राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र (आर आई एन एल-वी एस पी), जो भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के अधीन एक अग्रणी केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम, ‘वाइजाग स्टील’ के रूप में प्रसिद्ध ‘नवरत्न’ कंपनी है, देश में आधुनिक प्रौद्योगिकी वाला पहला तटीय समग्र इस्पात संयंत्र है|
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र 3 मिलियन टन द्रव इस्पात की वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ करीबन 11,000 करोड़ का कारोबार करते हुए टी एम टी सरिया, वॉयर रॉड, राउण्ड, स्ट्रक्चरल, स्क्वेयर आदि जैसे विविध श्रेणियों के लंबे उत्पादों का उत्पादन करता है, जिन्हें मूलसंरचना परियोजनाओं एवं आम जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु व्यापक रूप से प्रयोग में लाया जाता है|
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र नई प्रौद्योगिकी को अपनाने हेतु जाना जाता है और यह देश में ऐसा पहला संयंत्र है, जहाँ 100% सतत ढलाई प्रौद्योगिकी, 3200 घनमीटर वाली बृहद धमन भट्ठियाँ, कोक शुष्क शीतलन से लैस ऊँचे कोक ओवेन, विश्व में सर्वश्रेष्ठ ‘स्टेलमोर व टेंपकोर’ प्रक्रियाओं से युक्त रोलिंग मिल्स, वर्तमान 3 मिलियन टन हेतु व्यर्थ ऊष्मा से 40 मेगावॉट का उच्चतम विद्युत उत्पादन, जो विस्तारीकरण पश्चात 90 मेगावॉट तक बढ़ेगा, आदि सुविधाएँ मौजूद हैं|
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र अपने गुणवत्तापूर्ण इस्पात एवं उपयुक्त आकार तथा आंतरिक कुशलताओं के साथ विशेष श्रेणी के इस्पात का उत्पादन कर रहा है, और इससे कुल उत्पादन के 78% तक राष्ट्रीय महत्व, अर्थात मेट्रो, भारतीय रेलवे, विद्युत क्षेत्र, न्यूक्लियर कांप्लेक्स तथा अन्य कई परियोजनाओं के लिए विशेष श्रेणी इस्पात की आवश्यकता की पूर्ति होती है|
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड अभी 12,500 करोड़ रुपये की लागत पर अपनी उत्पादन क्षमता को 6.3 मिलियन टन प्रति वर्ष तक दुगुना कर रहा है, जो 2011-12 तक प्रचालित होगा| राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड ने उच्च गुणवत्तापूर्ण शुद्ध इस्पात के उत्पादन हेतु फिर एक बार तीव्र गति वाली वॉयर रॉड मिल, इस्पात गलन शाला में आर एच डीगैसर व इलेक्ट्रो मेग्नेटिक स्टिर्रर जैसी अद्यतन प्रौद्योगिकी को अपनाया|
प्रमुख कच्चे माल की संरक्षा की दिशा में ईस्टर्न इन्वेस्टमेंट लिमिटेड में, जिनके पास उड़ीसा खनिज विकास निगम (ओ एम डी सी) और बिसरा स्टोन लाइम कंपनी (बी एस एल सी) जैसी सहायक कंपनियाँ हैं, 51% हिस्से का अधिग्रहण किया|
फिलहाल, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र का व्यापक विपणन वितरण नेटवर्क है, जिसमें देश भर में व्याप्त पाँच क्षेत्रीय कार्यालय, 23 शाखा बिक्री कार्यालय व स्टॉकयार्ड, 4 परेषण बिक्री अभिकर्ता और 120 जिला स्तरीय डीलर शामिल हैं|
उत्तरप्रदेश में आर आई एन एल-आर डी एस (ग्रामीण डीलरशिप योजना) का शुभारंभ
राष्ट्रीय इस्पात नीति के तहत, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र देश के सुदूर प्रदेशों में पहुँचकर वास्तविक प्रयोक्ताओं को वाइजाग स्टील उपलब्ध कराने हेतु सभी संभावित प्रयास कर रहा है| इस प्रयास में, ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण इस्पात उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नई ग्रामीण डीलरशिप योजना (आर आई एन एल-आर डी एस) का शुभारंभ किया जा रहा है|
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार बिश्नोई औपचारिक रूप से उत्तर प्रदेश में इस योजना का शुभारंभ करेंगे और लाभार्थियों को ‘ग्रामीण डीलरशिप योजना का पंजीकरण प्रमाणपत्र’ प्रदान करेंगे|
