Archive | February, 2015

स्वाइन फ्लू में होम्योपैथी फायदेमंद

Posted on 23 February 2015 by admin

स्वाइन फ्लू के प्रकोप से डरने नहीं बल्कि उससे पूर्व बचाव की जरूरत है। राजधानी के विख्यात होम्यो चिकित्सक डॉण् एसके विश्वकर्मा का कहना है कि स्वाइन फ्लू से मुकाबले के लिए होम्योपैथिक दवाएं खासी पर प्रभावी हैं। मरीज को विचलित होने की कतई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजें लें। तबियत ठीक नहीं है तो घर पर रहें। हाथ हमेशा धोकर साफ रखें। मुंह और नाक ढककर रखेंए खासकर तब जब कोई छींक रहा हो।
रविवार को राजाजीपुरम् में आयोजित श्स्वाइन फ्लू से बचावश् विषयक गोष्ठी में डॉण् विश्वकर्मा ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से हर इंसान को चाहिए कि वह पहले से ही इसका बचाव करे। होम्योपैथिक में ही कुछ ऐसी दवाइयां हैं जो पहले से पांच दिन तक लगातार खा ली जाएं तो इससे पूरी तरह हर हाल में बचा जा सकता है। डॉण् विश्वकर्मा के अनुसार स्वाजदन फ्लू से घबराने जैसी कोई बात नहीं बल्कि सतत सावधान रहकर इलाज करवाने की जरूरत है। गोष्ठी में झुग्गी.झोपडिय़ों के वाशिंदों को निश्शुल्क दवा वितरण भी किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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सैफई के डा0 एस0 भुनियाॅ को मिलेगा ‘भारत शिक्षा रत्न अवार्ड’

Posted on 23 February 2015 by admin

सैफई (इटावा) सैफई के उ0 प्र0 ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में प्रो0 डा0 स्नेहाशिष भुनियाॅ को ग्लोबल सोसाइटी फाॅर हेल्थ एवं एजुकेशन ग्रोथ, दिल्ली द्वारा ’’भारत शिक्षा रत्न’’ अवार्ड के लिए नामांकित किया गया है जो कि 27 फरवरी, 2015 को डिप्टी स्पीकर हाल, कन्स्टीट्यूशन क्लब आॅफ इण्डिया, बिटठल भाई पटेल हाउस, रफी मार्ग निकट संचार भवन, मेट्रो स्टेशन, नई दिल्ली में सांय 02ः30 बजे दिया जाना प्रस्तावित है।
प्रो0 एस0 भुनिया को इससे पहले भी राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न सम्मानों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है, जैसे कि ’’भारत एक्सीलेन्स अवार्ड एण्ड गोल्ड मेडल, इटरनेशनल साइटिस्ट आॅफ द ईयर’’ इत्यादि। ज्ञात हो कि ग्लोबल सोसाइटी फाॅर हेल्थ एवं एजुकेशन ग्रोथ, दिल्ली द्वारा गत दिसम्बर माह इस अवार्ड के चयन हेतु बायोडाटा माॅगा गया था तद्ोपरान्त इन्हें चयन समिति डा0 एस0 भुनिया के नाम को सर्वसम्मति से ’’भारत शिक्षा रत्न’’ अवार्ड देने के लिए विचार किया गया है। उल्लेखनीय है कि कई सारे एम.बी.बी.एस. छात्र/छात्राओं को फिजियोलोजी विषय में डिस्टींगसन अंक प्राप्त करने पर 8वें स्थापना दिवस पर अवार्ड से सम्मानित किया गया एवं उस समय फिजियोलोजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 डा0 एस0 भुनिया थें। वर्तमान में भी प्रो0 डा0 एस0 भुनिया विभागाध्यक्ष फिजियोलोजी बनने की योग्यता रखते है, किन्तु दुर्भाग्य से अपने जूनियर के अन्तर्गत कार्य कर रहें है। यह हर्ष का विषय है कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रो0 डा0 एस0भुनिया को ’’भारत शिक्षा रत्न’’ अवार्ड द्वारा सम्मानित किया जा रहा है। डा0 भुनियाॅ सैफई के उ0 प्र0 ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान फिजियोलोजी विभाग में पिछले आठ वर्षो से प्रोफेसर के पद पर पदासीन है

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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एक मुहिम महिला हिंसा के खिलाफ़

