Archive | April, 2012

जन सामान्य की समस्याओं पर विशेष ध्यान दें

Posted on 29 April 2012 by admin

परिवहन मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह ने अधिकारियों को सचेत किया है कि कार्य संस्कृति में बदलाव लायें और जन सामान्य की समस्याओं पर विशेष ध्यान दें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि जनता को अपना कार्य कराने के लिए दलालों की सहायता न लेनी पडे। उन्होंने अनाधिकृत वाहन संचालन को कडाई से रोकने के निर्देश दिये है। उन्होंने महानगरों में यातायात व्यवस्था में सुधार लाने के लिए टैªफिक पुलिस से समन्वय बनाकर यातायात को सुगम बनाने के लिए कहा है।
परिवहन मंत्री ने बताया है कि परिवहन सम्बन्धी जन  शिकायतों को दर्ज करने के लिए परिवहन आयुक्त कार्यालय लखनऊ में शीघ्र ही  टोल फ्री हेल्पलाइन प्रारम्भ कराई जायेगी। उन्होंने  परिवहन कार्यालयों में जनता का कार्य पारदर्शी व्यवस्था  के साथ तत्परता से कराने पर बल दिया है ताकि लोगों कों बार-बार कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े। उन्होंने सम्भागीय परिवहन अधिकारियों को कडे निर्देश दिये है कि  वाहन चालन टेस्ट में दक्ष पाये गये लोगों को ही ड्राइविंग लाइन्सेस जारी किया जायें । परिवहन मंत्री ने आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए ड्राइविंग लाइसेंस हेतु स्मार्ट कार्ड दिये जाने की योजना को भी शीघ्र लागू कराये जाने पर बल दिया है।
परिवहन मंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण तथा हेल्मेट पहनने के नियमों को कड़ाई से लागू करने के लिए आगामी  दो माह में प्रदेश के महानगरों में विशेष अभियन चलाने के निर्देश दिए हैं। अभियान के दौरान चालकों को यातायात नियमों के विषय में आवश्यक जानकारी देनेे तथा नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए कहा गया है।
उन्होंने ओवरलोडिंग के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर भी संज्ञान लिया है। माल ढोने वाले वाहनों के साथ ही यात्री वाहनों में भी ओवर लोडिंग को कडाई से रोकने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि ओवर लोडिंग के बारे में ट्रक आपरेटर यूनियन के पदाधिकारियों से भी वार्ता कर उनके भी सुझाव प्राप्त करें।
परिवहन मंत्री ने निर्देश दिये है कि जिस प्रकार प्रदेश के बाहर के वाहनों को आन लाइन टैक्स जमा करने की सुविधा दी गई है उसी प्रकार प्रदेश के वाहनों के लिए भी आन लाइन टैक्स जमा करने की योजना को प्राथमिकता पर तैयार करें

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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बसपा शासनकाल में लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा

Posted on 29 April 2012 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि लोकायुक्त एक संवैधानिक संस्था है। लोक सेवकों के भ्रष्टाचार की जांच करनेवाली इस एजेन्सी का अपना महत्व है। इस संस्था ने अब तक कई महत्वपूर्ण जांचे की है। बसपा शासनकाल में लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा। बसपाई विधायकों-मंत्रियों और दबंगों से त्रस्त जनता ने जब उनके अवैध कब्जों, सत्ता के दुरूपयेाग और लूटमार के साक्ष्य दिए तो जांच में कई  मामले सही पाए गए। बसपा के कई मंत्री पद से हटे। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो अपने कारनामों को छुपाने के लिए लोकायुक्त की संस्था को भी बदनाम कर रहे हैं।
फिलहाल प्रदेश में बसपा के बहुचर्चित पूर्व मंत्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पूर्व खेल राज्यमंत्री श्री अयोध्या प्रसाद पाल के आय से अधिक संपत्ति के मामलों की जांच चल रही है। कानून के राज की बड़ी-बड़ी बातें करनेवाली पार्टी-बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने अपनी सरकार के षासनकाल में कानून के साथ खूब खिलवाड़ किया। अपराध बढ़ते रहे, शासन, प्रशासन बेपरवाह बना रहा। न्यायिक संस्थाओं की गरिमा धूल धूसरित होती रही। विरोध का स्वर उठते ही बसपाराज में गोलियां और लाठियां बरसने लगती थीं।
लोकायुक्त की जांच में अड़ंगेबाजी सबसे ज्यादा बसपा के पूर्वमंत्री ही कर रहे हैं। पूर्व खेल राज्यमंत्री का लखनऊ में फार्म हाउस तिलस्मी बनकर रह गया है। पता ही नहीं चल रहा है कि उसका मालिकाना हक किसके पास है। रोज नए पार्टनर का नाम उछलता है। लोकायुक्त महोदय ने पूर्वमंत्री नसीमुद्दीन और अयोध्या पाल के बेटों को भी जांच के लिए बुलाया है। लेकिन वे बारबार बुलाए जाने पर भी हाजिर नहीं हो रहे है। यह मानसिकता जांच संस्थाओं की परवाह न करने और अपनी सामंती उदंडता दिखाने की है। संविधान के प्रति जिनमें दुर्भावना है, वही जांच एजेन्सी के सामने जाने से घबराते हैं। दरअसल उन्हें अपने कारनामों से डर लगता है। उन्हें यह भी घबराहट है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में उनके कृत्यों पर पर्दा नही पड़ पाएगा। जो किया है, उसका फल भुगतना ही पड़ेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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सहारावन के ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ में राजश्री प्रोडक्शन की अगली बड़ी भारतीय शादी

