Archive | November 24th, 2010

किसानों के उत्पीड़न तथा पंचायत चुनावों में बसपा सरकार द्वारा बरती जा रही धांधलियों की भत्र्सना

Posted on 24 November 2010 by admin

समाजवादी पार्टी के राज्य संसदीय बोर्ड की बैठक आज यहां प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई जिसमें लखीमपुर खीरी और निधौलीकलां(एटा) में विधान सभा के उपचुनावों में समाजवादी पार्टी की जीत पर हशZ और मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए किसानों के उत्पीड़न तथा पंचायत चुनावों में बसपा सरकार द्वारा बरती जा रही धांधलियों की भत्र्सना की गई। पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लाक प्रमुखों के पदों के प्रत्याशियों पर भी चर्चा की।

24-11-aसंसदीय बोर्ड की बैठक में नेता विरोधी दल श्री शिवपाल सिंह यादव, पूर्व सॉसद श्री भगवती सिंह, श्री रामकरन यादव, पूर्व मन्त्री श्री बलराम यादव, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय,महासचिव श्री ओमप्रकाश सिंह तथा पूर्व मन्त्री श्री अवधेश प्रसाद ‘ाामिल हुए।

राज्य संसदीय बोर्ड ने निधौलीकलां और लखीमपुर विधान सभा के उपचुनावों में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों क्रमश: अमित गौरव एवं उत्कशZ वर्मा मधुर की जीत पर क्षेत्रीय मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि इस जीत से श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व एवं समाजवादी पार्टी की नीतियों पर जनता के विश्वास की मुहर लगी है। उपचुनावों में बसपा ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा और कांग्रेस से साजिश कर समाजवादी पार्टी को हराने का प्रयास किया था जिसे जनता और कार्यकर्ताओं की जागरूकता ने विफल कर दिया। इसी माह कुछ दिन पूर्व विधान परिशद के लिए गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह की जीत हुई थी।

राज्य संसदीय बोर्ड ने किसानों के प्रति सरकार की उपेक्षा और उत्पीड़न के रवैये की निन्दा की। सरकार चीनी मिल मालिकों से मिलकर किसानों के गन्ने की पेराई में देरी करा रही है ताकि किसान निर्धारित कीमत से कम पर अपनी फसल बेचने को मजबूर हों और मिल मालिक मुनाफा कमाएं। समाजवादी पार्टी ने गन्ने का मूल्य 325 रूपए प्रति कुन्तल दिए जाने की मांग की है। इसी तरह धान किसान भी परेशान हैं। उनके धान की खरीद के लिए अभी तक क्रय केन्द्र तक नहीं खुले हैं। समाजवादी पार्टी की मांग है कि धान की खरीद 1600 रूपए प्रति कुन्तल की दर से की जानी चाहिए। बोर्ड ने इस बात पर गहरी चिन्ता जताई है कि सरकार ने किसानों को खाद एवं बीज वितरण की अभी तक व्यवस्था नहीं की है जिससे रबी की बुवाई प्रभावित हो रही है। यह निन्दनीय है कि खाद बाजार में ब्लैक की जा रही है।

समाजवादी पार्टी के संसदीय ेबंउे ने इस बात पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया है कि सत्तारूढ़ बसपा सरकार ने पंचायत चुनावों को बाजार में बदल दिया है। इन चुनावों की पवित्रता नश्ट कर दी गई है। जिला पंचायत अध्यक्ष के पदो पर बसपा के मन्त्रियों, विधायको के परिवारजनों को बैठाने के लिए पूरी सरकारी मशीनरी जुट गई है। जिला पंचायत सदस्यों को घेर कर उनको पकड़ने और धमकाने का काम जारी हो गया है। बोर्ड ने जनता को मुख्यमन्त्री के कुित्सत इरादों से सचेत किया है।

समाजवादी पार्टी ने आज अपनी बैठक में जिला पंचायत अध्यक्षों तथा ब्लाक प्रमुखों के पदों के संभावित प्रत्याशियों के बारे में भी चर्चा की और समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशियों को जिताने की रणनीति को अन्तिम रूप दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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धंधेबाज मस्त,साहब व्यस्त

