Posted on 11 March 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैंं कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं वन नियमावली 2008 के कि्रयान्वयन हेतु प्रावधानों के अन्तर्गत राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक अवश्य आयोजित करार्इ जाय। अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी पात्र लोगों तक पहुंचाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार ग्राम स्तर पर कराया जाय। ताकि जंगल में रहने वाले व्यकितयों द्वारा अधिकाधिक जमीन पर वृक्षों को काटकर कब्जा करने का प्रयास न किया जाय। उन्होंंंने यह भी निर्देश दिए कि अधिनियम के अंर्तगत भारत सरकार की वेबसाइट पर प्राप्त दावों तथा वितरित की गर्इ टार्इटिल का विवरण अपलोड हेतु अपेक्षित कार्यवाही न होने पर संबंधित जिलाधिकारियों सें स्पष्टीकरण प्राप्त करेंं। उन्होंंने कहा कि विगत वषाेर्ं से लंबित प्रकरणों का निस्तारण यथाशीघ्र कराकर आगामी बैठक मे प्रस्तुत किया जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिए कि प्रदेश के 12 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने के संबंध में लंबित प्रकरण के निस्तारण की कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराकर राजस्व ग्राम घोषित कराये जाने की कार्यवाही नियमानुसार सुनिशिचत करार्इ जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारोंं की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं वन नियमावली 2008 के कि्रयान्वयन हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने संंबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्ययोजना के अनुसार वांंछित कार्यवाही शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करार्इ जाय तथा निर्धारित प्रारूप का प्रत्येक माह की सात तारीख को मासिक प्रगति निदेशालय को अवश्य उपलब्ध करार्इ जाय। उन्हाेंंने कहा कि जिन जनपदों में लंबित दावों के निस्तारण की कार्यवाही संतोषजनक नही है उन जनपदों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर प्रस्तुत किया जाय। उन्होंने भारत सरकार की वेबसाइट पर समस्त दावों को अपलोड किये जाने की प्रगति की समीक्षा करते हुए जनपद लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर, सोनभद्र, महराजगंज, चन्दौली तथा सहारनपुर में प्रगति संतोषजनक न होने पर संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्धारित अवधि के अंदर वांछित कार्य पूर्ण कराये जाएं अन्यथा संंबंधित अधिकारी दणिडत किये जायेंगे।
बैठक में प्रमुख सचिव, समाज कल्याण श्री सुनील कुमार, प्रमुख सचिव राजस्व श्री के0 एस0 अटोरिया सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारीगण उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 10 March 2014 by admin
सुनिशिचत करना होगा कि गरीबों को नि:शुल्क विधिक सेवाएं मिलें और वे न्याय से वंचित न रहें भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी0 सथाशिवम ने आज यहां संविधान में निहित प्राविधानों का उल्लेख करते हुए नि:शुल्क विधिक सेवा उपलब्ध कराने हेतु अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी तथा कहा कि नि:शुल्क विधिक सहायता के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लखनऊ के इस सम्मेलन में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सुविधा प्रदान करने पर विस्तार से विचार किया जायेगा। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि इस सम्बन्ध में सभी सम्बनिधत संस्थाओं द्वारा पर्याप्त प्रयास किये गये हैं। न्याय प्रदान किये जाने हेतु सभी सम्बनिधत स्टेक होल्डर को महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी है तथा यह कार्य संविधान में निहित भावना के अनुरूप तहसील से लेकर उच्चतम न्यायालय तक किया जाना है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी0सथाशिवम ने यह बात आज लखनऊ के गोमतीनगर सिथत इनिदरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के 12वें अखिल भारतीय सम्मेलन के उदघाटन अवसर पर कही। उन्होंने सम्मेलन का उदघाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री डी0वार्इ0चन्द्रचूड़ के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत में पीठासीन अधिकारियों का योगदान महत्वपूर्ण है तथा उन्हें सुलह समझौते के आधार पर वादोें का निस्तारण करना चाहिए तथा सुलह के दौरान सभी पक्षों को समान अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने नवम्बर, 2013 में राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता का उल्लेख किया तथा कहा कि इस लोक अदालत के माध्यम से 71 लाख से अधिक वादों का निस्तारण किया गया है तथा परिवारिक वादों के सम्बन्ध में भी इस तरह की लोक अदालतों के आयोजन की आवश्यकता है। उन्होंने विधिक सेवाओं को समाज के कमजोर वगोर्ं तक पहुंचाये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि मुख्य एजेन्डा यह होना चाहिए कि विधिक सहायता उन वर्गों तक पहुंचार्इ जाये जो न्याय के दरवाजे तक नहीं पंहुच सकते हैं। मीडिया, सामाजिक संगठनकार्यकर्ता तथा अधिवक्ताओं को इसके सम्बन्ध में सविंधान की भावना के तहत सक्रिय भूमिका अदा करनी चाहिए। विधिक सेवा कोर्इ दान नहीं है बलिक यह लोगों का अधिकार है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों को विधिक साक्षारता शिविर ऐसे स्थानों पर जहां झुग्गी-झोपड़ी हाें, मजदूरों की कालोनी हो तथा पिछड़े क्षेत्रों में आयोजित कराना चाहिए जिससे कि लोग अपने विधिक अधिकारों तथा नि:शुल्क विधिक सेवा के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।
उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने विधिक जानकारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समाज में इसके प्रति जागरूकता बढ़ने से बुराइयों को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद में जजों की स्वीकृत संख्या 160 है, किन्तु वर्तमान में कुल संख्या सिर्फ 91 है। आधारभूत सुविधाओं की कमी के कारण राज्य में नि:शुल्क विधिक सहायता जैसा की संविधान में अपेक्षित है उपलब्ध नहीं हो पा रही है। भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा इस बात पर भी जोर दिया गया कि न्यायपालिका के समक्ष आाधारभूत सुविधाओं की कमी तथा स्टाफ की भी कमी है, जिसके कारण न्याय प्रदान किये जाने में असुविधा होती है तथा न्याय का उददेश्य नहीं प्राप्त हो पाता है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की मौजूदा संख्या का 25 प्रतिशत और बढ़ाये जाने की अपेक्षा की गर्इ।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने सामाजिक न्याय के महत्व तथा विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला और समाज के गरीबों, अनपढ़ तथा अन्य पिछड़े वर्गों को नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि हमें सुनिशिचत करना होगा कि गरीबों को नि:शुल्क विधिक सेवायें मिलें और वे न्याय से वंचित न रहें।
श्री यादव ने हाल ही में सम्पन्न राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि 12 अप्रैल, 2014 में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए सभी विभागों को आवश्यक निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि इस लोक अदालत की सफलता के लिए प्रत्येक विभाग में नोडल अधिकारी नामित करने का निर्देश दिए गए हैं, जबकि राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव न्याय को नोडल अधिकारी नामित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के अनितम व्यकित को जटिल न्यायिक प्रक्रिया से उबारते हुए सुलभ न्याय दिलाना हम सबके लिए एक चुनौती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हम सभी अपने गुरूतर दायित्व का निर्वहन करते हुए प्रत्येक विधिक सेवा संस्थान पर प्रभावी पर्यवेक्षण सुनिशिचत करेंगे तथा सभी के सकारात्मक प्रयास से इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रख्यापित विधिक योजनाओं के सम्यक क्रियान्वयन में हर संभव सहयोग दिया जाएगा और समस्त योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु किए जाने वाले प्रयासों में कोर्इ कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमें वंचित वर्गों में नि:शुल्क कानूनी सेवाओं के प्रति जागरूकता उत्पन्न करनी होगी। उन्हाेंने इस अवसर पर पधारे सभी न्यायाधीशगण का स्वागत भी किया।