Posted on 29 April 2012 by admin

dsc_1938सहारावन चैनल पर लोकप्रियता की ओर अग्रसर धारावाहिक ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ सम्पूर्ण पारिवारिक मनोरंजन उपलब्ध कराने की राजश्री प्रोडक्शंस की परम्परा की अगली कड़ी है। ‘मैंने प्यार किया’, ‘हम आप के हैं कौन’, ‘हम साथ-साथ हैं’ और ‘विवाह’ जैसी ऐतिहासिक फिल्मों के नक्शेकदम पर चलते हुए ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ एक ऐसी कहानी पेश करता है जिसमें एक लड़का, एक लड़की और एक विशाल संयुक्त परिवार मिलते हैं और एक भव्य शादी का कथानक तैयार होता है।
रोमांस के उतार-चढ़ाव के उपरान्त अंगना रायचंद एवं आकाश शर्मा के लिए अब जश्न मनाने का समय है, यह दोनों शादी की दहलीज पर खड़े हैं। इससे पूर्व ही आकाश को एक ऐसी सच्चाई से रू-ब-रू होना पड़ता है, जो पूर्वस्थापित परम्परा के विýद्ध है, जिसके तहत अंगना विदाई समारोह के बाद आकाश के घर नहीं जाती है, बल्कि आकाश को अंगना के घर ‘घर जमाई’ बन कर जाना पड़ता है। अब यह सच्चाई जानने के बाद परेशान आकाश और दर्शकों के समक्ष कई प्रश्न खड़े होते हैं कि क्या, अंगना की मां कल्याणी देवी (सुधा चंद्रन) की तानाशाही भरी मांगों के विýद्ध अपने आत्मसम्मान एवं मर्यादा की रक्षा करते हुए संतुलन स्थापित कर पायेगा? क्या वह कल्याणी द्वारा पंडित से ‘कन्यादान’ के बजाय ‘वर-दान’ की रस्म अदायगी पर सहमति व्यक्त करेगा? क्या वह दुल्हन की कार में रायचंद के घर जाने के लिए राजी होगा?
धारावाहिक के इस एपिसोड पर चर्चा में श्री सूरज बड़जात्या, राजश्री प्रोडक्शंस ने कहा कि, ‘‘राजश्री के अन्तर्गत हमने अपनी फिल्मों और धारावाहिकों में अनेक वैवाहिक समारोहों की शूटिंग की है, लेकिन, ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’, निश्चित रूप से सबसे अनूठे समारोह में से एक होगा। इसमें सारी रीत उल्टी होती है और वह भी पूरे रस्मों-रिवाज के साथ यहीं हमारा धारावाहिक एक अनोखा मोड़ लेता है।’’
यह सब जानने के लिए देखिए राजश्री प्रोडंक्शस का धारावाहिक ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ 30 अप्रैल रात 9 बजे सहारा वन पर, जिसमें विवाह समारोह का आगाज होने जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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अनुशासन कमेटी का गठन

Posted on 29 April 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के चुनाव- 2012 मंे समाजवादी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के चुनाव में पार्टी के कुछ पदाधिकारियांे/ कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किये जाने के मामले जानकारी में आये हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव ने जाॅच एवं समीक्षा हेतु पाॅच सदस्यीय अनुशासन कमेटी का गठन किया जाता है जो जनपदवार समीक्षा कर रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को 15 जून 2012 तक प्रस्तुत करेगी। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा रिपोर्ट प्राप्त होने के 15 दिन के अन्दर वांछित कार्यवाही की जायगी। अनुशासन कमेटी के सदस्य भगवती सिंह, पूर्व सांसद विशम्भर प्रसाद निषाद, राष्ट्रीय महासचिव रविप्रकाश वर्मा, राष्ट्रीय महासचिव अखिलेश यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष, आजमगढ़ डा0 फिदा हुसैन अंसारी, पूर्व सदस्य राज्य कमेटी के सदस्य है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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किसानों से हो रही लूट-खसोट पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया व्यक्त की

