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तहसील दिवस : 155 प्रार्थना पत्रों में 10 का निस्तारण

Posted on 01 February 2011 by admin

विकलांग की ड्यूटी 20 किमी दूर लगाने पर डीएम ने बीएसए को लगाई फटकार

जिलाधिकारी गौरव दयाल की अध्यक्षता में तहसील दिवस तहसील सदर में सम्पन्न हुआ। पिछले तहसील दिवस के लंबित शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि अगर एक सप्ताह में ऐसे मामलों का निस्तारण सम्बंधित अधिकारी द्वारा नहीं किया जाता है तो उनको प्रतिकूल प्रविष्टि दी जायेगी। उन्होंने कहा कि शासन का निर्देश है कि तहसील दिवस में प्राप्त प्रार्थना पत्रों का निस्तारण प्रत्येक दशा में 14 दिन में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस अवसर पर कुल विभिन्न मामलों में 155 दरख्वास्त पड़ी। जिसमें 10 प्रार्थना पत्रों का त्वरित निस्तारण किया गया। शेष प्रार्थना पत्रों को समय सीमा के अन्दर निस्तारण के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को हस्तगत करा दिया गया।

उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि शासन द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सम्बंधित व्यक्ति को हर हालत में मिलना चाहिए। निर्धारित समय के अन्दर सम्बंधित के नाम वसीयत दर्ज हो जाना चाहिए। सरकारी भूमि पर किसी भी हालत में अवैध कब्जा नही होना चाहिए।
अधिकारियों के समक्ष पड़े प्रार्थना पत्रों में एक विकलांग अध्यापक का भी प्रार्थना पत्र था। अपनी फरियाद सुनाते हुए जब जिलाधिकारी से उसने बेसिक के खिलाफ शिकायत करते हुए कहा कि मैं विकलांग हूं। बीएसए द्वारा मेरी ड्यूटी घर से 20 किलोमीटर दूर लगा दी गई है। मैं इतनी दूर जाने में असमर्थ हूं। उसकी फरियाद सुनने के बाद जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षाधिकारी को फटकार लगाते हुए सही ढंग से कार्य करने की नसीहत दी।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक एसके भगत, डीडीसी एएन सिंह, नगर मजिस्ट्रेट बाल मयंक मिश्र, उप जिलाधिकारी सदर गुलाबचन्द राम, सीओ सदर प्रकाश कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक एके सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी डीएन सिंह, कार्यक्रम अधिकारी जया त्रिपाठी, प्रोबेशन अधिकारी सरोज श्रीवास्तव, अधिशासी अभियन्ता विद्युत शुभचन्द झा, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका वंशराज सिंह, सहायक श्रमायुक्त गणेश बरनवाल, तहसीलदार रमेश चन्द यादव सहित जिला एवं तहसील स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

चर्चा है कि जिले में तीन वर्ष से अधिक समय बिताने वाले इस शिक्षाधिकारी के पास जब कोई भी कोई व्यक्ति कार्यवश जाता है तो वह अपने से सम्बद्ध एक बाबू से मिलने को कहकर भेज देता है। उक्त बाबू द्वारा सुविधा शुल्क रकम तय होने के बाद ही कार्य को निपटाया जाता है। शायद बीएसए के इस कार्य प्रणाली की जानकारी उच्चाधिकारियों को नहीं है, लेकिन आम लोगों विशेषकर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों में बीएसए के भ्रष्टतम आचरण की ऐसी चर्चा है। लोगों का कहना है कि प्राथमिक और जूनियर स्कूलों के अध्यापकों को उठाकर 20 से 40 किमी दूर इसलिए भेज दिया जाता है कि दिक्कत आने पर वे उसके पास आयेंगे। तब सुविधा के तौर पर मोटी रकम लेकर नजदीकी विद्यालयों पर नियुक्त कर दिया जायेगा।

केराकत संवाददाता के अनुसार उप जिलाधिकारी मधु शालिनी की अध्यक्षता एवं जिला विकास अधिकारी तेज प्रताप सिंह की उपस्थिति में तहसील दिवस के अवसर पर कुल 82 शिकायती प्रार्थना पत्र पड़े। जिसमें से 5 प्रार्थना पत्रों का निस्तारण तत्काल कर दिया गया तथा शेष को सम्बन्धित विभागों को निस्तारण हेतु भेज दिया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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