।
3- भारतीय संस्कृति के आधार - आचरण की पवित्रता, परिवार, संस्था के मूल्यों को प्रोत्साहित करने वाले कलात्मक साहित्य के सृजन को प्रोत्साहित किया जाय।
4- भारतीय भक्ति साहित्य के अध्ययन पर विशेष बल दिया जाय।

5- स्वातंन्न्योत्तर ललित निबंध साहित्य तथा गीत विधा साहित्य का विस्तृत मूल्यांकन किया जाय।
6- मॉरीशस में रचित साहित्य में चित्रित भारतीय संस्कृति और भारतीय साहित्य में चित्रित भारतीय संस्कृति का तुलनात्मक अध्ययन किया जाय।
सम्मेलन के दूसरे दिन अर्थात् 19 अगस्त को चार समानान्तर सत्र चार विषयों पर आयोजित हुए। इनके विषय थे - ’फिल्मों के माध्यम से भारतीय संस्कृति का संरक्षण’, ’संचार माध्यम और भारतीय संस्कृति’, ’प्रवासी संसार : भाषा और संस्कृति’ तथा ’हिन्दी बाल साहित्य और भारतीय संस्कृति’।
’फिल्मों के माध्यम से भारतीय संस्कृति का संरक्षण’ विषय पर उ0प्र0 हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ0 सदानन्द प्रसाद गुप्त ने प्रतिभागिता की। इस सत्र की अध्यक्षता फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष तथा प्रसिद्ध फिल्म निर्माता एवं निर्देशक श्री प्रसून जोशी ने की। इस सत्र में डॉ0 सदानन्द प्रसाद गुप्त ने निम्नांकित लिखित सुझाव दिए-
1- भारतीय हिन्दी सिनेमा में भारतीय संस्कृति के प्रमुख घटकों परिवार संस्था तथा समाज संस्था को विरूपित ढंग से दिखाए जाने को रोका जाय। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर भारतीय देवी-देवताओं के विषय में फैलायी जाने वाली विकृत धारणाओं को प्रोत्साहित नहीं किया जाय।
2- संस्कार निर्माण करने वाले भारतीय पौराणिक चरित्रों, पंचतंत्र, हितोपदेश की कथाओं पर रोचक तथा कलात्मक ढंग से लघु फिल्में बनायी जायँ तथा इन्हें प्रदर्शित किया जाय।
द्वितीय सत्र ’संचार माध्यम और भारतीय संस्कृति’ विषय पर केन्द्रित था। इस सत्र में भाग लेते हुए डॉ0 योगेन्द्र प्रताप सिंह ने तीन अनुशंसाएँ दी जो स्वीकृत हुईं -
1- क्षेत्रीय स्तर पर सामुदायिक चैनल और सामुदायिक रेडियों को बढ़ावा दिया जाय। इन क्षेत्रीय चैनलों को बाजार के हाथों से बचाते हुए संस्कृति कर्मी को सौंपा जाय।

2- सामुदायिक चैनलों का लाइसेंस प्रदान किये जाने की पद्धति को आसान बनाया जाय।
3- ह्वाट्स ऐप्प जैसे तकनीकी नवाचारों का उपयोग सांस्कृतिक पत्रिका निकालने के लिए किया जाय।
विचार का तृतीय सत्र ’प्रवासी संसार : भाषा और संस्कृति’ विषय पर केन्द्रित था। इस सत्र में डॉ0 राजनारायण शुक्ल ने सहभागिता की। डॉ0 शुक्ल ने इस सत्र में निम्नांकित सुझाव दिये -
1- इंडियन डायसपोरा देशों के भारतीय संस्कृति का संवर्धन हो।
2- युवा पीढ़ी की जरूरतों के अनुरूप कार्यक्रम बनाए जायँ।
3- क्रियोल में सृजित साहित्य को हिन्दी में लाया जाए।
4- देश-विदेश में प्रकाशित पाठ्य सामग्री का संग्रह हो।
5- शिक्षकों के द्वारा हिन्दी भाषा साहित्य का शिक्षण करते समय भारतीय मूल्यों को विशेष रूप से रेखांकित किया जाय।
चतुर्थ सत्र ’हिन्दी बाल साहित्य और भारतीय संस्कृति’ पर केन्द्रित था। इस सत्र में डॉ0 प्रदीप कुमार राव ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी तथा निम्नांकित संस्तुतियाँ दीं-
1- बाल-सुलभ पद्यात्मक साहित्य को प्रोत्साहित किया जाय।
2- हितोपदेश, पंचतंत्र जैसी भारतीय संस्कृति केन्द्रित बोधपूर्ण कथाओं को चित्रकथा के माध्यम से बाल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाय।
3- उत्कृष्ट पौराणिक चरित्रों को भी बाल पाठ्यक्रम का अंग बनाया जाय तथा भारतीय संस्कृति से सम्बन्धित जीवन मूल्यों को लघु बोध कथाओं के रूप में रुचिकर ढंग से दृश्य संचार माध्यमों से प्रसारण हो।
इस सत्र में मॉरीशस के बाल साहित्यकारों द्वारा बाल साहित्य के प्रकाशन की कठिनाइयों का जिक्र किया गया। उनकी इस समस्या पर उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान

की ओर से हिन्दी में भारतीय संस्कृति आधारित बाल साहित्य को प्रकाशित करने का प्रस्ताव डॉ0 प्रदीप राव ने प्रस्तुत किया। इस प्रस्ताव पर मॉरीशस के बाल साहित्यकारों, महात्मा गाँधी संस्थान, मॉरीशस के अध्यापकों द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की तथा आभार व्यक्त किया तथा समापन सत्र में इसकी विशेष चर्चा की गयी।
2018 के विश्व हिन्दी सम्मेलन में पहली बार संस्थान की ओर से पाँच सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल ने प्रतिभागिता की। इस सम्मेलन की संस्थान की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही उ0प्र0 हिन्दी संस्थान की ओर से पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन। विदेश मंत्रालय के सहयोग से इस प्रदर्शनी का आयोजन संभव हुआ। पुस्तक प्रदर्शनी के आयोजन की जिम्मेदारी सम्भाली उ0प्र0 हिन्दी संस्थान के निदेशक श्री शिशिर ने। विदेश मंत्रालय के अनुरोध पर उ0प्र0 हिन्दी संस्थान ने प्रदर्शनी में भेजी गयी पुस्तकें विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरीशस के पुस्तकालय को भेंट कर दीं।
19 अगस्त को ही विश्व हिन्दी सम्मेलन की ओर से ’अप्रवासी घाट’, ’विश्व हिन्दी सचिवालय’ तथा ’महात्मा गाँधी संस्थान’ के भ्रमण का कार्यक्रम था, जिसमें हिन्दी संस्थान के प्रतिनिधि मण्डल ने भाग लिया। ’अप्रवासी घाट’ वह स्थान है, जहाँ पहली बार 1834 में गिरिमिटिया मजदूर भारत से ले जाये गये थे। महात्मा गाँधी संस्थान में हिन्दी शिक्षण की व्यवस्था है।
दिनाँक 20 अगस्त को प्रातः 11ः00 बजे से सत्र का आयोजन हुआ समापन सत्र के मुख्य अतिथि थे मॉरीशस गणराज्य के कार्यवाहक राष्ट्रपति महामहिम श्री परमसिवम पिल्लै वैयापुरी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में अनिरुद्ध जगन्नाथ एवं भारत की विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज तथा मॉरीशस की शिक्षा मंत्री श्रीमती लीला देवी दूकन लछमन की उपस्थिति रही। समापन सत्र की अध्यक्षता पश्चिम बंगाल के राज्यपाल माननीय श्री केशरीनाथ त्रिपाठी ने की। इसी सत्र में सम्मेलन में स्वीकृत अनुशंसाओं का वाचन भी हुआ।

(1) उ0प्र0 हिन्दी संस्थान ने मॉरीशस पर एक अध्ययन रिपोर्ट के प्रमुख बिन्दु निर्धारित किये हैं जिन पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा तथा प्रकाषित करेगा।
(2) मॉरीशस में आयोजित विश्व हिन्दी सम्मेलन में पहली बार संस्थान की ओर से पुस्तक प्रदर्शनी लगायी गयी।
(3) उ0प्र0 हिन्दी संस्थान ने मॉरीशस में हिन्दी भाषा में भारतीय संस्कृति आधारित बाल साहित्य के प्रकाशन का उत्तरदायित्व लिया। हिन्दी संस्थान के लिए यह गर्व की बात है।

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राज्यपाल ने श्री सुशील कुमार को उत्तर प्रदेश जल प्रबंधन और नियामक आयोग के अध्यक्ष पद की शपथ ग्रहण करायी

Posted on 24 August 2018 by admin

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज राजभवन के नीलकुसुम कक्ष में आयोजित सादे समारोह में श्री सुशील कुमार सेवानिवृत्त आई0ए0एस0 अधिकारी को उत्तर प्रदेश जल प्रबंधन और नियामक आयोग के अध्यक्ष पद की शपथ ग्रहण करायी।033
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री हेमन्त राव एवं विशेष सचिव डाॅ0 अशोक चन्द्र सहित श्री राजीव कुमार अध्यक्ष भू सम्पदा विनिमायक प्राधिकरण उत्तर प्रदेश, श्री रोहित नन्दन उपाध्यक्ष लोक सेवा अधिकरण उत्तर प्रदेश, श्री अरूण कुमार सिन्हा सदस्य उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग उत्तर प्रदेश, श्री राजीव कपूर अध्यक्ष प्रदेशीय औद्योगिक एवं निवेश कार्पोरेशन उत्तर प्रदेश, श्री टी0 वेंकटेश प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन उत्तर प्रदेश, श्रीमती अनिता वर्मा सिंह विशेष सचिव सिंचाई एवं जल प्रबंधन उत्तर प्रदेश, इं0 अजय कुमार सिंह प्रमुख अभियंता (परिकल्प एवं नियोजन) सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश, अध्यक्ष श्री सुनील कुमार की पत्नी श्रीमती पूनम कुमारी एवं अन्य विशिष्टगण उपस्थित थे।
श्री सुशील कुमार 1982 बैच के उत्तर प्रदेश संवर्ग के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे हैं जो 30 अप्रैल 2018 को सचिव, कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के पद से सेवानिवृत्त हुये हैं। श्री सुशील कुमार को उत्तर प्रदेश के साथ-साथ केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने का अनुभव है। जलवायु परिवर्तन पर पेरिस में 2015 में हुए समझौते में भारत सरकार का पक्ष रखने में श्री सुशील कुमार ने विशेष योगदान दिया था।
कार्यक्रम का संचालन प्रमुख सचिव सिंचाई श्री टी0 वेंकटेश ने किया।