Posted on 29 April 2012 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने गेहॅू क्रय केन्द्रों पर किसानों से हो रही लूट-खसोट पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने आरोप लगाया कि प्रदेश के गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। डा0 मिश्र ने बताया कि इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य रू0 1285 प्रति क्ंिवटल होने के बावजूद क्रय केन्द्र प्रभारियों, बिचैलियों और इस खेल से संबंधित व्यापारियों के गठजोड़ के कारण रू0 1000-1100 तक का ही मूल्य मिल पा रहा है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने कहा कि क्रय केन्द्रों पर वारदाना न होने का बहाना बनाकर तौल बंद रहती है, खरीदे गए गेहूं का भण्डारण न होने के कारण तौल रोक दी जाती है जिससे घबराकर किसान औन-पौने दामों में किसान आढ़तियों को गेहॅूं बेच देते हैं। गेहूं में नमी और कूड़े की मात्रा अधिक बताकर किसानों को हतोत्साहित किया जाता है। डा0 मिश्र ने कहा कि किसानों के गेहूं को तौलने के लिए कम से कम काॅंटे लगाए गए हैं ताकि किसान परेशान होकर बिचैलियों को अपना गेहॅूं बेच दे।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने सरकार से मांग की है कि सरकार किसानों के गेहूं की खरीद की पारदर्शी व्यवस्था करे। गेहॅंू क्रय केन्द्रों पर तौलने वाले कांटों की संख्या बढ़ाई जाए। किसानों को क्रय केन्द प्रभारियों, बिचैलियों और इस खेल में शामिल आढ़तियों की तिकड़ी से मुक्ति दिलाई जाए। हर हाल में किसानों का गेहूं उसी दिन खरीदने की पारदर्शी व्यवस्था की जाए तथा किसानों का तरह-तरह से उत्पीड़न करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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निष्कासन तत्काल प्रभाव से रद्द

Posted on 29 April 2012 by admin

समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी श्री ख्वाजा हलीम जनपद अलीगढ़ के स्पष्टीकरण से संतुष्ट होकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम ंिसंह यादव ने पार्टी से उनका निष्कासन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।

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मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

Posted on 27 April 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां शास्त्री भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये:-


वर्ष 2012-13 में यूरिया एवं फास्फेटिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण एवं उर्वरकों के परिवहन सम्बन्धी प्रस्ताव अनुमोदित

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मंत्रिपरिषद ने किसानों को समय से उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिये वर्ष 2012-13 हेतु यूरिया एवं फास्फेटिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण एवं उर्वरकों के परिवहन सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार यूरिया एवं फास्फेटिक उर्वरकों की प्री-पोजिशनिंग योजना के अंतर्गत औसतन 06 माह की अवधि हेतु पी0सी0एफ0 को उनके द्वारा निवेश की गयी धनराशि पर देय ब्याज, जो 11.25 प्रतिशत से अनधिक होगा, की प्रतिपूर्ति शासन द्वारा की जायेगी। इस मद में अधिकतम 44.31 करोड़ रूपये की धनराशि अनुमन्य होगी। इसके अलावा पी0सी0एफ0 को भंडारित फास्फेटिक उर्वरकों पर ‘भंडारण निगम से न्यूनतम संभव दरों पर’ देय भण्डारण शुल्क की प्रतिपूर्ति की जायेगी। इस मद में अधिकतम 10.11 करोड़ रूपये की धनराशि अनुमन्य होगी।
पी0सी0एफ0 बफर गोदाम से समितियों तक पूर्वभंडारित फास्फेटिक एवं यूरिया उर्वरक के परिवहन व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु अनुदान की व्यवस्था की जायेगी। इसके तहत प्री-पोजिशनिंग व्यवस्था के अंतर्गत पी0सी0एफ0 को आपूर्ति की गयी यूरिया एवं फास्फेटिक उर्वरक पर औसतन 150 रूपये प्रति मीट्रिक टन की दर से अथवा वास्तविक व्यय की धनराशि, जो भी कम हो, इस प्रतिबन्ध के साथ उपलब्ध करायी जायेगी कि उर्वरक का परिवहन जिलाधिकारी द्वारा स्वीकृत दर से अधिक न हो। इस प्रकार 8 लाख मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक एवं 03 लाख मीट्रिक टन यूरिया हेतु इस वर्ष इस मद में अधिकतम
16.50 करोड़ रूपये की धनराशि अनुमन्य होगी।
सामान्य उर्वरकों (17.40 लाख मीट्रिक टन यूरिया एवं 7.07 लाख मीट्रिक टन फास्फेटिक) के परिवहन पर प्रदायकर्ता से प्राप्त होने वाली धनराशि को कम करते हुए, परिवहन पर हुए वास्तविक व्यय की औसत अंतर धनराशि अधिकतम 150 रूपये प्रति मीट्रिक टन की दर से अथवा वास्तविक व्यय की धनराशि जो भी कम हो, इस प्रतिबन्ध के साथ उपलब्ध करायी जायेगी कि उर्वरक का परिवहन जिलाधिकारी द्वारा स्वीकृत दर से अधिक न हो। इस प्रयोजन के लिए उर्वरकों के परिवहन हेतु अधिकतम 36.70 करोड़ रूपये की धनराशि प्रतिपूर्ति हेतु अनुमन्य होगी।
इसके अलावा प्रदायकर्ता से क्रय की गयी पूर्व भण्डारित उर्वरक के सम्बन्ध में भविष्य में इस स्थिति की संभावना हो सकती है कि पूर्व भंडारित उर्वरकों के बिक्री मूल्य में कमी हो जाए। चूंकि तब किसानों को घटे मूल्य पर ही उर्वरकों का वितरण सुनिश्चित करना होगा, जिसके परिणामस्वरूप संस्थाओं/सहकारी संस्थाओं को हानि उठानी पड़ेगी। इसलिए संस्था/सहकारी समितियों को होने वाली इस संभावित हानि की प्रतिपूर्ति सरकार से कराया जाना अभीष्ट होगा। इसकी प्रथमतः प्रतिपूर्ति प्रस्तावित बजट की बचत की धनराशि से या बचत की अनुपलब्धता की दशा में अतिरिक्त मांग के माध्यम से सुनिश्चित करायी जायेगी।
मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय भी लिया कि निबन्धक, सहकारी समितियां, उ0प्र0 एवं उ0प्र0कोआपरेटिव फेडरेशन लि0 इन व्ययों के मद तथा व्ययों को बेहतर वित्तीय/ प्रशासकीय प्रबन्धन से सीमित करने का प्रयास करेंगे तथा बाजार व्यवस्था के कारकों का गम्भीरता से अध्ययन कर प्री-पोजिशनिंग का निर्णय लेंगे, ताकि अनावश्यक व्यय न हो। साथ ही बैंको से ऋण भी इसी तरह निगोशिएट करेंगे कि यह ब्याज दर सीमित रहे। यूरिया एवं फास्फेटिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण पर ब्याज मद, भण्डारण मद एवं परिवहन मद में व्यय होने वाली धनराशि की स्वीकृति वित्त विभाग की सहमति से प्रदान की जायेगी।

उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लि0 के अधिकारियों/कर्मचारियों को वेतन समिति (वेतन समिति 2008) के सातवें प्रतिवेदन की संस्तुतियों के आधार पर पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन तथा अन्य भत्ते एवं सुविधायें देने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के पूर्णकालिक/नियमित कार्मिकों को वेतन समिति (वेतन समिति 2008) के सातवें प्रतिवेदन की संस्तुतियों पर लिये गये निर्णय के अनुसार पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन तथा अन्य भत्ते एवं सुविधायें स्वीकृत करने का फैसला लिया है। यह सुविधा तात्कालिक प्रभाव से अनुमन्य होगी, पूर्वगामी अवधि के लिए प्रकल्पित आधार पर पुनरीक्षण किया जायेगा। पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन, अन्य भत्ते एवं सुविधायें अधिकृत समिति की 03 जनवरी, 2012 की बैठक की संस्तुतियों के आधार पर अनुमन्य की जायेंगी। यह भी निर्णय लिया गया कि पुनरीक्षित वेतन/भत्तों के भुगतान से आने वाले अधिकृत व्ययभार को निगम द्वारा स्वयं के स्रोतों से वहन किया जाएगा। इसके लिए कोई राजकीय अनुदान/सहायता देय नहीं होगी।

विज्ञापन कर की दरों में संशोधन सम्बन्धी प्रस्ताव अनुमोदित
प्रदेश में विज्ञापन दर के संशोधन के लिए मंत्रिपरिषद ने दो अधिसूचनाओं के आलेखों में प्रस्तावित विज्ञापन कर की संशोधित दरों को अनुमोदित कर दिया है। संशोधित दरें अधिसूचनाओं के निर्गत होने की तिथि से प्रभावी होंगी।
ज्ञातव्य है कि मनोरंजन कर विभाग राज्य के राजस्व प्राप्ति के महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक है। वित्तीय वर्ष 2012-13 हेतु निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु शासन द्वारा अभी से प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। वर्तमान में सिनेमा के पर्दे पर प्रदर्शित विज्ञापन ही कर के दायरे में है। वर्ष 2009 में पारित अधिनियम द्वारा राज्य सरकार को विज्ञापन कर की दरों के निर्धारण की प्राप्त शक्ति के क्रम में वीडियो एवं विज्ञापन कर नियमावली में संशोधन के उपरान्त सिनेमा के पर्दे के अतिरिक्त केबिल टी0वी0, वीडियो सिनेमा व अन्य डिजिटल प्रणाली के माध्यम से पर्दे पर प्रदर्शित होने वाले विज्ञापन को कर के दायरे में लाया गया। वर्तमान में सिनेमा के पर्दे पर विज्ञापन कर की विज्ञापनवार दरें वर्ष 1983 एवं वैकल्पिक एकमुश्त दर वर्ष 1989 से लागू है, जो 25 वर्ष से अधिक पुरानी है।
मंत्रिपरिषद के निर्णय द्वारा सिनेमा के पर्दे पर लागू विज्ञापन कर की दरों को पुनरीक्षित किया गया है तथा केबिल टी0वी0, वीडियो सिनेमा व अन्य डिजिटल प्रणाली के माध्यम से पर्दे पर प्रदर्शित होने वाले विज्ञापन पर विज्ञापन कर की दरें निर्धारित की गयी हैं। यह दरें तीन श्रेणियों यथा-नगर निगम व नोएडा/गे्रटर नोएडा, नगर पालिका तथा अन्य स्थानीय क्षेत्रों में विभाजित करते हुए शार्ट, स्लाइड्स, फिल्म का ट्रेलर व अन्य विज्ञापनों के लिए अलग-अलग नियत की गयी है तथा विकल्प के रूप में सिनेमा व मल्टीप्लेक्स सिनेमा, केबिल टी0वी0, वीडियो तथा अन्य डिजिटल उपकरणों हेतु एकमुश्त दरें भी निर्धारित की गयी हैं। सिनेमा पर्दे पर विज्ञापन कर की दरों में संशोधन एवं केबिल टी0वी0 आदि के माध्यम से पर्दे पर प्रदर्शित होने वाले विज्ञापन कर की दरों के निर्धारण से लगभग 11.00 करोड़ रूपये की अतिरिक्त आय की संभावना है।