इस अवसर पर गेस्ट आफ आनर उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री आर.एम. लोढ़ा (जो राष्ट्रीय विधिक सेवा के कार्यकारी अध्यक्ष हैं) ने कहा कि इस तरह का पहला सम्मेलन 1998 में नर्इ दिल्ली में आयोजित किया गया था तथा वर्तमान सम्मेलन 08 मार्च, ”महिला दिवस पर यहां आयोजित किया गया है उत्तर प्रदेश जनसंख्या में सबसे बड़ा राज्य है। उन्होने इस सम्मेलन को आयोजित करने हेतु आभार व्यक्त किया तथा संविधान में उलिलखित न्याय की मूल भावना पर जोर देते हुए कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि कोर्इ भी व्यकित अन्याय का शिकार न हो। उन्होंने इस अवसर पर लंबित मुकदमों की संख्या को कम करने हेतु प्रीलिटिगेशन पर जोर दिया। लोक अदालत तथा मीडिएशन द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है किन्तु प्रीलिटिगेशन सुलह को अपनाये जाने की आवश्यकता है तथा इस कार्य में सभी भागीदारों को जागरूक किये जाने की आवश्कता है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रतिपादित उददेश्यों को लागू करने में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों को और कार्य करना होगा। उन्होंने इस अवसर पर यह भी बल दिया कि विधिक साक्षारता समाज के कमजोर लोगों को उपलब्ध कराना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इस अवसर पर उन्होंने ग्राम स्तरीय केयर और सहयोगी केन्द्र के उदघाटन के बारे में अपने अनुभवों से अवगत कराया तथा इन केन्द्रों को बढ़ाये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह भी कहा कि न्याय को समाज के कमजोर वर्गों तक पहुंचाये जाने की आवश्यकता है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक ने अपने की-नोट एड्रेस में संविधान की प्रस्तावना तथा अनुच्छेद 39ए पर बल दिया तथा कहा कि इसके माध्यम से राज्यों को न्याय के उददेश्य हेतु कार्य करना चाहिए तथा यह सुनिशिचत करना चाहिए कि न्याय की प्रापित हेतु किसी भी आर्थिक व सामाजिक वर्ग के अधिकारों को न छोड़ा जाये। माननीय न्यायमूर्ति द्वारा यह भी कहा गया कि नि:शुल्क विधिक सहायता के सम्बन्ध में पर्याप्त जानकारी न होने के कारण भी लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पाता है। अत: लोगों को जागरूक किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि उचित एवं योग्य व्यकितयों की सहायता से विधिक सहायता उपलब्ध करार्इ जानी चाहिए। इस अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति द्वारा अन्य विकल्पों, जिनके माध्यम से वादों का त्वरित निस्तारण हो सकता है, पर जोर दिया तथा दण्ड प्रकि्रया संहिता में उलिलखित प्रीबारगेनिंग स्कीम पर बल दिया गया।
मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय इलाहाबाद न्यायमूर्ति डा0 धनन्जय यशवंत चन्द्रचूड़ ने अपने स्वागत भाषण में लोक अदालत द्वारा निर्णीत वादों तथा विधिक साक्षरता शिविर तथा क्षतिपूर्ति दिलाये जाने का विवरण प्रस्तुत करते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद तथा खण्ड पीठ लखनऊ में दायर तथा निर्णित वादों का विवरण भी प्रस्तुत किया। उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा किये गये कार्यों की प्रशंसा करते हुए अन्य न्यायिक सहभागीदारों की भूमिका पर जोर दिया, ताकि कानून का शासन स्थापित हो तथा सभी को विधिक सहायता प्रदान की जा सके। उन्होंने अवस्थापनागत समस्याओं के हल पर जोर दिया।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री सुनील अम्बवानी ने अतिथिगण का स्वागत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि संविधान की भावना के अनुरूप सभी जरूरतमंदों को सुलभ न्याय उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने इस अवसर पर उ0प्र0 विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किये गये कार्यों का विशेष रूप से उल्लेख किया।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश श्री उमा नाथ सिहं द्वारा अतिथिगण का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। उदघाटन कार्यक्रम का संचालन श्री राजीव महेश्वरम, उप सचिव, उ0प्र0 विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा किया गया।
