Archive | February, 2011

डा0 अम्बेडकर ग्रामों के चयन के लिए पूर्व में जारी शासनादेश में आंिशक संशोधन

Posted on 24 February 2011 by admin

प्रदेश सरकार द्वारा वशZ 2011-12 हेतु डा0 अम्बेडकर ग्रामों के चयन एवं कार्ययोजना के सम्बंध में गत 17 जनवरी को जारी शासनादेश में आंिशक संशोधन किया गया है।

यह जानकारी प्रमुख सचिव अम्बेडकर ग्राम श्री बलविन्दर कुमार द्वारा दी गई है। उनके द्वारा समस्त सम्बंधित विभागों के प्रमुख सचिवों तथा मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को भेजे गये परिपत्र में निर्देश दिये गये हैं कि वशZ 2011-12 में डा0 अम्बेडकर ग्रामों का चयन वशZ 2001 की जनगणना के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति/जनजाति की आबादी वाले ग्रामों को अनुसूचित जाति/जनजाति की जनसंख्या के अवरोही क्रम में क्रमबद्ध करते हुए जनपदों को आनुपातिक रूप से आवंटित ग्रामों का चयन किया जाय। यह भी निर्देश दिये गये हैं कि ग्रामों के चयन में इस बात का ध्यान रखा जाय कि उस ग्राम की कुल आबादी 250 से कम न हो।

श्री बलविन्दर कुमार ने कहा है कि संशोधित सूची विभागीय वेबसाइट hittp://agvv.up.nic.in पर उपलब्ध है उसका भलीभान्ति परीक्षण कर यह देख लिया जाय कि चिन्हाकित ग्रामों में से कोई ग्राम शहरी क्षेत्र की सीमा के अन्दर तो नहीं आ गया है अथवा पूर्व वशोZं में सन्तृप्त तो नहीं किया जा चुका है या किसी कारणवश असाध्य घोशित किया जाना है। ऐसे ग्रामों की सूचना एक सप्ताह के अन्दर शासन को उपलब्ध कराई जाय।

प्रमुख सचिव अम्बेडकर ग्राम ने निर्देश दिये हैं कि चयनित डा0 अम्बेडकर ग्रामों में संचालित कार्यक्रमों की कार्ययोजना 15 मार्च तक विभागीय ई-मेल agvvlko@yahoo.com पर उपलब्ध करा दी जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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उत्तरप्रदेश में आर आई एन एल-आर डी एस (ग्रामीण डीलरशिप योजना) का शुभारंभ

Posted on 24 February 2011 by admin

राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र (आर आई एन एल-वी एस पी), जो भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के अधीन एक अग्रणी केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम, ‘वाइजाग स्टील’ के रूप में प्रसिद्ध ‘नवरत्न’ कंपनी है, देश में आधुनिक प्रौद्योगिकी वाला पहला तटीय समग्र इस्पात संयंत्र है|

राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र 3 मिलियन टन द्रव इस्पात की वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ करीबन 11,000 करोड़ का कारोबार करते हुए टी एम टी सरिया, वॉयर रॉड, राउण्ड, स्ट्रक्चरल, स्क्वेयर आदि जैसे विविध श्रेणियों के लंबे उत्पादों का उत्पादन करता है, जिन्हें मूलसंरचना परियोजनाओं एवं आम जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु व्यापक रूप से प्रयोग में लाया जाता है|

राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र नई प्रौद्योगिकी को अपनाने हेतु जाना जाता है और यह देश में ऐसा पहला संयंत्र है, जहाँ 100% सतत ढलाई प्रौद्योगिकी, 3200 घनमीटर वाली बृहद धमन भट्ठियाँ, कोक शुष्क शीतलन से लैस ऊँचे कोक ओवेन, विश्व में सर्वश्रेष्ठ ‘स्टेलमोर व टेंपकोर’ प्रक्रियाओं से युक्त रोलिंग मिल्स, वर्तमान 3 मिलियन टन हेतु व्यर्थ ऊष्मा से 40 मेगावॉट का उच्चतम विद्युत उत्पादन, जो विस्तारीकरण पश्चात 90 मेगावॉट तक बढ़ेगा, आदि सुविधाएँ मौजूद हैं|

राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र अपने गुणवत्तापूर्ण इस्पात एवं उपयुक्त आकार तथा आंतरिक कुशलताओं के साथ विशेष श्रेणी के इस्पात का उत्पादन कर रहा है, और इससे कुल उत्पादन के 78% तक राष्ट्रीय महत्व, अर्थात मेट्रो, भारतीय रेलवे, विद्युत क्षेत्र, न्यूक्लियर कांप्लेक्स तथा अन्य कई परियोजनाओं के लिए विशेष श्रेणी इस्पात की आवश्यकता की पूर्ति होती है|

राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड अभी 12,500 करोड़ रुपये की लागत पर अपनी उत्पादन क्षमता को 6.3 मिलियन टन प्रति वर्ष तक दुगुना कर रहा है, जो 2011-12 तक प्रचालित होगा| राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड ने उच्च गुणवत्तापूर्ण शुद्ध इस्पात के उत्पादन हेतु फिर एक बार तीव्र गति वाली वॉयर रॉड मिल, इस्पात गलन शाला में आर एच डीगैसर व इलेक्ट्रो मेग्नेटिक स्टिर्रर जैसी अद्यतन प्रौद्योगिकी को अपनाया|

प्रमुख कच्चे माल की संरक्षा की दिशा में ईस्टर्न इन्वेस्टमेंट लिमिटेड में, जिनके पास उड़ीसा खनिज विकास निगम (ओ एम डी सी) और बिसरा स्टोन लाइम कंपनी (बी एस एल सी) जैसी सहायक कंपनियाँ हैं, 51% हिस्से का अधिग्रहण किया|

फिलहाल, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र का व्यापक विपणन वितरण नेटवर्क है, जिसमें देश भर में व्याप्त पाँच क्षेत्रीय कार्यालय, 23 शाखा बिक्री कार्यालय व स्टॉकयार्ड, 4 परेषण बिक्री अभिकर्ता और 120 जिला स्तरीय डीलर शामिल हैं|

उत्तरप्रदेश में आर आई एन एल-आर डी एस (ग्रामीण डीलरशिप योजना) का शुभारंभ

राष्ट्रीय इस्पात नीति के तहत, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र देश के सुदूर प्रदेशों में पहुँचकर वास्तविक प्रयोक्ताओं को वाइजाग स्टील उपलब्ध कराने हेतु सभी संभावित प्रयास कर रहा है| इस प्रयास में, ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण इस्पात उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नई ग्रामीण डीलरशिप योजना (आर आई एन एल-आर डी एस) का शुभारंभ किया जा रहा है|

राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार बिश्नोई औपचारिक रूप से उत्तर प्रदेश में इस योजना का शुभारंभ करेंगे और लाभार्थियों को ‘ग्रामीण डीलरशिप योजना का पंजीकरण प्रमाणपत्र’ प्रदान करेंगे|

आर आई एन एल-आर डी एस की प्रमुख विशेषताएँ :

निदेशक (वाणिज्य) श्री तपन कुमार चाँद ने इस योजना की व्याख्या करते हुए कहा कि ‘आर आई एन एल-आर डी एस ग्रामीण डीलरों के पंजीकरण हेतु अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़े वर्ग/महिला एवं अल्पसंख्यकों को प्रोत्साहित करनेवाली एक उच्चतम व्यापक योजना है|’ आवेदक को डीलरशिप लेने हेतु अपनी वित्तीय क्षमता की पुष्टि में सिर्फ एक शपथपत्र प्रस्तुत करना होगा| यह योजना मौजूदा खुदरे व्यापारियों, परेषण अभिकर्ताओं, जिला स्तरीय डीलरों (डी एल डी) को छोड़कर सबके लिए लागू है| राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड/विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र, इस्पात पर 1,000/- रुपये प्रति मेट्रिक टन का मार्जिन रखते हुए कंपनी द्वारा निर्धारित सिफारिश किए गए अधिकतम खुदरे दर (एम आर आर पी) पर अथवा उससे कम दर पर, जैसे डीलरों को उपलब्ध किया जाता हो, वैसे ही ग्रामीण ग्राहकों को इस्पात उत्पादों की आपूर्ति को सुनिश्चित करता है| इस्पात की आपूर्ति नि:शुल्क परिवहन के आधार पर की जाएगी| ग्रामीण डीलरों के पंजीकरण की अवधि 2 वर्ष की है, जो आपसी समझौते के आधार पर नवीकृत किया जा सकता है| ग्रामीण डीलरों के रूप में पंजीकरण हेतु प्रतिभूति जमा का कोई प्रावधान नहीं है|