जनता जर्नादन हायर सेकेण्ड्री स्कूल, रग्घुपट्टी, अम्बेडकरनगर को अनुदान सूची पर लेने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने जनता जर्नादन हायर सेकेण्ड्री स्कूल, रग्घुपट्टी, अम्बेडकरनगर को अनुदान सूची पर लेने सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार मा0 न्यायालय के आदेशों के क्रम में शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति एवं वित्त विभाग की अनापत्ति को दृष्टिगत रखते हुए शासनादेश निर्गत होने की तिथि से कुल 27 अध्यापकों/कर्मचारियों हेतु पद सृजित करते हुए जनता जर्नादन हायर सेकेण्ड्री स्कूल, रग्घुपट्टी, अम्बेडकरनगर को अनुदान सूची पर लिया जाएगा।

मा0 सर्वोच्च न्यायालय में योजित विशेष अनुज्ञा याचिका (सिविल) - 78/2011 को वापस लेने का प्रस्ताव अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने मा0 सर्वोच्च न्यायालय में योजित विशेष अनुज्ञा याचिका (सिविल) संख्या - 78/2011 उत्तर प्रदेश राज्य तथा अन्य प्रति राम सेवक तथा अन्य को वापस लिए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया।
ज्ञातव्य है कि लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा सम्पादित किये जाने वाले विभिन्न चयनों के सम्बन्ध में प्राप्त शिकायती पत्रों के आधार पर प्रकरण की जांच सतर्कता अधिष्ठान से कराये जाने के सम्बन्ध में सतर्कता विभाग द्वारा 27 जून, 2008 को आदेश निर्गत किये गये थे। लोक सेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष, श्री राम सेवक तथा कतिपय अन्य सदस्यगण द्वारा सतर्कता विभाग के आदेश के विरूद्ध मा. उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में रिट याचिका संख्या-46110/2008 राम सेवक तथा अन्य प्रति उत्तर प्रदेश राज्य तथा अन्य योजित की गयी। शासन द्वारा उक्त रिट याचिका में प्रतिशपथ पत्र दाखिल किया गया।
रिट याचिका संख्या-46110/2008 में 23 सितम्बर, 2010 को पारित आदेश में आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यगण के विरूद्ध सतर्कता जांच को अननुज्ञेय पाते हुए, उक्त जांच को संविधान के प्राविधानों के विपरीत बताया गया। साथ ही तत्कालीन अध्यक्ष, लोक सेवा आयोग के समस्त सेवानैवृत्तिक देयों का भुगतान करने के आदेश दिये गये। मा0 उच्च न्यायालय के आदेश के विरूद्ध मा. सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका (सिविल) संख्या-78/2011 उत्तर प्रदेश राज्य तथा अन्य प्रति राम सेवक तथा अन्या योजित कर दी गयी।
वर्तमान में मा0 उच्च न्यायालय द्वारा 23 सितम्बर, 2010 को पारित आदेश का परीक्षण/अध्ययन करने पर यह समीचीन पाया गया कि मा0 उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा मा0 सर्वोच्च न्यायालय में योजित की गयी विशेष अनुज्ञा याचिका (सिविल) संख्या-78/2011 को वापस लिया जाए।

विधि परामर्शी निर्देशिका में संशोधन के विरूद्ध दायर रिट याचिकाओं के क्रम में  शासन द्वारा योजित विशेष अनुज्ञा याचिका को वापस लिये जाने को कार्योत्तर स्वीकृति
मंत्रिपरिषद ने रिट याचिका संख्या- 7851 (एम/बी)/2008 उ0प्र0 शासकीय अधिवक्ता कल्याण समिति बनाम उ0प्र0 राज्य व अन्य में पारित मा0 उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 6-1-2012 के विरुद्ध मा0 उच्चतम न्यायालय में लम्बित विशेष अनुज्ञा याचिका संख्या-4160/2012 तथा रिट याचिका संख्या-8246 (एम/बी)/2011 विशन पाल सक्सेना बनाम उ0प्र0 राज्य व अन्य में पारित मा0 उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 12-1-2012 के विरुद्ध योजित सभी विशेष अनुज्ञा याचिकाओं को वापस लिये जाने को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन के पश्चात इन सभी विशेष अनुज्ञा याचिकाओं को वापस लिये जाने के आदेश 18 अपै्रल, 2012 को निर्गत कर दिये गये हैं।