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समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई

Posted on 24 August 2018 by admin

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र *चौधरी* ने बताया है कि
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव
की नीतियों से प्रभावित होकर राबर्टसगंज लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी श्री डाॅ0
रमाधार जोसफ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री जितेन्द्र कुमार राव,
श्री यशवन्त मौर्य, श्री निखिल पटेल, श्री संजय यादव (चंदौली) के नेतृत्व में
सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल ने
समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई।
इस अवसर पर सदस्य विधान परिषद सर्वश्री अरविन्द कुमार सिंह, प्रभुनरायन
सिंह यादव (विधायक), संतोष यादव, अशोक यादव और श्री सदाफल पटेल भी उपस्थित रहे।

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यूपी में कृषि क्रांति की दिशा में बढ़ रही भाजपा सरकार - डा0 चन्द्रमोहन

Posted on 24 August 2018 by admin

लखनऊ 24 अगस्त 2018, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि यूपी में माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी के मुख्यमंत्रित्व में भाजपा सरकार का पिछला 17 महीने का कार्यकाल खेती-किसानी का स्वर्णिम काल कहा जा सकता है। इससे पहले सपा और बसपा की विपक्षी सरकारों में कृषि और किसान भयंकर उपेक्षा और सरकारी भ्रष्टाचार का गवाह रहा वहीं प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से किसानोन्मुख नीतियों ने विकास का एक नया वातावरण तैयार किया है।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सत्ता संभालते ही भाजपा सरकार ने पहली कैबिनेट में ही कर्ज माफी का निर्णय लेकर किसानों और खेती के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर दी थी। उसके बाद से लगातार मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी किसानों की आय दोगुनी करने के साथ कृषि के क्षेत्र में यूपी को विश्व में नई पहचान दिलाने के लिए पूरे संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। यही वजह है कि गेहूं, गन्ना, आलू और दुग्ध के उत्पादन में यूपी पूरे देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरा है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने न केवल कृषि उत्पादों की रिकार्ड खरीद की है बल्कि किसानों को समय से भुगतान भी सुनिश्चित कराया है। प्रदेश सरकार की इन नीतियों ने यूपी में कृषि क्रांति की भूमिका बना दी है। अब वह समय दूर नहीं जब कृषि के क्षेत्र में यूपी न केवल देश बल्कि विश्व का अगुआ बनकर सामने आएगा। इसी दिशा में एक नया प्रयास लखनऊ में अक्टूबर में कृषि कुंभ के रूप में होगा।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इस कार्यक्रम में देश भर के प्रमुख कृषि वैज्ञानिकों के साथ औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि किसानों को खेती की उन्नत तकनीकी की जानकारी देंगे। इससे किसान दक्ष बनेंगे और वह कृषि के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों का सामना आसानी से कर सकेंगे। किसानों की उन्नति से ही यूपी में विकास की गति और तेज होगी और यही “वाइब्रेंट यूपी” की संकल्पना भी है।

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अस्थि कलश - भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी

Posted on 24 August 2018 by admin

लखनऊ 24 अगस्त 2018, भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की अस्थियों का विसर्जन कल प्रदेश की प्रमुख पवित्र नदियों में किया जायेगा। प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने बताया कि अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित कई अन्य केन्द्रीय मंत्री व प्रदेश के मंत्रीगण सहित पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ वाराणसी व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इलाहाबाद कल अस्थि विसर्जन के अवसर पर उपस्थित रहकर श्रद्धेय अटल जी को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। जबकि झांसी में केन्द्रीय मंत्री उमा भारती व काबीना मंत्री सतीश महाना, सोरों (कासगंज) में पूर्व केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र व राज्यमंत्री संदीप सिंह, बरेली में केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार व काबीना मंत्री चैधरी लक्ष्मी नारायण, चित्रकूट में केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति व प्रदेश सरकार में काबीना मंत्री धर्मपाल सिंह, मिर्जापुर में केन्द्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला व राष्ट्रीय महामंत्री अरूण सिंह, आजमगढ़ में केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा व काबीना मंत्री दारा सिंह चैहान, मुरादाबाद में केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा व प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री श्रीमती गुलाबो देवी, अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि गढ़मुक्तेश्वर में प्रदेश सरकार के काबीना मंत्री श्रीकांत शर्मा व चेतन चैहान, सहारनपुर में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी, बस्ती में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा0 रमापति राम त्रिपाठी अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

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