किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाते हैं सपा नेता
बहस और गम्भीर विचार-विमर्श से कतराने वाले सपा के लोग सदन की कार्यवाही जानबूझ कर बाधित करते हैं
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों की स्मृति में बनवाये गये स्मारकों तथा राज्य सरकार द्वारा कराये गये विकास कार्याें को लेकर सपा नेता श्री शिवपाल सिंह यादव की अनर्गल बयानबाजी को उनकी बीमार मानसिकता की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा कि श्री यादव ने आज यहां एक प्रेसवार्ता के दौरान अपनी दलित विरोधी मानसिकता के चलते जिस प्रकार इन महापुरूषों का अपमान किया है, वह शर्मनाक व अक्षम्य है। उन्होंने कहा कि सपा के लोगों को बी0एस0पी0 की सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर कराये गये विकास कार्य इसलिए नज़र नहीं आते, क्योंकि इनकी दृष्टि का दायरा संकीण है और केवल सैफई तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले सपा नेता को राज्य सरकार पर झूठे आरोप लगाने से पहले अपने गिरहबान में झांक लेना चाहिए।
बी0एस0पी0 प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अपना मुंह खोलने से पहले शिवपाल सिंह यादव को सपा शासनकाल के खाद्यान्न घोटाला, पुलिस भर्ती घोटाला, दवा खरीद घोटाला, नोएडा भूमि घोटाला व एल0डी0ए0 घोटाले को याद कर लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती घोटाले में गरीब अभ्यर्थियों से हजारों करोड़ रूपये की रिश्वत लेने वाले श्री यादव जब भ्रष्टाचार पर बोलते हैं तो जनता हंसती है। उन्होंने कहा कि सपा के शासनकाल में खरबों रूपये कमाकर विदेशी बैंकों में जमा करने वाले नेता एक दलित की बेटी को मुख्यमन्त्री के रूप में देखकर बौखलाये रहते हैं।
श्री मौर्य ने कहा कि पूरे देश में तमाम महापुरूषों के नाम पर करोड़ों रूपये की जमीनों पर स्मारक बने हुए हैं, लेकिन सपा सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस पर कभी कोई आपत्ति नहीं जतायी। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि श्री मुलायम सिंह यादव ने पूरे प्रदेश की उपेक्षा कर अपने पैतृक गांव सैफई को चमकाने के नाम पर कई सौ करोड़ रूपये की धनराशि को पानी की तरह बहा दिया था। उन्होंने कहा कि सपा नेताओं की नीयत में अगर खोट न होती, तो पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में इतनी बड़ी धनराशि से तो प्रदेश के कई हजार गांवों की तस्वीर बदली जा सकती थी।
बी0एस0पी0 प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि स्मारकों की धनराशि को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने फिर एक बार जनता को गुमराह करने की नाकाम कोशिश की है। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि सरकार द्वारा इन स्मारकों, संग्रहालयों, मूर्तियों व पाकाZें आदि की स्थापना पर अब तक के कार्यकाल के दौरान किया गया व्यय कुल बजट धनराशि के लगभग 01 प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार के वर्तमान शासनकाल में बजट की शेष 99 प्रतिशत धनराशि का सम्पूर्ण अंश जनहित के कार्याें व प्रदेश के विकास पर खर्च किया गया है। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि पहली बार पूरे प्रदेश के सम्पूर्ण विकास की शुरूआत बी0एस0पी0 की सरकार ने ही की है। बी0एस0पी0 सरकार ने सपा सहित अन्य पार्टियों की सरकारों द्वारा अधूरे छोड़े गए विकास कार्याें को न केवल पूरा कराया, बल्कि ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में अनेक नए कार्य भी प्रारम्भ किए।
श्री मौर्य ने कहा कि सभी जानते हैं कि अपनी कार्यशैली के कारण माननीया मुख्यमन्त्री जी की पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान है, क्योंकि वे दोषियों को कतई नहीं बख्शतीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर भ्रश्टाचार और धन वसूली का आरोप लगाने वाले श्री यादव की याददाश्त शायद काफी कमजोर हो चुकी है। उन्हें याद हो या न हो, लेकिन प्रदेश की जनता पूर्ववर्ती सपा सरकार के दौरान हुए पुलिस भर्ती घोटाले, खाद्यान्न घोटाले, नोएडा भूमि घोटाले, एल0डी0ए0 घोटाले, दवा खरीद घोटाले जैसे तमाम घोटालों को आज भी नहीं भूली है।
