Archive | October 22nd, 2014

मत्स्य पालकों को मत्स्य बीजों का संचय करने के निर्देश

Posted on 22 October 2014 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने मत्स्य पालन एवं मत्स्य विकास को बढ़ावा देने के लिए समस्त मत्स्य विकास निगम तथा मत्स्य विकास विभाग के अधिकारियों को मत्स्य पालकों को प्रशिक्षित करने के निर्देश है। शासन ने मत्स्य पालकों की सुविधा हेतु उन्हें मत्स्य बीजों का संचय करने हेतु विशेष सहयोग देने के भी निर्देश दिए है।
प्रदेश के मत्स्य विकास मंत्री श्री इकबाल महमूद ने इस आशय के निर्देश समस्त मण्डल/जिला स्तरीय मत्स्य विकास अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने बताया कि  जिन मत्स्य पालकों ने अभी तक मत्स्य बीजों का संचय नहीं किया है। वह शीघ्र 5000 मत्स्य बीज प्रति हे0 की दर से 80 से 100 मिमी0 आकार के मत्स्य बीजों का संचय करना सुनिश्चित करे।
मत्स्य विकास मंत्री ने बताया कि जिन मत्स्य पालकों ने अपने तालाबों में मत्स्य बीजों का संचय कर लिया है वे तालाब में मछलियांे का प्राकृतिक भोजन प्लेंकटान की मात्रा बढ़ाने के लिए यूरिया 5 किग्रा0 प्रति हे0 सिंगल सुपर फोस्फेट 10 किग्रा0 प्रति हे0 एवं पोटाश एक किग्रा0 प्रति हे0 की दर से रासायनिक उर्वरकों का घोल बनाकर तालाब में छिड़काव करायें। मछलियों को खाने के लिए खली एवं राईस पालिश बराबर-बराबर मात्रा में मिला कर मछलियों के वजन का दो प्रतिशत पूरक आहार मछलियों को प्रतिदिन दें।
मत्स्य विकास मंत्री ने बताया कि मत्स्य पालक मछली पालन हेतु प्राकृतिक जल प्रणालियों में जलकुंभी नियंत्रण करें। जलकुंभी निकालने का भी यही उपयुक्त समय  है। जलकुंभी की मात्रा अभी न्यूनतम स्तर पर है और मत्स्य पालकों को इसे तत्काल बाहर निकाल देंना चाहिए अन्यथा आगे चलकर बहुत अधिक हो जायेगी और पूरे तालाब एवं जलाशयों तथा झील को आच्छादित कर लेगी। जिन मत्स्य पालकों ने अभी तक जलकुंभी नियंत्रण के उपाय नहीं है किये है। वे अपने तालाबों जिन में जलकुंभी का प्रकोप हो गया हो उनमें से जलकुंभी को शीघ्र बाहर निकाल दें। जलकुंभी होने के कारण मछलियों का संवर्धन, पालन, प्रजनन तथा संरक्षण नही हो पाता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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महिला उद्यमी योजना में महिला उद्यमी की शैक्षिक योग्यता में कमी