Posted on 24 November 2010 by admin

आबकारी विभाग का मुख्य कार्य अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना है, मगर आजकल पूरा अमला अपने मुख्य उद्देश्य और कर्तव्य को छोड़ आरक्षियों की भर्ती में जुटा है। इससे अवैध शराब का कारोबार करने वाले बेफिक्र होकर अपने धन्धे में चार चाँद लगा रहे है।

आबकारी विभाग के प्रत्येक मण्डल में आबकारी सिपाहियों की भर्ती हेतु आवेदन माँगे गए थे। झाँसी मण्डल में भी आरक्षियों की भर्ती के लिए लगभग 7,500 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। 20 नवम्बर से पुलिस लाइन्स ग्राउण्ड पर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई और आबकारी विभाग का पूरा अमला वहीं जुट गया। भर्ती समिति में उप- आबकारी आयुक्त डीपी सिंह, जिला आबकारी अधिकारी प्रेमनारायण सिंह, जिला आबकारी अधिकारी ललितपुर आरएस गोस्वामी एवं राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र झाँसी के प्रधानाचार्य एमए खान को शामिल किया गया था। इसके अलावा क्षेत्रीय निरीक्षक भी अपने लाव-लश्कर के साथ अधिकारियों की आवभगत में जुट गए थे। प्रतिदिन 500-500 अभ्यर्थियों का ग्रुप बुलाया जाने लगा। 5 दिसम्बर तक चलने वाली पुरुषों की भर्ती प्रक्रिया के बाद महिला आरक्षियों की भर्ती की कवायद शुरू हो जाएगी। मालूम हो कि अभी तक महज 2,000 पुरुष अभ्यर्थी ही इस प्रक्रिया से गुजर सके है। इस बीच अधिकारियों व निरीक्षकों को अपने असली कर्तव्य की याद आ ही नहीं रही है। नतीजतन, अवैध शराब का धन्धा परवान चढ़ रहा है।


Vikas Sharma
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दूरदर्शन का प्रसारण ठप

Posted on 24 November 2010 by admin

नेशनल फेडरेशन ऑफ आल इंडिया रेडियो एंड दूरदर्शन इंपलाइज (नैफड) के आह्वान पर मंगलवार की सुबह से दूरदर्शन व आकाशवाणी के कर्मचारी अड़तालीस घंटे के कार्य बहिष्कार हड़ताल पर चले गए, जिससे प्रसारण ठप हो गया। इस दौरान कर्मचारियों ने प्रसार भारती की नीतियों को कर्मचारी विरोधी बताते हुए जमकर आलोचना की।

किले में स्थित दूरदर्शन रिले केंद्र पर हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि प्रसार भारती कर्मचारियों की तनख्वाह देने में सक्षम नहीं है। इस आशय का हलफनामा व सुप्रीम कोर्ट में भी दे चुकी है। इन परिस्थितियों में प्रसार भारती को भंग कर सारे कार्य सरकार को अपने हाथों में ले लेने चाहिए। संगठन द्वारा यह मांग लगातार की जा रही है।


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नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरणों की भवन नियमावलियों में एक रूपता लाने का निर्णय औद्यौगिक, आवासीय, व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने व जनता को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने का फैसला औद्योगिक, संस्थागत व मनोरंजन से संबंधित पुराने आवंटियों को भी अपने भवनों में नए बढ़े हुए एफएआर तक विस्तार की सुविधा बहुमंजिले पार्किंग के निर्माण के लिए मानक निर्धारित