Posted on 23 February 2015 by admin

दिनांक 20.02.2015ः विरांगना (महिला योद्धा) एक मुहिम है, जिसका उद्देश्य लखनऊ शहर को देश का सबसे सुरक्षित शहर बनाना है और समाज के हर कोने में लड़कियों एवम् महिलाओं को सशक्त करना एवम् शहर को सुरक्षित बनाने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है, इस मुहिम में हर मुहल्ले, आफिस, बाजार, स्कूल एवं कालेजों में लड़कीयों एवं महिलाओं को चिन्हित कर उन्हे विरांगना बनाना एवम् उन्हे आत्म-सुरक्षा का प्रशिक्षण देकर उन्हे सशक्त बनाना है, जिससे वह अपने आस-पास हो रही छेड़-छाड़, अत्याचार एवम् घरेलू हिंसा को रोक सके।
इसी दिशा में विरांगना जनसभा का आयोजन दिनांक 21.02.2015 को दोपहर 3 बजे निशातगंज मे गली नं0-7, मेवा नर्सरी पार्क में किया जा रहा है जिसमें पाँच सौ से भी अधिक घरेलू, कामकाजी एवं स्कूल जाने वाली लड़कीयाँ एवं महिलाए भाग लेगी। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती जूही सिंह (अध्यक्ष-बाल अधिकार आयोग) रहेगीं एवं बाल आयोग की सदस्य श्रीमती नाहिद लारी भी उपस्थित रहेगी। अतिथि में श्रीमती सत्यासिंह (सी0आई0डी0 अधिकारी) एवं सी0ओ0 हजरतगंज, सी0ओ0 महानगर उपस्थित रहेगे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्त कर उनकी सुरक्षा में भागीदारी सुनिश्चित कर के लखनऊ शहर को देश का सबसे सुरक्षित शहर बनाना है।
महोदय, आपसे अनुरोध है कि कृपया अपने प्रेस के प्रतिनिधि को भेज कर इस जनसभा की कवरेज कराने की कृपा करें। जिससे समाज में महिलाओं की सुरक्षा हेतु भागीदारी सुनिश्चित होगी। लखनऊ शहर को देश का सबसे सुरक्षित शहर बन सकेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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स्वाइन फ्लू - डरें नहीं - बचाव करें।

Posted on 23 February 2015 by admin

हर तरफ स्वाइन फ्लू की ही चर्चा है। हर व्यक्ति भयभीत है कि कहीं उसे भी स्वाइन फ्लू न हो जाये। पिछले वर्षों में भी स्वाइन फ्लू की घटनायें प्रकाश में आई थी परन्तु इस बार प्रकोप कुछ ज्यादा ही है। इस बार स्वाइन फ्लू देश के 18 राज्यों में फैलने की खबर है। समाचार-पत्र एवं न्यूज चैनल स्वाइन फ्लू की खबरों से भरे पड़े है। सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी से चिंतित है और इसकी रोक थाम एवं उपचार के लिये हर संभव उपाय कर रही हैं फिर भी जनता दशहत में है। वैसे तो स्वाइन फ्लू वायरस जनित रोग है परन्तु हर फ्लू स्वाइन फ्लू नहीं होता है इसलिये घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे बचाव एवं उपचार पूरी तरह संभव है परन्तु सतर्क एवं सावधान रहने की जरूरत है।
क्यों होता है स्वाइन फ्लू:-
आमतौर पर यह बीमारी एच 1 एन 1 वायरस के कारण फैलती है।
कौन ज्यादा प्रभावित हो सकते हंै:- ?
गर्भवती महिलायें, बच्चे, बृद्ध, डायविटीज रोगी, एच0आई0वी0 रोगी, दमा के रोगी व्रांकाइटिस के रोगी, नशे के लती, कुपोषण, एनीमिया एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्र्रसित लोगों के इससे प्रभावित होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है।
कैसे फैलती है यह बीमारी:- ?
स्वाइन फ्लू का संक्रमण किसी स्वाइन फ्लू के रोगी के सम्पर्क में आने पर होता है। यह रोगी व्यक्ति से हाथ मिलाने, खांसने, छीकने या सामने से या नजदीक से बात करने से होता हैं श्वसन-तंत्र के रास्ते से स्वाइन फ्लू का वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है जिसके कारण स्वाइन फ्लू की बीमारी हो जाती है।
क्या लक्षण है स्वाइन फ्लू बीमारी के:- ?
स्वाइन फ्लू बीमारी के लक्षण सामान्य इन्फ्ल्युंजा की तरह है इसमें तेज बुखार, सुस्ती, सांस लेने में परेशानी, सीने मेें दर्द, रक्त चाप गिरना, खांसी के साथ खून या वलगम, नाखूनों का रंग नीला हो जाना आदि लक्षण हो सकते है। यदि इस प्रकार के लक्षण मिलें तो स्वाइन फ्लू की जांच कराकर उपचार कराना चाहिये।
क्या उपचार है स्वाइन फ्लू का:-
स्वाइन फ्लू का उपचार एलोपैथिक पद्धति के माध्यम से भी किया जा रहा है।
स्वाइन फ्लू का होम्योपैथी से बचाव एवं उपचार:-
होम्योपैथी में जब रोग फैल रहा होता है और जिस प्रकार के लक्षण ज्यादातर रोगियों में मिलते हैं उसी को ध्यान में रखकर जीनस इपिडिमकस का निर्धारण कर बचाव के लिये औषधि का का चयन किया जाता है। इसके बचाव में आर्सेनिक एल्व 200 एवं इन्फ्ल्युजिनम 200 औषधियां कारगर साबित हो सकती हैं। होम्योपैथी में रोगी के लक्षणों के आधार पर औषधि का चयन किया जाता है। हर रोगी की दवा अलग-अलग होती है। इसलिये प्रशिक्षित होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह पर ही होम्योपैथिक औषधि का प्रयोग करना चाहिये।
कैसे करें स्वाइन फ्लू से बचाव:-
क्या करें क्या न करें -
-    खांसते या छीकतें समय मुंह पर हाथ या रूमाल रखें।
-    खाने से पहले साबुन से हाथ धोयें।
-     मास्क पहन कर ही मरीज के पास जायें।
-     साफ रूमाल से मुुंह ढके रहें।
-    खूब पानी पियंे व पोषण युक्त भोजन करें।
-     मरीज से कम से कम एक हाथ दूर रहें।
-     भीड़-भाड़ इलाकों में न जाये।
-     साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखें।
-     यदि लक्षण दिखें तो तुरन्त चिकित्सक से सलाह लें।
स्वाइन फ्लू से धबराये नहीं इससे बचाव के लिये पूरी सावधानी रखें और यदि लक्षण दिखायी पड़ें तो तुरन्त चिकित्सक की सलाह लें। अपने आस-पास के लोगों को इससे बचाव की जानकारी दें तभी स्वाइन फ्लू की समस्या से निजात पायी जा सकती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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जाडे के स्वास्थ्य के लिये लाभप्रद मौसम के बाद जब जाडा समाप्त हो रहा हो और गर्मी का मौसम दस्तक दे रहा हो तब अस्पतालों मेें भीड़ बढ़ जाती है।