दिनांक 08 व 09 मार्च, 2014 को आयोजित होने वाले 12वें अखिल भारतीय सम्मेलन का उददेश्य, विस्तृत चर्चा के आधार पर आमजन को विधिक सेवा संस्थाओं के माध्यम से किस प्रकार से अधिक से अधिक नि:शुल्क विधिक प्रसुविधाओं की अनुमन्यता सुनिशिचत हो सके, के सम्बन्ध में नीतिगत विनिश्चयन करना है। इसके अतिरिक्त उक्त कार्यक्रम में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सम्पूर्ण राष्ट्र में वर्ष 2014-15 मे नालसा द्वारा कि्रयानिवत करायी जाने वाली योजनाओं की रूपरेखा तैयार की जायेगी। नालसा की केन्द्रीय प्राधिकरण की बैठक भी होगी। उत्तर प्रदेश के समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के अध्यक्षजिला न्यायाधीश एवं सचिवसिविल जज (सीनियर डिवीजन) प्रत्यक्ष रूप से प्लेनरी सेशन में समस्त राज्य विधिक सेवा प्राधिकराणों के कार्यपालक अध्यक्षगण एवं सदस्य सचिवगण से रूबरू होंगे तथा जमीनी स्तर पर विधमान अवरोधों, आधारभूत संरचना, विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों को लागूू कराने में उत्पन्न भौतिक व वित्तीय पहलुओं के बारे में भी अवगत करायेंगे। किस प्रकार से विधिक सेवा कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके, इस सम्बन्ध में आवश्यक विचार-विमर्श किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव न्याय श्री एस.के. पाण्डेय, प्रमुख सचिव गृह श्री अनिल कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव नियुकित एवं कार्मिक श्री राजीव कुमार, प्रमुख सचिव राजस्व श्री के.एस. अटोरिया, सूचना निदेशक श्री प्रभात मित्तल के अतिरिक्त शासनप्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 10 March 2014 by admin
जिला क्षय रोग कार्यालय में जिला एडस नियन्त्रण सोसायटी व प्रताप सेवा समिति के संयुक्त तत्वाधान में अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि शिव भी पार्वती के विना अधूरे है। जब तक दोनो का सहयोग नही होगा सृषिट की रचना नही हो सकती। डा0 जय प्रकाश ने कहा कि महिलायें ही एच0 आर्इ0 वी0 के दरो मे कमी ला सकती है। पुरूष प्रधान देश में अब भारत नही रह गया है। बलिक अब महिलाओं को पूर्ण रूप से सहभागिता दी गयी है। डा0 वी0 के0 सिंह जिला एडस अधिकारी ने कहा जनपद में कन्या के दरो में कमी आती जा रही है। कुछ दिन बाद सिथति भयावह हो जायेगी । संस्था सचिव विजय विद्राही ने बताया कि केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड द्वारा प्रत्येक जनपद में अन्तराष्ट्रीय महिला सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। आज महिलाओं को नये भारत के लिये कन्या भ्रूणहत्या को रोकने के लिये महिलाओ मे अब निर्णायक की भूमिका मे खड़ी है। वे पुरूषो से किसी भी कार्य में पीछे नही रह गयी है। सुमन पाल ने कहा कि हमें याद रखना होगा कि हमे जन्म देने वाली महिला भी मा होती है।जिसके गोद में सबकुछ सीखते है। इसलिये महिला स्वयं सशक्त है। गोष्ठी में स्वर्ण लता, सरिता यादव, विधि, संजय सिंह आदि ने विचार रखे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 10 March 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने कहा कि खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन से आपस में सामंजस्य एवं मेल-मिलाप में वृद्धि होती है। उन्होेंने कहा कि हर संवर्ग का अधिकारी अपने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में व्यस्त रहने के कारण अन्य संवर्ग के अधिकारियों से मेल-मिलाप बहुत ही कम हो पाता है। उन्होंने कहा कि शासकीय योजनाओं को गति देने और अधिक से अधिक लोगों को लाभानिवत करने हेतु आवश्यक है कि समस्त संवर्ग के अधिकारीगण आपस में अधिक से अधिक सामंजस्य एवं मेल-मिलाप स्थापित करें। यह ऐसी खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन से ही सम्भव है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन और अधिक बेहतर कराने हेतु प्रयास किए जाएं तथा अधिक से अधिक खेल समिमलित कराए जाएं, ताकि अधिकारी अपनी रूचि के अनुसार खेल प्रतियोगिता में भाग ले सकें।