Posted on 24 November 2010 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्यौगिक, आवासीय, व्यावसायिक आदि गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा जनता को बेहतर से बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण की भवन नियमावलियों में एक-रूपता लाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही भवन निर्माण से जुड़ी विभिन्न प्रयािओं का सरलीकरण भी किया गया हैै। निर्णय के अनुसार नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के क्षेत्रों में भवन निर्माण के लिए मानचित्रों को जमा करने, मानचित्र स्वीकृत करने की प्रयाि, मानचित्रों के लिए शुल्क, विभिन्न प्रकार के भवनों के लिए मानक तथा मानचित्रों की वैधता आदि को एक जैसा कर दिया गया है। अभी तक इस सम्बंध में तीनों प्राधिकरणों में एकरूपता नहींं थी।

राज्य के औद्योगिक विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह निर्णय जमीन की कीमतें बढ़ने, जमीन की उपलब्धता कम होने, कम से कम भूमि का अधिक से अधिक उपयोग करने तथा भूमि का उपयोग बहुमंजली भवनों के निर्माण करने के उद्देश्य से लिया गया है। भवन नियमावली में एक रूपता लाने के अन्तर्गत भवन मानचित्रों की स्वीकृति की वैधता अवधि को 2 से बढ़ाकर 5 वर्ष तथा पुनर्वैधता की अवधि को 5 वर्ष कर दिया गया है। विभिन्न प्रकार के भवनों के मानचित्रों के अलग-अलग शुल्क में एक-रूपता लाकर अब सभी प्रकार के भवनों के लिए 15 रूपये वर्ग मी0 कर दिया गया है।

किसानों को उनकी अर्जित भूमि के सापेक्ष आवंटित भू-खण्डों में विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने की अनुमन्यता होगी। इससे किसानों को इन भू-खण्डों पर रोजगार के साधन सृर्जित करने का मौका मिलेगा और किसान इन भू-खण्डों के माध्यम से अपनी आय में वृद्धि भी कर सकेंगे।

औद्यौगिक भूखण्डों के एफ0ए0आर0 फ्‌लोर एरिया इन्डेक्स में वृद्धि करके एफ0ए0आर0 की गणना प्रयाि को सरल किया गया है। भूखण्ड के क्षेत्रफल के आधार पर भूखण्ड की श्रेणी को कम करने के लिए भूखण्डों को अब तीन श्रेणियों में विभाजित करते हुए एफ0ए0आर0 का पुनर्निधारण किया गया है। एक हजार वर्ग मीटर तक 1-50 एफ0ए0आर0, एक हजार से 12 हजार वर्गमीटर तक 1-30 एफ0ए0आर0 तथा 12 हजार वर्ग मीटर से अधिक 1-00 एफ0ए0आर0 किया गया है। औद्योगिक भवनों की ॅचाई को भी 15 मी0 से बढ़ाकर 24 मी0 तक कर दिया गया है। भू-खण्डों में विस्तार करने के लिए 2-00 एफ0ए0आर0 तक य करने की व्यवस्था की गयी है। इस प्रकार से औद्योगिक भू-खण्डों पर अधिक निर्माण हो सकेगा।

सभी शैक्षिक भवनों के लिए एफ0ए0आर0 को बढ़ाकर 1-50 कर दिया गया है। स्वास्थ्य सेवायें यथा-अस्पताल, नर्सिंग होम आदि के लिए एफ0ए0आर0 भू-खण्ड के क्षेत्रफल के अनुसार 1-25 से 1-75 तक अनुमन्य है, जिसे सभी प्रकार के भू-खण्डों के लिए 2-75 किया गया है। इसके अतिरिक्त लगभग सभी प्रकार के संस्थागत तथा सार्वजनिक सुविधाओं से संंबंधित भवनों के लिए भी एफ0ए0आर0 में वृद्धि की गयी है, ताकि उपलब्ध सीमित भूमि पर अधिकाधिक सुविधाओं का विकास किया जा सके।

भवनों में र्जा, जल आदि संसाधनों का समुचित उपयोग करने के लिए तथा भवनों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण को प्रोत्साहित करने के व्यवस्था की गयी है। ग्रीन बिल्डिंग वाले भवनों के लिए अनुमन्य एफ0ए0आर0 के 5 प्रतिशत भाग के बराबर अतिरिक्त एफ0ए0आर0 नि:शुल्क दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इसका लाभ उन्हीं भवन निर्माणकर्ताओं को प्राप्त होगा जो ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण तथा रख-रखाव ग्रीन बिल्डिंग मानको के अनुरूप करेंगे।