Posted on 23 February 2015 by admin

जाडे के स्वास्थ्य के लिये लाभप्रद मौसम के बाद जब जाडा समाप्त हो रहा हो और गर्मी का मौसम दस्तक दे रहा हो तब अस्पतालों मेें भीड़ बढ़ जाती है। इस बदलते मौसम में ज्यादातर लोग वायरल फीवर, सर्दी जुकाम, फ्लू, खांसी, गले की खराश, थकान आदि से पीडि़त रहते हैं। परन्तु यदि हम थोड़ी सी सावधानी रखे खाने-पीने पर नियंत्रण रखें तथा होम्योपैथिक दवाइयों का प्रयोग करें तो इस मौसम की बीमारियों से बचा जा सकता है।
जाड़े के बाद जब गर्मी का मौसम शुरू हो रहा होता है वातावरण का तापक्रम घटता-बढ़ता रहता है, रात में ठन्ड एवं दिन में मौसम गर्म रहता है यह मौसम वायरस एवं जीवाणु के फैलने के लिये बहुत ही मुफीद रहता है। वायरस बुखार में तेज बुखार, आंख से पानी, आंख लाल, शरीर में दर्द, एंेठन, कमजोरी, कब्ज या दस्त, चक्कर आना, कभी-कभी मिचली के साथ उल्टी भी हो सकती है तथा कंपकपी के साथ बुखार चढ़ना आदि लक्षण हो सकते हैं। सामान्यतया वह बुखार तीन से सात दिन में ठीक हो जाता है परन्तु कभी-कभी यह बुखार ज्यादा दिन तक भी चल सकता है। इस बुखार से बचाव के लिये आवश्यक है कि साथ सफाई रखें, तथा रोगी से सीखे सम्पर्क से बचें, रोगी को हवादार कमरे में रखें तथा सुपाच्य भोजन दें। यदि बुखार ज्यादा हो तो साधारण साफ पानी से पट्टी करें। वायरल बुखार के उपचार में जहां ऐलोपौथिक दवाइयां अपनी असमर्थता जाहिर कर देती हैं वहीं पर होम्योपैथिक दवाइयां पूरी तरह रोगी को ठीक कर देती है वायरल फीवर के उपचार में जेल्सीमियम, डल्कामारा, इपीटोरियम पर्फ, बेलाडोना, यूफ्रेसिया, एलीयम सिपा, एकोनाइट आदि दवाइयां बहुत ही लाभदायक हंै।
इस बदलते मौसम में फ्लू, जुकाम, सर्दी, खांसी की शिकायत बहुत होती है जो कि विषाणुओं एवं जीवाणुओं द्वारा उपरी श्वसन-तंत्र में संक्रमण के कारण होती है जिसके कारण वायरल बुखार से मिलते-जुलते लक्षणों के साथ-साथ अंाख व नाक से पानी आना, आंखों में जलन, एवं छीकें आना आदि लक्षण शामिल है इससे बचाव के लिये इन्फ्ल्युजिनम 200 देकर सर्दी एवं जुकाम से बचा जा सकता है इसके उपचार में लक्षणों के आकार पर होम्योपैथिक दवाइयों का प्रयोग किया जा सकता है।
इस बार इस मौसम में स्वाइन फ्लू भी फैल रहा है इसे बचाव के लिये इन्फ्ल्युजिनम 200 एवं आसेनिक एल्ब 200 का तीन दिन तथा प्रयोग करना चाहिये साथ ही रोगी व्यक्ति से सम्पर्क से बचना चाहिये।
इस मौसम में पौधों में फूूल आदि ज्यादा होते है जिससे उनसे उड़ने वाले पराग कणों से दमा की शिकायत बढ़ सकती है इस लिये पराग कणों एवं धूल .से बचना चाहियें तथा लक्षणों के आधार पर होम्योपैथिक दवाईयां प्रयोग करनी चाहिए।
इस मौसम में होने वाली खांसी में बेलाडोना, ब्रायोनिया, कास्टिकम पल्साटिला, जस्टीशिया, हिपरसल्फ आदि दवाईयां काफी फायदेमंद हो सकती हैं। इस मौसम में जब खांसी का प्रयोग हो तो गरम पानी से गलारा करें तथा ठंडी चीजे खाने से बचना चाहियें।
इसके अतिरिक्त इस मौसम में गले में खराश एवं दर्द की शिकायत भी रहती है इसके लिए बोलाडोना, फाइटोलक्का, एवं कास्टिकम आदि दवाइयों का प्रयोग लाभ दायक है साथ ही तेज बोलने से बचना चाहिये।
इस मौसम थकान बहुत लगती है, कुछ खाने की इच्छा नही होती है इसके जेल्सीमियम एवं रसटाक्स होम्योपैथिक दवाइयों का प्रयोग किया जा सकता है। इस मौसम में तरल एवं सुपाच्य भोजन करना चाहिए तथा तली-भुनी चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिये कोई समस्या होने पर पडोस के प्रशिक्षित होम्योपैथिक चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि बदलते मौसम में सेहत का ध्यान रखेंगी होम्योपैथी की मीठी गोलियां।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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दलित साहित्य पाठ्य पुस्तकांे में शामिल हो-

