उ0प्र0 के कई जनपदों में बाढ़ पर बीजेपी सरकार लापरवाह है बाढ़ की वजह से वहां का जनजीवन अस्त-व्यस्त है, हजारों लोग पलायन करने को मजबूर हैं और कृषि योग्य हजारों हेक्टेयर भूमि पानी से डूब गयी है लेकिन सरकार की तरफ से कोई वैकल्पिक व स्थायी समाधान न करके सिर्फ खोखले दावे किये जा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि बाढ़ की वजह से उ0प्र0 में 225 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं लेकिन सरकार द्वारा राहत कार्य की बजाय सिर्फ दिन-रात आम चुनाव की तैयारियां की जा रही हैं और घड़ियाली आंसू बहाये जा रहे हैं।
बारिश व नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने की वजह से तराई क्षेत्रों के जनपदों में गांव के गांव डूब गये हैं और गांवों का सम्पर्क तहसील मुख्यालय व जनपद मुख्यालयों से टूट गया है लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार सिर्फ हवा हवाई दावे कर रही है अभी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय प्रभावित निवासियों के लिए वैकल्पिक सुविधाएं देने में अक्षम साबित हो रही है।
जनपद लखीमपुर के रमियाबेहड़, धौरहरा, निघासन, नकहा, ईसानगर के दर्जनों गांव बाढ़ के चपेट में हैं और सम्पर्क मार्गों पर जलभराव है।
इससे ज्यादा उ0प्र0 की जनता के साथ भद्दा मजाक क्या हो सकता है कि वर्तमान सरकार की मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह बैलगाड़ी से नकहा ब्लाक के गांवों का दौरा तो किया लेकिन उनके जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है, और बयान दिया कि बाढ़ एक दैवीय आपदा है इसका कोई स्थायी समाधान नहीं किया जा सकता, उन्होने अपने बयान से आम जनमानस केा निराश किया है।
सीतापुर के तम्बौर, लहरपुर, बिसवां क्षेत्र में भी बाढ़ की वजह से जनजीवन बदहाल है। यही हाल बस्ती के हर्रैया का है, गोण्डा के करनैलगंज में भी नदी का जलस्तर खतरे से ऊपर है।
बलरामपुर जिले मंे राप्ती नदी भी उफान पर है। जनपद के तटवर्ती क्षेत्र के गांवों में पानी भर रहा है लेाग पलायन कर रहे हैं लेकिन विभाग और सरकार के द्वारा प्रयास के नाम पर हवाई दावे किये जा रहे हैं। जनपद महराजगंज में भी बाढ़ की वजह से आम जनजीवन प्रभावित है और सैंकड़ों बीघा फसल पानी मंे है।
जनपद शाहजहांपुर में भी गर्रा नदी उफान पर है इससे वहां के दर्जनों गांव प्रभावित हुए हैं और हजारों बीघा जमीन बाढ़ की भेंट चढ़ गयी है लेकिन सरकार की तरफ से सिर्फ दिखावे के लिए नाममात्र का दौरा ही किया गया है। सरकार इसके प्रति कितना गंभीर है वह सिंचाई मंत्री के बयान से लगता है कि अभी तो यह शुरूआत है आगे पानी और बढ़ेगा, बाढ़ मंत्री ने बयान दिया था कि यूपी में योगी जैसा सदाचारी राजा है इसलिए हानि नहीं हो रही है इस बयान ने उ0प्र0 की जनता के प्रति उनकी संवेदनहीनता और प्रजातंत्र में उनकी राजतंत्र की सोच नजर आती है। क्या वह मंत्री सिर्फ टिप्पणी और समीक्षा करने के लिए बने हैं। इस तरीके का बयान आम जनमानस को ढांढस बांधने के बजाय जख्मों पर नमक रगड़ने जैसा है। आगे प्रत्येक वर्ष बाढ़ के पश्चात भयानक संक्रमण व बीमारी का खतरा रहता है। इसको लेकर भी सरकार की कोई तैयारी नहीं है।
सरकार द्वारा बड़े-बड़े दावे किये जा रहे थे कि सभी अधिकारी सक्रिय होकर काम कर रहे हैं, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और नदी के किनारे रहने वालों की सुरक्षा प्रबन्ध किये गये हैं लेकिन हकीकत तो यह है कि बांधों के रखरखाव को लेकर धन आवंटन में जो भ्रष्टाचार हुआ है उसी का दुष्परिणाम उ0प्र0 के बाढ़ प्रभावित 40 जनपदों की जनता भुगत रही है।
सिंचाई मंत्री का दावा था कि बाढ़ से बचाव के लिए चैकियां बनायी गयीं लेकिन सच्चाई यह है कि चैकियों के नाम पर आवंटित सरकारी धन की लूट हुई है।
कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि बाढ़ प्रभावित जनपदों को विशेष पैकेज के तहत धनावंटन किया जाय और बाढ़ से हुए किसानों के नुकसान जिनकी फसल बाढ़ में डूब गयी है उन्हें मुआवजा दिया जाय तथा बाढ़ से उत्पन्न संक्रमण एवं बीमारियों से बचने के लिए तत्काल स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यक कदम उठाये जायें।