Archive | February, 2011

इस वैलेंटाइन लव लॉकअप में होंगे कृष्णा अभिषेक और कश्मीरा शाह …और प्रियंका चोपड़ा होंगी इस जोड़ी की सूत्रधार!!

Posted on 09 February 2011 by admin

untitled-14इस सप्ताह यूटीवी बिन्दास लव लॉकअप में चार वषोZं से एक दूसरे के प्रेमी कृष्णा और कश्मीरा आएंगे, जिनका प्यार काफी चर्चित है। उनका रिश्ता ऐसे मोड़ पर आ गया था, जब उन्हें केवल सात फेरे लेने की देर थी और उन्होंने हमेशा के लिये एक दूसरे के साथ खुशहाल जिन्दगी बिताने की योजना बना ली थी। लेकिन वर्तमान में कृष्णा और अभिषेक के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसलिये इस जोड़ी ने लव लॉकअप में जाने का फैसला किया है, इस उम्मीद के साथ कि इससे इनके बीच की दूरियां कम होंगी और साथ मिलकर जिन्दगी के लंबे सफर की शुरूआत होगी।

लव लॉकअप की इस कड़ी में खूबसूरत और अक्लमन्द प्रियंका चोपड़ा इस जोड़ी के लिये सूत्रधार की भूमिका निभायेंगी।

हालांकि शादी का वादा किया जा चुका है, लेकिन लगता है कि कृष्णा समय को खींचना चाहते हैं और फिलहाल शादी के बंधन में बंधने का उनका कोई इरादा नहीं है। इधर कश्मीरा अब बिलकुल भी इन्तजार नहीं करना चाहती हैं। कश्मीरा के अनुसार वह शादी का वादा निभाने के लिये लंबे समय से कृष्णा का इन्तजार कर रही हैं। कश्मीरा ने यह अन्तिम चेतावनी भी दी है कि कृष्णा को जल्द ही खुद को मानसिक तौर पर शादी के लिये तैयार करना चाहिये अन्यथा वह लॉस एंजिल्स चली जाएंगी, जहां उनका भूतपूर्व पति रहता है। इधर कृष्णा की अपनी अलग समस्याएं हैं। उनके अनुसार, कश्मीरा को अपनी समस्याओं के लिये उनके परिवार को दोष नहीं देना चाहिये और उनके बारे में बुरा-भला नहीं कहना चाहिये।

नाटकीयता और भावनाएं अपने चरम पर पहुंच जाती हैं, जब कृष्णा की चाची गीता लव लॉकअप में आती हैं। कृष्णा की चाची लॉकअप में आती हैं और कश्मीरा को अभद्र कपड़े पहनने के लिये फटकारती हैं। जब कश्मीरा कृष्णा की चाची के लिये चाय बनाती हैं, तब उन्हें चाय भी इतनी बुरी लगती है कि वह चाय के कप को जमीन पर फेंक देती हैं और कश्मीरा के बनाये खाने की बुराई करने लगती हैं। इस जोड़ी की कुण्डली के बारे में जानने के लिये कृष्णा की चाची एक ज्योतिषी को बुलाती हैं। ज्योतिषी बताते हैं कि दोनों के 36 में से 35 गुण मिलते हैं और इनकी शादी का सही समय नवंबर या दिसम्बर 2011 है। ज्योतिषी के जाने के बाद कृष्णा की चाची आगे बढ़कर कश्मीरा को बहू के रूप में स्वीकार करती हैं और उन्हें शगुन देती हैं।

इसके बाद कृष्णा कश्मीरा के दोस्तों आर्यन वैद और अमन वर्मा के लिये नफरत जाहिर करते हैं। जब जैमी (कश्मीरा के भूतपूर्व पति का मित्र) लॉकअप में कश्मीरा से मिलने आता है, तब उनके बीच दोस्ताना बातचीत को देखकर कृष्णा गुस्सा हो जाते हैं और जैमी से जाने के लिये कहते हैं। जैमी के जाने के बाद कश्मीरा लव लॉकअप में खुशमिजाज होकर कृष्णा के साथ मामलों को सुलझाने की कोशिश करती हैं। लेकिन यह प्यार केवल तभी तक ठहर पाता है, जब तक कि इन दोनों के बीच शादी को लेकर दोबारा चर्चा शुरू नहीं होती है। दोनों के तर्क बढ़ते जाते हैं और कृष्णा किसी भी तरह का वादा करने के लिये तैयार नहीं हैं।

देखिये लव लॉकअप में पहली बार एक चर्चित जोड़ी को अपने रिश्ते का आखिरी फैसला करते हुए, 12 और 13 फरवरी, शनिवार एवं रविवार को शाम 7 बजे, केवल यूटीवी बिन्दास पर

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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बजट में सर्वसमाज के सभी वर्गों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया, लेकिन प्राथमिकता दलित, शोशित, वंचित और उपेक्षित वर्गों को दी है