ग्रामीण डीलरों का देश के विविध जिलों के प्रदेशों में मंडल स्तर एवं पंचायत स्तर पर पंजीकरण किया जाता है|

ग्रामीण डीलरशिप योजना के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में विपणन हेतु ग्रामीण डीलरों को राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड/विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र द्वारा उत्पादित एफ ई 500 और एफ ई 550 श्रेणियों के श्रेष्ठ गुणवत्ता युक्त टी एम टी सरिया उपलब्ध किये जाते हैं|

राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के कानपुर एवं गाजियाबाद स्थित शाखा बिक्री कार्यालय राज्य में पहले नियुक्त जिला स्तरीय डीलरों के अतिरिक्त इस योजना के अधीन 200 ग्रामीण डीलरों से अधिक डीलरों का पंजीकरण करेंगे| राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड ग्रामीण डीलरशिप योजना और जिला स्तरीय डीलरों के अधीन शामिल प्रदेशों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार, सामुदायिक विकास आदि क्षेत्रों में निगमित सामाजिक दायित्व (सी एस आर) से संबंधित विविध कार्य करने की योजना बना रहा है| आर आई एन एल-आर डी एस योजना के शुभारंभ के अवसर पर, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार बिश्नोई ने गरीब विद्यार्थियों को ‘अध्ययन सामग्री’ वितरित की और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड द्वारा 5 छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी की घोषणा की| राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, इन छात्राओं को मेट्रिक्युलेशन की परीक्षा में उत्तीर्ण होने तक सभी प्रकार के खर्चे का वहन करेगा| निदेशक (वाणिज्य) श्री तपन कुमार चाँद ने अपने संदेश में कहा कि राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड सशक्त ग्रामीण डीलरों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा और युवा उद्यमों को आगे बढ़कर डीलरों के रूप में पंजीकरण करने हेतु आमंत्रित किया| राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार बिश्नोई ने यह भी सूचित किया कि राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘ऑपरेशन ज्योति’ (मोतियाबिंद से राहत) की शुरुआत जैसे अधिकाधिक निगमित सामाजिक दायित्व कार्यक्रम चलाने की योजना बना रहा है|

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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निराश करता नरेश

Posted on 24 February 2011 by admin

आशावादी देश निराशावादी नरेश कुछ ऐसी ही स्थिति का सामना कर रहा है अपना भारत देश। ´´गुण सागर नागर नर जोऊ-अल्प लोभ भल कह न कोऊ´´ अर्थात व्यक्ति चाहे गुणों का सागर हो और अत्यन्त बुद्धिमान चतुर ही क्यों न हो थोड़े से लोभ के कारण उसे कोई भला नही कहता है। यह शाश्वत सत्य कहावत और भारत के खुद के लिये ईमानदार कहे जाने वाले मा0 प्रधानमन्त्री डा0 मनमोहन सिंह पर फिट बैठती है। यह चौपाइ्रZ महान सन्त पूज्य गुरूदेव गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस में लिखी है। दि0 16 फरवरी दिन बुधवार को देश की राजधानी नई दिल्ली मा0 प्रधानमन्त्री ने मीडिया से रूबरू होकर टी0वी0 चैनलों के सम्पादकों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मीडिया के लिये मेरा विशेष सन्देश यह है कि वे नकारात्मक मुद्दों पर ज्यादा फोकस न करे,ं मैं प्रधानमन्त्री का पद त्यागने वाला नहीं हंू, भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जायेगा, हम गठबंधन सरकार चला रहे हैं और गठबंधन की कुछ मजबूरियां होती हैं आदि अनेक स्पष्ट प्रश्नों का गोल मोल अस्पष्ट जवाब दिया। याद दिलाते चलें इसके पूर्व प्रधानमन्त्री जी ने संसद के शीतकालीन सत्र की समाप्ति के दो दिन पूर्व विदेश जाते समय हवाई जहाज में पे्रस के बंधुओं से वार्ता की थी। अपने संबोधन में उन्होंने कहा था कि विपक्ष की जे0पी0सी0 की मांग अनुचित है और जे0पी0सी0 गठित नहीं की जायेगी। हवाई जहाज में हुई पे्रस से बातचीत को कल उन्होंने जे0पी0सी0 की मांग मानकर खुद ही अपनी बात से पलटकर अपनी कमजोरी को साबित किया है। उस बात को अगर अब हवा हवाई बात कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा। जग जाहिर है कि आपको श्रीमती सोनिया गांधी ने प्रधानमन्त्री चुना है किसी चुनाव में जनता ने नहीं चुना है। कांग्रेसी लीला में श्रीमती गांधी ही सब कुछ तय करती है वह सर्वशक्तिमान है आपको उनकी ही बात को मानना, बोलना व स्वीकारना पड़ता है। जैसे हमारे देश में हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत के त्यौहार के रूप में दशहरा, दीपावली, होली और गांव-गांव में रामलीला का आयोजन होता है। रामलीला का आयोजन कराने वाले अच्छे-अच्छे कलाकारों को अभिनय हेतु बुलाते हैं उनका अभिनय देखने के लिये भारी भीड़ जुटती है, कलाकारों को डायलाग लिखकर दिये जाते हैं जिन्हें वह बोलते हैं। स्टेज पर पर्दे के पीछे प्रमुख कर्ता धर्ता रहता है ताकि बताए गए डायलाग बोलने में कलाकार से कहीं चूक न होने पाये इसलिए पर्दे के पीछे से पहले डायलाग बोला जाता है फिर मंच पर बोला जाता है। यही स्थिति कांग्रेसी लीला में गांधी परिवार को छोड़कर लगभग शेष सभी की है। आपको मैडम ने चुना इसीलिए आपने सदा ईमानदारी पूर्वक मैडम को सुना। आपका पूरा-पूरा लाभ कांग्रेसी उठा रहे हैं। बुराड़ी में आयोजित कांग्रेस के महाधिवेशन में श्रीमती गांधी ने डा0 सिंह को एक गरिमामय, कर्तव्यनिष्ठ, क्षमतावान बताकर उनके हटने हटाने के कयासों पर विराम लगा दिया था। घपलों, घोटालों के लगातार सामने आने और उनमें आपके मन्त्रियों, मुख्यमन्त्रियों के नाम होने से पूरी कांग्रेस सहित आपकी हालत भी पतली है। भ्रष्टाचार के उभरते मामलों को न रोक पाने के कारण राजनीतिक अनिश्चितता सरकार की लाचार छवि के कारण बनी है। जाहिर है कि जब तक यह सरकार रहेगी तब तक गठबंधन की मजबूरी बनी ही रहेगी ओैर सत्ता का पावर हाउस श्रीमती गांधी ही रहेंगी। भ्रष्टाचारियों पर सरकार के प्रहार की फिक्स मैच जैसी कार्रवाई की गूंज सुनाई पड़ती रहेगी। गठबंधन को मजबूरी बताने वाले प्रधानमन्त्री को यदि कोई निराश करने वाला नरेश कह रहा है तो उसे गलत कैसे कहा जा सकता है। जहां वाणी में सामर्थ न हो और शब्दों का कोई अर्थ न हो वहां स्थिति चिन्ताजनक बनी रहती है। वर्तमान यूपीए सरकार हर मुद्दे के लिये बहाने ढूढने और दोष किसी और के ऊपर मढ़ने के मूढ में काम  कर रही है। सात साल से जो व्यक्ति देश का प्रधानमन्त्री हो और सुधार कुछ न हो तो उन्हें क्या कहा जायेगा। एक अमरीकन एजेन्सी के अनुसार अभी भी प्रतिवर्ष काले धन के रूप में एक लाख पैतीस हजार करोड़ रू0 से अधिक का धन विदेशों में जमा हो रहा है। जन साधारण के खून पसीने की कमाई बुरी तरह लुट रही है। सरकारी योजनाओं पर खरबों रू0 का व्यय भ्रष्टाचार के कारण अपव्यय हो रहा है। भ्रष्टाचार जब शीर्ष स्तर पर हो तो नीचे के स्तर पर होगा ही। दागदार अतीत के अधिकारी की नियुक्ति मुख्य सर्तकता आयुक्त के पद पर करना, बोफोर्स तोप सौदे में करोड़ों डकारने वाले क्वात्रोची के बैंक खातों पर लगी रोक को विदेश भेजकर सीबीआई से हटवाना, जमा धन को निकालने देना, भ्रष्टाचारी मन्त्रियों का बचाव करने से आपकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है। वैसे आपने अपनी मजबूती का परिचय हैदराबाद में न्यायपालिका को अपनी हद में रहे, मीडिया घपले, घोटालों को ही न छाप,े विपक्षी दल सरकार से दुश्मनी मानता है तथा प्रधानमन्त्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा कहकर दिया है। मुक्त पुरूष संसार में कैसे रहते हैं जैसे आंधी से उड़ी हुई पत्तल उसकी अपनी इच्छा या अभिमान नहीं रहता हवा उसको जिस ओर उड़ा ले जाती है वह उसी ओर चली जाती है, कभी कुड़े के ढेर के तो कभी अच्छी जगह पर। दूसरा उदाहरण जहाज किसी भी दिशा में क्यों न जाए कम्पास (दिग्दर्शक यन्त्र) की सुई उत्तर दिशा ही दिखाती है इस कारण जहाज को दिशा भ्रम नहीं होता। सत्ता की आंधी हो या भ्रष्टाचार का तूफान उठा हो अथवा पूरा देश सरकार पर आरोप लगा रहा हो आपको कम्पास की उत्तर दिशा की तरह (10 जनपथ) ही दिखाई देता है। चाहे आन्तरिक एवं बाह्य सुरक्षा, कश्मीर में अलगाववादियों की हरकतें, बढ़ता हुआ नक्सलवाद और माओवाद, कमरतोड़ महंगाई, अराजकता, बेरोजगारी, गरीबी, राष्ट्र भाषा और राष्ट्र ध्वज का अपमान हो आप उसको न रोक पाने में गठबंधन की मजबूरी ही बतायेंगे। भारत में त्याग और सेवा की सत्ता का ही सम्मान रहा है अन्य सत्ता पतझड़ के पत्तों की भान्ति आती जाती रहती हैं उनकी गणना भारतीय जनमानस ने कभी नहीं की, ´´जथा गगन घन पट निहारी-झापहूं भानु कहहि कुबिचारी´´ अर्थात आकाश में बादलों को छाया देखकर अज्ञानी लोग यह समझते हैं कि बादलों ने सूर्य का ढक लिया है। आकाश जैसे निर्मल और निर्लेप है उसको कोई मलिन या स्पर्श नहीं कर सकता उसी प्रकार मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के द्वारा स्थापित भारत की सत्य सत्ता भी नित्य निर्मल और निर्लेप है उसको कोई सरकार मिटा नहीं सकती। जो सनातन नहीं झुका रावण और कंस के अत्याचारों से- वह क्या झूकेगा इन लंगड़ी लूली गठबंधन सरकारों से। जो कहते थे दुनिया को खाक कर देंगे जहां दफन हैं हमने वो जमीं देखी है। सच कहते हैं हमने जिन्दगी देखी है