मुख्य सचिव आज सी0एस0आर्इ0 कैम्पस में अखिल भारतीय स्पोर्टस मीट के द्वितीय खेल प्रतियोगिता के समापन के अवसर पर विजयी खिलाडि़यों को पुरस्कृत करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आर्इ0एफ0एस0, आर्इ0पी0एस0 एवं आर्इ0ए0एस0 संवर्ग के अधिकारियों का एक साथ चयन किया जाता है, परन्तु कैडर आवंटित होने के बाद सम्बनिधत अधिकारी अपने शासकीय दायित्वों में व्यस्त हो जाता है, जिसके कारण आपस में मेल-मिलाप बहुत ही कम हो पाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे सामाजिक आयोजन से वरिष्ठ अधिकारियों में आपस में मेल-जोल बढ़ेगा तथा कार्य में गति आएगी।
कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक श्री ए0एल0 बनर्जी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन तथा वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ आर्इ0ए0एस0, आर्इ0पी0एस0 एवं आर्इ0एफ0एस0 संवर्ग के अधिकारीगण उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 10 March 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने त्रुटिपूर्ण विभागीय आंकड़े देने एवं वित्तीय अनियमित्ता करने पर आबकारी विभाग के 03 अधिकारियों को तात्कालिक प्रभाव से निलमिबत कर विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं। इन अधिकारियों में तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी कानपुर नगर श्री विनोद कुमार, तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी आगरा श्री एस.पी. सिंह तथा तत्कालीन आबकारी निरीक्षक कानपुर नगर, सेक्टर-3 श्री मुबारक अली शामिल हैं।
यह जानकारी देते हुए शासन के प्रवक्ता ने बताया कि तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारीसहायक आबकारी आयुक्त जनपद कानपुर नगर श्री विनोद कुमार एवं तत्कालीन आबकारी निरीक्षक कानपुर नगर, सेक्टर-3, सम्प्रति सहायक आबकारी आयुक्त टाक्स फोर्स मुख्यालय श्री मुबारक अली को वास्तविक से लगभग 33 प्रतिशत अधिक आंकड़े प्रस्तुत करने पर निलमिबत कर दिया गया है। इसी प्रकार तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारीसहायक आबकारी आयुक्त जनपद आगरा, सम्प्रति सहायक आबकारी आयुक्त एस.एस.एफ. गोण्डा को भी त्रुटिपूर्ण आंकड़े भेजने के आरोप में निलमिबत किया गया है। प्रथम दृष्टया पाया गया कि इन अधिकारियों द्वारा वर्ष 2011-12 में विदेशी मदिरा एवं बीयर के उपभोग के गलत आंकड़े प्रस्तुत कर गम्भीर वित्तीय अनियमित्ता की गर्इ। इन अधिकारियों को निलमिबत करते हुए विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 10 March 2014 by admin
प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल 08 मार्च, 2014 को के0डी0 सिंह बाबू स्टेडियम में आर्इ0ए0एस0 तथा आर्इ0पी0एस0 अधिकारियों के बीच आयोजित क्रिकेट मैच में बेस्ट बालर का पुरस्कार प्राप्त करते हुए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 10 March 2014 by admin
8 मार्च को अन्तर्राष्ट¬्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के तत्वावधान में देह्तोरा ग्राम सिथत अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी कार्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें ड‚ प्रभा सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने उपसिथतजतनों को महिला दिवस की महता बतार्इ।
अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के संपादक मानसिंह राजपूत एडवोकेट ने कहा कि महिला दिवस का बुनियादी अर्थ हर वर्ग की महिला के स्तर को ऊंचा उठाना है तथा उसकी आवाज को समाज के हर कोने तक मुखर करना है। मानसिंह राजपूत एडवोकेट ने कहा की आज समाज मैं महिलाओं का सशäकिरण बहुत जरूरी है महिला सशäकिरण बहुत बडा शब्द है। महिला सशäकिरण का अर्थ है महिलाओं की आध्यातिमक, शैक्षिक, सामजिक, राजनैतिक और आर्थिक शä मिैं वृधिद करना बिना इसके समाज मैं महिला सशäकिरन संभव नहीं है चाहे आप कितने भी प्रत्यन कर लीजिए। उन्होने कहा कि ”नारी को सम्मान से ज्यादा सहयोग दे ,उन्हें जीवन का सम्पूर्ण भोग करने दे !”