Posted on 09 February 2011 by admin

  • कर रहित बजट से विकास दर में बढ़ोत्तरी होगी जिसके चलते प्रदेश की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार आयेगा
  • पूर्व की सरकारों ने यदि प्रदेश के सभी वर्गों और क्षेत्रों के सन्तुलित विकास पर ध्यान दिया होता, तो आज प्रदेश की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर होती
  • राज्य सरकार ने किसानों की खुशहाली व कृशि क्षेत्र को ठहराव से निकालने के कई प्रयास किये
  • गांवों के विकास के बिना प्रदेश के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती
  • उ0प्र0 मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के लिए 1081 करोड़ रू0 की व्यवस्था
  • बजट में बालिकाओं के कल्याण से जुड़ी योजनाओं में काफी धनरािश का प्राविधान
  • महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना के लिए 360 करोड़ रू0 प्रस्तावित, 01 लाख 80 हजार बालिकाएं होंगी लाभािन्वत
  • सावित्री बाई फुले िशक्षा मदद योजना के लिए 340 करोड़ रू0,
  • 07 लाख 10 हजार छात्राओं को लाभािन्वत करने का लक्ष्य,जिनमेंं 01 लाख 25 हजार छात्रायें अनुसूचित जाति की होंगी
  • आगामी वित्तीय वशZ के 2249 डा0 अम्बेडकर ग्रामों में सी0सी0 रोड एवं केसी डेªन के निर्माण के लिए 800 करोड़ रू0
  • ग्रामों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ने के लिए 03 हजार करोड़ रू0 की व्यवस्था