नरेन्द्र सिंह राणा
(मो0 9415013300)
लेखक-   उ0प्र0 भाजपा के मीडिया प्रभारी हैं।
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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व्यापारी स्वाभिमान चेतना यात्रा

Posted on 24 February 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी व्यापार प्रकोष्ठ द्वारा निकाली जा रही ´व्यापारी स्वाभिमान चेतना यात्रा´ का उद्घाटन आज सहारनपुर जनपद के मॉं शाकुम्बरा देवी धाम से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं हिमांचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी सांसद कलराज मिश्र ने किया। यात्रा 23 फरवरी से 9 मार्च तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों से होकर जायेगी। प्रदेश मीडिया प्रभारी नरेन्द्र सिंह राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि यात्रा में जलता प्रदेश, चौपट व्यापार, जंगलराज, जुल्म, घोटाले, मंहगाई, भ्रष्टाचार मुख्य मुद्दे होंगे। यात्रा का नेतृत्व प्रदेश संयोजक अशोक गोयल कर रहे हैं। उद्घाटन के अवसर पर व्यापार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक श्यामबिहारी मिश्रा, कार्यालय सचिव गोपाल सिंह सहित पार्टी के स्थानीय प्रमुख नेता और पदाधिकारी उपस्थित थे। मॉं के धाम से सहारनपुर तक यात्रा का भव्य स्वागत हुआ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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घबड़ायें व हड़बड़ायें नहीं, परीक्षा भवन में!

Posted on 24 February 2011 by admin

new-hoपरीक्षा भवन उस इमारत का नाम है जहां आपके सपनों की आधारशिला रखी जाती है। अत: परीक्षा भवन का जीवन में वह स्थान है जो अन्य किसी का नही है। इस इमारत में अच्छे-अच्छे छात्रों को पसीना आ जाता है जो छात्र अपने को सभांल ले जाते हैं, अपना आत्मविश्वास बनाये रखते हैं, हडबड़ाते नहीं है, उनकी नींव अच्छी तैयार हो जाती है और फिर उस पर खड़ी होती है गगनचुम्बी इमारत! जिस पर खड़े होकर आप सफलता की पताका फहराते हैं और कहलाये जाते हैं सफल व्यक्ति! सफल व्यक्ति कहलाने के लिए आवश्यक है कि परीक्षा भवन में अपना धैर्य बनाये रखें, हड़बड़ायें नहीं क्योंकि हड़बड़ में गड़बड़ होती है यदि आप परीक्षा में अंको की गड़बड़ाहट से बचना चाहते हैं तो फिर आप परीक्षा भवन में हड़बड़ाये नहीं बल्कि पूरे विश्वास के साथ परीक्षा दे परीक्षा भवन में अपना आत्मविश्वास बनाये रखें फिर आप देखेंगे कि परीक्षा की कसौटी में खरा उतरते हुए आप उच्च अंको के साथ परीक्षा उत्तीर्ण करेंगे इसके लिए केवल आपको इन बिन्दुओं पर अमल करना है।

परीक्षा भवन में उपयोग में आने वाली सामग्री पहले ही रख लें : परीक्षा भवन में परीक्षा देते समय आपको किन उपयोगी वस्तुओं की आवश्यकता होगी इसका प्रबन्ध परीक्षा समय से 12 घंटे पहले ही कर लें। जैसे पेन, रबर, स्केल, ज्योमेट्री बाक्स, नीली स्याही का पेन, काली स्याही का पेन, प्रवेश पत्र आदि पहले ही व्यवस्थित कर रख लें वरना चलते समय अगर आप कुछ भूल गये तो फिर आपका हड़बड़ा जाना स्वाभाविक ही है।