Posted on 23 February 2015 by admin

डाॅ0 अम्बेडकर महासभा ने आज दलित साहित्य को पाठ्य पुस्तकों में षामिल किए जाने की वकालत की। अम्बेडकर महासभा के सभागार में ’’दलित साहित्य और डाॅ0 तुलसीराम’’ विषय पर आयोजित सेमिनार में विषय प्रवर्तन करते हुए अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष डा0 लालजी प्रसाद निर्मल ने कहाकि दलित साहित्य को प्राथमिक पाठ्षाला से लेकर उच्च षिक्षा के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित करने से दलितों के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में परिवर्तन होगा और उनके सामाजिक, राजनेतिक भागीदारी का मार्ग प्रषस्त हो सकेगा। डा0 निर्मल ने कहा कि दलित साहित्य हाषिए के समाज काक जीवन दर्षन है। यह दलितों का भोगा हुआ यथार्थ है। दलित साहित्य के समावेषन से वंचित वर्गो को मिल रही षासकी सुविधाओं और आरक्षण के प्रति भी आम लोगों के दृष्टिकोण में ठीक उसी प्रकार सकारात्मक परिवर्तत होगा। जैसे कि अमेरिकी समाज में अष्वेतों के प्रति ष्वेतों के नजरिया में परिवर्तन हुआ। डा0 निर्मल ने कहाकि डा0 तुलसीराम की आत्मकथा मुरदहिया और मणिकर्णिका दलित साहित्य में मील का पत्थर है जिसमें दलित वेदना, भेदभाव, भूख, आक्रोष अम्बेडकर, बुद्ध के साथ माक्र्सवाद की विषद व्याख्या भी है। डा0 निर्मल ने कहाकि दलित साहित्य केवल अनुसूचित जाति, जनजाति का साहित्य नही है वरन् यह व्यापकता का साहित्य है यह वंचितों एवं सामाजिक रूप से पिछड़ों का भी साहित्य है।
इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल एवं दलित साहित्यकार माता प्रसाद ने कहाकि दलित साहित्य को मान्यता मिलनी चाहिए क्योकि दलित साहित्य के विना मुख्य साहित्य अधूरा है। इस अवसर पर बोलते हुए लेखक एवं साहित्यकार के0के0वत्स ने कहाकि डा0 तुलसीराम ने अपने लेखन के माध्यम से जातिवादी राजनीति की मुखर आलोचना की और कहाकि जातिवादी राजनीति ने बहुजन की अवधारणा को पूरी तरह समाप्त कर दिया। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रीय भागीदारी आन्दोलन के प्रधान संयोजक पी0सी0कुरील ने कहाकि डा0 तुलसीराम एक प्रखर राजनैतिक चिन्तक, बौद्धिक, साम्यवादी और अम्बेडकरवादी थे। अपर पुलिस महानिदेषक जंगी सिंह ने कहाकि मुर्दहिया डा0 तुलसीराम का आत्मदर्षन है। इस अवसर पर एक प्रस्ताव के माध्यम से दलित साहित्य अकादमी की स्थापना की मांग की गई। प्रो0 टी0पी0 राही ने कहाकि डा0 तुलसीराम हिन्दी के विद्वान थे, उनकी आत्मकथा ’’मुर्दहिया’’ को लखनऊ वि0वि0 में पढ़ने से रोका गया।
इस अवसर पर डाॅ0 तुलसीराम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सेमिनार को  प्रो0 राम नरेष चैधरी, श्री जगत नारायण, डा0सत्या दोहरे,  एस0के0 पंचम, वीरेन्द्र कुमार मौर्य, सुरेष उजाला सोनम, डा0 आकाष आदि ने सम्बोधित किया तथा कार्यक्रम का संचालन श्याम कुमार ने किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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राज्यपाल से मिला महाराष्ट्र से आये मास कम्युनिकेशन के छात्रों का दल

