सहायक श्रमायुक्त गणेश बरनवाल ने बताया कि जिले की भौगोलिक सीमा के अन्तर्गत किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य जैसे भवन, सड़क, नाली, खड़ण्जा, विद्युत, वितरण/पारेषण कार्य, सिंचाई, परियोजना आदि कार्याें में कार्यरत समस्त श्रमिकों को लाभािन्वत किये जाने हेतु उत्तर प्रदेश भवन और अन्य सिन्नर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा तीन योजनाएं संचालित की जा रही है। दुघZटना सहायता योजना, मातृत्व हित लाभ योजना और शिशु हित लाभ योजनाओं के संचालन हेतु श्रम विभाग उ0प्र0 नोडल विभाग है। योजनाओं से आच्छादित/लाभािन्वत होने के लिए भवन एवं अन्य सिन्नर्माण कायोंZ में लगे श्रमिकों का श्रम विभाग में लाभार्थी के रूप में पंजीकृत होना अनिवार्य है। योजनाओं के लाभार्थियों के रूप में पंजीकरण हेतु आयु 18-60 वर्ष होनी चाहिए। पंजीकरण फार्म श्रम कार्यालय, गोशाला भवन ढ़ालगर टोला में नि:शुल्क उपलब्ध है। पंजीकरण फार्म के साथ श्रमिक का तीन फोटो, आयु प्रमाण पत्र का अभिलेख तथा 50 रूपये पंजीकरण शुल्क संलग्न किया जाना है। योजनाओं के पात्र लाभार्थियों को आवेदन करने के बाद जिलाधिकारी से स्वीकृत कराने के उपरान्त चेक के माध्यम से लाभािन्वत किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि श्रमिक दुघZटना सहायता योजना के अन्तर्गत पंजीकृत लाभार्थी श्रमिक (कार्यदायी संस्थाओं, संविदाकार/निजी क्षेत्र में) की मृत्यु अथवा स्थाई पूर्ण/स्थाई आंशिक अपंगता/विकलांगता के फलस्वरूप श्रमिक के आश्रितों को अनुग्रह राशि के रूप में 40 हजार रूपये (मृत्यु पर) तथा विकलांगता/अपंगता पर 20 हजार रूपये बोर्ड द्वारा दिया जायेगा। मातृत्व हित लाभ योजना के अन्तर्गत पंजीकृत महिला निर्माण कर्मकार को अधिकतम दो बच्चों की सीमा तक 3 हजार रूपये की धनराशि का एकमुश्त समाधान प्राप्त कर सकते है। इसी प्रकार शिशु हित लाभ योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के नवजात शिशुओं को उनके जन्म से दो वर्ष की आयु पूर्ण होने तक पौष्टिक आहार की व्यवस्था कराये जाने हेतु पुत्र होने की स्थिति में 3 हजार रूपये तथा पुत्री होने की स्थिति में 4 हजार रूपये की वाषिZक दर से भुगतान किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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