परीक्षा समय से पहले ही परीक्षा भवन पहुंच जायें : परीक्षा समय से पहले ही परीक्षा भवन पहुंचना हमेशा उपयोगी होता है। कभी-कभी परीक्षा रूम व आपका परीक्षा स्थान भी बदल दिया जाता है ऐसी स्थिति में ऐन वक्त पर आपका परीक्षा भवन पहुंचना हड़बड़ाहट का कारण बन सकता है। अत: परीक्षा भवन पहुंचकर सुनिश्चित कर लें कि आपका परीक्षा रूम या परीक्षा टेबिल तो नहीं बदल दी गई है। यदि बदल गई है तो आप हड़बड़ायें नहीं क्योंकि आपके पास पर्याप्त समय है जाकर अपना कमरा व सीट देख लें।

अपनी परीक्षा टेबिल व कुर्सी को चेक कर लें : अपनी परीक्षा टेबिल को भली-भांति चेक कर लें और सुनिश्चित कर लें कि कोई उल्टा सीधा कागज तो टेबिल के आसपास नहीं है, यदि ऐसा है तो तुरन्त कक्ष निरीक्षक महोदय को सूचित करें अन्यथा यह गैर उपयोगी व अनावश्यक कागज ही आपको मुसीबत में डाल सकता है। कुर्सी को भी चेक कर लें, कहीं कुर्सी गन्दी या टूटी फूटी तो नहीं है, यदि ऐसा कुछ है तो नि:संकोच कक्ष निरीक्षक महोदय को सूचित कर तुरन्त कुर्सी बदलवादें।

परीक्षा भवन में अनावश्यक वस्तु कदापि न ले जायें : परीक्षा भवन में केवल वही वस्तुयें लेकर जायें जिनकी परीक्षा समय में आपको आवश्यकता है। अनावश्यक वस्तु उस समय आपको अनावश्यक रूप से परेशान कर सकती है और यदि गलती से कोई कागज का टुकड़ा आदि है तो वह आपको मुसीबत में डाल सकता है।

नकल करना तो दूर उसके बारे में सोचें भी नहीं : नासमझ लोगों का कहना है कि नकल के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है। मैं कहता हूं नकल वह छात्र करते हैं जिनके पास अक्ल नहीं होती है। अगर इन गैर समझदार लोगों की बात मान भी लें तो भी नकल से गिरते पड़ते परीक्षा तो उत्तीर्ण की जा सकती है किन्तु उच्च अंक प्राप्त नहीं किये जा सकते हैं और आज के प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में गिरते पड़ते अंको के परीक्षा उत्तीर्ण करने से अनुत्तीर्ण होना ही श्रेयस्कर है इसलिए नकल करने के बारे में कदापि न सोचें, ईश्वर पर व अपने परिश्रम पर भरोसा करें।

आत्मविश्वास बनाये रखें : आप परीक्षा भवन में बैठे हैं किसी हवालात में नहीं! आपके समक्ष कक्ष निरीक्षक है जो आपके गुरू है कोई पुलिस का दरोगा नहीं तो घबराहट व हड़बड़ाने की क्या आवश्यकता हैर्षोर्षो अत: अपना आत्मविश्वास बनाये रखें, ईश्वर का स्मरण करें और पूरी तन्मयता से परीक्षा दें।

कापी पेपर मिलते ही चेक कर लें : कापी मिलते ही एक बार पलट कर अवश्य देख लें, कहीं ऐसा तो नहीं है कि कापी के बीच में कोई पन्ना फटा हुआ या बिना लाइन का तो नहीं है। कभी-कभी प्रिटिंग की गलती से ऐसा हो जाता है। यदि ऐसा है तो तुरन्त कक्ष निरीक्षक महोदय को कापी दिखाकर कापी बदल लें। पेपर को मिलते ही ईश्वर का स्मरण अवश्य करें, पेपर को भी एक बार गौर से देख लें कहीं मिसप्रिंट या कटा-फटा तो नहीं है, यह सब चेक करने के बाद ही कापी पर अपना रोल नं0 लिखें।

सर्वप्रथम कापी पर अपना रोल नम्बर आदि लिखें : प्रश्नों का उत्तर लिखने से पहले कापी के निर्धारित स्थान पर रोल नं0 व अन्य विवरण पूर्ण रूप से लिखें, तब प्रश्नों का उत्तर लिखना प्रारम्भ करें। कापी पर बांयी ओर खाली स्थान अवश्य छोड़ें, बीच में कोई भी पेज खाली न छोड़े। यदि रफ कार्य हेतु आपको जगह की आवश्यकता है तो रफ कार्य हमेशा बांये पेज पर ही करें और उसके ऊपर मोटा-मोटा रफ कार्य अवश्य लिख दें।

प्रश्नों के उत्तर देने की कला सीखें : प्रश्नों का उत्तर तो सभी छात्र देते हैं लेकिन उच्च अंक वही छात्र अर्जित करते हैं जो छात्र प्रश्नोत्तर की कला में निपुण होते हैं। अत: प्रश्नों के उत्तर देने की कला सीखें। उत्तर लिखना भी एक कला है कि आप उत्तर को कितनी खूबसूरती व अच्छी तरह से परीक्षक के समक्ष प्रस्तुत करते हैं इसके लिए आपकेा कापी पर बांयी तरफ खाली स्थान के साथ उत्तर में महत्वपूर्ण लाइनों को या तो अण्डरलाइन करना है या फिर काली स्याही से लिखना है, जिससे परीक्षक की निगाह बरबस ही उन महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चली जाये।

प्रश्नों को उनके अंको के अनुसार ही समय दें : परीक्षा भवन में अगर सबसे कीमती कोई है तो वह है समय! इसका अवश्य ध्यान रखें। प्रश्नों का उत्तर उनकी हैसियत के अनुसार ही दें अर्थात कम अंक वाले प्रश्नों को कम समय व अधिक अंक वालें प्रश्नों को अधिक समय दें। कहीं ऐसा न हो कि कम अंक वाले प्रश्न के उत्तर में ही आप समय व्यतीत कर दें और अधिक अंक वाले प्रश्नों के उत्तर के लिए समय ही न बचे। अत: समय के बंटवारे में ध्यान रखना अतिआवश्यक है। समय के बंटवारे में आप कितने निपुण हैं परीक्षाफल आते ही स्पष्ट हो जायेगा।

राइटिंग अच्छी व साफ सुथरी रखें : राइटिंग का अच्छे अंको पर विशेष प्रभाव पड़ता है यदि आपकी राइटिंग अच्छी है और आपके उत्तर उच्च अंको के नहीं है तो भी आप परीक्षक की प्रशंसा के पात्र बनेंगे और परीक्षक द्वारा दी गई यह प्रशंसा ही आपको उच्च अंको के द्वार पर ले जायेगी। दूसरी ओर यदि आपकी राइटिंग खराब है और उत्तर उच्च कोटि के हैं तब आपकी राइटिंग देखकर परीक्षक की नाक भौं सिकुड़ जायेगी और परीक्षक की नाक भौं का सिकुड़ना आपके हित में नहीं होगा। अत: राइटिंग का परीक्षा में विशेष महत्व है इस बात को गांठ बांध लें और परीक्षा में इसका विशेष ध्यान रखें।
एक प्रश्न के उत्तर देने के बाद थोड़ी जगह अवश्य छोड़े : एक प्रश्न का उत्तर देने के बाद दूसरे प्रश्न का उत्तर प्रारम्भ करने के पूर्व थोड़ी जगह बीच में अवश्य छोड़े, साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि किन लाइनों को मोटे अक्षरों में लिखना है और किनको छोटे अक्षरों में।

न तो कोई प्रश्न छोड़े और न ही अनावश्यक प्रश्न का उत्तर दें : जितना पूछा गया है वही उत्तर दें, न तो अधिक प्रश्नों का उत्तर दें न ही कम प्रश्नों का। परीक्षा समय समाप्ति से 15 मिनट पूर्व ही अपने कार्य पूरा कर लें और इन 15 मिनटों का उपयोग अपने प्रश्नों के उत्तर को देखने व पढ़ने में लगा दें। इससे आपको छोटी-मोटी हुई गलतियों को सुधारने का मौका मिल जायेगा। इससे निश्चित रूप से आपके अंको में वृद्धि होगी।