मुख्य अतिथि ड‚ प्रभा सिंह ने महिलाओं के साथ हो रही छेडछाड पर प्रकाश डालते हुए कहा की एक स्त्री होते हुए ऐसा कहना वाकर्इ दिल पर पत्थर रखने जैसा है, लेकिन आज के हालातों को देखकर तो यही कहा जा सकता है। मानती हूं कि सारे पुरुष और समाज के सभी लोग ऐसी सोच वाले नहीं होते और वे नारियों को वह सम्मान देते हैं जिनकी वे हकदार हैं, पर जिस तरह एक सड़ी हुर्इ मछली सारे तालाब को गंदा कर डालती है उसी तरह ऐसा कु—त्य करने वाले पुरुष सारे सभ्य वर्ग के लिए एक कलंक हैं। जिसे मिटाना इन्हीं सभ्य लोगों का कर्तव्य है।
अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के उपसंपादक ब्रहमानंद राजपूत ने उपसिथत महिलाओं से गोष्ठी के दौरान बातचीत करते हुए उनके व्यवसाय तथा क्षेत्र सम्बन्धी जानकारियां प्राप्त कीं तथा विशेष तौर पर उनकी सफलता के कारणों तथा इस स्तर तक पहुंचने के लिए आर्इ बाधाओं की भी जानकारी प्राप्त की ताकि वे इन कठिनार्इयों को समाज की अन्य महिलाओं खासकर पूरे समाज के सामने रख सकें। इसके साथ ही ब्रहमानंद राजपूत ने कहा की सिर्फ नाम के लिए महिला दिवस मना लेना ही काफी नहीं है। सही मायने में महिला दिवस तब सार्थक होगा जब असलियत में महिलाओं को वह सम्मान मिलेगा जिसकी वे हकदार हैं। इसके साथ ही ब्रहमानंद राजपूत ने कहा कि समाज को संकल्प लेना चाहिए कि समरसता की बयार भारत में बहे, भारत के किसी घर में कन्या भ्रूण हत्या न हो, मातृशä अिपनी गरिमा और गौरव का परिचय देगी। विश्व के मानस पटल पर प्रखर भारत की तस्वीर तभी प्रकट होगी जब हमारी माताएं-बहनें अपने गौरव को पहचानेंगी और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगी। भारत की नारियों को ब्रहमानंद राजपूत ने भारत की तस्वीर की संज्ञा देते हुये अपने भाषण का समापन इन पकितयों के साथ करते हुये कहा कि
”तेरा परिचय इतना कि तू भारत की तस्वीर है,
मातृभूमि पर मिटने वाले मतवालों की तीर है
उन वीरों की दुहिता है जो हंस-हंस झूला झूल गए
उन शेरों की माता है जो रण-प्रांगण में जूझ गए”
डन्होने कहा कि भारत की इस तस्वीर को विश्व पटल पर साक्षात प्रकट करने के लिए भारत की आत्मा को समझना होगा।
इस अवसर पर ब्रज लेजर के डायरेक्टर अरबसिंह राजपूत ने कहा कि हमारा समाज तभी तरक्की कर सकता है जब महिलाएं स्वावलंबी बनेंगी तथा पुरूषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे-से-कंधा मिलाकर चलेंगी। इस अवसर पर प्रभाव सिंह,पवन,मोरध्वज, सुखदेवी, अनारदेवी, कम्पूरीदेवी, रामदुलारी, मीना, मुन्नीदेवी, फूलनदेवी, मीरा, ओमवती, लक्ष्मी, मीना, कल्लनदेवी, निर्मला, राधा, कमलेश, राजकुमारी, दुष्यन्त राजपूत, दीपक राजपूत, नीतेश राजपूत, राकेश राजपूत, जितेंæ लोधी ,राजवीर सिंह सहित अधिक संख्या मैं महिलाओं की उपसिथत थीं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 10 March 2014 by admin
‘प्रकृति है तो हम हैं का शिक्षण प्राप्त करने सिटी मोन्टेसरी स्कूल, स्टेशन कैम्पस का 51 सदस्यीय दल जिम कार्बेट पार्क, नैनीताल की पाँच-दिवसीय शैक्षिक यात्रा पर रवाना हो गया। यह जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि शैक्षिक यात्रा पर रवाना हुए इस दल में 45 छात्र एवं 5 शिक्षक शामिल है। श्री शर्मा ने बताया कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल सदैव से ही अपने छात्रों को प्रकृति से जुड़ना सिखाता रहा है एवं इसी क्रम में जिम कार्बेट पार्क की शैक्षिक यात्रा आयोजित की गर्इ है। इस शैक्षिक यात्रा में सी.एम.एस. छात्र प्रकृति की विशालता, व्यापकता व सौन्दर्य से तो परिचित होंगे ही साथ ही साथ पर्यावरण संरक्षण की महत्ता व अनिवार्यता से भी अवगत होंगे। यह छात्र दल 11 मार्च को लखनऊ लौटेगा।