आर आई एन एल-आर डी एस की प्रमुख विशेषताएँ :
निदेशक (वाणिज्य) श्री तपन कुमार चाँद ने इस योजना की व्याख्या करते हुए कहा कि ‘आर आई एन एल-आर डी एस ग्रामीण डीलरों के पंजीकरण हेतु अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़े वर्ग/महिला एवं अल्पसंख्यकों को प्रोत्साहित करनेवाली एक उच्चतम व्यापक योजना है|’ आवेदक को डीलरशिप लेने हेतु अपनी वित्तीय क्षमता की पुष्टि में सिर्फ एक शपथपत्र प्रस्तुत करना होगा| यह योजना मौजूदा खुदरे व्यापारियों, परेषण अभिकर्ताओं, जिला स्तरीय डीलरों (डी एल डी) को छोड़कर सबके लिए लागू है| राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड/विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र, इस्पात पर 1,000/- रुपये प्रति मेट्रिक टन का मार्जिन रखते हुए कंपनी द्वारा निर्धारित सिफारिश किए गए अधिकतम खुदरे दर (एम आर आर पी) पर अथवा उससे कम दर पर, जैसे डीलरों को उपलब्ध किया जाता हो, वैसे ही ग्रामीण ग्राहकों को इस्पात उत्पादों की आपूर्ति को सुनिश्चित करता है| इस्पात की आपूर्ति नि:शुल्क परिवहन के आधार पर की जाएगी| ग्रामीण डीलरों के पंजीकरण की अवधि 2 वर्ष की है, जो आपसी समझौते के आधार पर नवीकृत किया जा सकता है| ग्रामीण डीलरों के रूप में पंजीकरण हेतु प्रतिभूति जमा का कोई प्रावधान नहीं है|
ग्रामीण डीलरों का देश के विविध जिलों के प्रदेशों में मंडल स्तर एवं पंचायत स्तर पर पंजीकरण किया जाता है|
ग्रामीण डीलरशिप योजना के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में विपणन हेतु ग्रामीण डीलरों को राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड/विशाखपट्टणम इस्पात संयंत्र द्वारा उत्पादित एफ ई 500 और एफ ई 550 श्रेणियों के श्रेष्ठ गुणवत्ता युक्त टी एम टी सरिया उपलब्ध किये जाते हैं|
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के कानपुर एवं गाजियाबाद स्थित शाखा बिक्री कार्यालय राज्य में पहले नियुक्त जिला स्तरीय डीलरों के अतिरिक्त इस योजना के अधीन 200 ग्रामीण डीलरों से अधिक डीलरों का पंजीकरण करेंगे| राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड ग्रामीण डीलरशिप योजना और जिला स्तरीय डीलरों के अधीन शामिल प्रदेशों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार, सामुदायिक विकास आदि क्षेत्रों में निगमित सामाजिक दायित्व (सी एस आर) से संबंधित विविध कार्य करने की योजना बना रहा है| आर आई एन एल-आर डी एस योजना के शुभारंभ के अवसर पर, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार बिश्नोई ने गरीब विद्यार्थियों को ‘अध्ययन सामग्री’ वितरित की और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड द्वारा 5 छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी की घोषणा की| राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, इन छात्राओं को मेट्रिक्युलेशन की परीक्षा में उत्तीर्ण होने तक सभी प्रकार के खर्चे का वहन करेगा| निदेशक (वाणिज्य) श्री तपन कुमार चाँद ने अपने संदेश में कहा कि राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड सशक्त ग्रामीण डीलरों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा और युवा उद्यमों को आगे बढ़कर डीलरों के रूप में पंजीकरण करने हेतु आमंत्रित किया| राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार बिश्नोई ने यह भी सूचित किया कि राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘ऑपरेशन ज्योति’ (मोतियाबिंद से राहत) की शुरुआत जैसे अधिकाधिक निगमित सामाजिक दायित्व कार्यक्रम चलाने की योजना बना रहा है|
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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