अच्छी तरह याद प्रश्नों का उत्तर पहले दें : जिन प्रश्नों का उत्तर आप सर्वश्रेष्ठ ढंग से दे सकते हैं, पहले उन्हीं प्रश्नों का उत्तर दें। इससे दो लाभ होंगे एक तो आपके ऊपर से काम का बोझ कम होगा, आप प्रसन्नचित होंगे, साथ ही परीक्षक पर अच्छे उत्तर का प्रभाव भी जमेगा जो आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
प्रश्नों का उत्तर देते समय प्रश्न संख्या अवश्य डालें : आप जिस प्रश्न का भी उत्तर लिख रहे हों, उसी प्रश्न के उत्तर नं0 अवश्य डालें जिससे परीक्षक को आपके उत्तर देखने में आसानी हो। परीक्षक को हुई आसानी आपके लिए रास्ता आसान बना सकती है।

अनिवार्य प्रश्नों का उत्तर अवश्य दें : प्रश्नपत्र में कुछ प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य होता है। अत: ऐसे प्रश्नों का उत्तर देना न भूलें, याद रखें अनिवार्य प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य ही होता है तभी आप उच्च अंको के साथ परीक्षा उत्तीर्ण कर सकते हैं।

`बी´ कापी को `ए´ कापी के साथ मजबूती से बांधे : परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने के लिए आवश्यक है अधिक लिखना। अत: `बी´ व `सी´ कापी की आवश्यकता तो अवश्य पड़ेगी। अत: `बी´ व `सी´ कापी अवश्य लिखें, याद रखें कि `बी´ व `सी´ कापी को `ए´ कापी के साथ `नथ्थी´ अवश्य कर दें अर्थात अच्छी तरह बांध दे साथ ही `बी´ व `सी´ कापी पर भी अपना रोल नं0 अवश्य डाल दें।

परीक्षा भवन में रूमाल व पानी की बोतल अवश्य ले जायें : परीक्षा भवन में एक रूमाल अवश्य रखें व पानी की बोतल भी उपयोगी है। अधिकांस देखा गया है कि परीक्षा रूम में प्यास लगती है और बाहर जाने पर समय बबाZद होता है। अत: समय की बचत के लिए पीने हेतु पानी व हाथ मुंह पोछने हेतु रूमाल अवश्य रखें। इससे आपके समय की बचत होगी और समय के बचत का अर्थ है आपके अंको की बढ़ोत्तरी।

यह बातें देखने में भले ही आपको छोटी लग रही होगी किन्तु यह छोटी-छोटी बातें ही आपकेा दिलायेंगी बड़ी सफलता। यदि आप बड़ी सफलता प्राप्त करना चाहते हैं और चाहते हैं कि आप परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करें तो परीक्षा भवन व परीक्षा समय में इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान अवश्य रखें। सच मानिये! आप परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करेंगे।

“छोटी-छोटी बातों से ही हमारी योग्यता की परीक्षा होती है´´– महात्मा गांधी

पण्डित हरि ओम शर्मा `हरि´
12 स्टेशन रोड, लखनऊ।
मोबाइल : 9415015045, 9839012365
ईमेल : hosharma12@rediffmail.com

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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हाल ही में प्रकाशित चर्चित पुस्तक “जड़, जमीन, जहान´´ की समीक्षा

Posted on 24 February 2011 by admin

book_jad-jameen-jahanजहान की बुलिन्दयों पर पहुंचने को प्रेरित करती है पुस्तक `जड़, जमीन, जहान´

प्रख्यात साहित्यकार पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ द्वारा लिखित पुस्तक `जड़, जमीन, जहान´ का विमोचन अभी हाल ही में लखनऊ
हिन्दी साहित्य जगत में वैसे तो कहानियों की पुस्तकों की भरमार है परन्तु आज के वर्तमान परिवेश में सामाजिक व्यवस्था को जोड़े रखने व मजबूती प्रदान करने हेतु जिस लेखन की आवश्यकता है, उस पर पुस्तक `जड़, जमीन, जहान´ खरी उतरती है। इस बात को इसी से समझा जा सकता है कि आजकल प्रकाशित होने वाली तमाम कहानियां जहां भौतिकतावादी पृष्ठभूमि लिए लेखक की कपोल कल्पना पर आधारित होती हैं, वहीं पं. शर्मा की कहानियां यथार्थ के धरातल से पाठकों को रूबरू कराती है। पं. शर्मा की कहानियां जहां पाठकों को हंसाती है, गुदगुदाती हैं तो वहीं आवश्यकतानुसार संवाद की कठोरता पाठक को झिड़कती भी महसूस होती है जो यह सोचने पर मजबूर करती है कि संस्कारों व जीवन मूल्यों के अभाव में हम किधर जा रहे हैं। दरअसल 176 पृष्ठों में सिमटी पं. शर्मा की 33 कहानियां में ग्रामीण व शहरी संस्कृति के अनूठे रंग समाये हैं जो पाठकों को बरबस ही आकषिZत करते हैं। यह कहना अनुचित न होगा कि साहित्यजगत की अनुपम कृति पुस्तक `जड़, जमीन, जहान´ अपने लालित्य, सरल-सहज भाषा, पारिवारिक व सामाजिक परिवेश का यथार्थ शब्द-चित्रण व आकर्षक साज-सज्जा से जहां बरबस ही पाठकों के दिल को छू जाती है तो वहीं दूसरी ओर पुस्तक की विषय वस्तु पाठकों के `अन्तरमन´ को झकझोरती है।

खास बात यह है कि पुस्तक का नाम `जड़, जमीन, जहान´ अपने आप में तमाम विशेषताएं समेटे हुए है। पुस्तक की शुरुआत में ही पाठकों से अपनी बात कहते हुए पं. शर्मा लिखते हैं कि “`जड़, जमीन और जहान´, यह मात्र तीन शब्द ही नहीं हैं अपितु इन तीन शब्दों में हमारी तीन पीढ़ियों की दास्तान के साथ हमारा पूरा जीवन, हमारी अपेक्षाएं, हमारी सफलता, हमारी असफलता, हमारी औलाद, हमारी औलाद के संस्कार, हमारी मंजिल, हमारा भूत, हमारा वर्तमान व हमारा भविष्य निहित है। जो भी इन्सान जहान तक पहुंचे हैं, जिन इन्सानों ने ऊंचाइयों को छुआ है, अपनी मंजिल प्राप्त कर जहान में अपनी सफलता का परचम लहराया है, उन इन्सानों ने अपनी जड़ को अहमियत दी है, जड़ के महत्व को समझा है। ऊंचाइयों पर कितने भी पहुंच गये हों, मगर उन्होंने अपनी जमीन को मजबूती से पकड़ा है, अपनी जड़ों को सींचा है, संवारा है, उनमें खाद-पानी दिया है, तभी उनका जीवनरूपी वृक्ष हरा-भरा व फलों से लबालब रहा है।´´

पूरी पुस्तक में लेखक ने कठिन शब्दों से बचने का भरपूर प्रयास किया गया है। इस पुस्तक में उन शब्दों का प्रयोग किया गया है जो बहुतायत से आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग होते रहते हैं और मध्यमवर्गीय किशोरों व युवाओं को आसानी से समझ में आने वाले हैं। इस पुस्तक का मुख्य आकर्षण व वृहद उद्देश्य बच्चों, किशारों व युवाओं का `चरित्र निर्माण´ ही है किन्तु खास बात यह है कि सामाजिक व पारिवारिक जीवन का शायद ही कोई ऐसा पहलू हो जो लेखक की लेखनी से अछूता रहा हो। प्राय: सभी पारिवारिक विषयों पर लेखक ने निर्विवाध रूप से अपनी लेखनी चलाई है। पुस्तक में प्रस्तुत कहानियों के कुछ शीर्षक देखने लायक है जो अपने आप में ही पुस्तक के नाम को ही सार्थकता प्रदान करते हैं यथा औलाद का सुख, बेटी का बाप, बुढ़ापा, गोबर-गनेश, करोड़पति भिखारी, सूनी सड़क, नानी मां, सरकारी मुलाजिम, धार्मिक कौन, कलयुगी कौन, बुजुर्ग भगवान, मेरी मां, लव मैरिज, सम्पत्ति की सीमा एवं औरत आदि आदि।

