Posted on 29 July 2011 by admin
बसपा सरकार में बेलगाम पुलिस की तानाशाही रवैया लोगों के गले की फाॅस बनती जा रही है। निर्दोषों को शलाखों के पीछे डालना तथा दलालों के माध्यम से पुलिस अपराधियों को संरक्षण देने में नहीं चूक रही है। क्षेत्र में बढ़ते अपराधिक घटनाओं से क्षेत्रीय जनता भयग्रस्त जिन्दगी गुजारने को मजबूर है।
शासन की मंशानुसार पुलिस अधीक्षक गोविन्द अग्रवाल ने क्राईम मीटिंग के दौरान थानाध्यक्षों के पेंच जरूर कसे,परन्तु कुछ थानाध्यक्षों पर उसका असर नहीं पड़ा। सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय प्रदेश शासन का नारा जहाॅ प्रदेश की जनता की खुशहाली द्योतक है। वहीं पुलिस का आदर्श वाक्य जो कानून की रक्षा करेगा हम उसकी रक्षा करेंगे। गरीबों मजलूमों की रक्षा करना की जिसका कर्तव्य है। परन्तु स्थित बदल गयी है। थानों के अन्दर थानाध्यक्षों द्वारा बेकसूर लोंगों को मारना पीटना, गलत ढंग से मुकदमा पुजीकृत करना जिसके कार्यों का स्वभाव बन गया हो, उससे बहुत उम्मीद करना बेकार है। थाना कुड़वार, कूरेभार, धम्मौर में घटित घटनाएं पुलिस की कार्य शैली पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है। जिसकी शिकायत पीड़ित आये दिन पुलिस अधीक्षक का परिक्रमा करके करता रहता है। दोषियों को दण्ड, निर्दोशों को न्याय मिले यही भारतीय संविधान की व्याख्या हैं। परन्तु संविधान का निर्माता एवं पालनकर्ता ये स्वयं बन बैठे हैं। विगत दिनों थाना कुड़वार में संदीप श्रीवास्तव की पिटाई इतनी हुई कि उसकी बाद में इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। भाजपा,सपा, छात्र नेताओं तथा पारिवारिक दबाव में थानाध्यक्ष के खिलाफ धारा 304 के अन्तर्गत मुकदमा पुजीकृत कर थानाध्यक्ष कूरेभार अभिमन्यु सिंह को निलम्बित करने को झूठा फरमान बता उपस्थित लोगों को शान्त करने की कोशिश की गयी। परन्तु पुलिस की इस कार्य शैली से लोगों में आक्रोश पैदा कर रहा है जिसकी चिंगारी की आग, आने वाले दिनों में देखने को मिल सकती है सपा नेत्री आयुषी श्रीवास्तव ने घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि बसपा के शासन काल में गरीबों को न्याय मिल पाना मुश्किल ही नहीं असम्भव है। एक थानाध्यक्ष ने बताया कि गलत कार्य करना हम भी नहीं चाहते, पर एक निश्चित बॅधी रकम ऊपर तक प्रति माह पहुॅचाना ही गलत कार्यों को करना हमारी मजबूरी बन गयी है। इसी तरह थानाध्यक्ष कुड़वार बी एन सरोज भी विवादित थानाध्यक्ष हैं। बीते माह तीन जून को पत्रकार राम शंकर चैरसिया के मामले में थी जिसमें पुलिस अधीक्षक को थानाध्यक्ष कुड़वार को निर्देश देना पड़ा फिर भी कोई कार्य संतोषजनक नहीं रहा। भुक्त भोगी पत्रकार को न्याय पाने के लिए न्यायालय का सहारा लेना पड़ा। भुक्त भोगी पत्रकार ने एक मुलाकात में थानाध्यक्ष बी एन सरोज पर आरोप लगाते हुए बताया कि थानाध्यक्ष ने विपक्षी पार्टी से धन लेकर क्रास केश कर दिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 29 July 2011 by admin
निर्माण में कमी को छुपाने के लिए विभाग ने लगाया वैरियर