Posted on 22 October 2014 by admin

प्रदेश प्रमुख के सचिव लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन श्री महेश कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना के माध्यम से क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने एवं कम विकसित क्षेत्रों में रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने तथा महिलाओं की उद्योग जगत में पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना  चलाई गई है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है कि बेरोजगार महिलाओं को अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करने में सहयोग प्रदान करना है। इन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु इस योजनान्तर्गत महिला उद्यमियों द्वारा स्थापित की जाने वाली सूक्ष्म एवं लघु औद्योगिक इकाईयों को राष्ट्रीकृत बैंको, राज्य वित्त निगम अथवा अन्य वित्तीय संस्थाओं से प्लाण्ट एवं मशीनरी के क्रय किये गये पूंजी विनियोजन हेतु स्वीकृत/वितरित सावधि ऋण पर 05 प्रतिशत की दर से अधिकतम रु0 50.00 हजार प्रति इकाई प्रति वर्ष की दर से अधिकतम 05 वर्षों के लिए 2.50 लाख प्रति इकाई को यह सुविधा उपलब्ध होगी।
श्री गुप्ता ने बताया कि योजना के अन्तर्गत महिला उद्यमी की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता इण्टरमीडियट के स्थान पर हाईस्कूल उत्तीर्ण कर दी गई है तथा इसमें उत्पादन क्षेत्र व सेवा क्षेत्र की भी इकाईयों को सम्मिलित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत ब्याज अनुदान की धनराशि उपलब्ध प्रविधान के अन्तर्गत ही रखी गई है। सेवा क्षेत्र की इकाईयों का तात्पर्य एम.एस.एम.ई. मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समय-समय पर परिपत्रों के माध्यम से घोषित सेवा क्षेत्र जैसे-व्यापारिक सेवायें, कम्यूनिकेशन सेवायें, निर्माण कार्य सेवायें, वितरण संबंधी सेवायें, शैक्षिक सेवायें, फाइनेंन्शियल सेवायें, आदि है। उक्त से संबंधित पात्र उद्यमी इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु  अपने-अपने जनपद के महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र से किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क कर अपना आवेदन-पत्र जमा कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस योजना हेतु पर्याप्त धनराशि जिला उद्योग केन्द्रों को भेज दी गई है। इसलिए अधिक से अधिक महिला इस योजना का लाभ उठा सकती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समाजवादी पार्टी के प्रदेष प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि

Posted on 22 October 2014 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेष प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि भाजपा नेता भले ही अपने मुंह मियाॅ मिट्ठू बनें हकीकत में उम्मीद के मुताबिक उन्हें किसी क्षेत्र में बड़ी सफलता नहीं मिल रही है। लोकसभा चुनाव में अच्छे दिनों का झूठा सपना दिखाकर भाजपा ने केन्द्र की सत्ता पर तो कब्जा जमा लिया लेकिन जैसे-जैसे जनता को हकीकत मालूम होती जा रही है, उसका रंग उतरता जा रहा है। उसके पुराने संगीसाथी भी साथ छोड़ते जा रहेे हैं। प्रदेष में विधान सभा के उपचुनावों के नतीजों का संकेत है कि भाजपा की सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की साजिषें भी अब कामयाब नहीं होगी। बदले हालात की जानकारी पर ही राश्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हरियाणा-महाराश्ट्र की अधूरी जीत पर भी भाजपा को बधाई नहीं दी है।
उत्तर प्रदेष में समाजवादी सरकार जिस तरह राज्य को प्रगति की दिषा में ले जा रही है, उससे मुख्यमंत्री श्री अखिलेष यादव की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। जनता को विष्वास हो गया है कि समाजवादी पार्टी सरकार अपने सभी वायदे निभाने में पीछे नहीं रहेगी। मेट्रों, मेदांता, आईबी हब, गंगा और यमुना एक्सप्रेस वे जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं साकार रूप ले रही है। इससे रोटी रोजगार के अनगित अवसर सृजित होगें।
भाजपा आरएसएस जैसे संगठन जो समाजवादी सरकार की जनहितकारी योजनाओं से ध्यान हटाने में लगे हैं उन्हें 2017  तक तो अपना अस्तित्व बचाना भी मुष्किल हो जाएगा। अभी भी भाजपा नेतृत्व को प्रदेष में अपनी हार की षर्म नहीं है और दूसरे राज्यों में मिली मामूली कामयाबी पर इतना घमंड हो गया है कि समाजवादी पार्टी को ही चुनौती देने लगे हैं। जबकि लोकसभा-विधानसभा चुनाव दोनों अभी हों तो भाजपा को अपनी असलियत पता चल जाएगी।
भाजपा और आरएसएस दोनों ही पिछले कुछ वर्शो से सांप्रदायिकता के एजेण्डा को धार देने में लगे रहे हंै। अभी पिछले दिनो आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक में लवजिहाद, तुश्टीकरण, मुस्लिमों को हिन्दू संज्ञा देने जैसे मसले जानबूझकर उठाए गए। समाज को बांटने की अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए ही संघ षाखाओं के विस्तार पर बल दिया गया है। संघ की बैठक में सेवा का कोई संकल्प लिया गया हो, ऐसा संकेत नहीं मिला है।
सच तो यह है कि संघ की कार्यकारिणी के पूर्व समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय सम्मेलन में जिस तरह केन्द्र सरकार की नीतियों पर प्रहार किया गया और धर्मनिरपेक्षता पर बल दिया गया उससे आरएसएस को भी अब अपने दांव उलटे पड़ते नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेष यादव समाज के बीच सद्भाव और सौहार्द को बढ़ावा दे रहे हैं। श्री मुलायम सिंह यादव के रहते सांप्रदायिक ताकतें कभी उभर नहीं सकती है। दिखावें के राश्ट्रवाद और सांस्कृतिक विचारधारा की बातें संघ अपनी साजिषों पर पर्दा डालने के लिए करता है। समाजवादी पार्टी इस तरह के दुश्प्रचार और अफवाहबाजी कभी भी कामयाब नहीं होने देगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उद्यान मंत्री ने विभागीय रिक्तियों को तत्परता से भरे जाने के दिये निर्देश