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने कहा है कि वित्तीय वशZ 2011-12 के लिए आज विधानसभा में प्रस्तुत किए गए राज्य सरकार के बजट से प्रदेश के चहुमुखी विकास में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रदेश में व्याप्त आर्थिक एवं सामाजिक अन्तर को कम करने तथा लोगों का जीवन स्तर सुधारने वाला सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि बजट में वैसे तो सर्वसमाज के सभी वर्गों के हितों की ओर पूरा ध्यान दिया गया है, लेकिन प्राथमिकता समाज के अन्तिम सोपान पर खड़े दलित, शोशित, वंचित और उपेक्षित वर्गों को दी गई है। उन्होंने कहा कि बजट में विभिन्न विकास योजनाओं के माध्यम से सभी वर्गो, समुदायों एवं क्षेत्रों का सन्तुलित विकास करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके पहले शासनकाल से लेकर वर्तमान शासनकाल के दौरान उनकी सरकार ने अनेक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व निर्णय लेकर उत्तर प्रदेश में सामाजिक परिवर्तन आन्दोलन को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान की है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा पिछले तीन वशोZं में जनता पर अतिरिक्त करों का बोझ नहीं डाला गया। उन्होंने कहा कि बेहतर आर्थिक प्रबंधन, वित्तीय अनुशासन तथा उपलब्ध संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए कई ठोस एवं दूरगामी परिणाम देने वाले निर्णय लिये हैं। उन्होंने कहा कि कर रहित मौजूदा बजट से प्रदेश की विकास दर में बढ़ोत्तरी होगी जिसके चलते प्रदेश की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार आयेगा।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि प्रस्तावित बजट में किए गए प्राविधान से गरीबों, मजदूरों, किसानों, महिलाओं, व्यापारियों, कर्मचारियों एवं विभिन्न पेशों में लगे लोगों और समाज के उपेक्षित व निर्बल वर्गो, अल्पसंख्यकों तथा युवाओं की आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी। उन्होेंने कहा कि समाज के सभी वर्गों और विशेश रूप से गरीबों एवं जरूरतमन्दों का पिछली किसी सरकारों के शासनकाल में इस प्रकार का ध्यान नहीं रखा गया। उन्होेंने कहा कि यदि प्रदेश के सभी वर्गों और समस्त क्षेत्रों के सन्तुलित विकास पर पूर्व की सरकारों ने उनकी सरकार की तरह ही प्रयास किया होता तो आज प्रदेश की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर होती। उन्होंने कहा कि प्रस्तुत बजट उनके स्वयं के अनुभव एवं जमीनी सोच का परिचायक है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा है कि प्रदेश की कृशि प्रधान अर्थव्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए किसानों के समृद्धि व कृशि क्षेत्र को ठहराव से निकालने के उद्देश्य से बजट के माध्यम से कई प्रयास किये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को खुशहाल और समृद्ध देखना चाहती है, इसलिए उनकी सरकार द्वारा समय-समय पर ऐतिहासिक निर्णय लिये गये है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों को समय से उर्वरक की उपलब्धता सुनििश्चत करने के लिए उर्वरक के अिग्रम भण्डारण हेतु 72 करोड़ रूपये पूर्वी उत्तर प्रदेश में हरित क्रान्ति के विस्तार के लिए 57 करोड़ रूपये संकर बीजों को बढ़ावा देने के लिए 30 करोड़ रूपये, कृशि विपणन यार्ड के निर्माण एवं विकास के लिए 88 करोड़ रूपये तथा 11वीं पंचवशीZय योजना की अवधि के अन्त तक प्रदेश में 15 हजार पशुओं पर एक पशु चिकित्सालय स्थापित करने के उद्देश्य से आगामी वित्तीय वशZ 2011-12 में 37 नये पशु चिकित्सालयों की स्थापना का प्राविधान भी किया गया है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि गांवों के विकास के बिना प्रदेश के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि इसको ध्यान में रखते हुए उनकी सरकार गांवों में भी शहरों जैसी आधारभूत सुविधायें उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि गांवों, विशेश रूप से डा0 अम्बेडकर ग्रामों में शहरों जैसी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त धनरािश की व्यवस्था प्रस्तुत बजट के माध्यम से की गई है। उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वशZ के 2249 डा0 अम्बेडकर ग्रामों में सी0सी0 रोड एवं केसी डेªन के निर्माण के लिए 800 करोड़ रूपये तथा ग्रामों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ने के लिए 03 हजार करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा उनकी सरकार ने गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए विशेश प्रयास किये हैं। उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वशZ में प्रदेश में 60 हजार नये हैण्ड पम्प, 90 हजार हैण्ड पम्पों की भी बोरिंग तथा 01 लाख 50 हजार सोकपिट एवं 600 पाइप पेयजल योजनाओं के लिए 677 करोड़ रूपये के प्रस्ताव हैं।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने महंगाई की चर्चा करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक, आयात एवं निर्यात नीतियों के कारण रोजमर्रा की जरूरत की खाद्य सामग्री आम जनता की पहुंच से बाहर हो गई है। महंगाई पर रोक लगाने की जगह केन्द्र सरकार द्वारा केवल यह बयान देकर की यह समस्या क्षणिक है तथा कुछ दिनों में महंगाई दर नियन्त्रण में आ जायेगी, यह समझ लिया गया है कि केन्द्र की जिम्मेदारी पूरी हो गई है, जबकि महंगाई की समस्या खत्म होने की जगह विकराल रूप धारण करती जा रही है। उन्होंने कहा कि यह अत्यन्त दु:खद है कि केन्द्र सरकार द्वारा बार-बार इसे छोटी समस्या बताकर पल्ला झाड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अपने कार्य क्षेत्र में रहते हुए जमाखोरी व कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के ठोस कदम उठायें हैं। उनकी सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु नियम के अन्तर्गत चावल, दाल, खाद्य तिलहन एवं खाद्य तेल पर स्टाक सीमा लगायी गई है। उन्होंने कहा कि महंगाई को देखते हुए उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को अब 300 रूपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 400 रूपये प्रतिमाह देने का निर्णय लिया। इस योजना के तहत आगामी वित्तीय वशZ के लिए 1081 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के इस प्रयास से इस योजना के लाभार्थियों को महंगाई से थोड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय उसकी दूरगामी एवं अभिनव सोच को दर्शाता है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि आज पेश किये गये बजट में बालिकाओं के प्रति समाज की सोच में परिवर्तन लाने तथा बालिकाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनकी सरकार द्वारा पूर्व से चलायी जा रही योजनाओं में काफी धनरािश का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना का लाभ अभी तक बी0पी0एल0 कार्ड धारक परिवारों को ही प्राप्त हो रहा था जिसका दायरा बढ़ाते हुए अब इसके तहत उ0प्र0 महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के लाभार्थी परिवारों को भी आच्छादित किये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वशZ में महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना के लिए 360 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित करते हुए 01 लाख 80 हजार बालिकाओं को लाभािन्वत किया जायेगा। इसी प्रकार सावित्री बाई फुले िशक्षा मदद योजना के अन्तर्गत 2011-12 में 07 लाख 10 हजार छात्राओं को आच्छादित करने के लिए 340 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इन बालिकाओं में 01 लाख 25 हजार छात्रायें अनुसूचित जाति की होंगी। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के हक में उनकी सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों से समाज की सोच में बदलाव होगा।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि राज्य सरकार गरीबों को छत उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। इस बजट में भी ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों को आवास उपलब्ध करानें लिए पर्याप्त धनरािश की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही शहरी गरीबों को भी सस्ती आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। पहली बार ऐसा हुआ है कि लगभग 08 लाख रूपये तक के कीमत वाले मकान गरीबों को नि:शुल्क दिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विगत वषोZ में मूलभूत आर्थिक अवस्थापना सुविधाओं जैसे ऊर्जा, सड़क, पुल, परिवहन, शहरी अवस्थापना आदि के विकास पर अपने सीमित संसाधनों के बावजूद बडे़ पैमाने पर धनरािश खर्च की है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के नेताओं को चाहिए था कि सर्वजन के विकास पर आधारित इस बजट की खुले मन से सराहना करते परन्तु परम्परानुसार राजनीतिक कारणों और पूर्वाग्रहों के चलते उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके साथ ही उन्हें सोशल सेक्टर के विकास के लिए किए गए सरकार के प्रयासों का भी खुले मन से स्वागत करना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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बी0पी0एल0/अन्त्योदय कार्ड धारकों हेतु चीनी मूल्य रू0 14.00 प्रति किग्रा0 निर्धारित

