बिना जमानत राशि और सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देते हुए राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड ने प्रदेश के ग्रामीण डिलरों को नि:शुलक परिवहन पर लौह
उत्पाद उपलब्ध कराने की योजना शुरू की। इस मौके पर कंपनी के अध्यक्ष एवं सह-प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार विश्नोई ने प्रदेश के एक दर्जन से अधिक लोगों को ‘ग्रामीण डीलरशिप योजना’ (आरआईएनएल) का पंजीयन प्रमाण पत्र सौंपा। सोमवार को लखनऊ में आयोजित प्रेसवार्ता में विश्नोई ने बताया कि इस योजना में मौजूदा खुदरे व्यापारियों, परेषण अभीकर्ताओं और जिला स्तरीय डीलर को शामिल नहीं किया जाएगा। इस मौके पर विश्नोई ने गरीब विद्यार्थियों को ‘अध्ययन सामग्री’ वितरित की और कंपीनी द्वारा 5 छात्राओं को दसवीं तक पढ़ाने की घोषणा की। निदेशक वाणिज्य तपन कुमार चांद ने बताया कि ग्रामीण डीलरों के पंजीकरण में अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़े वर्ग/महिला एवं अल्पसंख्यकों को प्रोत्साहित करने की योजना है। आवेदक को डीलरशिप के लिए अपनी वित्तीय क्षमता का शपथपत्र प्रस्तुत करना होगा।
कंपनी के निदेशक वाणिज्य तपन कुमार चांद ने कहा कि ग्रामीण डीलरों के माध्यम से यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात उपलब्ध कराएंगे और युवा उद्यमियों को डीलर बनाकर विकास की गति बढ़ाएंगे। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘ऑपरेशन ज्योति’ (मोतियाबिंद से राहत) चलाया जाएगा। इस योजना के तहत प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार, सामुदायिक विकास आदि क्षेत्रों में सामाजिक कार्य करने की घोषणा की। निदेशक वाणिज्य तपन कुमार चांद ने बताया कि कंपनी के देश भर में पांच क्षेत्रीय कार्यालय, 23 शाखा बिक्री कार्यालय व स्टॉकयार्ड, 4 परेषण बिक्री अभिकर्ता और 120 जिला स्तरीय डीलर शामिल हैं। योजना के पहले चरण में 200 से अधिक ग्रामीण डीलरों का पंजीकरण किया जाएगा। चांद ने बताया कि विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र से प्रतिवर्ष 3 मिलियन टन द्रव इस्पात का उत्पादन हो रहा है जिससे 11,000 करोड़ का कारोबार होता है। कंपनी में टीएमटी सरिया, वॉयर रॉड, राउण्ड, स्ट्रक्चरल, स्क्वेयर जैसे उत्पादों का उत्पादन किया जाता है। कंपनी ने वर्ष 2011-12 में अपने उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 6.3 मिलियन टन प्रति वर्ष करने का लक्ष्य रखा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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