Posted on 22 October 2014 by admin

प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री पारस नाथ यादव ने अधिकारियों को विभाग में रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में कोई विलम्ब नहीं होना चाहिये। इसमें लापरवाही बरतने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
उद्यान मंत्री आज यहां तिलक हाॅल में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव श्री दीपक त्रिवेदी, विशेष सचिव श्री राजीव रोतैला तथा उद्यान निदेशक श्री एस0पी0 जोशी के अतिरिक्त निदेशालय, मण्डल एवं जिला स्तर के अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक में उद्यान मंत्री ने कहा कि अधिकारियों को जो महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा जाता है उन्हें अपने दायित्वों का ईमानदारी, पारदर्शिता व तत्परता से निर्वहन करना चाहिये, जो अधिकारी अपने दायित्वों का ठीक से निर्वहन नहीं करते हैं उन्हें तत्काल उनके पद से हटा देने में कदापि विलम्ब न करें। उन्होंने कहा कि जिन फार्मों व संस्थाओं द्वारा पौधों की आपूर्ति समय से एवं निर्धारित संख्या में नहीं की जा रही है उन्हें ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई की जाये। हार्टीकल्चर मैकेनाजेशन के प्रस्ताव जिन जनपदों से अभी तक नहीं आये हैं उन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी की जाये। आर0के0वाई0 योजना के मूल्यांकन के संबंध में स्थिति स्पष्ट न किये जाने पर उन्होंने गौतमबुद्धनगर, आगरा एवं इलाहाबाद के जिला उद्यान अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगे जाने तथा आगामी बैठक से पूर्व अपने जनपद में कार्यान्वित हो रही योजनाओं पर एजेंडा बिन्दुवार तैयार करके आने को कहा। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष के समाप्त होने में अभी 5 माह शेष हैं। इन शेष माह में अधिकारी अपने कार्यों के प्रति विशेष रुचि दिखाकर शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करें।
जनपद स्तर के अधिकारियों को इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने जिले में तहसील दिवस की महत्ता को विशेष रूप से समझें वे तहसील दिवसों में जाकर अपनी विभागीय योजनाओं का प्रदर्शन आयोजित करें तथा जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों के सहयोग से अपनी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने में कोई कोर-कसर न छोड़े। यदि कोई कठिनाई आती है तो उसे शासन के संज्ञान में लायें। उन्होंने निदेशालय के अधिकारियों में भी कहा कि वे जिले के अधिकारियों से उचित ताल-मेल बैठाकर उनकी कठिनाई को शासन स्तर पर दूर करें, समय पर बजट व्यवस्था कर अपने सुपरवीजन में सही दिशा दिखाकर अधिकारियों से कार्य करायें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आबकारी अधिकारी द्वारा सघन छापेमारी