श्री शर्मा ने बताया कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल अपने छात्रों को देश-विदेश की शैक्षिक यात्राओं में भाग लेने के अधिक से अधिक अवसर प्रदान कराता है। इस तरह की शैक्षिक यात्राओं का उददेश्य भावी पीढ़ी का सामान्य ज्ञान बढ़ाना, स्वस्थ मनोरंजन तथा विश्वव्यापी दृषिटकोण विकसित करना है। श्री शर्मा ने कहा कि आज दुनिया एक ग्लोबल विलेज का स्वरूप धारण कर चुकी है तथापि छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों, सभ्यता व विभिन्न विचारों से रूबरू कराकर उनके दृषिटकोण को विश्वव्यापी बनाना आज की महती आवश्यकता है। इस तरह के प्रयासों से देश तथा संसार के बच्चे एक-दूसरे के निकट आते हैं जिससे सारे विश्व में शानित एवं विश्व एकता स्थापित करने में तथा विश्वव्यापी दृषिटकोण के विकास से उन्हें विश्व नागरिक के रूप में विकसित करने में सहायता मिलती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 10 March 2014 by admin
सिटी मोन्टेसरी स्कूल के विभिन्न कैम्पस में आज संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस - 8 मार्च बड़े धूमधाम से उमंग व उल्लास के वातावरण में मनाया गया जिसके द्वारा महिला सशक्तीकरण एवं नारी उत्थान का संदेश समस्त विश्व समाज में प्रवाहित हुआ। ‘इक्वलिटी फार वोमेन इज प्रोग्रेस आफ आल विषय पर मुख्य समारोह सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) आडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर नारी उत्थान का बिगुल फूंकते हुए सी.एम.एस. की संस्थापिका-निदेशका व प्रख्यात शिक्षाविद डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने कहा कि विश्व एकता का सपना महिला शकित द्वारा ही साकार होगा क्योंकि महिलाओं में सहज रूप से मानवीय मूल्यों द्वारा सभी को एकता के सूत्र में पिरोने की क्षमता निहित होती है। डा. गाँधी ने जोर देते हुए कहा कि मानवता के विकास व मानव जाति की प्रगति के लिए महिलाओं को सशक्त होने की आवश्यकता है ऐसे में उन्हें स्वयं पूर्ण आत्मविश्वास से आगे आकर गौरवपूर्ण तरीके से अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए।
इस अवसर पर सी.एम.एस. के विभिन्न कैम्पस की प्रधानाचार्याओं ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए एक स्वर से कहा कि जिस समाज में पुरुष-महिला समानता होती है, वे अधिक प्रगति करते हैं परन्तु विडम्बना यह है कि समाजिक विकास में महिलाओं की अतुलनीय भागीदारी के बावजूद हमारे देश में लिंगभेद की असमानता देखी जा रही है, जो कि निशिचत ही चिंतनीय है। प्रधानाचार्याओं का कहना था कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आज समाज के प्रत्येक नागरिक को यह भावना आत्मसात करने की जरूरत है कि महिला व पुरुष दोनों ही बराबर है। अब समय आ गया है कि माताओं को भी एक समाज के प्रति दायित्व निभाना चाहिए और अपना योगदान देना चाहिए, साथ ही साथ महिलाओं की हक की लड़ार्इ में पुरुषों को भी आगे आना चहिए। इससे पहले, इस विशेष अवसर पर सी.एम.एस. छात्र-छात्राओं द्वारा नारी सशक्तीकरण की भावना को उदघृत करते हुए कर्इ शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।
सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि हमारा समाज सदैव ही महिला शकित का ऋणी रहा है और रहेगा। उन्होंने जीजाबार्इ व पुतलीबार्इ का उदाहरण दिया जिन्होंने माता का फर्ज निभाते हुए शिवाजी व गाँधीजी को दुनिया का सिरमौर बनाया। डा. गाँधी ने कहा कि सामाजिक विकास में महिलाओं के योगदान को सी.एम.एस. गहरार्इ से आत्मसात किया है और आज सी.एम.एस.के 47,000 छात्रों को शिक्षा देने वाली 90 प्रतिशत शिक्षिकाएं हैं जो भावी पीढ़ी के भविष्य निर्माण में संलग्न हैं। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि आज सी.एमएस. के विभिन्न कैम्पस में भी अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से मनाया गया जिसमें प्रार्थना सभाओं में छात्रों को नारी के विभिन्न स्वरूपों व उसकी महिमा से अवगत कराकर एवं आदर्श नारियों की कहानी सुनाकर छात्रों को प्रेरित किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 10 March 2014 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने सपा सरकार द्वारा चुनाव आचार संहिता की धजिजयां उड़ाने का आरोप लगाया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा. मनोज मिश्र ने आरोप लगाया कि सपा सरकार और उसके मंत्रीगण प्रदेश में चुनाव आचार संहिता की खुलेआम धजिजयां उड़ा रहे है। प्रदेश के पुलिस-प्रशासनिक-अधिकारी सपा सरकार के इशारे पर सपाइयों की तरह आचरण कर रही है। समाजवादी एम्ंबुलेन्स सेवा, सरकारी होर्डिंगों पर सपार्इ प्रचार तथा मंत्रियाें द्वारा खुलेआम जनसभाओं में लालबत्ती की गाड़ी का दुरूपयोग किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश में चुनाव आयोग का ध्यान आकर्षित करते हुए, इन सब पर तत्काल कार्यवाही की मांग की ।
डा. मिश्र ने आरोप लगाया कि समाजवादी एम्बुलेन्स का नाम सरकार अभी तक नहीं बदल रही है। सरकारी विज्ञापनों और होर्डिगों में सपा के मुखिया श्री मुलायम सिंह और मुख्यमंत्री की फोटो हटायी नहीं गयी है। चुनाव आचार संहिता से पहले पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के अंधाधुन्ध तबादलों की भी समीक्षा चुनाव आयोग को करनी चाहिए। डा. मिश्र ने आरोप लगाया कि ये तबादले समाजवादी पार्टी के प्रति निष्ठा रखने वाले अधिकारियों को पुरूस्कार स्वरूप सपा कि चुनावी एजेण्डे के तौर पर किये गये है। पूरे प्रदेश में सपा के प्रति निष्ठा रखने वाले अधिकारियों की नियुिक्त सरकार ने आचार संहिता लगने से पहले ही कर दी है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि वो सपा के प्रतिनिष्ठा रखने वाले पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को चिनिहत कर तत्काल हटायें।
डा. मिश्र ने आरोप लगाया कि सरकार अभी तक प्रदेश में चुनाव आचार संहिता के विरूद्ध आचरण कर रही है। सरकारी संसाधनों का उपयोग पार्टी के हितो के लिए कर रही है। प्रदेश के सूचना तंत्र को सपार्इ सूचना तंत्र बना दिया है। इस सरकारी सूचना तंत्र को सपा से तत्काल मुक्त कराया जाये। चुनाव आयोग तत्काल इन बातों का संज्ञान ले। कानपुर के एसएसपी का खुलेआम सपा का पक्ष लेना एक जीवन्त उदाहरण है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com