Posted on 07 October 2010 by admin
जिलाधिकारी द्वारा व्यय नियन्त्रण-अभिलेखों की जांच हेतु समिति गठित
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन हेतु उम्मीदवारों के लिए चुनाव व्यय की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है। सदस्य ग्राम पंचायत हेतु अधिकतम व्यय सीमा पॉच हजार रूपय,े प्रधान ग्राम पंचायत हेतु तीस हजार रूपये, सदस्य पंचायत हेतु पच्चीस हजार रूपये और सदस्य जिला पंचायत के उम्मीदवारों के लिए अधिकतम व्यय सीमा 75 हजार रूपये निर्धारित की है।
जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी अमृत अभिजात ने बताया है कि आयोग द्वारा मात्र सदस्य क्षेत्र पंचायत एवं सदस्य जिला पंचायत हेतु निर्वाचन में प्रचार हेतु एक वाहन की अनुमन्यता प्रदान की गई है।
जिलाधिकारी ने उम्मीदवारों के निर्वाचन व्यय पर नियन्त्रण रखने और व्यय अभिलेखों को जांचने हेतु तहसीलवार समितियों का गठन कर दिया है। सम्बन्धित तहसील के उप जिलाधिकारी समिति के अध्यक्ष बनाये गये है। समिति में सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी (पुलिस) तथा खण्ड विकास अधिकारी सदस्य हैं साथ ही लेखा सवंर्ग के एक एक अधिकारी सदस्य तैनात किये गये हैं। एत्मादपुर में वित्त एवं लेखाधिकारी डीआरडीए, फतेहाबाद मे वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक िशक्षा, किरावली में वित्त एवं लेखाधिकारी मानसिक आरोग्यशाला, खेरागढ में लेखाधिकारी उ0प्र0 सेतु निर्माण निगम निर्माण इकाई-2, बाह में खण्डीय लेखाकार अधि0अभि0लघु सिंचाई और तहसील सदर में वरिश्ठ खण्डीय लेखाधिकारी, प्रान्तीय खण्ड लो.नि.वि. को समिति में सदस्य बनाया गया है।
उन्होंने निर्देश दिये हैं कि समिति सम्बन्धित तहसील के अन्तर्गत आने वाले विकास खण्डों से सम्बन्धित उम्मीदवारों के चुनाव व्यय का सत्यापन करते हुए आयोग द्वारा निर्धारित व्यय सीमा का अतिक्रमण करने वाले उम्मीदवारों का चिन्हांकन करते हुए अपनी संस्तुति प्रस्तुत करेगी।
उन्होेंने सभी सुपर जोनल, जोनल तथा सैक्टर मजिस्ट्रेट, आर.ओ. आदि अधिकारियों को भी निर्देश दिये हैं। उम्मीदवारों के व्यय पर पैनी निगाह रखें। उन्होंने कहा कि आदशZ आचार संहिता का अनुपालन सुनििश्चत करायें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 07 October 2010 by admin
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, आनन्द नगर की कक्षा 5 की छात्रा आस्था टण्डन ने अन्तर-विद्यालयी सुलेख, पत्र लेखन, गायन एवं ग्रीटिंग कार्ड प्रतियोगिताओं में चार `प्रथम पुरस्कार´ अर्जित कर अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परचम लहराकर विद्यालय का नाम गौरवािन्वत किया है। ये प्रतियोगिताएं प्रदेश के संस्कृति विभाग के तत्वावधान में `बाल उत्सव-2010´ के अन्तर्गत आयोजित की गईं। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं में नगर के अनेक प्रतििष्ठत विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया जिसमें सी.एम.एस. की प्रतिभाशाली छात्रा ने अपने सृजनात्मक विचार, संगीत कला, मौलिक लेखन तथा विश्वव्यापी दृष्टिकोण के उत्कृष्ट प्रस्तुतीकरण द्वारा अपनी सर्वाेच्चता सिद्ध की है। आयोजकों द्वारा सी.एम.एस. की अत्यन्त मेधावी छात्रा आस्था टण्डन की प्रतिभा की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए आकर्षक ट्राफी तथा प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. अपने छात्रों को भौतिक, सामाजिक व आध्याित्मक शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ ही सांस्कृतिक व साहित्यिक क्षेत्रों में भी छात्रों का रुझान विकसित करता है तथापि उनकी क्षमता को पहचानकर उन्हें प्रोत्साहित करता है। यही कारण है कि सी.एम.एस. छात्र पढ़ाई में तो अव्वल रहते ही हैं साथ ही साथ गीत-संगीत, नृत्य, साहित्य व कला जैसे क्षेत्रों में भी विद्यालय के छात्रों ने अलग पहचान बनाई है। इसके लिए छात्रों को विद्यालय में अलग से विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाता है। श्री शर्मा ने कहा कि संगीत को आत्मा के भोजन की संज्ञा दी गई है, यह आित्मक शक्तियों को बढ़ाता है एवं छात्रों को समाज का सभ्य व सुसंस्कृत नागरिक बनाने में मदद करता है। गीत-संगीत की शिक्षा के माध्यम से सी.एम.एस. अपने छात्रों में भक्ति, सरसता, करूणा एवं शान्ति को भावना संचारित करने में सतत् प्रयत्नशील है। सी.एम.एस. का लक्ष्य बच्चों को वल्र्ड लीडर के रूप में तैयार करने वाली शिक्षा उपलब्ध कराना है। ताकि वे कल के विश्वव्यापी समाज का नेतृत्व अपने विकसित मानवीय दृष्टिकोण से कर सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 07 October 2010 by admin
`युद्ध अच्छे नहीं होते, युद्धों को टाला जाना चाहिए… युद्ध में मानवाधिकारों का सर्वाधिक उल्लंघन होता है´´…. कथाकार महेन्द्र भीष्म के सन्द्य प्रकाशित उपन्यास `जय! हिन्द की सेना´ के लोकार्पण समारोह में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति श्री शबीहुल हुसनैन मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
इस अवसर पर सुप्रसिद्ध उपन्यासकार शिवमूर्ति, आलोचक साहित्यकार रजनीगुप्त कथाकार मनसा पाण्डेय, कथाकार अमिता दुबे, समीक्षक बंधु कुशावर्ती ने 1971 के भारत-पाक युद्ध की पृष्ठभूमि पर लिखे गये उपन्यास `जय! हिन्द की सेना´ के कथा शिल्प की चर्चा करते हुए महेन्द्र भीष्म की इस कृति को हिन्दी साहित्य के लिए महत्वपूर्ण बताया। ले.कर्नल सत्यवीर यादव, प्रो. एस. के. गौण एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार श्री मदन मोहन `मनुज´ ने भी उपन्यास की विषयवस्तु व कथाविन्यास पर चर्चा की। लोकार्पण समारोह में ही कथाकार महेन्द्र भीष्म व 1971 युद्ध में वीर चक्र प्राप्त ले. कर्नल आर. पी. चतुर्वेदी एवं सिपाही माया राम वर्मा को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया।
`ऐ मेरे प्यारे वतन´ गीत की सस्वर प्रस्तुति करते हुए गज़लकार श्री देवकीनन्दन `शान्त´ ने पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन किया। मोती महल वाटिका में चल रहे पुस्तक मेला के आयोजक श्री देवराज अरोड़ा ने उपस्थित जनसमूह को धन्यवाद ज्ञापित कर आभार व्यक्त किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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