Posted on 21 February 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक से आज राजभवन में प्रो0 अनिल देशमुख के नेतृत्व में मास कम्युनिकेशन विभाग, शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर, महाराष्ट्र से अध्ययन भ्रमण पर निकले 16 सदस्यीय छात्रों के दल ने भेंट किया। छात्रों का यह दल कानपुर और झांसी भ्रमण पर जा चुका है तथा आज पटना के लिये प्रस्थान करेगा। यह दल उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों के भ्रमण पर आया है।
राज्यपाल ने भेंट के दौरान छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में उन्हें आये हुए 7 माह का समय हो गया है। उत्तर प्रदेश कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। यह भगवान राम और कृष्ण की जन्म भूमि है, भगवान बुद्ध ने अपना प्रवचन यहां के सारनाथ से प्रारम्भ किया था। यहां अनेक नदियां हैं और जमीन काफी उपजाऊ है। प्रदेश राजनीतिक दृष्टि से भी बहुत सक्रिय है और देश को अब तक नौ प्रधानमंत्री दिये हैं। वर्तमान प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी भी वाराणसी की लोकसभा सीट से सांसद है।
श्री नाईक ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने बहुत ख्याति अर्जित की। इलाहाबाद, वाराणसी, लखनऊ, अलीगढ़ जैसे विश्वविद्यालय पूरे देश में विख्यात है। यहां 24 राजकीय विश्वविद्यालय व संस्थान हैं, जिनके वे कुलाधिपति व कुलाध्यक्ष हैं। प्रदेश में शिक्षा के स्तर को गुणवत्तायुक्त बनाने के लिये वे बराबर विश्वविद्यालयों से सम्पर्क बनाये रखते हैं और समय पर डिग्री बांटी जाये इसके लिये विधिवत दीक्षान्त कैलेन्डर बनाया गया है। सभी दीक्षान्त समारोह माह फरवरी के अंत तक पूरे हो जायेंगे।
राज्यपाल ने बताया कि वे पांच वर्ष तक अकेले पेट्रोलियम मंत्रालय संभालने वाले मंत्री हैं। उन्होंने मंत्रालय में रहते हुए जनहित से जुड़े मुद्दे पूरी प्रमाणिकता एवं कर्तव्यनिष्ठा के भाव से किया, जिसके कारण गैस सिलेन्डर की लम्बी प्रतीक्षा सूची तो समाप्त हुई और लाखों की तादाद में नये कनेक्शन भी देश के लोगों को मिले। लोगों की सुविधा के लिये छोटे गैस सिलेन्डर की शुरूआत की गई। उन्होंने कुष्ठ पीडि़तों व उनके परिवार जनों की दैयनीय स्थिति देखते हुए उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लियेे संघर्ष किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके सुझाव पर 40 प्रतिशत विकलांग कुष्ठ पीडि़त को 2500 रूपये प्रति माह निर्वहन भत्ता देने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री ने भी आश्वस्त किया है कि कुष्ठ पीडि़तों की समस्याओं के समाधान के लिये कल्याणकारी निर्णय लिये जायेंगे।
श्री नाईक ने बताया कि 20 वर्ष पूर्व उन्हें कैंसर रोग हुआ था, अपनी इच्छा शक्ति और परिवार के सहयोग से रोग पर विजय प्राप्त किया। पूर्णतया स्वस्थ होने के बाद अनेक संस्थायें उन्हें कैन्सर पीडि़तों में उत्साह बढ़ाने के लिये आमंत्रित करती हैं, जहां वे जाते भी हैं। उन्होंने विदेश में इलाज न कराकर अपने देश के चिकित्सकों पर भरोसा जताया और मुंबई में अपना सफल इलाज कराया। उन्होंने अपने जीवन से जुड़े अनेक संस्मरण भी बताये और छात्रों के भावी जीवन के लिये शुभकामनाएं भी दीं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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इसुजु ने लखनऊ में की एक नए डीलरशिप (स्पीड इसुजु) की शुरुआत