Posted on 09 February 2011 by admin

जिलापूर्ति अधिकारी, अरूण कुमार श्रीवास्तव ने सूचित किया है कि शासनादेशानुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत उपभोक्ताओं को वितररित की जाने वाले चीनी के वर्तमान मूल्य रू0 13.50 प्रति किग्रा0 में रू0 0.50 प्रति किग्रा0 की वृद्धि कर रू0 14.00 प्रति किग्रा0 की दर से चीनी का वितरण आगामी चार माह (फरवरी, 11 से मई, 11) तक के लिए कराये जाने हेतु निर्णय लिया गया है।

उन्होंने बी0पी0एल0/अन्त्योदय कार्ड धारकों को सूचित किया है कि वह अपने से सम्बंधित उचित दर विके्रता से मूल्य रू0 14.00 प्रति किग्रा0 की दर से लेवी चीनी प्राप्त कर सकते है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन

Posted on 09 February 2011 by admin

photo-gyapan-to-he-by-rita-ji-today-08feb-at-rajbhawanस्व0 राजीव गांधी जी के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप वर्ष 1992 में कंाग्रेस सरकार द्वारा लोकसभा में 73वां, 74वां संविधान संशोधन पारित किया गया, जिसके द्वारा ग्रामीण व नगर स्थानीय निकायोंं में निर्वाचन को संवैधानिक अनिवार्यता प्रदान की गई। यह संशोधन पंचायत स्तर पर व्यापक विचारविमर्श के उपरान्त किया गया जिसकी स्पष्ट मंशा एवं उद्देश्य था कि सत्ता का विकेन्द्रीकरण हो, स्थानीय निकाय ही स्थानीय सरकार के रूप में कार्य करे, जिससे जनप्रतिनिधियों एवं जनता की प्रत्यक्ष भागीदारी हो। 73वें, 74वें संशोधन  के अनुरूप प्रत्येक राज्य ने अपने-अपने नगर निगम व नगर पालिका अधिनियमों में आवश्यक संशोधन किये। उ0प्र0 के निर्वाचित सदन में यह संशोधन 30अप्रैल 1994 में किया गया। 73वें, 74वें संशोधन की मंशा को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका व नगर निगम अधिनियमों में इस प्रकार संशोधन किया था कि उसके स्वरूप को पारदशीZ एवं जनता की भागीदारी के आधार को बढ़ाते हुए जवाबदेह बनाने का प्रयास किया।
● महापौर व चेयरमैन का चुनाव:-

नगर निगम व नगर पालिका अधिनियमों में संशोधन के द्वारा नगर पंचायत व नगर निगम के चेयरमैन व महापौर का चुनाव सीधे जनता से कराने का प्रावधान किया गया। उक्त निर्णय गम्भीर विचार-विमर्श के उपरान्त व इन सस्थाआं के पूर्व अनुभवों पर आधारित था। संविधान में संशोधन के उपरान्त निर्वाचन की प्रक्रिया के निर्धारण का अधिकार प्रदेश सरकारों को था- तत्कालीन राज्यपाल श्री मोतीलाल वोरा ने सीधे तथा दलीय आधार पर करने का विकल्प चुन लिया। अब विकल्प के बाद 4 सरकारों ने सफलतापूर्वक चुनाव कराया है। अत: अब पुन: विकल्प बदलना, जनभावना तथा कानून के खिलाफ है।

महामहिम जी, 1995 में उ0प्र0 में पहली बार शहरी निकाय के प्रमुखों के चुनाव सीधे जनता द्वारा हुए और पहली बार सामान्य लोगों को चेयरमैन व महापौर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर निर्वाचित होने का मौका मिला।

untitled-13वर्ष 1995 के पूर्व स्थानीय निकायों के प्रमुखों के चुनाव पार्षदों द्वारा किये जाते थे, जिसके कारण ऐसे धनाड्य व्यक्ति जेा धनबल के सहारे उन पदों पर आसीन हुए, उन्होने जनभावनाओं से सरोकार न रखते हुए केवल अपने आर्थिक पक्ष को मजबूत करने के लिए अपने पद का दुरूपयोग किया।

इन विसंगतियों को देखते हुए गम्भीर विचार-विमर्श के बाद तत्कालीन सरकार ने वर्ष 1994 में सामान्य मतदाताअों द्वारा स्थानीय निकाय प्रमुखों के चुनाव कराने का निर्णय लिया। इस तरह से उ0प्र0 में नगर निकाय चुनाव के तीन चक्र पूर्ण हो चुके हैं तथा अधिकांश चेयरमैन व महापौर के कार्यकाल आरोपरहित रहे हैं। उन्होने मध्यम व आम जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व किया है।