जहां तक पुस्तक की साज-सज्जा व पृष्ठ संख्या का प्रश्न है तो इस मामले में भी पुस्तक कसौटी पर खरी उतरती है। जहां एक तरफ पुस्तक की साज-सज्जा पाठकों को आकषिZत करती है तो वहीं दूसरी ओर 176 पेज की मोटाई ठीक-ठाक कही जा सकती है। जहां तक इसकी कीमत का सवाल है तो मात्र 150 रूपये की धनराशि लगभग सभी वर्गो की पहुंच के अन्दर है और उस पर उत्तम कागज क्वालिटी, उच्च क्वालिटी की बाइण्डिग, मोटा रंगीन कवर पृष्ठ आदि विशेषताएं इसकी कीमत को तर्कसंगत बनाते हैं। इस पुस्तक में लेखक ने जीवन के विविध पहलुओं पर विहंगम दृष्टि डालने के साथ ही कहानियों के बीच-बीच में उदहरणों व संस्मरणों के माध्यम से ग्रामीण व शहरी परिवेश की भीनी-भीनी महक से ऐसा अद्भुद मिलाप कराया है जो भुलाये नहीं भूलता। इसके साथ ही शहरी जीवन की भागमभाग व बैचेन मानसिकता की एक झलक भी इस पुस्तक में देखने को मिलती है। कुल मिलाकर `जड़, जमीन, जहान´ जीवन के विविध आयामों पर अपनी अमिट छाप छोड़ती है एवं युवा पीढ़ी को संस्कारों व जीवन मूल्यों से लबालब कर कुछ कर गुजरने व जहान की बुलिन्दयों को छूने के लिए प्रेरित करती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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यूपी को आरआईएनएल की सौगात

Posted on 23 February 2011 by admin

बिना जमानत राशि और सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देते हुए राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड ने प्रदेश के ग्रामीण डिलरों को नि:शुलक परिवहन पर लौह
उत्पाद उपलब्ध कराने की योजना शुरू की। इस मौके पर कंपनी के अध्यक्ष एवं सह-प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार विश्नोई ने प्रदेश के एक दर्जन से अधिक लोगों को ‘ग्रामीण डीलरशिप योजना’ (आरआईएनएल) का पंजीयन प्रमाण पत्र सौंपा। सोमवार को लखनऊ में आयोजित प्रेसवार्ता में विश्नोई ने बताया कि इस योजना में मौजूदा खुदरे व्यापारियों, परेषण अभीकर्ताओं और जिला स्तरीय डीलर को शामिल नहीं किया जाएगा। इस मौके पर विश्नोई ने गरीब विद्यार्थियों को ‘अध्ययन सामग्री’ वितरित की और कंपीनी द्वारा 5 छात्राओं को दसवीं तक पढ़ाने की घोषणा की। निदेशक वाणिज्य तपन कुमार चांद ने बताया कि ग्रामीण डीलरों के पंजीकरण में अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़े वर्ग/महिला एवं अल्पसंख्यकों को प्रोत्साहित करने की योजना है। आवेदक को डीलरशिप के लिए अपनी वित्तीय क्षमता का शपथपत्र प्रस्तुत करना होगा।

कंपनी के निदेशक वाणिज्य तपन कुमार चांद ने कहा कि ग्रामीण डीलरों के माध्यम से यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात उपलब्ध कराएंगे और युवा उद्यमियों को डीलर बनाकर विकास की गति बढ़ाएंगे। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘ऑपरेशन ज्योति’ (मोतियाबिंद से राहत) चलाया जाएगा। इस योजना के तहत प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार, सामुदायिक विकास आदि क्षेत्रों में सामाजिक कार्य करने की घोषणा की। निदेशक वाणिज्य तपन कुमार चांद ने बताया कि कंपनी के देश भर में पांच क्षेत्रीय कार्यालय, 23 शाखा बिक्री कार्यालय व स्टॉकयार्ड, 4 परेषण बिक्री अभिकर्ता और 120 जिला स्तरीय डीलर शामिल हैं। योजना के पहले चरण में 200 से अधिक ग्रामीण डीलरों का पंजीकरण किया जाएगा। चांद ने बताया कि विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र से प्रतिवर्ष 3 मिलियन टन द्रव इस्पात का उत्पादन हो रहा है जिससे 11,000 करोड़ का कारोबार होता है। कंपनी में टीएमटी सरिया, वॉयर रॉड, राउण्ड, स्ट्रक्चरल, स्क्वेयर जैसे उत्पादों का उत्पादन किया जाता है। कंपनी ने वर्ष 2011-12 में अपने उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 6.3 मिलियन टन प्रति वर्ष करने का लक्ष्य रखा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मेयर तथा नगर पालिका परिषदों/नगर पंचायतों के अध्यक्षों की निर्वाचन प्रक्रिया में संशोधन का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण एवं आधारहीन- मुख्यमन्त्री

Posted on 22 February 2011 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने मेयर तथा नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों के अध्यक्षों की निर्वाचन प्रक्रिया में संशोधन के लिए राज्य सरकार द्वारा कल विधान सभा में पेश किए गए विधेयक पर किए जा रहे विरोध को दुर्भाग्यपूर्ण एवं आधारहीन बताया है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लेकर राज्य सरकार पर लगाये गये सभी आरोप अनर्गल तथा तथ्यहीन हैं।

प्रदेश के अपर मन्त्रिमण्डलीय सचिव रवीन्द्र सिंह ने आज यहां एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में आयोजित एक पत्रकारवार्ता में यह जानकारी देते हुए बताया कि नागर निकायों के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा संचालित जनहित की योजनाओं को अपेक्षाकृत और सशक्त ढंग से क्रियािन्वत करने के उद्देश्य से यह अनुभव किया गया कि वर्ष 1994 से पूर्व लागू महापौर एवं नगर पंचायतों एवं नगर पालिका परिषदों के अध्यक्षों की निर्वाचन प्रक्रिया को पुन: प्रभावी किया जाए।

अपर मन्त्रिमण्डलीय सचिव ने बताया कि लगभग 16 वशाZें पूर्व लागू की गई इस व्यवस्था के बारे में यह अनुभव रहा कि अध्यक्षों एवं सभासदों के मध्य बेहतर ताल-मेल के अभाव में राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित नहीं हो पाता और नागर निकायों के कार्य प्रभावित भी हो रहे हैं। इसके साथ ही वर्तमान में मौजूद व्यवस्था से नागर निकायों के कार्यों में पारदर्शिता पूर्णरुप से नहीं आ पा रही है। इसके अलावा शासन के दिशा-निर्देशों का भी अनुपालन भी पूरी तरह नहीं हो पा रहा है तथा कार्यों में एक प्रकार का ठहराव आ रहा है।

श्री सिंह ने बताया कि अनुभव में यह देखा गया कि महापौर एवं सदन के बीच बेहतर सामंजस्य (Mutual understanding) प्राय: नहीं हो पाता है। यही स्थिति नगर पंचायतों/पालिका के अध्यक्षों एवं सभासदों के मध्य बनी रहती है, जिससे राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाएं सही ढ़ंग से संचालित नहंीं हो पाती, जिससे नागर निकायों के विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।

अपर मन्त्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि इस सम्बंध में इस तथ्य पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव व्यवस्था के तहत जिला पंचायत तथा क्षेत्र पंचायत के अध्यक्ष पद हेतु अप्रत्यक्ष निर्वाचन की प्रक्रिया पहले से ही लागू है। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से लागू यह प्रक्रिया चूंकि सभी कसौटियों पर खरी उतरी है, इसलिए अप्रत्यक्ष निर्वाचन की इसी प्रक्रिया को अब स्थानीय नागर निकायों के इन चुनावों में भी क्रियािन्वत करने का फैसला लिया गया है।