श्री मौर्य ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि घोटालों की सरकार चलाने वाले लोग किस मुंह से भ्रश्टाचार की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि काले धन के सम्बन्ध में माननीया मुख्यमन्त्री जी पर श्री यादव द्वारा लगाया गया आरोप न केवल बेबुनियाद और घटिया है, बल्कि झूठ की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि माननीया मुख्यमन्त्री जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन बहुजन समाज आन्दोलन को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित कर दिया है।
श्री मौर्य ने कहा कि कानून तोड़ने में माहिर लोग क्या जाने कि कानून का सम्मान क्या होता है। यदि सपा नेता को इसका जरा भी बोध होता, तो वे राज्य सरकार पर मा0 न्यायालयों के आदेशों के उल्लंघन का झूठा आरोप कभी न लगाते। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 व उसकी सरकार संविधान, मा0न्यायालय के आदेशों व कानून का पूरा सम्मान करती है और मा0 सर्वोच्च न्यायालय एवं मा0 उच्च न्यायालय के आदेशों का तो अक्षरश: पालन सुनिश्चित करती है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार कानूनी कार्यवाही में न तो हस्तक्षेप करती है और न ही इस सम्बन्ध में कोई पक्षपात करती है। राज्य सरकार की दृष्टि में सभी लोग बराबर हैं। उन्होंने कहा कि विधायक श्री विजय मिश्रा के मामले में भी कानून अपना काम कर रहा है।
श्री मौर्य ने कहा कि विधान मण्डल में बजट पारित किए जाने को लेकर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करने वाले नेता प्रतिपक्ष को यह बताना चाहिए कि समाजवादी पार्टी संसदीय परम्पराअों के पालन और मर्यादित आचरण में कितना यकीन करती है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय सम्बन्धी जिस विधेयक का उल्लेख श्री यादव ने पत्रकार वार्ता के दौरान किया, यदि उस पर चर्चा के लिए नेता प्रतिपक्ष और उनकी पार्टी के अन्य सदस्य वाकई प्रतिबद्ध होते तो सदन के अन्दर अव्यवस्था न पैदा करते। उन्होंने कहा कि सपा के लोग सदन की कार्यवाही में जानबूझ कर बाधित करते हैं, क्योंकि यह लोग बहस और गम्भीर विचार-विमर्श से कतराते हैं।
श्री मौर्य ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के विपरीत प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार के लिए किसानों का हित सर्वाेपरि है। इसीलिए जहां एक ओर उसने किसानों के हित में अनेकों ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, वहीं दूसरी ओर भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले किसानों के लिए नई पुनर्वास नीति जारी की है, जिसमें किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में ही स्पष्ट किया जा चुका है कि जनपद गौतमबुद्ध नगर की घटना का भूमि अधिग्रहण से कोई लेना-देना नहीं है और इसे कतिपय अराजक तत्वों द्वारा अंजाम दिया गया। ऐसी स्थिति में घटना का राजनीतिकरण किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि राज्य सरकार द्वारा इसकी सी0बी0सी0आई0डी0 से जांच कराने के आदेश दिए जा चुके हैं।
श्री मौर्य ने कहा कि सपा नेता की अकल पर ही पत्थर पड़ गये है, इसलिए उन्हें हर जगह पत्थर ही नज़र आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा नेता द्वारा राज्य सरकार पर लगाये गये सभी आरोप असत्य, तथ्यहीन और निराधार हैं और इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि श्री यादव ने जातिवादी एवं दलित विरोधी मानसिकता से पूरी तरह ग्रसित होकर ही यह सभी अनर्गल आरोप लगाये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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