Posted on 21 February 2015 by admin

इसुजु मोटर्स, जापान (दुनिया के सबसे बड़े काॅमर्शियल वाहन निर्माताओं में से एक और पिक-अप ट्रकों के मामले में अग्रणी) की सब्सिडियरी इसुजु मोटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आज लखनऊ में एक नए डीलरशिप ”स्पीड इसुजु“ की शुरुआत कर उत्तर प्रदेश में अपने कदम रख दिए। नया डीलरशिप “स्पीड इसुजु“ फैजाबाद रोड, चिनहट, लखनऊ-227105 उत्तर प्रदेश में बहुत ही सुविधाजनक स्थान पर खोला गया है ताकि ग्राहकों को इस श्रेणी का सर्वश्रेष्ठ सेल्स और सर्विस सपोर्ट दिया जा सके।
इस अवसर पर इसुजु मोटर्स इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री ताकाशी किकुची ने कहा, ”हम उत्तर भारत में अपनी पहुंच को आक्रामक तरीके से बढ़ा रहे हैं और देश के इस हिस्से में ऊंचे प्रदर्शन वाले काॅमर्शियल और यात्री वाहनों तथा लाइफस्टाइल आधारित पिक-अप की बढ़ती मांग की वजह से ऐसा संभव हो रहा है। लखनऊ, यूपी का काॅमर्शियल केंद्र बनता जा रहा है जिसकी वजह से हम यहां अपने ग्राहकों के लिए अपनी श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ वाहनों की पेशकश करने में समर्थ हो सकेंगे। हमें स्पीड मोटर्स के साथ साझेदारी कर खुशी हो रही है और हम मिलकर इस इलाके में अपनी मजबूती का फायदा उठा सकेंगे।“
स्पीड इसुजु के डायरेक्टर श्री संदीप नारायण ने कहा, ”हमें इसुजु मोटर्स के साथ जुड़ने में खुशी हो रही है जो काॅमर्शियल और पैसेंजर वाहनों की दुनिया की अग्रणी निर्माता है। इस डीलरशिप के माध्यम से हमारी योजना इसुजु के विश्वविख्यात पिक-अप ट्रकों और स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकल्स के बेहतरीन रेंज को देश के इस हिस्से में लाने की है। हम इसुजु के अपने सभी ग्राहकों को सर्वश्रेष्ठ सेल्स और सर्विस सहयोग भी देंगे।“
अवाॅर्ड विजेता इसुजु डी-मैक्स में एक हैवी-ड्यूटी चेसिस, “भारी लोड को संभालने के लिए“ एक बड़ा कार्गो बेड है और इसकी बाॅडी अत्यंत लचीले स्टील से बनाई गई है। बाहर से इसका लुक काफी बोल्ड और आक्रामक दिखता है और इंटीरियर काफी परिष्कृत, यात्री वाहनों जैसा है, जिससे इसके मालिक गौरव का अनुभव करते हैं।

भारत में बिल्कुल नई अवधारणा पेश करते हुए नए डी-मैक्स स्पेस कैब में एक खास विशेषता यह है कि ड्राइवर की सीट के पीछे 1.5 फुट का अतिरिक्त केबिन स्पेस दिया गया है, जिसमें कीमती/नाजुक सामान रखे जा सकते हैं। इसमें पावर स्टीयरिंग, पावर विंडो, सेंट्रलाइज्ड डोर लाॅक, हीटर के साथ एसी आदि महत्वपूर्ण विशेषताएं दी गई हैं जिससे यह कृषि, रिटेल, डेयरी, इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग जैसे उद्योगों और छोटे कारोबारों में काॅमर्शियल इस्तेमाल के लिए बिल्कुल आदर्श वाहन बन गया है।

एमयू-7 को इसुजु की डीजन-इंजन में विशेषज्ञता विरासत में मिली है और इसमें बेहतरीन ईंधन किफायत और जबर्दस्त इंजन प्रदर्शन भी है। तीन मीटर का व्हील बेस होने से एमयू-7 भारत का सबसे लंबा एसयूवी हो गया है जिसका इंटीरीयिर काफी लग्जरियस है और पर्याप्त जगह मुहैया करता है।

एमयू-7 बीएस-4 की कीमत 21.84 लाख रुपए (एक्स-शोरूम, उत्तर प्रदेश) से और डी-मैक्स रेंज की कीमत 6.44 लाख रुपए (एक्स-शोरूम, उत्तर प्रदेश) से शुरू होती है।

