सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजेन्द्र नगर द्वारा विद्यालय प्रांगण में आज `डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स´ का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण अपने गीत-संगीत से सभी दर्शकों एवं अभिभावकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। छात्रों ने सार्वभौमिक जीवन मूल्यों, विश्वव्यापी चिन्तन, विश्व की सेवा के लिए तथा सभी चीजों में उत्कृष्टता विषय पर अपने सारगभिZत विचार प्रकट किये। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं वाषिZक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया।
डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स में अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी ने कहा कि बचपन में बालक को जैसे संस्कार व विचार दिये जायेंगे, बालक वैसे ही बन जायेंगे। वैसे तो बालक के व्यक्तित्व को गढ़ने में परिवार, समाज व विद्यालय तीनों ही जिम्मेदार हैं लेकिन इन तीनों में भी विद्यालय का उत्तरदायित्व सबसे अधिक है। इसीलिए बालक को अच्छा या बुरा बनाने की असली जिम्मेदारी तो हम स्कूल वालों की ही बनती है। आज हमें छात्रों को यह बताना ही पड़ेगा कि ईश्वर एक है, धर्म एक है, मानव जाति एक है, यह सारी धरती हमारी माता है, परमात्मा हमारा पिता है, सभी धरती वासी हमारे कुटुम्ब के सदस्य हैं। हमें अपने परिवार के सदस्यों के रूप में भेदभाव रहित होकर उनकी सेवा करनी चाहिए। इस प्रकार एक स्वस्थ तथा अच्छे समाज की नींव (आधारशिला) स्कूल में रखी जाती है।
इस अवसर पर सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर की वरिष्ठ प्रधानाचार्या सुश्री सुदर्श कौर ने कहा कि सी.एम.एस. अपने छात्रों का सर्वांगीण विकास कर `टोटल क्वालिटी पर्सन´ बनाने को दृढ़-संकल्पित है तथा इसी उद्देश्य को लेकर यह आध्याित्मक शिक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि एक खुशहाल समाज के नव निर्माण हेतु स्कूलों द्वारा बालकों को भौतिक, सामाजिक तथा आध्याित्मक तीनों प्रकार की सन्तुलित या उद्देश्यपूर्ण शिक्षा देनी चाहिए। सुश्री कौर ने आगे कहा कि शिक्षा को नये-नये समाजोपयोगी आविष्कारों का नेतृत्व तथा व्यक्ति की असीम मानवीय क्षमताओं का सम्पूर्ण विकास तथा विश्व समाज की उत्कृष्ट सेवा की वचनबद्धता में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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