केन्द्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा है कि भूकम्प जैसी दैवी आपदाओं के समय हानि को कम करने के लिए लोगो में बचाव के उपायों की जानकारी और जन जागरूकता के साथ सरकार व स्थानीय संस्थाओं और नागरिकों के समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। समूह देशों में भूकम्प पर हुए शोध एवं बचाव कार्यो की गतिविधियों की जानकारी से भी प्रतिनिधि लाभान्वित होगें। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण का गठन कर आपदा प्रबन्धन के लिए सद्यन प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने आपदा के समय संकट से निपटने के लिए अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर सहायता प्राप्त करने लिए भी एक दूसरे के अनुभव से सीख लेकर आपदा प्रबन्धन कार्यो को सुदढ बनाने पर बल दिया
केन्द्रीय पर्यटन मंत्री ने राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण तथा संयुक्त राष्ट्र के अन्र्तराष्ट्रीय शोध एवं सलाहकार समूह(प्छै।त्ळ) द्वारा एशिया एवं पैसिफिक देशों के ग्रुप देशों के प्रतिनिधियों की भूकम्प रेस्पोंस एक्सरसाइज के उद्घाटन सत्र कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यह उद्गार व्यक्त किये।
इस कार्यशाला में लभगभ 40 देशों तथा देश के विभिन्न प्रान्तों के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे है। 04 मई से 06 मई तक इस कार्यशाला में टेविलटाॅप एक्सरसाइज के साथ विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों द्वारा अपने अनुभवों/ सुझावों की जानकारी दी जायेगी। पर्यटन मंत्री ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से भूकम्प के विरूद्व नई जानकारी और बचाव हेतु नई तकनीकों की जानकारी के साथ बचाव के उपायों को सुदृढ बनाने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री एम. शशिधर रेड्डी ने प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं से उत्पन्न परिस्थितियों में तैयारियों और जागरूकता कार्यक्रमों की महत्ता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि विशेष रूप से भूकम्प से निपटने की कार्य योजना में जापान का अग्रणी स्थान है। वहां प्रति वर्ष आपदा तैयारी दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2010 में लगभग 6 लाख 70 हजार जापनी नागरिकों ने तैयारी ड्रिल में भाग लिया था।
उन्होंने आगरा में आयोजित इस क्षेत्रीय ग्रुप भूकम्प रेसपोन्स एक्ससाइज की चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय एवं अन्र्ताराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों द्वारा बचाव एवं राहत कार्यो तथा शोध कार्याे से लाभान्वित होने का अच्छा अवसर सुलभ हुआ है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा देश के विभिन्न भागों में नियमित रूप से माॅक एक्सरसाइज रिहर्सल कार्यक्रमों के आयोजन किये जा रहे है। इससे राज्य सरकारों तथा जिला प्रशासन को अपने आपदा प्रबन्धों और जन जागरूकता अभियानो को सुधारने में मद्द मिलती है। प्राधिकरण द्वारा प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं के सम्बन्ध में लगभग 260 माॅक एक्सरसाइज आयोजन किया गया है। इनमें से लगभग 90 ऐसी एक्सरसाइज स्कूल/कालेजों में आयोजित की गई है। इसी क्रम में 17 जून 2007 को औडिसा के तटीय जिलों में ऐसी एक्सासाइज की गई थी जिसमें उत्साहित होकर वहां इस दिन प्रतिवर्ष यह एक्सरसाइज आयोजित की जाती है।
उन्होंने कहा कि अमेरिकन फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेन्ट एजेन्सी (थ्म्ड।) ने वर्ष 2007 में राष्ट्रीय अभ्यास कार्यक्रम की शुरूवात की जिसमें संघीय, क्षेत्रीय तथा स्टेट स्तर पर अभ्यास गतिविधियों में प्राथमिकता और समन्वय के लिए फ्रेेम वर्क प्रदान करने की सुविधा दी जाती है।
श्री रेड्डी से बताया कि एनडीएमए ने प्रथम बार मल्टी स्टेट तैयारी अभ्यास की योजना बनाई है जो जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आपदा बचाव तैयारियों को क्रियाशील बनाया जायेगा। देश के विभिन्न आई.आई.टी. तथा विज्ञान एवं तकनीकी संस्थानो में लगभग 8 रिक्टर स्कैल पर भूकम्प तीव्रता पर भवन एक्सरसाइज कराई जा रही है। इस अभ्यास से जम्मू एवं कशमीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब हरियाणा, चण्डीगढ, उत्तराखण्ड एवं दिल्ली राज्य कवर होगें। इससे सभी राज्य सरकारें विभिन्न मंत्रालय, संस्थाएं तथा अन्य स्टाक होल्डर्स प्रतिभागी होगें। इससे बचाव हेतु उपायों, आपसी समन्वय आदि की भी जानकारी हो सकेगी। इस दिशा में राष्ट्रीय अभ्यास कार्यक्रमों का कलेण्डर तैयार करने की भी कार्यवाही की जा रही है। उन्होनें प्राधिकरण द्वारा ‘‘नेशनल अर्थक्येक रिस्क मिटीगेशन प्रोजेक्ट(छम्त्ड।) के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर जे0के0 सिन्हा सदस्य एनडीएमए, पैट्रिस कोइयूर विजोट संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय समन्वयक, टेरजी स्कावडाल प्रमुख एफसीएसएस जिनेवा, प्रतिभागी लगभग 40 देशों के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय आपदा रेसपोन्स फोर्स के अधिकारी, स्थानीय प्रशासन के जिलाधिकारी अजय चैहान, डीआई.जी. असीम अरूण आदि वरिष्ठ अधिकारी ने प्रतिभाग किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com