सेवानिवृत्त मुख्य सचिव एवं सेवानिवृत्त मंत्रिमण्डलीय सचिव को आकस्मिक कार्यों के संपादन हेतु एक घरेलू सेवक व वाहन चालक की अनुमन्य सुविधा निरस्त
मंत्रिपरिषद ने सेवानिवृत्त मुख्य सचिव एवं सेवानिवृत्त मंत्रिमण्डलीय सचिव को दिन प्रतिदिन के आकस्मिक कार्यों के संपादन हेतु एक घरेलू सेवक व वाहन चालक की सुविधा अनुमन्य कराने का औचित्य न पाये जाने पर इस सम्बन्ध में 05 मार्च, 2012 को जारी शासनादेश को निरस्त कराने का निर्णय लिया है।

उ0प्र0 क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (संशोधन) विधेयक, 2011 को वापस लेने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (संशोधन) विधेयक, 2011 को वापस लेने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि उ0प्र0 क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम, 1961 में क्षेत्र पंचायत के प्रमुख और जिला पंचायत के अध्यक्ष को निर्वाचित सदस्यों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से उनके पद से हटाने की व्यवस्था की गयी है। इस अधिनियम की धारा-15 एवं धारा-28 की उपधारा (13) में प्राविधान है कि इस धारा के अधीन किसी प्रस्ताव का नोटिस यथास्थिति प्रमुख या अध्यक्ष के पद ग्रहण करने के एक वर्ष के भीतर ग्रहण नहीं की जाएगी।
इस प्रकार क्षेत्र पंचायत प्रमुख/अध्यक्ष जिला पंचायत के विरूद्ध इस धारा के अधीन सामान्य बहुमत से एक वर्ष के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है, किन्तु प्रमुख/अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पद ग्रहण करने के दो वर्ष के बाद लाये जाने का विभागीय मत स्थिर हुआ। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उ0प्र0 क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम, 1961 की धारा-15 की उपधारा (13) और धारा-28 की
उपधारा (13) में संशोधन करने की दृष्टि से उ0प्र0 क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (संशोधन) विधेयक, 2011 विधानमण्डल के दोनों सदनों से पारित किये जाने के बाद 19 अगस्त, 2011 को राज्यपाल को भेजा गया, जिस पर अनुमति प्रतीक्षित है।
इसी बीच प्रदेश में विधानसभा का सामान्य चुनाव सम्पन्न हुआ, जिसमें नई सरकार को जनादेश प्राप्त हो गया है। क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों के गठन हुए भी एक वर्ष से अधिक का समय व्यतीत हो चुका है और कतिपय क्षेत्र पंचायतों/जिला पंचायतों में अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस प्राप्त होने की सूचनायें मिल रहीं हैं। ऐसे में बदली हुई परिस्थितियों में प्रश्नगत अधिनियम की वर्तमान व्यवस्था ही उचित प्रतीत होती है। इसको दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने संशोधन विधेयक को वापस लेने का निर्णय लिया है।

‘मान्यवर श्री कांशीराम वन, वन्य जीव एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार’ योजना का नाम बदलकर ‘वीर अब्दुल हमीद वन एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार’ करने का फैसला
मंत्रिपरिषद ने वीर अब्दुल हमीद को राष्ट्रीय स्तर का सम्मान देने के लिए ‘मान्यवर श्री कांशीराम वन, वन्य जीव एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार’ योजना का नाम बदलकर ‘वीर अब्दुल हमीद वन एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार’ करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही पूर्व में अधिसूचित पुरस्कार से सम्बन्धित समस्त प्राविधान यथावत रखने तथा इसके लिए अलग से अधिसूचना जारी करने का भी निर्णय लिया है।

मा0 उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ के आदेश के अनुपालन हेतु स्वास्थ्य सहायक संवर्ग का स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद पर की गयी नोशनल पदोन्नति पर वेतन निर्धारण वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-02 भाग-02 से 4 के मूल नियम-27 के अधिकारों का प्रतिनिधायन
मंत्रिपरिषद ने परिवार कल्याण विभाग के स्वास्थ्य सहायक संवर्ग की रिट याचिका में पारित आदेश दिनांक 19 जुलाई, 2007 के अंतर्गत नोशनल प्रोन्नति प्राप्त स्वास्थ्य सहायकों को पदोन्नति की तिथि से एवं नोशनल पदोन्नति प्राप्त सेवारत स्वास्थ्य सहायकों का वेतनमान वास्तविक रूप से प्रोन्नत के पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से मूल नियम-27 के अन्तर्गत विभागाध्यक्ष की हैसियत से पुनर्निधारित किये जाने के अधिकारों को प्रतिनिधानित्व किये जाने के प्रस्ताव को इस शर्त के अधीन अनुमोदित किया है कि विभागाध्यक्ष प्रत्येक मामले में वित्त विभाग के प्रतिनिधि के रूप में विभाग में तैनात वित्त नियंत्रक की सहमति प्राप्त करेंगे। इसके साथ ही मूल नियम-27 के अंतर्गत अधिकारों का प्रयोग केवल मा0 उच्च न्यायालय के संदर्भित आदेश दिनांक 19 जुलाई, 2007 के अनुपालन हेतु ही किया जाएगा।

मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 सचिवालय  अनुदेश-1982 में संशोधन का निर्णय लिया

अब मुख्य सचिव ही मंत्रिपरिषद के सचिव होंगे

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सचिवालय अनुदेश-1982 के अनुदेश संख्या-5 के प्राविधान में संशोधन करते हुए ‘‘कोई अन्य अधिकारी’’ अंश को हटाने का निर्णय लिया है, जिसके फलस्वरूप अब भविष्य में मुख्य सचिव ही मंत्रिपरिषद के सचिव होंगे।
पूर्व में उ0प्र0 सचिवालय अनुदेश-1982 में यह व्यवस्था थी कि मुख्य सचिव के अलावा कोई अन्य अधिकारी भी मंत्रिपरिषद का सचिव हो सकता है। इसी प्राविधान के तहत पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा कैबिनेट सेक्रेटरी के पद पर अन्य अधिकारी की नियुक्ति की गयी थी। आज मंत्रिपरिषद के निर्णय से इस प्राविधान में संशोधन करके ‘‘कोई अन्य अधिकारी’’ अंश को हटाने का निर्णय लिया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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मुख्यमंत्री ने सैफई के ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में उच्च गुणवत्ता की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

Posted on 27 April 2012 by admin

हृदय रोग, कैंसर और न्यूरोलाॅजी के इलाज के लिए सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक बनानेे की कार्रवाई तत्काल शुरु की जाए-मुख्यमंत्री

cm-photo-27-april-2012-001 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने सैफई के ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में उच्च गुणवत्ता की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में एस.जी.पी.जी.आई., लखनऊ में प्रचलित प्रक्रिया का भी संज्ञान लिया जाए। इस संस्थान में हृदय रोग, कैंसर और न्यूरोलाॅजी के इलाज के लिए सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक बनाए जाने की कार्रवाई तत्काल शुरु करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।
मुख्यमंत्री आज सचिवालय, एनेक्सी में उ0प्र0 ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, सैफई, इटावा की शासी निकाय की 20वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि सैफई के आयुर्विज्ञान संस्थान के पैरामेडिकल विज्ञान महाविद्यालय को इसी वर्ष से चालू कर दिया जाए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि संस्थान के 11 विभागों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों को शुरु किए जाने की कार्रवाई में भी तेजी लाई जाए।
बैठक में लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव वित्त सुश्री वृन्दा स्वरूप, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री जे0पी0 शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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गेहूं के बाजार मूल्य में बढ़ोत्तरी के लिए राज्य सरकार प्रतिष्ठित कम्पनियों को बल्क पर्चेज की अनुमति देगी

Posted on 27 April 2012 by admin

मण्डी समिति में पंजीकृत आढ़तियों को भी दी जाएगी गेहूं खरीद की अनुमति, अब तक 5 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई

cm-photo-27-april-2012-002 मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रत्येक दशा में दिलाने के उद्देश्य से राज्य सरकार प्रतिष्ठित कम्पनियों और निजी संस्थाओं को बल्क पर्चेज की अनुमति प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इसका मकसद प्रतिस्पद्र्धा बढ़ाना है ताकि गेहूं का बाजार मूल्य और बढ़ सके। उन्होंने बताया कि इस क्रम में एक निजी कम्पनी को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद की अनुमति प्रदान कर दी गई है। कई अन्य कम्पनियों से भी बातचीत चल रही है, जिन्हें इसी प्रकार की अनुमति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री आज सचिवालय, एनेक्सी में गेहूं खरीद की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद की वर्तमान व्यवस्था में विभिन्न क्रय एजेन्सियों के साथ-साथ मण्डी समितियों में पंजीकृत आढ़तियों को भी गेहूं खरीद की अनुमति प्रदान की जाएगी। इन आढ़तियों को 2.5 प्रतिशत कमीशन देय होगा और फिलहाल इसका भुगतान राज्य सरकार करेगी। उन्होंने बताया कि आढ़तियों के माध्यम से गेहूं तभी खरीदा जाएगा जब वे किसानों को ‘एकाउन्ट पेयी चेक’ के माध्यम से तत्काल भुगतान करेंगे। किसानों को किए जाने वाले भुगतान का समस्त लेखा-जोखा एक पृथक ‘सेल रजिस्टर’ में किया जाएगा, जिसका सत्यापन जिलाधिकारी द्वारा नामित राजस्व अधिकारी करेंगे।
श्री यादव ने बताया कि एच.डी.पी.ई./पी.पी. बोरों के इस्तेमाल की अनुमति के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया जाएगा ताकि बोरों की उपलब्धता की कोई समस्या न हो। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि प्रदेश में अब तक 5 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। वर्तमान सीजन में गेहूं खरीद के लिए 4,884 केन्द्र खोले गए हैं, जबकि पिछले वर्ष 4,443 क्रय केन्द्रों पर ही खरीद की गई थी। अब तक 640 करोड़ रुपये की खरीद हो चुकी है और विभिन्न क्रय एजेन्सियों द्वारा लगभग 2 हजार 538 करोड़ रुपये की धनराशि गेहूं खरीद के लिए उपलब्ध कराई जा चुकी है। वर्तमान में क्रय एजेन्सियों के पास लगभग 1900 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं।
इसी प्रकार बोरों की उपलब्धता के बारे में मुख्यमंत्री को बताया गया कि फिलहाल 34 हजार 750 गांठें उपलब्ध हैं, जो लगभग 8.70 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद के लिए पर्याप्त हैं। एक अनुमान के मुताबिक गेहूं खरीद के लिए आगामी 8-10 दिनों में बोरों की उपलब्धता में किसी प्रकार की समस्या होने की उम्मीद नहीं है। मुख्यमंत्री को यह भी जानकारी दी गई कि आगामी 5 मई से प्रदेश को कोलकाता से एक रैक बोरों की गांठ लगभग रोजाना प्राप्त होने लगेगी।
बैठक में लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव, कृषि मंत्री श्री आनन्द सिंह, खाद्य एवं रसद मंत्री श्री रघुराज प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्री बलविन्दर कुमार, प्रमुख सचिव कृषि एवं कृषि विपणन श्री राजीव कपूर, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री देवाशीष पंडा, आयुक्त खाद्य एवं रसद श्रीमती अर्चना अग्रवाल, निदेशक मंडी परिषद श्री सतेन्द्र सिंह तथा भारतीय खाद्य निगम के महाप्रबन्धक श्री अनुराग गुप्ता भी मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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भरतनाट्यम् नृत्य मंे हुआ भाव राग व ताल का संगम

