आबकारी विभाग का मुख्य कार्य अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना है, मगर आजकल पूरा अमला अपने मुख्य उद्देश्य और कर्तव्य को छोड़ आरक्षियों की भर्ती में जुटा है। इससे अवैध शराब का कारोबार करने वाले बेफिक्र होकर अपने धन्धे में चार चाँद लगा रहे है।
आबकारी विभाग के प्रत्येक मण्डल में आबकारी सिपाहियों की भर्ती हेतु आवेदन माँगे गए थे। झाँसी मण्डल में भी आरक्षियों की भर्ती के लिए लगभग 7,500 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। 20 नवम्बर से पुलिस लाइन्स ग्राउण्ड पर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई और आबकारी विभाग का पूरा अमला वहीं जुट गया। भर्ती समिति में उप- आबकारी आयुक्त डीपी सिंह, जिला आबकारी अधिकारी प्रेमनारायण सिंह, जिला आबकारी अधिकारी ललितपुर आरएस गोस्वामी एवं राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र झाँसी के प्रधानाचार्य एमए खान को शामिल किया गया था। इसके अलावा क्षेत्रीय निरीक्षक भी अपने लाव-लश्कर के साथ अधिकारियों की आवभगत में जुट गए थे। प्रतिदिन 500-500 अभ्यर्थियों का ग्रुप बुलाया जाने लगा। 5 दिसम्बर तक चलने वाली पुरुषों की भर्ती प्रक्रिया के बाद महिला आरक्षियों की भर्ती की कवायद शुरू हो जाएगी। मालूम हो कि अभी तक महज 2,000 पुरुष अभ्यर्थी ही इस प्रक्रिया से गुजर सके है। इस बीच अधिकारियों व निरीक्षकों को अपने असली कर्तव्य की याद आ ही नहीं रही है। नतीजतन, अवैध शराब का धन्धा परवान चढ़ रहा है।
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Vikas Sharma
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