भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमन्त्री पर आरोप लगाया कि वे जनहित के नाम पर तानाशाही पर उतर आई हैं। प्रदेश प्रवक्ता सत्यदेव सिंह ने निकाय चुनावों के अप्रत्यक्ष निर्वाचन पर मुख्यमन्त्री के वकतब्य की निन्दा करते हुए कहा कि निकाय चुनावों में महापौर/अध्यक्षों के चुनाव जनता से न करवाकर अप्रत्यक्ष रूप से कराने का निर्णय लेकर सरकार ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर द्वारा लिखित संविधान की मूल भावना को ठेस पहुंचाई है।
प्रदेश प्रवक्ता सत्यदेव सिंह ने मुख्यमन्त्री से प्रश्न किया कि आंखिर अप्रत्यक्ष निर्वाचन में कौन सा जनहित हो रहा है र्षोर्षो उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों में जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव अप्रत्यक्ष करवाकर सरकार द्वारा यह तर्क देना कि पंचायत चुनाव जनहित की कसौटी पर खरे उतरे, पूरे तौर पर बेईमानी है। श्री सिंह ने कहा कि बसपा सरकार का काला सच तो यह है कि वह निकाय चुनाव की निर्वाचन प्रक्रिया में बदलाव करके पंचायत चुनावों की तरह लोकतन्त्र की निचली ईकाईयों के महत्वपूर्ण पदों पर अपने लोगों को काबिज करना चाहती है।
श्री सिंह ने कहा कि सरकार को जनता के बीच यह भी स्पष्ट करना चाहिये आंखिर किन कारणों से महापौर/पालिकाध्यक्षों के चुनाव का अधिकार जनता से छीना जा रहा है। प्रदेश प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सच तो यह है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत सरकार ने निकाय के पदों पर कब्जा करने की नियत से ही चुनाव प्रक्रिया में संशोधन किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस अलोकतान्त्रिक कदम का पुरजोर ढंग से विरोध करेगी।
श्री सिंह ने कहा कि गोरखपुर के बडहलगंज थाना के गांव मरचीपुर में 19 वषीZय दलित शादी शुदा शिक्षिका की दुष्कर्म के बाद हत्या, जनपद एटा में विधवा की 11 वषीZय बेटी से सामूहिक दुष्कर्म, फिरोजाबाद के बदनपुर गांव में 8 वषीZय बालिका के साथ दुराचार और अम्बेडकर नगर के मपहरूआ गांव में दलित बालिका के साथ दुष्कर्म ने प्रदेश की अराजकता ध्वस्त कानून व्यवस्था की बखियॉं उधेड़ दी है। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमन्त्री का महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर चुप रहने की जितनी निन्दा की जाए कम है। अम्बेडकर नगर में तो हुए दुष्कर्म में पीड़िता व परिजनों ने एक मन्त्री पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि आरोपी मन्त्री का रिश्तेदार है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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