प्रदेश की मा0 मुख्यमन्त्री जी प्रचलित चुनाव प्रणाली में जिस प्रकार का परिवर्तन/संशोधन करने की ओर पहल कर रही हैं वह न केवल स्थनीय निकाय को कमजोर करेंगी वरन धन-बल के दुरूपयोग का रास्ता खोल देंगी। चेयरमैन व महापौर यदि पार्षदों द्वारा चुने जायेंगे तो खरीद-फरोख्त प्रारम्भ हो जायेगी व धन, बल के आधार पर ही बहुत से अवांछनीय तत्व इन महत्वपूर्ण पदों को प्राप्त करने में सफल हो जायेंगे। इसका अर्थ यह है कि उक्त व्यक्तियों की जनता के प्रति जवाबदेही समाप्त हो जायेगी।

आश्चर्यजनक यह भी है कि महापौर व चेयरमैन का चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को सदन का सदस्य होने की आवश्यकता नहीं है। विचार करने का विषय है कि जो व्यक्ति एक वार्ड का चुनाव जीतने योग्य न हो, वह संस्था का मुखिया हो जायेगा। यदि ऐसा हुआ तो 74वें संशोधन की मंशा के पूर्णतया विपरीत होगा।

● विकासधन:-
महामहिम जी, केन्द्र सरकार द्वारा हजारों करोड़ रूपये शहरी नवीनीकरण योजना के अन्तर्गत राज्य सरकारों को प्रदान किया जा रहा है। नियमानुसार इस धन को निर्वाचित नगर निकाय के सदन के द्वारा तैयार किये गये योजनाओं के आधार पर खर्च किया जा रहा है। इस कार्य में सदन के महापौर व चेयरमैन उत्तरदायी होते हैं व उनकी भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है। यदि यह चुनाव अप्रत्यक्ष आधार पर किया गया तो फिर इसमें घोटालों की विशेष आशंका होगी, क्योंकि संस्था का अध्यक्ष जनता को सीधे उत्तरदायी नहीं होगा।

● नामित सदस्यों के अधिकार:-
सम्भवत: प्रस्तावित संशोधन में नामित सदस्यों को मतदान का अधिकार दिया जा रहा है जो असंवैधानिक है क्योंकि भारत के संविधान के 243 में यह स्पष्ट रूप से निर्देशित है कि ऐसे सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं होगा´´। मा0 इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नामित सदस्यों को मतदान देने पर रोक लगा रखी है इसलिए प्रदेश सरकार इसके विपरीत संशोधन कर अपने राज्य में नामित सदस्यों केा मतदान का अधिकार नहीं दे सकती, क्योंकि ऐसा करना असंवैधानिक है।

स्पष्ट है कि उक्त व्यवस्था शासित दल द्वारा नामित सदस्यों के सहयोग से सभी निकायों पर कब्जा करने की मंशा से की जा रही है। हाल ही में कराये गये पंचायतराज चुनाव में शासित दल ने धन, बल का प्रयोग कर अधिकांश जिला पंचायतों व क्षेत्र पंचायतों पर कब्जा किया है।

● सत्ता का विकेन्द्रीकरण :-
आपके संज्ञान में है कि हमारे प्रदेश में स्थानीय निकायों द्वारा विकेन्द्रीकरण हेतु राज्य सरकार से लगातार प्रयास जारी है। उ0प्र0 महापौर परिषद तथा नगर पालिका अध्यक्ष परिषदों द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। उक्त संस्थाएं 74वें संविधान संशोधन को लागू करने की मांग कर रही हैं। प्रदेश सरकार ने ध्यान न देते हुए लगातार स्थानीय निकायों के अधिकारों का हनन किया है। अपने प्रस्तावित संशोधनों से प्रदेश सरकार वित्तीय व प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण के बजाय अपना शिकंजा मजबूत कर रही है। यह एक असंवैधानिक कृत्य है और इसे जनहित में रोका जाना अत्यन्त आवश्यक है।

महामहिम जी, यदि प्रस्तावित संशोधन लागू हो जाते हैं तो महात्मा गांधी की पंचायतीराज विचारधारा, स्व0 राजीव गांधी जी के स्थानीय निकाय को स्वयत्तशासी बनाने की मंशा व 74वें संविधान संशोधन का गला घुट जायेगा।

● अविश्वास प्रस्ताव:-

महामहिम जी, जब से नगर पालिका व नगर निगम अधिनियम बने हैं उसमें अविश्वास प्रस्ताव का प्रावधान रखा गया है। हमारे संज्ञान में आया है कि इस धारा को भी प्रदेश सरकार खत्म करने जा रही है। जिस नियम को और सख्त करने की आवश्यकता थी उसे पूर्णतया समाप्त करने की मंशा आप स्वयं समझ सकते हैं।

मान्यवर, वर्तमान सरकार का कार्यकाल लगभग एक वर्ष से भी कम बचा है। उ0प्र0 नगर पालिका, नगर निगम अधिनियम में संशोधन वर्ष 94 में विधानसभा में गम्भीर विचार-विमर्श के बाद किये गये थे जिसके आधार पर अभी चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में एक ऐसी सरकार जिसका कार्यकाल समाप्त हो रहा हो, उसके द्वारा अपने पक्ष में चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की नीयत से पुन: नये संशोधन करना कतई अनुचित है।