पार्किंग की समस्या के निवारण के लिए भवन नियमावली में कई प्रावधान किये गये है। इसके लिए छोटे भू-खण्डों में सैट-बैक लाईन तक एक से अधिक बेसमेन्ट का निर्माण करने, 10 हजार वर्ग मी0 से बड़े भू-खण्डों में बाउन्डी से 6 मी0 दूरी तक बेसमेन्ट का निर्माण करने की व्यवस्था होगी। इसके अतिरिक्त सैट-बैक लाइन तक पोडियम का निर्माण करने तथा पार्किंग के लिए अलग बहुमंजिला भवन बनाने हेंतु 5 प्रतिशत अतिरिक्त भू-आच्छादन अनुमन्य करने की व्यवस्था की गयी है। पार्किंग के लिए इन सभी व्यवस्थाओं को एफ0ए0आर0 की गणना से अलग रखा गया है। स्वचालित तथा परम्परागत पार्किंग सुविधाओं के विकास के लिए बहुमंजिलें पार्किंग भवनों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए मानकों का निर्धारण कर दिया गया है।

ग्रुप हाउसिंग योजनाओं में अनुमन्य एफ0ए0आर0 का एक प्रतिशत भाग व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अनुमन्य किया गया है। अनुमन्य एफ0ए0आर0 के 15 प्रतिशत भाग के बराबर अतिरिक्त एफ0ए0आर0 विभिन्न सेवाओं एवं सुविधाओं के लिए नि:शुल्क देने की व्यवस्था की गयी है। इन योजनाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य सार्वजनिक सुविधाओं की व्यवस्था करने के लिए मानक निर्धारित किये गये हैं। इसके साथ ही इन सुविधाओं एवं सेवाओं की व्यवस्था को अनिवार्य भी बनाया गया है।

सभी प्रकार के भवनों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था करने, भवन के स्टक्चर की सुरक्षा व्यवस्था करने तथा भवन के अंदर विभिन्न प्रकार की सेवाओं की व्यवस्था का प्राविधान भी किया गया है। अशक्त व्यक्तियों के लिए तथा जल संचयन एवं सम्वर्धन के लिए आवश्यक प्राविधानों आदि की व्यवस्था नेशनल बिल्डिंग कोड के अन्तर्गत करने का प्राविधान किया गया है।

अभी तक केवल ग्रुप हाउसिंग तथा व्यवसायिक भू-खण्डों पर ही एफ0ए0आर0 को तय करने की व्यवस्था थी, जिसे अब औद्योगिक संस्थागत तथा मनोरंजन से संबंधित भवनों के लिए भी अनुमन्य करने की व्यवस्था की गयी है। औद्योगिक संस्थागत तथा मनोरंजन से संबंधित पुराने आवंटियों को भी अपने भवनों में नये बढ़े हुए एफ0ए0आर0 तक विस्तार की सुविधा उपलब्ध होगी। प्राधिकरणों द्वारा अवस्थापना सुविधा/सेवाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था की जा सकेगी। 60 मी0 से अधिक ॅचे भवनों तक एयरपोर्ट अथॉरिटी की अनुमति तथा आई0आई0 टी0 /एन0आई0टी0 से भवन के स्टक्चर की सुविधा प्रमाणित किये जाने के आधार पर हैलीपैड का निर्माण अनुमन्य करने की व्यवस्था की गयी है, ताकि आपातकालीन स्थिति में इन ॅचे भवनों से लोगों को निकालना संभव हो सके। सभी प्रकार भू-खण्डों के खुले भाग के प्रत्येक 100 वर्ग मी0 पर एक पेड़ लगाना अनिवार्य किया गया है, जिसमें न्यूनतम 50 प्रतिशत पेड़ प्रत्येक दशा में सदाबहार म्अमतहतममद प्रजाति के होने चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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