बुन्देलखण्ड के लेखक बुद्धिजीवियों तथा सांस्कृतिक कर्मियों तथा पत्रकारों के एक दल ने बुन्देलखण्ड के पर्यटन विकास हेतु केन्द्रीय पर्यटन मत्री सुबोध कान्त सहाय से मुलाकात करके यहां के पर्यटन स्थलों से अवगत कराते हुये बताया कि खजुराहों के अलावा ओरछा, देवगढ़, चांदपुर, जहाजपुर, जेराखों की गुफा, रणछोरजी, आल्हा उदल की बैठकी, चदेंरी का किला, कटी घाटी, मर्दन सिंह का किला, रानी लक्ष्मीबाई का किला, बरूवा सागर का जल प्रपात, कालिंजर का किला, महोबा का सूर्य मिन्दर, कालपी की मीनारे, चरखारी का आगाहश्र कश्मीरी द्वारा स्थापित कराया गया नाट्य मण्डल, दशावतार मिन्दर जैसे अनेक स्थल होने के बावजूद इस क्षेत्र का राश्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर न होने से विदेशी तथा देशी पर्यटकों का आभाव बना रहता है। जबकि यह क्षेत्र रंगीले राजस्थान से किसी भी मायने में कम नहीं है। सांस्कृतिक विरासत को सजोकर यहां के पर्यटन विकास के लिये योजना बनाने का आग्रह केन्द्र मन्त्री से प्रतिनिधि मण्डल ने किया। प्रतिनिधि मण्डल में राजा बुन्देला, सुरेन्द्र अग्निहोत्री,राकेश मोहन, अजीत निगम आदि प्रमुख थे।
बुन्देलखण्ड के लेखक, बुद्धिजीवियों सांस्कृतिक कर्मियों तथा पत्रकार का दल ने केन्द्रीय पर्यटन मन्त्री सुबोध कान्त सहाय से मुलाकात करते हुये राजा बुन्देला, सुरेन्द्र अग्निहोत्री, राकेश मोहन, अजीत निगम आदि
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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