राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इन्टक उत्तर प्रदेश एवं इन्डियन नेशनल शुगर मिल्स
वर्कर्स फेडरेशन की एक संयुक्त आज दारूलशफा कामनहाल‘ए’ब्लाक में सम्पन्न हुई।
बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री
राजबब्बर जी सांसद ने प्रदेश सरकार की श्रम विरोधी नीतियों की निन्दा करते हुए
श्रमिकों का एकजुट होकर संघर्ष के लिए आवाहन किया। उन्होने कहा कि प्रदेश के
कर्मचारियेां/श्रमिकों के हित में किये जा रहे किसी भी संघर्ष में कांग्रेस
सदैव कर्मचारियों के साथ है।
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं शुगर मिल्स वर्कर्स फेडरेशन
के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह देश
कामगारों का देश है। इस देश के 40 करोड़ कामगारों के साथ सरकार द्वारा किये जा
रहे शोषण और अन्याय को इन्टक कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता। हम देश की आजादी के
लिए, तिरंगे के सम्मान में, कामगारों के लिए, किसानों और नौजवानों के लिए आज
यह संकल्प लेते हैं कि इनके हितों की रक्षा के लिए हम कितनी भी बड़ी ताकत से
टकराने को तैयार हैं। हम डरने वाले नहीं हैं। ‘सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका
सकते नहीं’।
श्री सिंह ने आगे कहा कि आजादी के पर्व से इन्टक की स्थापना समाजसेवा, गरीबों
और श्रमिकों के हक के लिए संघर्ष तथा संगठित और असंगठित क्षेत्र के कामगारों
को न्याय दिलाने के उद्देश्य से की गई थी। इंटक आज भी महात्मा गांधी, जवाहर
लाल नेहरू और सरकार वल्लभ भाई पटेल के आदर्शों पर चलकर निष्ठापूर्वक राष्ट्र
की समृद्धि एवं श्रमिकों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा है।
श्री सिंह ने आगे कहा कि वर्तमान केन्द्र और प्रदेश सरकार घोर श्रमिक विरोधी
सरकार है। इसमें श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है, देश की सुरक्षा के साथ
खिलवाड़ किया जा रहा है। इस क्रम में आर्डीनेन्स फैक्ट्री को कारपोरेट घराने के
हवाले करने की रणनीति तैयार की जा रही है। इंटक जोरदार शब्दों में सरकार से यह
मांग करता है कि देश की सुरक्षा के मद्देनजर इस प्रक्रिया को तत्काल रोका जाये।
आज की बैठक के माध्यम से राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इन्टक प्रदेश एवं केन्द्र
सरकार की श्रमिक विरोधी, किसान विरोधी और उद्योग विरोधी नीतियों की पुरजोर
निन्दा करते हुए श्रम कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने की मांग करता
है साथ ही सभी क्षेत्रों में न्यूनतम मजदूरी 25000/रूपया मासिक से कम न दी
जाये जिससे कार्यरत श्रमिक/कर्मचारी अपने पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति कर
सकें। इसके लिए एक राष्ट्रीय वेतन नीति बनाई जाये।
श्री सिंह ने कहा कि सम्पूर्ण देश के 19 प्रान्तों में चीनी उद्योग होने के
बावजूद अभी तक सरकार द्वारा कोई राष्ट्रीय चीनी नीति नहीं बनाई जा सकी है जिस
कारण यह उद्योग अनेक समस्याओं से ग्रसित होता जा रहा है। इस अतिमहत्वपूर्ण
उद्योग को बचाने के लिए शीघ्र ही राष्ट्रीय चीनी नीति बनाई जाये और उद्योग का
आधुनिकीकरण किया जाये। इसके साथ ही इंटक यह भी मांग करता है कि केन्द्र व
राज्य सरकार के रिक्त पदों पर संविदाकर्मियों को समायोजित किया जाय। आंगनबाड़ी,
आशा वर्कर, शिक्षा मित्र, किसान मित्र, रोजगार सेवक, शिक्षा प्रेरक व केनद्र व
प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को समान
कार्य के लिए समान वेतन नीति के तहत नियमित कर्मचारी के बराबर वेतन दिया जाये।
प्रदेश का टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग, केमिकल, फिरोजाबाद का कांच चूड़ी उद्योग,
भदोही का कारपेट उद्योग, बनारस का साड़ी उद्योग, आगरा का चर्म उद्योग,
मुरादाबाद का पीतल उद्योग तथा बरेली का जरी जरदोजी उद्योग आदि का नई तकनीकी
अपनाकर पुनरूद्धार किया जाये जिससे इनमें कार्यरत लाखों श्रमिक लाभान्वित हो
सकें।
श्री अशोक सिंह ने आगे कहा कि पूरे देश में लगभग 40 करोड़ मजदूर हैं जो असंगठित
क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। बढ़ती मंहगाई, सामाजिक असुरक्षा, केन्द्र व
प्रदेश सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के कारण इन कर्मियों का जीवन दूभर हो गया
है। इसी प्रकार भवन सन्निर्माण संघ(बीओसीडब्लू बोर्ड) की सम्पूर्ण धनराशि
मजदूरों के हित में खर्च किया जाये। यह श्रमिक यन्त्रवत अपना जीवन ढोने के लिए
विवेश हैं। यदि सरकार इनको सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा प्रदान करे तो इनके जीवन
में भी खुशहाली आ सकती है और इनके बच्चों का भविष्य भी सुखद और उज्जवल हो
सकेगा।