तीन माह हो गये अधिशाषी अभियन्ता द्वारा सड़क पर लगाये गये वैरियर को हटवाने की बात कहे परन्तु अभी तक अघिशाषी अभियप्ता ने सड़क से वैरियर नहीं हटवाये जिससे क्षेत्रीय जनता में आक्रोश प्याप्त है। विभाग द्वारा सड़क पर वैरियर लगवाने तथा हटाने की बजह जब जानने की कोशिश की गयी तो मामले की जानकारी हुई। जिसमें लाखों कीें हेरा- फेरी सड़क के निर्माण में की गयी। जिसके बैक सीन में जाने पर मामला उभर कर सामने आया । मामला इस प्रकार है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में लूट खशोट का धन्धा बडे़ पैमाने पर किया गया जिसमें विभागीय अधिकारियों के अलावा ठेकेदार तथा बसपा सरकार के जनपद के विधायक एवं मंत्री का भी योगदान रहा है। अगस्त 2010 में निर्मित सड़क अपनी वजूद, निर्धारित समय सीमा के पहले ही खोने के कगार पर है। जिसके लिए विभाग ने अपनी कमी छुपाने लिए सड़क पर नो इण्ट्री का बोर्ड तथा वैरियर लगाकर अच्छा खाशा बन्दोबस्त कर रखा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत द्वारा प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत एनएच-56 से (लिंकरोड दोमुहाॅ) सुलतानपुर सिटी तक लगभग 8 किलोमीटर की सड़क का चैड़ीकरण एवं उच्चीेकरण का कार्य कार्यदायी संस्था अधिशाषी अभियन्ता पीएमजीएसवाई खण्ड -2 लोक निर्माण विभाग सुलतानपुर ने देकेदार मे0 पूर्वाचल कान्सट्रक्शन कम्पनी के माध्यम से कराया गया। जिसकी लागत 349.90 लाख रूपये विभाग द्वारा अवमुक्त किया गया।उक्त सड़क का निर्माण कार्य 16 अक्टूबर 2009 से प्रारम्भ होकर दिनांे 15 अगस्त 2010 को समाप्त हुआ। सड़क की गारण्टी सड़क बनने के बाद 5 वर्ष बताई गयी। परन्तु एक वर्ष भी नही बीता कि सड़क में जगी-जगह गड्ढे हो गये तथा कई जगह उसमें दरारें पड़ गयी। जिसकी खबर समाचार पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी को अवगत भी कराया गया था। सड़क के घटिया निर्माण कराने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही तो नहीं हुई, हाॅ एक कार्य अवश्य यह हुआ कि स़ड़क के प्रवेश द्वार पर विभाग नेे ’भारी वाहन प्रवेश वर्जित’ का बोर्ड तथा सड़क पर वैरियर लगा दिया।
यही नहीं सड़क के निर्माण के दौरान बधान की मिट्टी का कार्य, गुरम का कार्य, पत्थर का चूरा, तथा डामरी का कार्य भी मानक के अनुरूप नहीं कराया गया।सड़क की मोटाई में भी कोताही की गयी। सड़क पर भारी वाहन का प्रवेश वर्जित का बोर्ड ही नहीं लगा परन्तु सड़क के ऊपर विभाग ने वेरी केटिंग कर रखा है जिससे वहाॅ के निवासियों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। दो मुॅहा से सुलतानपुर सिटी की तरफ के गाॅव बेला सदा, शंकर गढ़, सोनबरसा, पखरौली गाॅव, परउपुर तथा सैंकड़ों गाॅव के लोग प्रभावित हैं। शादी विवाह का मौका हो या मकान बनाने के लिए सामान ले जाना हो सभी को बाई पास घूमकर लगभग 5 किलामीटर घूमकर जाना पड़ता है। ग्रामीणें की शिकायत पर जब अधिशाषी अभियन्ता पीएमजीएसवाई खण्ड-2लोक निर्माण से बात की गयी तो उन्होनें बताया कि जो सड़कों पर दरारें आ गयी हैं उसे ठेकेदार की सिक्यारिटी के रूप में जमा 10 प्रतिशत की राशि से बनवा दिया जायेगा तथा शीघ्र ही सड़क पर लगे वैरियर को जून तक हटवा दिया जायेगा। परन्तु अब भी ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है और सड़क का वैरियर नहीं हटाया गया जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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