सरकार उर्दू जबान और अदब की तरक्की के लिये पूरी तरह कटिबद्ध -नसीमुद्दीन सिद्दीकी
उत्तर प्रदेश की मा0 मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी के नेतृत्व में बी0एस0पी0 सरकार उर्दू ज़बान और अदब की तरक्की के लिये पूरी तरह कटिबद्ध है। सरकार द्वारा उर्दू भाषा और अल्पसंख्यकों के सम्बंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। उर्दू अकादमी की ग्रान्ट बढ़ाकर तीन करोड़ रूपये कर दी गई। साथ ही उर्दू अकादमी द्वारा मौलाना आज़ाद के मशहूर अखबार ´´अल हिलाल´´ का पुन: प्रकाशन किया गया।
यह बात आज यहॉ उ0प्र0 के लोक निर्माण, आवास, कृषि तथा सिंचाई मन्त्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सूचना भवन के प्रेक्षागृह में सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित उर्दू मासिक पत्रिका ´´नयादौर´´ के ´´इरफ़ान सिद्दीकी विशेषांक´´ का विमोचन करने के उपरान्त आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुये कही। उन्होंने कहा कि आधुनिक उर्दू ग़ज़ल के आसमान पर जो सितारे चमक रहे हैं, उनमें से एक नाम इरफान सिद्दीकी का भी है। उन्होंने आधुनिक शायरी में एक नई आवाज़ दर्ज करायी, जिसको प्रगतिशील आन्दोलन के बड़े-बड़े समालोचक भी नज़र अन्दाज़ न कर सके। श्री सिद्दीकी ने कहा कि 11 मार्च 1939 को बदायूं में जन्मे इरफान सिद्दीकी ने उर्दू साहित्य को पांच खूबसूरत संग्रह ´´कैन्वस´´, ´´शबे दरमियां´´, ´´सात समावात´´, ´´इश्कनामा´´ और ´´हवाए दस्ते मारिया´´ के साथ कुिल्लयात (समग्र) ´´दरिया´´ दिये। इसके साथ ही संस्कृत के महान कवि कालिदास की नज़्म ´´ऋतुसिंघार´´ और संस्कृत ड्रामे ´´मालविका अग्निमित्र´´ का उर्दू में अनुवाद किया। श्री सिद्दीकी ने नवोदित प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में ´´नया दौर´´ के कार्यों की भी सराहना की।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उ0प्र0 अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन श्री लियाक़त अली खॉ ने इस अवसर पर कहा कि इरफान सिद्दीकी एक बेहतरीन शायर, अदीब, सहाफ़ी के साथ-साथ एक अच्छे इंसान भी थे। उन्होंने कहा कि ज़िन्दा क़ौमें अपने अकाबिरीन को फरामोश नहीं करती हैं। सूचना विभाग ने इरफान सिद्दीकी की स्मृति में ´´नया दौर´´ का जो विशेषांक प्रकाशित किया है इसके लिये वह साधुवाद का पात्र है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमन्त्री के मीडिया सलाहकार और अध्यक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 श्री मोहम्मद जमील अख़्तर ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि इरफान सिद्दीकी एक शायर, सहाफ़ी और अदीब के साथ-साथ अच्छे दोस्त भी थे। इण्डियन इन्फार्मेशन सर्विस में रहते हुये उन्होंने आकाशवाणी और दूरदर्शन के महत्वपूर्ण पदों पर भी सफलतापूर्वक काम किया। इसके साथ ही इण्डियन आर्मी में मेजर के पद पर भी उन्होंने काम किया और मेजर की वदीZ धारण करने में उन्हें गर्व महसूस होता था। वह मेरे दोस्त भी थे और बड़े भाई की तरह प्रेम से पेश आते थे। उनका परामर्श सभी के लिये उपयोगी होता था।
समारोह को सम्बोधित करते हुये सूचना निदेशक श्री अजय कुमार उपाध्याय ने कहा कि सूचना विभाग से निरन्तर 64 वर्ष से प्रकाशित मासिक पत्रिका ´´नया दौर´´ समय-समय पर विशेषांक प्रकाशित करती रही है, जिसमें अवध नंबर, जौहर नंबर, डायमण्ड जुबली नंबर, निस्फ़ सदी नंबर, मीर तक़ी मीर नंबर, 1857 नंबर, शक़ील बदायूनी नंबर और अब मा0 मुख्यमन्त्री जी के मीडिया सलाहकार श्री मोहम्मद जमील अख़्तर के मार्गदर्शन में इरफान सिद्दीकी विशेषांक प्रकाशित कर स्वस्थ परम्परा को जारी रखा है। उन्होंने ´´नया दौर´´ के सम्पादक डा0 वज़ाहत हुसैन रिज़वी और उनके सहयोगियों की प्रशंसा की। उन्होंने श्री सिद्दीकी की शायरी पर प्रकाश डालते हुये उनका यह शेर पेश किया- उठो, यह मन्ज़रे शबताब देखने के लिये-कि नीन्द शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए, इसी के साथ उन्होंने कार्यक्रम में आये विशिष्ट अतिथियों, पत्रकारों, साहित्यकारों और गणमान्य नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
समारोह को सम्बोधित करते हुये प्राख्यात कवि डॉ0 मलिक ज़ादा मंजूर अहमद ने कहा कि सूचना विभाग द्वारा समय-समय पर प्रकाशित विशेषांक आने वाली नस्लों के लिये उपयोगी सिद्ध होंगे और शोध छात्रों के लिये मार्गदर्शक बनेंगे। उन्होंने कहा कि इरफान सिददीक़ी शायर होने के साथ-साथ एक अच्छे पत्रकार भी थे और उन्होंने उर्दू रोज़नामा ´´सहाफ़त´´ में चीफ ऐडिटर के पद पर लम्बे समय तक काम किया। उन्होंने इरफान सिद्दीकी द्वारा अपनी गज़लों में कर्बला के प्रतीकों का सामयिक अर्थों में प्रयोग करने पर विशेष रूप से उल्लेख किया।
इस अवसर पर अपर निदेशक सूचना श्री रामदीन सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी, पत्रकारगण, साहित्यकार और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो0 मलिकजादा मंजूर अहमद ने किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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