इसुजु की योजना वर्ष 2015-16 के अंत तक पूरे भारत में 60 आउटलेट खोलने की है। फिलहाल इसुजु के डीलर दिल्ली, नोएडा, जयपुर, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोयम्बटूर, मदुरै, विशाखापट्टनम, तिरुपति, कोचीन, कालीकट, अहमदाबाद, राजकोट, लुधियाना और लखनऊ में हैं। कंपनी ने दो दिन पहले ही लुधियाना डीलरशिप की शुरुआत की है। कल गुड़गांव में एक नये डीलरशिप की शुरुआत होगी।

इसुजु मोटर्स (इंडिया) के बारे में

इसुजु मोटर्स लिमिटेड, जिसका हेडक्वार्टर जापान के टोक्यो में है, हल्के वाणिज्यिक वाहन, वाणिज्यिक वाहन, यूटिलिटी व्हीकल और डीजल इंजन की एक वैश्विक निर्माता कंपनी है। इसका परिचालन 25 देशों में है और इसके वाहन विश्व के 100 से अधिक देशों में बेचे जाते हैं। इसुजु हल्के वाणिज्यिक वाहन के मामले में विश्व की अग्रणी कंपनी है। कंपनी विश्व भर में सालाना 6 लाख वाहन बनाती और बेचती है और जहां कहीं इसका परिचालन है वहां के ज्यादातर महत्वपूर्ण बाजारों में यह पिक-अप ट्रक और हल्के वाणिज्यिक वाहनों की श्रेणी में अग्रणी है।
इसुजु मोटर्स लिमिटेड, जापान की सहयोगी इकाई इसुजु मोटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना तमिलनाडु के चेन्नई में अगस्त 2012 में हुई थी। इसका हेडक्वार्टर चेन्नई में है और क्षेत्रीय कार्यालय नई दिल्ली में। वर्तमान में हिंदुस्तान मोटर्स (एचएमएल) के साथ इसुजु का कान्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग एग्रीमेंट है जिसके अंतर्गत इसुजु के स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकल एमयू-7 और पिक-अप ट्रक डी-मैक्स के सीकेडी किट्स की काॅन्ट्रैक्ट एसेंब्लिंग एचएमल चेन्नई के थिरुवल्लूर प्लांट में करती है।

इसुजु ने आंध्र प्रदेश के चितूर के टीएडीए, श्रीसिटी स्थित प्रस्तावित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में काम शुरू कर चुकी है। भारत में आॅटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का परिचालन शुरू करने के लिए कंपनी ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद साल 2013 में 107 एकड़ भूमि अधिग्रहित किया था। इस नई सुविधा ये वाणिज्यिक परिचालन 2016 की शुरुआत में आरंभ हो जाएगा और इसकी शुरुआती उत्पादन क्षमता 50,000 इकाई प्रति वर्ष होंगी। इसुजु उत्पादन क्षमता को बढ़ा कर 1,20,000 इकाई प्रति वर्ष करेगी और इसके लिए 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके साथ ही कंपनी 2,000-3,000 नई नौकरियों का सृजन भी करेगी। इंसुजु मोटर्स इंडिया की योजना है कि 2016 में उत्पादन शुरू होने के तीन साल के भीतर 100 प्रतिशत लोकैलाइजेशन प्राप्त कर लिया जाए। भारतीय बाजार के प्रति लंबे समय की प्रतिबद्धता के लिए इसुजु का यह कदम सराहनीय है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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अवैध खनन से छलनी धरती का दर्द क्यों नहीं दिख रहा सपा सुप्रीमो को ? - डा0 चन्द्रमोहन