श्री सिंह ने कहा कि इस सम्बन्ध में माननीया मुख्यमन्त्री जी का मत है कि विभिन्न परिस्थितियों की जांच करके जनहित में किसी भी कानून में संशोधन करने का अधिकार सरकार को होता है। माननीया मुख्यमन्त्री जी का यह भी कहना है कि जब 40 वशाZें से अधिक समय तक अप्रत्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया को विभिन्न सरकारों ने लागू रखा, तब तो किसी ने विरोध नहीं किया, लेकिन जब कार्यहित में वर्तमान सरकार ने प्रक्रिया में संशोधन करने की कार्यवाही की तब सभी ने अनावश्यक विरोध करना शुरू कर दिया। इसे देखकर ऐसा लगता है कि विभिन्न कानूनों में संशोधन करने का अधिकार अन्य सरकारों को तो था, लेकिन वर्तमान सरकार के पास लगता है कि यह अधिकार है ही नहींं। माननीया मुख्यमन्त्री जी का यह भी कथन है कि ऐसे लोग अब किसी भी प्रकार से जनता का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए इस प्रकार की कार्यवाही कर रहे हैं।

इस सम्बन्ध में उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न राज्यों में मेयर व नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के अध्यक्ष पद के लिए अप्रत्यक्ष निर्वाचन की व्यवस्था लागू है। इन राज्यों में कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, केरल, उड़ीसा तथा जम्मू-कश्मीर शामिल है। यह भी उल्लेखनीय है कि संविधान के अनुच्छेद 243यक(2) में दी गई व्यवस्था के अनुसार, स्थानीय नागर निकायों के निर्वाचन से सम्बन्धित सभी विषयों के लिए कानून बनाने हेतु राज्य के विधान मण्डल को पूर्ण अधिकार प्राप्त है।

अपर मन्त्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि कल रात्रि विधान सभा के बाहर कतिपय अराजक तत्वों द्वारा कानून-व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया गया, जिस पर स्थानीय प्रशासन द्वारा आवश्यक कदम उठाये गये तथा अराजक तत्वों को खदेड़ दिया गया। उन्होंने स्पश्ट किया कि कल रात्रि में विधान सभा के सामने इकट्ठा हुए अराजक तत्वों में अल्पसंख्यक समुदाय का कोई भी छात्र शामिल नहीं था, जैसा कि प्रचारित करने का प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि विधान सभा में अल्पसंख्यक समुदाय के प्रिशक्षण संस्थाओं के बारे में एक महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित किया गया है, जिसके चलते भविश्य में अल्पसंख्यक वर्ग के िशक्षण संस्थानों को चलाना आदि अत्यन्त सुविधाजनक हो जायेगा।

श्री सिंह ने कल गौतमबुद्ध नगर जनपद में पी0ए0सी0 वाहनों पर कुछ अराजक तत्वों द्वारा की गई कार्यवाही के बारे में बताया कि लखनऊ स्थित पी0ए0सी0 की कम्पनी माननीया मुख्यमन्त्री जी के पिश्चमी उत्तर प्रदेश के जनपदों के भ्रमण के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए गौतमबुद्ध नगर भेजी गई थी, जहां से वह ड्यूटी पूरी करने के बाद वापस लखनऊ आ रही थी। इस कम्पनी के कुछ वाहन पहले ही सम्बन्धित घटना स्थल से निकल चुके थे, तभी अराजक तत्वों द्वारा अकारण पी0ए0सी0 के वाहनों पर कार्यवाही की गई, जिसको बाद में नियन्त्रित कर लिया गया। इस प्रकार इस घटना का भूमि अधिग्रहण के मामले से कोई भी लेना-देना नहीं है।

अपर मन्त्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि वाई कैटेगरी की सुरक्षा प्राप्त मा0 सांसद श्री शरद यादव द्वारा बिना पर्याप्त सूचना दिए घटना स्थल का भ्रमण किया गया। इस सम्बन्ध में माननीया मुख्यमन्त्री जी का कथन है कि कतिपय अराजक तत्वों द्वारा की गई इस घटना का राजनीतिकरण किया जाना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। माननीया मुख्यमन्त्री जी का यह भी कहना है कि ऐसा लगता है कि ऐसे तत्वों को अब कोई मुद्दा राज्य सरकार के खिलाफ नहीं मिल रहा है।
अपर मन्त्रिमण्डलीय सचिव ने बताया कि माननीया मुख्यमन्त्री जी ने जनपद गौतमबुद्ध नगर में कल हुई घटना की जांच सी0बी0सी0आई0डी0 से कराने के आदेश दिए हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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विधानसभा की कार्रवाई तानाशाही मानसिकता का परिचायक

Posted on 22 February 2011 by admin

12भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर जनता के अधिकारों से खिलवाड़ करने वाली सरकार के दोषियों को जेल में डाला जायेगा। बसपा सरकार के भ्रष्टाचार की व्यापक जांच करायेंगे दोषी पाये जाने पर मायावती को जेल में डालेंगे। श्री शाही ने कहा कि मुख्यमन्त्री सत्ता के नशे में चूर है, हम उन्हें याद दिलाना चाहते हैं कि वह अमृत पीकर नहीं आई हैं जो उसका अन्त नहीं होगा। कफ्र्यु लगाकर दौरे करने का मुख्यमन्त्री ढोंग कर रही हैं। हम रामराज्य की स्थापना के लिए प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने के लिए जनता से सहयोग चाहते हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने जनपथ मार्केट के सामने दारूलशफा लखनऊ में पार्टी द्वारा आयोजित धरने को संबोधित करते हुये अपनी बात कही। श्री शाही ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार का साम्राज्य स्थापित है, थाना, तहसील सब बिक रहे हैं, मन्त्री, मुख्यमन्त्री खरीद रहे हैं। समाजवादी पाटी ने कल अपना लोकतन्त्र विरोधी आचरण प्रस्तुत कर बसपा की मद्द की और जनता के अधिकारों को छीनने वाले विधेयक को हाउस में असंवैधानिक तरीके से पास कराया। श्री शाही ने कहा कि इस भ्रष्ट सरकार के  6 मन्त्री लोकायुक्त की जांच के घेरे में है और एक दर्जन से अधिक विधायक व सांसद अपराधी गतिविधियों में जेल में है।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं हिमांचल प्रदेश के प्रभारी कलराज मिश्र ने धरने का संबोधित करते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन देकर इसका काले विधेयक को पास नहीं होने दिया जाना चाहिए ऐसा आग्रह किया था। जगह-जगह धरना, प्रदर्शन, आन्दोलन कर जनता को भी जागृत करने का काम पार्टी कर रही है। कल की विधानसभा की कार्रवाई को तानाशाही मानसिकता का परिचायक बताते हुये कहा कि इस सरकार में लोकतन्त्र दम तोड़ रहा है। बाहुबलियों का साम्राज्य, प्रशासन तन्त्र की दादागिरि से प्रदेश तबाही के कगार पर पहुंच गया है, पता नहीं प्रदेश का क्या होगा। सपा ने 2007 में विधानसभा में अपना अलोकतान्त्रिक आचरण प्रस्तुत किया था। जनता ने सपा को सत्ता से उखाड़ फेंका था अब बसपा को विधानसभा का अपमान करने का मजा चखायेगी और आने वाले चुनाव में उखाड़ फेंकेगी। श्री मिश्र ने कहा कि दिल्ली में सपा, बसपा कांग्रेस का समर्थन करते हैं और लखनऊ में एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं। इनके इस ढोंग को जनता पहचान चुकी है। भाजपा ही प्रदेश को बचाने के लिये संघर्षरत है, भाजपा ही सच्चा विकल्प है, आने वाले चुनाव में भाजपा को जनता सत्ता में भेजेगी।

