उत्तराखण्ड की संस्कृति पर आधारित
ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ द्वारा ‘‘उत्तराखण्ड की संस्कृति पर आधारित ‘‘पारम्परिक सांस्कृतिक आर्टस उत्सव‘‘ का आयोजन शनिवार को गोमतीनगर स्थित संगीत नाटक अकादमी परिसर के वाल्मीकी रंगशाला में किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री नारायण दत्त तिवारी पूर्व माननीय मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड एवं विशिष्ट अतिथि डा0 दिनेश शर्मा महापौर द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि का स्वागत एवं माल्यापर्ण ग्राम्य विकास संस्थान के सचिव भरत सिंह बिष्ट अध्यक्ष हरीश सिंह कार्की एवं कुमाऊॅ परिषद के संयोजक भवान सिंह रावत, अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष आर0 पी0 तिवारी, मंगल सिंह रावत व श्री राजेन्द्र सिंह बिष्ट,पूरन सिंह जीना तथा पर्वतीय महापरिषद के अध्यक्ष श्री टी. एस. मनराल एवं महासचिव गणेश जोशी, द्वारा किया गया।
ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा उत्तराखण्ड की संस्कृति पर आधारित पारम्परिक सांस्कृतिक उत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाॅ संस्था के कलाकारों द्वारा दी गई। उत्सव की शुरूआत गणेश बन्दना ‘श्री गणेशाय धीमहि‘ से हुई। इसका निर्देशन कु0 यवनिका पंत ने किया तथा नृत्य कलाकार कामना बिष्ट एवं आॅचल उपाध्य थी। उसके बाद सरस्वती वन्दना ‘माॅ सरस्वती शारदे…‘ निर्देशन कु0 यवनिका पंत द्वारा नृत्य कलाकार तेजस्वनी उपाध्याय, हर्षिता पाण्डेय,हर्षिता पाठक एवं अवनी केसरवानी ने बहुत ही सुन्दर ठंग से पेश किया। अगले क्रम में कुमाऊॅनी लोक गीत एवं लोक नृत्य गायक चन्दन मेहरा के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया। उत्तराखण्ड का पारम्परिक लोक गीत लोक नृत्य ‘हाय तेरो मिजात मिजात टुकड छै..‘ उसके बाद उत्तराखण्ड का पसंदीदा झोडा नृत्य ‘मार झपेका सुरमोली कौतिक लैरो मार झमेका..‘ सामुहिक जौनसार नृत्य ‘म्यर बाजू रंगा रंग बिचारी रंगा लैदे मोला..‘ तथा थडिया चैफुला नृत्य ‘माना ग्वीराला फूल फूलीगे म्यरा मिना..‘ पेश किया गया।
उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध हास्य एवं गायक कलाकार श्री शिरोमणी पंत के निर्देशन में उत्तरा खण्ड का प्रसिद्ध परम्परागत गीत ‘पागर का छाला घुघती, की कर का छाला घुघती, आम की डाई मा घुघती, बाॅज की डाई में घुघती..‘ उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध झोडा नृत्य ‘धार में क मिठ काॅफला, काॅफला तू पाकल कब…‘। कुमाऊॅनी परम्परागत गीत ‘साकर जयें घास काटडा, मोना होये थाडी…‘। उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध लोक गीत प्रसिद्ध गायिका कमला द्वारा ‘बिमला भौजी,पधानी बिमला,तिल धार बौला..‘ सुनाया। कमला देवी द्वारा लोक गीत ‘चन्दना मेरा पहाड आये, डना धूरा देखले,ठंग पाणी पी जालें..‘ सुनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उसके बाद ‘गीत ओ लिला घसारी,माठो माठो हिटड तरों, खिल खिल हसण तेरों…‘ गायन कमला देवी, निर्देशन कु0 यवनिका पंत, चन्दन मेहरा एवं सिरोमणी पंत द्वारा।
गायन कलाकार सिरामणी पंत, चन्दन मेहरा, श्रीमती कमला, रावत,पूजा,विद्या सिंह,जगत सिह राणा,नरेन्द्र सिंह रावत, हेमा, नरेन्द्र रावत,,नीतू,मंगेशलता आदि। नृत्य कलाकार कामना बिष्ट, तेजस्वनी उपाध्याय, कमला, तनू, गीता, दीपा, सरिता, जीवन, आशीष, सुभाष,रोहित, तेजस्वनी उपाध्याय, हर्षिता पाण्डेय,हर्षिता पाठक एवं अवनी केसरवानी थे। वादन में प्रवीण कुमार, राजन श्रीवास्तव, जगदीश आर्या आदि।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com