हम मांग करते हैं कि आप इस विधेयक को अपनी स्वीकृति न दें ताकि 73वें, 74वें संविधान संशोधन के अनुरूप जनता का पक्ष दुर्बल न पड़े और स्थानीय निकाय आम आदमी की भावनाओं का प्रतिबिम्ब हो, उनके प्रति उत्तरदायी हो। ऐसा न हो कि यह व्यवस्था अवांछनीय तत्वों की कठपुतली बनकर रह जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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कंाग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की

Posted on 09 February 2011 by admin

कांग्रेस पार्टी के सिद्धान्तों, नीतियों, कार्यक्रमों में आस्था एवं कंाग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी, राष्ट्रीय महासचिव श्री राहुल गांधी जी के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए आज यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में राष्ट्रीय महासचिव श्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, राष्ट्रीय सचिव श्री परवेज हाशमी, कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता श्री प्रमोद तिवारी के समक्ष श्री मनोज मौर्या के नेतृत्व में श्री राजेश वर्मा(मौर्या) आर.एस.पी. छोड़कर अपने सैंकड़ों समर्थकोंं के साथ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमन्त्री स्व0 वीर बहादुर सिंह के छोटे पुत्र श्री जितेन्द्र बहादुर सिंह ने भी कंाग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि इस मौके पर आर.एस.पी. छोड़कर श्री राजेश वर्मा(मौर्या) के साथ श्री योगेश मौर्या निदेशक साधन सहकारी समिति, समेसी, लखनऊ, श्री सन्त शरण मौर्या, निदेशक साधन सहकारी समिति समेसी, लखनऊ, श्री रामकुमार यादव, श्री अनुपम शुक्ला, श्री अम्बरीश मौर्या, मोहम्मद जूहर सहित सैंकड़ों लोगों ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

प्रवक्ता ने बताया कि सदस्यता ग्रहण करने वालों का स्वागत करते हुए कंाग्रेस नेताओं ने बधाई देते हुए कहा कि इन लोगों के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में पिछड़ों, दलितों का रूझान कंाग्रेस की ओर बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। इससे आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को काफी लाभ मिलेगा।

श्री त्रिपाठी ने बताया कि इस मौके पर विधायक श्री संजीव दरियाबादी, श्री संजय कपूर, श्री पंकज मलिक, श्री श्यामकिशोर शुक्ल, श्री विनोद चतुर्वेदी, डा0 आर.पी. त्रिपाठी सहित कई वरिष्ठ नेतागण मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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महामण्डलेश्वर बजरंगबली ब्रहमचारी के निधन से शोक

Posted on 09 February 2011 by admin

उत्तर प्रदेश के जनपद हमीरपुर से सन् 1967 से 72 तक विधायक रहे महामण्डलेश्वर बजरंगबली ब्रहमचारी के निधन से भाजपा में शोक की लहर दौड़ गई। वह 87 वर्ष के थे। वर्तमान में गोपाल घाट आश्रम सीतापुर के महन्त थे। स्व0 ब्रहमचारी जी के निधन पर पार्टी कार्यालय में शोक सभा हुई।     शोक सभा में प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केशरीनाथ त्रिपाठी, महामन्त्री संगठन नागेन्द्र नाथ, मुख्यालय प्रभारी भारत दीक्षित, विधायक सुरेश तिवारी, विद्यासागर गुप्ता, पूर्व विधायक शिवकुमार अस्थाना, युवा मोर्चा के अध्यक्ष हरीश दुबे, प्रदेश मन्त्री अशोक कटारिया, रामानन्द यादव आदि नेताओं ने श्रन्द्धासुमन अर्पित करते हुये भावभीनी श्रन्द्धाजलि दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा की

Posted on 09 February 2011 by admin

मायावती सरकार ने वशZ 2011-12 के लिए घाटे का बजट प्रस्तुत कर और विकास के सकारात्मक कदम न उठाकर प्रदेश कों कंगाल और बीमार प्रदेश बनाने का काम दुहराया है। हमेशा की तरह इसमें उनके पत्थर, पार्क, स्मारकों पर व्यर्थ का खर्च होना है। जनता को राहत देने से रहित इस बजट से न तो क्षेत्रीय असन्तुलन में कमी आएगी और नहीं वित्तीय अनुशासन कायम हो सकेगा। यह बजट पूर्णतया जन विरोधी, किसान विरोधी और भ्रश्टाचार को बढ़ावा देने वाला है।

मुख्यमन्त्री के निर्देशन में बने इस बजट को दिशाहीन बजट ही कहा जाएगा। प्रदेश की जनता मंहगाई और भ्रश्टाचार की चक्की में पिस रही है। बसपा सरकार ने इससे निजात दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं। इन मामलों में उसकी केन्द्र की कांग्रेस सरकार से मिलीभगत चल रही है।