धरने को संबोधित करते हुये भाजपा विधानमण्डल के नेता ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि इस सरकार की एक ही विशेषता है कि यह पैसे के बल पर सत्ता के दम पर सब कुछ हथियाना चाहती है। लोकतन्त्र में बहुमत की तानाशाही का यह दूसरा उदाहरण मायावती सरकार है, इससे पहले बहुमत की तानाशाही का नग्न प्रदर्शन स्व0 पूर्व प्रधानमन्त्री इिन्दरा गांधी ने किया था। उ0प्र0 की जागरूक जनता ने श्रीमती गांधी को सबके सिखाते हुए प्रदेश की सभी 85 लोकसभा सीटों पर हार का स्वाद चखाया था अब बसपा की बारी है। श्री सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने भी अपनी सरकार के समय भ्रष्टाचार, बदनियती, संविधान की मर्यादाओं के साथ खिलवाड़ का स्वरूप प्रकट किया था। दोनों दलों ने सदन की सार्थकता ही खत्म कर दी है। विधेयक रखते समय मन्त्री को विधेयक के औचित्य का भी पता नहीं होता। यह तानाशाही की पराकाष्ठा है। सचिवालय के रेट मन्त्रालय के रेटों ने सचिवालय को बाजार  बनाकर रख दिया है इन सपा, बसपा सरकारों ने। सपा के राज की करतूतें, भ्रष्टाचार, गुण्डागदीZ कम नहीं थी। जनता परिवर्तन चाहती है जनता इस सरकार को हटाना चाहती है। भाजपा ही विकल्प बनकर उभर रही है। धरने को पूर्व मन्त्री प्रदेश उपाध्यक्ष शिव प्रताप शुक्ला, महेन्द्र नाथ पाण्डेय, सुरेश खन्ना, श्रीमती पे्रमलता कटियार, कुंवर भारतेन्द्र सिंह, महापौर दिनेश शर्मा, ज्योतशना श्रीवास्तव, सीमा द्विवेदी, सुरेश तिवारी, सुरेश श्रीवास्तव आदि ने संबोधित किया। धरने में प्रमुख रूप से प्रदेश महामन्त्री (संगठन) राकेश जैन, नेपाल सिंह, विन्ध्यवासिनी कुमार, विनोद पाण्डेय, पूर्व मन्त्री लल्लू सिंह, राधेश्याम गुप्ता, प्रवक्ता सत्यदेव सिंह, विजय बहादुर पाठक, प्रदेश मीडिया प्रभारी नरेन्द्र सिंह राणा, हरीशचन्द्र श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष डा0 महेन्द्र सिंह, स्वतन्त्र देव सिंह, विधायक उदयभान सिंह करवरिया, विधान परिषद सदस्य रामनरेश रावत, क्षेत्रीय अध्यक्ष सुभाष त्रिपाठी, अष्टभुजा शुक्ला, प्रदेश मन्त्री सन्तोष सिंह, सुनील दत्त द्विवेदी, रामकुमार शुक्ला, वीरेन्द्र तिवारी, प्रो0 रामजी सिंह, विजय सेैन सिंह, सुशील तिवारी पम्मी, सहमीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित, दिलीप श्रीवास्तव, सभासद नागेन्द्र सिंह, मिंटू उपाध्याय, रमेश कपूर बाबा, अतुल दीक्षित, विष्णु त्रिपाठी, महानगर अध्यक्ष नीरज गुप्ता, जिलाध्यक्ष दिनेश तिवारी, महामन्त्री राजेन्द्र सिंह राजू, युवा मोर्चा के प्रदेश मन्त्री प्रत्युशमणि त्रिपाठी, युवा नेता साकेत शर्मा, अभिजात मिश्रा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पूर्व महामन्त्री मान सिंह ने किया तथा विधायक विद्यासागर गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नेता विरोधी दल िशवपाल सिंह यादव ने कहा

Posted on 22 February 2011 by admin

22-02-b•    मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने लोकतन्त्र का गला घोटने और संविधान को लाठी से हाकने का इरादा कर लिया है। वे अपने को होस्नी मुबारक, गद्दाफी और मुशरर्फ समझ रही हैं। उनका हश्र भी उन्हें जानना चाहिए।

•    उत्तर प्रदेश में मुख्यमन्त्री ने तानाशाह की तरह सभी लोकतािन्त्रक संस्थाओं को नश्ट करने की साजिश रची है और वे अब बैलेट पर बुलेट की संस्कृति चलाना चाहती हैं। समाजवादी पार्टी मायावती सरकार के इस तानाशाही रवैये की निन्दा करती है।  हर जिले में धरना प्रदशZन के साथ इसका व्यापक विरोध किया जा रहा है।

•    कल दिंनाक- 21 फरवरी, को विधानसभा के अन्दर और बाहर सरकार ने जो तान्डव किया उससे गम्भीर संवैधानिक प्रश्न खड़े हुये हैं। विधानसभा में एक मिनट में 2011-12 के बजट प्रस्ताव पास करा लिये गये। कार्यमत्रंणा समिति ने 01 मार्च तक सदन चलाने केा मंजूरी दी थी। इसके बावजूद सदन अनििश्चत काल के लिए स्थगित कर दिया गया।

•    सदन के अन्दर धरना दे रहे विधायको के साथ बल प्रयोग किया गया। यह सदन और विधायिका का घोर अपमान है। माशZल ने भी विधायकों से अभद्रता की और गालियॉ दी। रात्रि में सदन से विधायकों को बाहर निकालने के समय बसपा के गुण्डों को विधानसभा के अन्दर लाया गया जो नशे में धुत्त थे। इस सम्बन्ध में अध्यक्ष को स्पश्टीकरण देना चाहिए कि ये गुण्डे किसकी अनुमति से विधानसभा मण्डप के अन्दर आए।

•    जिला पंचायत और ब्लाक प्रमुख के चुनावों को धनबल, बाहुबल से कब्जाने के बाद अब मुख्यमन्त्री की कुदृिश्ट नगर निकायों पर पड़ी है। इसके लिए महापौर एवं पालिका अध्यक्षों की निर्वाचन प्रक्रिया को बदलने के साथ निकाय अध्यक्षों के अधिकार भी छीनने की तेैयारी है।

•    बसपा  सरकार जनता से महापौर और पालिका अध्यक्षों के चुनाव का अधिकार छीनकर आम जनता के मतदान का अधिकार छीन लेना चाहती है। वशZ 1994 में समाजवादी पार्टी की सरकार में इन पदों के सीधे निर्वाचन की व्यवस्था की गई थी।

•    74वें संविधान संशोधन में सत्ता की त्रिस्तरीय व्यवस्था में केन्द्र और राज्य सरकार के बाद निकायों को दर्जा दिया गया है। अत: महापौर और अध्यक्षों का चुनाव जनता से कराना संवैधानिक बाध्यता है।

•    निकायों पर बसपा का कब्जा कराने के लिए पाशZदों ओैर सभासदों की खरीद-फरोख्त का रास्ता मुख्यमन्त्री खोलना चाहती है। पंचायत चुनावों की तरह तब इसमें भी हत्या, अपहरण और जबरन मतदान का नाटक दोहराया जायेगा।

•    यह सरकार निकाय अध्यक्षों के अधिकार भी छीनने की तैयारी में है। वेतन और कर्मचारियों के भुगतान सम्बन्धी सभी अधिकार अब अधिशासी अधिकारियों (ई0ओ0) को सौपे जायेंगे। उसके लिए नगर पालिका परिशद अधिनियम 1916 में संशोधन लाया जा रहा है।

•    जनहित के नाम पर बसपा सरकार के उक्त कदम सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को ही सन्दिग्ध बनाते है। उचित और अनुचित हर तरीके से सत्ता पर काबिज होने की सरकारी मंशा ने लोकतािन्त्रक संस्थानों की स्वायत्तता पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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