Posted on 20 February 2015 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि अवैध खनन की भीषण मार से पूरा उत्तर प्रदेश कराह रहा है लेकिन यह आश्यर्च की बात है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने इस तरफ से अपना मुंह क्यों मोड़ रखा है? बुंदेलखंड के जिले महोबा में कबरई ब्लॉक में पंचपहड़ा और गंगा मैया की पहाडियों को सपा सरकार में संरक्षण प्राप्त खनन माफियाओं ने पूरी तरह से खोखला कर दिया है।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सरकारी संरक्षण प्राप्त इन माफियाओं ने पूरे बुंदेलखंड की खनिज संपदाओं पर अवैध कब्जा कर रखा है। महोबा की ही चरखारी ब्लॉक में सफेद पत्थरों और टेल्कम पाउडर के निर्माण के लिए प्रसिद्व गौरा की पहाड़ी अवैध खनन ने इसके अस्तित्व पर ही संकट पैदा कर दिया है। इसी पहाड़ी पर बसे गौराहरी गांव के मकान अवैध खनन की भेंट चढ़ चुके हैं और पिछले एक वर्ष के भीतर यहां डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अवैध खनन को सपा सरकार के संरक्षण की बात इससे भी साफ हो जाती है कि हमीरपुर में बक्छा गांव में खनन का पट्टा लखनऊ के गोमतीनगर में रहने वाली एक महिला को दिया गया है। सपा सरकार के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री की करीबी इस महिला के खनन पट्टे तक अवैध रूप से ट्रक पहुंचाने के लिए चित्रकूट धाम के कमिश्नर कार्यालय ने सारे नियम कानून को ताक पर रख दिया है। बेखौफ खनन माफियाओं ने पूरी केन नदी को बंधक बना लिया है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि नदियों के किनारे रहने वाली अति पिछड़ी जातियों की जमीनों पर हो रहे अवैध खनन ने इनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा कर दिया है। खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति लोकायुक्त की जांच में फंस रहे हैं तो वे ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ की तर्ज पर लोकायुक्त जैसी संवैधानिक संस्था पर ही आरोप लगा रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि एक साप्ताहिक मैगजीन को दिए गए साक्षात्कार में गायत्री प्रसाद प्रजापति द्वारा लोकायुक्त पर बीजेपी के प्रभाव में आकर काम करने का आरोप लगाना बेहद गंभीर मामला है। साक्षात्कार में प्रजापति ने लोकायुक्त जस्टिस एन. के. महरोत्रा के खिलाफ जैसी भाषा का प्रयोग किया है उसकी मिसाल केवल सपा सरकार में ही मिल सकती है। भ्रष्टाचार पर उंगली उठने पर प्रदेश सरकार के मंत्री बौखला गए हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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आज भारतीय जनता पार्टी, कानपुर महानगर में चल रहे 2014-15 के सदस्यता अभियान के अन्र्तगत अन्तिम चरण के विशेष सदस्यता अभियान 21 से 28 फरवरी के लिये एक विशेष बैठक श्री सुरेन्द्र मैथानी जी के अध्यक्षता में हुयी।

Posted on 20 February 2015 by admin

आज भारतीय जनता पार्टी, कानपुर महानगर में चल रहे 2014-15 के सदस्यता अभियान के अन्र्तगत अन्तिम चरण के विशेष सदस्यता अभियान 21 से 28 फरवरी के लिये एक विशेष बैठक श्री सुरेन्द्र मैथानी जी के अध्यक्षता में हुयी। बैठक में तय किया गया कि 21 तक सभी मण्डलों की बैठक कराकर सदस्यता अभियान को गति प्रदान करायी जाय तथा नवनियुक्त विस्तारक सभी बैठको में भाग लेगे तथा सातो दिन वही प्रचार करके मण्डल अध्यक्ष, मण्डल सदस्यता प्रभारी के साथ मिलकर सदस्यता करायेगे। श्री मैथानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि सभी वार्डो में पाषर्द चुनाव हेतु दावेदार एंव वर्तमान पार्षदों को भी अपने-अपने वार्ड में 21 से 28 के बीच में अधिक से अधिक जो सदस्यता का लक्ष्य पूर्ण करना है। वार्ड में अधिकतम सदस्यता करने वाले सम्मानित कार्यकर्ता को मजबूत दावेदार माना जायेगा। 21 जिले के अन्र्तगत 1000 व 1000 से अधिक सदस्य बनाने वाले को प्रदेश नेतृत्व द्वारा सम्मानित करके सम्मान पत्र दिया जायेगा।
आज की बैठक के मुख्य बिन्दु निम्न है-
(1)    28 के बाद सक्रिय सदस्य के लिये व्यक्तिगत सदस्यों के फार्म नही जमा होंगे।
(2)    21 से 28 तारीख के दिन के प्राथमिक नम्बर को ही मान्यता मिलेगी।
(3)    सूची जाँचने के उपरान्त ही सक्रिय सदस्य प्रदेश द्वारा बनाया जायेगा।
(4)    प्रत्येक मण्डलों को चार फाइले बनाना अनिर्वा है (1) व्यक्तिगत (2) बूथ (3) कैम्प (4) प्रबुद्व वर्ग
बैठक का संचालन श्री भूपेन्द्र त्रिपाठी जी ने किया। धन्यवाद श्री कौशल दीक्षित जी ने किया। बैठक में विनोद शुक्ला, सुरेश गुप्ता, सत्येन्द्र मिश्रा, अजीत जैन, चिन्ता सिंह चन्देल, सुनील बजाज, अनीता गुप्ता, उपेन्द्र पासवान, एस॰डी प्रजापति, अतुल मिश्रा, प्रमोद विश्वकर्मा, प्रमोद सिंह, अनिल दीक्षित, मुकुन्द मिश्रा, वीरेश त्रिपाठी, अनुपम मिश्रा, विजय मिश्रा, रमाशंकर अग्रहरि, सुनील श्रीवास्तव, अमन शुक्ला, सचिन शुक्ला, सूरज मिश्रा, सौरभ शुक्ला, सतीश तिवारी, अभिवन बाजपेयी, रवि प्रकाश ंिसह, आदि लोग रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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