Posted on 27 April 2012 by admin

‘नागेन्द्र हाराय त्रिलोचनाय…..’

सारेगामा के नृत्योदय कार्यक्रम मंे 12 नृत्यांगनाओं  ने दिखाया कौषल

artists-at-bharata-sandhyaसारेगामा भारतीय संगीत सामाजिक एवं संास्कृतिक वेलफेयर संस्थान के तत्वावधान मंे स्थानीय राय उमानाथ बली प्रेक्षाग्रह मंे सांय भरतसंध्या के अन्तर्गत नृत्योदय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मंे 12 नृत्यांगनाओं द्वारा गुरू ज्ञानेन्द्र दत्त बाजपेई के निर्देषन मंे भरतनाट्यम नृत्य का प्रर्दषन किया गया। कार्यक्रम मंे मुख्य अतिथि के रूप मंे माननीय संस्कृति मंत्री उ0प्र0षासन श्रीमती अरूणा कोरी तथा विषिण्ट अतिथि के रूप मंे माननीय विधायक बीकेटी गोमती यादव उपस्थित हुये।
इससे पूर्व नृत्योदय कार्यक्रम का षुभारंभ गणमान्य अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्वलन से हुआ तथा नृत्य की षुरूआत रंग देवता की आराधना व स्तुति युक्त प्रस्तुति मल्लारी को राग नाट्टई आदि ताल मंे नृत्यांगना आरती पांण्डे, श्रेया वाजपेई, बैजन्ती नाथ, रचना षर्मा, सुनयना जयसवाल, दीपिका सिंह, मीरा भारती व श्रीलंका मूल की नुवन्ती सेनालिका ने प्रस्तुत किया तो इन्ही नृत्यांगनाओं द्वारा आलारिप्पू को राग नाट्टई व मिश्र चापू ताल मंे प्रस्तुत कर भरतनाट्यम् की पारम्परिक षुरूआत कर दर्षको की तालियाॅं बटोरी।
कार्यक्रम के अगले प्रसून मंे जतिस्वरम् को राग तोड़ी व रूपक ताल मंेे और वर्णम को राग पूर्वीकल्याणी व आदि ताल मंे संजोंकर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। अगली प्रस्तुति के रूप मंे अदि षंकराचार्य कृत राग मालिका व ताल खण्डचापू मंे षिव के वर्णन को ‘नागेन्द्र हाराय त्रिलोचनाय…..’ और षिव ताण्डव नटनम आडिनार…को राग वसंत आदि ताल मंे संजोया।
नृत्योदय के अन्तिम प्रसून मंे पारंपरिक समापन के तहत तिल्लाना को मुख्य कलाकारों के साथ प्रथम नृत्योदय के कलाकारों आरती उप्रेती,स्वाती सोनवानी,मोनिका सिंह व हर्षिका वर्मा ने प्रस्तुत कर नृत्य प्रेमियों का अभिनन्दन स्वीकार किया। कार्यक्रम मंे संगतकर्ता के रूप मंे नटुवांगम पर गुरू ज्ञानेन्द्र दत्त बाजपेई,गायन पर ललिता गणेष,मृदंगम पर जी0सुधीर कुमार तथा वायलिन पर संजरी साहू मौजूद थें।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री अनीता सहगल ने किया व समापन पर संस्था के अध्यक्ष विवेक वर्मा ने प्रतिभागियों को सफल कार्यक्रम के लिए बधाई दी तो निदेषक रामू सान्याल पूर्व पार्षद ने अतिथियांे का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान कला जगत की विषिष्ट हस्तियों भी मौजूद थी।ं

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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