मुख्यमन्त्री ने अनुत्पादक मदों पर ज्यादा खर्च करने की अपनी पुरानी आदत फिर दुहराई है। पाकोZ, स्मारकों के संचालन मद में 122 करोड़ रूपए खर्च किए जाने की कोई जरूरत नहीं थी। वैसे भी वे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट्स पर 5000 करोड़ रूपए तो खर्च करने ही जा रही है।

प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं की भीशण कमी है जिसकी वजह से इसकी औद्योगिक एवं आर्थिक प्रगति अवरूद्ध है। ग्रामीण इलाकों, छोटे उद्योगों के लिए सस्ते बिजली कनेक्शन की योजना नहीं है। सस्ती िशक्षा, सुलभ चिकित्सा व्यवस्था भी उपेक्षा की शिकार है। बाहरी पूंंजी निवेश नहीं हो रहा है। इस सब पर मुख्यमन्त्री का या इस सरकार का ध्यान नहीं हैं।

प्रदेश में कानून व्यवस्था की जर्जर स्थिति को सम्हालने और घाटे तथा कर्ज की स्थिति को पटरी पर लाने की कोई इच्छाशक्ति इस बजट में नहीं दिखाई देती है। प्रदेश की विकास की गति तेज करने की कोई स्पश्ट कार्ययोजना भी नहीं दिखाई दे रही है। किसान, गांव, खेती प्रदेश की अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार हैं इनकी घोर उपेक्षा की गई है। किसान को समय से पर्याप्त खाद, बिजली, पानी,बीज उपलब्ध हों और उनकी फसलों का उचित मूल्य मिले इसकी ओर भी इस सरकार का ध्यान नहीं है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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सीमैप मे अफीम-पोस्ता के सिमपोजियम मे विभिन्न विषयों पर चर्चा

Posted on 09 February 2011 by admin

केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप), लखनऊ मे पोस्त-अफीम पर अन्तर्राष्ट््रीय सिमपोजियम के दूसरे दिन विदेशी तथा भारतीय वैज्ञानिकों ने विभिन्न विषयों पर अपनी प्रस्तुति की। जिसमे डा0 जे. फैजर ने स्लोवाकिया मे अफीम के प्रजनन विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किये। उन्होंने स्लोवाकिया मे कैसे अफीम की खेती की जाती है पर अपने विचार प्रस्तुत किये। डा0 सुनीता सिंह धवन, वैज्ञानिक सीमैप, नेे अफीम की विभिन्न विकसित प्रजातियों के डी0 एन0 ए0 मारकर के द्वारा अनुवांशिक पहचान की तकनीकियों पर प्रकाश डाला। डा0 सैन्टीयलो, हंगरी ने अफीम की पाले से प्रभावित नही होने वाली प्रजनन तकनीकियों पर अपने विचार रखे। उन्होनें बताया की प्रोलिन नाम एक एमिनो एसिड की मौजूदगी के कारण फसल (अफीम) पर पाले का प्रभाव कम पड़ता है। तथा यह एक प्राकृतिक प्रतिरोध का कार्य करता है।

दूसरे तकनीकी सत्र आनुवांशिक संसाधन एव फसल विकास मे डा0 एस0 पी0 सिंह पूर्व वैज्ञानिक एन0 बी0 आर0 आई0 ने अफीम की थिवेन की उच्च मात्रा वाली प्रजाति के विकास पर प्रकाश डाला।

डा0 जे0 बिन्जा ने अफीम प्रक्षेत्र मे मधुमक्खी द्वारा एकत्र किये गये पराग कणों का जैव रासायनिक एवं वाह्य संरचना का अध्ययन किया। डा0 तृप्ता झंग ने माइक्रो सटेलाइट मारकर तकनीकी से आनुवांशिक विभिन्नता पहचानने पर प्रकाश डाला। डा0 अनिल कुमार गुप्ता वैज्ञानिक सीमैप ने भी अफीम की प्रजनन विधियों पर अपने विचार रखे। डा0 पी0 के0 त्रिवेदी, वैज्ञानिक, एन0 बी0 आर0 आई0  ने अफीम की जीन सिक्वेनसिंग पर अपने विचार प्रस्तुत किये। इस क्रम मे सीमैप के वैज्ञानिक डा0 यू0सली लवानिया ने अफीम के प्रजनन विकास मे साइटोजनेटिक्स के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किये। अफीम की सस्य क्रिया, फसल उत्पादन एवं पादप संरक्षण के तकनीकी सत्र मे डा. आई सालमन ने स्लोवाकिया मे पाई जाने वाली अफीम की विभिन्न प्रजातियो पर प्रकाश डाला, उन्होंने उन प्रजातियों के विभिन्न गुणों के बारे मे बताया कि किस प्रकार ये प्रजातियॉ दूसरी प्रजातियों से भिन्न हैं इसी क्रम मे डा0 जे0 बिन्जा ने अफीम के बीज संरचनात्मक विभिन्नता पर प्रकाश डाला।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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बजट से समाज के हर वर्ग में निराशा हुई है।

Posted on 09 February 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश सरकार द्वारा आज पेश किये गये वित्तीय वर्ष वर्ष 2011-12 के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि-
1.    बजट से समाज के हर वर्ग में निराशा हुई है।
2.    जब पूरे प्रदेश में चारों ओर महिलाओं पर अत्याचार की बाढ़ आई है तब भी राज्य की महिला मुख्यमन्त्री ने इनकी सुरक्षा की अनदेखी कर दी र्षोर्षो
3.    बेराजगारी से परेशान युवा राज्य से पलायन कर रहे हैं किन्तु बजट में युवाओं की रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
4.    गन्ने के भुगतान की व्यवस्था के लिए बजट में धन बढ़ाने का दावा करने वाली सरकार यह नहीं बता पा रही कि किसानों का पिछला भुगतान कब और कैसे मिलेगा र्षोर्षो
5.    विद्युत की मांग प्रदेश में दिन प्रतिदिन बढ़ रही है किन्तु विद्युत उत्पादन बढ़ाये जाने की व्यवस्था का कोई प्रावधान बजट में नहीं है।
6.    कृषि उत्पादन व सिंचाई व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार पूरे तौर पर विफल रही है। बजट में कृषि उत्पादन व सिंचाई व्यवस्था के लिये कोई ठोस प्रावधान नहीं किये गये हैं।
7.    मुर्तियों और पाकाZे के रखरखाव पर 122 करोड़ रू0 के खर्च का प्रावधान करने वाली सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े बुन्दलेखण्ड के विकास के लिए मात्र 109 करोड़ रू0 व पूर्वाचल के लिए 291 करोड़ रू0 का ही प्रावधान किया जिससे स्पष्ट होता है कि सरकार की प्राथमिकता में प्रदेश का विकास नहीं है।
8.    प्रदेश में जर्जर कानून-व्यवस्था के कारण कोई नया पूंजी निवेश नहीं हो रहा है सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं कि जिसके कारण पूंजी निवेश की सम्भावना बनती और बेरोजगारों को रोजगार की अवसर प्राप्त होते।
9.    बजट से स्पष्ट प्रतीत होता है कि बसपा सरकार के ऐजेण्डे में शामिल भ्रष्टाचार को और बढ़ावा मिलेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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`प्रिया उर्फ सुजैन हत्याकाण्ड´ को लेकर अल्पसंख्यक आयोग को ज्ञापन

Posted on 09 February 2011 by admin

photo-8-feb11gudda-failmy-inlkoफारूखाबाद जिले के कायमगंज के चर्चित प्रिया उर्फ सुजैन हत्याकाण्ड में मंसूरी समाज के युवक व सुजैन के पति गुड्डा मंसूरी को अभियुक्त बनायें जाने व उसके परिवार वालों को प्रताड़ित करने की िशकायत आज गुड्डा की मां, उसके भाई सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को ज्ञापन देकर न्याय की मांग की है।

ऑल इण्डिया जमीअतउल मंसूर के प्रदेशिक महामन्त्री सलीम अहमद मंसूरी, ने बताया कि कायमगंज निवासी गुड्डा मंसूरी व प्रिया वर्मा ने गत मई माह में शादी की थी लेकिन इस बात की भनक जब प्रिया के परिवार वालों को हो गई तब दोनों भागकर इलाहाबाद जा पहुंचे और 21 जनवरी को उच्च-न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दायर (याचिका नं. 4605/2011) कर प्रिया ने अपने भाई से अपनी व अपने पति गुड्डा मंसूरी की हत्या किये जाने की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। इसी बीच 27 जनवरी को प्रिया का शव कन्नौज जिले काली नदी के पास बरामद हुआ जबकि उसी दिन से गुड्डा मंसूरी लापता है।

मंसूरी समाज के नेता सलीम अहमद मंसूरी, ने बताया कि जिस स्थान पर प्रिया की लाश बरामद हुई वहां पर काफी मात्रा में खून पड़ा था, जिससे प्रतीत होता है, कि यहां पर प्रिया के साथ-साथ गुड्डा मंसूरी की भी हत्या की गई और उसका शव हत्यारों ने गायब कर दिया ताकि हत्या का पूरा शक गुड्डा मंसूरी व उसके परिवार पर जा सके।

मंसूरी नेताओं ने बताया कि पुलिस एक तरफा कार्यवाही करते हुए गुड्डा मंसूरी को मुख्य अभियुक्त बना कर उसकी तलाश में जुटे है और उसके कई निर्दोश लोगों को अभियुक्त बनाकर जेल भेज दिया है तथा एक भाई को हिरासत में लिये है, जबकि प्रिया द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर कोई जांच नही की जा रही है।

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को दिये गये ज्ञापन में पुलिस द्वारा उनके एफ.आई.आर लिखे जाने, हिरासत में लिये गये गुड्डा के नबालिक भाई सोनू को तत्काल रिहा किये जाने व मामले की निश्पक्ष जांच कराकर दोशियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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