Posted on 22 October 2014 by admin

आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद के आदेशानुसार 01 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक अवैध मदिरा के आवागमन, उत्पादन एवं उपभोग पर नियंत्रण स्थापित करने हेतु विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। इसके अनुपालन में जिला आबकारी अधिकारी, लखनऊ के कुशल निर्देशन में आबकारी निरीक्षकगण सर्वश्री विशाल वर्मा, संजय यादव, श्रीराम कनौजिया, एन0एन0 पाण्डेय, ओ0एन0 अग्रवाल, सीताराम यादव, नरेन्द्र नाथ त्रिपाठी, वाणी विनायक मिश्रा व अखिलेश्वर नाथ सिंह द्वारा अपने अधीनस्थों के साथ 01 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक प्रतिदिन किये गये प्रवर्तन कार्य के तहत जनपद के सेक्टर/क्षेत्र के संदिग्ध स्थानों पर सघन छापामारी की गयी। इसके अंतर्गत 389 अभियोग पंजीकृत किये गये व 3969 लीटर शराब तथा 72000 कि0ग्रा0 भांग बरामद हुई। छापामारी में लगभग 4845 कि0ग्रा0 लहन भी बरामद हुआ जिसे मौके पर नष्ट कर दिया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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रबी में प्रमुख फसलों के बीजों का शत-प्रतिशत शोधन कर बुवाई करें बीज शोधन अभियान 15 नवमब्र तक-ए0के0 बिश्नोई

Posted on 22 October 2014 by admin

उत्तर प्रदेश में रबी की प्रमुख फसलों में शत-प्रतिशत बीजशोधन कराने हेतु 211.589 लाख कुन्तल बीजशोधन का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से 17.905 लाख कुन्तल बीज कृषि विभाग के माध्यम से, 56.166 लाख कुन्तल बीज अन्य संस्थाओं तथा शेष 137.518 लाख कुन्तल बीज कृषक स्तर पर शोधित कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कृषि विभाग द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों के माध्यम से बीजशोधन हेतु 16 अक्टूबर से 15 नवम्बर 2014 तक अभियान के रुप में समस्त ग्राम पंचायत में कृषकों को प्रेरित किया जा रहा है।
कृषि निदेशक श्री ए0के0 बिश्नोई ने आज यहां बताया कि प्रदेश में फसलों को प्रति वर्ष कुल क्षति का 26 प्रतिशत क्षति रोगों द्वारा होती है। रोगों से होने वाली क्षति कभी-कभी महामारी का रूप भी ले लेती है और इनके प्रकोप से शत-प्रतिशत तक फसल नष्ट होने की सम्भावना बनी रहती हैं। अतः बुवाई से पूर्व सभी फसलों में बीजशोधन का कार्य शत-प्रतिशत कराया जाना नितान्त आवश्यक है। बीजशोधन का मुख्य उद्देश्य बीज जनित/भूमि जनित रोगों को रसायनों एवं बायोपेस्टीसाइड्स से शोधित कर देने से बीजो एवं मृदा पर पाये जाने वाले रोगों के कारक को नष्ट करना होता है। बीजशोधन हेतु प्रयोग किए गए रसायनोें/बायोपेस्टीसाइड्स को बुवाई के पूर्व सूखा/स्लरी के रुप मे अथवा कभी-कभी संस्तुतियों के अनुसार घोल बना कर मिलाया जाता है जिससे इनकी एक परत बीजों की बाहरी सतह पर बन जाती हैें जो बीज के साथ पाये जाने वाले शाकाणुओं/जीवाणुुओं को अनुकूल परिस्थितियों में नष्ट कर देती है।
कृषि निदेशक ने बताया कि रबी की प्रमुख फसलोें गेहूॅ, जौ, चना, मटर, मसूर, राई/सरसो, आलू एवं गन्ना के बीजशोधन हेतु संस्तुतियों के अनुसार कृषि विभाग द्वारा प्रमुख कृषि रक्षा रसायनों- थिरम 75 प्रतिशत डब्ल्यू0एस0, कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0, ट्राइकोडरमा हारजिएनम 2.0 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0 एवं स्यूडोमोनास फ्लोरीसेन्स 0.5 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0 की व्यवस्था सुनिश्चित की जा चुकी है। खाद्यान्न उत्पादन के राष्ट्रीय कार्यक्रम तथा बीजशोधन अभियान को सफल बनाने के लिए कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, स्वयं सेवी संगठन, स्वयं सहायता समूह, महिला संगठन, कृषि तकनीकी प्रबन्ध अभिकरण (आत्मा), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के विभिन्न कार्यक्रम, कृषि रक्षा अनुभाग की कीट/रोग नियंत्रण योजना एवं प्रगतिश्ील किसानो के साथ ही साथ पेस्टीसाइड्स एसोसिएशन, थोक और फुटकर विक्रेताओं से भी सहयोग लिया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रदेश में 8777 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति

Posted on 22 October 2014 by admin

उत्तर प्रदेश में आज दिन में पावर कारपोरेशन द्वारा 8777 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही थी।
आज दिन में 2ः00 बजे राज्य विद्युत उत्पादन निगम के विद्युत गृहों से 2377 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था, जिसमें ओबरा से 352 मेगावाट, अनपरा से 927 मेगावाट, पनकी से 72 मेगावाट, हरदुआगंज से 455 मेगावाट तथा पारीछा से 571 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था। इसके अलावा 287 मेगावाट जलीय विद्युत का उत्पादन हो रहा था।
पावर कारपोरेशन द्वारा केन्द्रीय क्षेत्र से 4154मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी। इसके अलावा को-जनरेशन से 50 मेगावाट, रोजा से 810 मेगावाट, बजाज इनर्जी से 361 मेगावाट तथा लैन्को से 738 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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धन्वन्तरि जयन्ती पर चिकित्सकों ने दिये अच्छी सेहत के टिप्स

Posted on 22 October 2014 by admin

उत्तर प्रदेश संस्कृत के तत्वावधान में आज यहां संस्थान परिसर, नया हैदराबाद में धन्वन्तरि जयन्ती के अवसर पर होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा पद्धतियों पर व्याख्यान तथा चिकित्सा सलाह एवं दवायें मुफ्त दी गयीं। इस व्याख्यान शिविर का उद्घाटन संस्कृत संस्थान के निदेशक श्री बृजेश चन्द्र द्वारा किया गया। इस चिकित्सा शिविर में समय पर उपस्थित होकर लोगों ने अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराया तथा मुफ्त में दवायें भी प्राप्त कीं। व्याख्यान का विषय ‘‘उच्च रक्तचाप कारण एवं निवारण तथा आयुर्वेदिक अध्ययन क्षेत्र में संस्कृत की भूमिका’’ पर चिक्त्सिकों ने अपना मत रखा। चिकित्सा एवं व्याख्यान, गोष्ठी में डा0 शिवप्रसाद त्रिपाठी आयुर्वेदाचार्य ने कहा कि सतोगुण वालों को उच्च रक्तचाप नहीं होता है। रजोगुण और तमोगुण वालों को रोग जयादा होते हैं। डा0 राजीव कुमार गुप्ता, होम्योपैथ ने कहा कि अपने गलत आचार, व्यवहार, खान-पान, वातावरण, रहन-सहन के कारण ही उच्च रक्तचाप जैसी समस्त बीमारियां उत्पन्न होती हैं। अगर हम यह सब सही कर लें तो समस्त बीमारियेां से बचाव हो सकता है। डा0 के0के0ठकराल, आयुर्वेदाचार्य ने कहा कि हिमाशन, मिताशन, नित्याशन ही स्वस्थ जीवन का आधार है। मनोदशाओं का और शरीर का गहरा नाता है। अधिकतर बीमारियां मन के साथ-साथ बुद्धि और भावनाओं से संचालित होती हैं। डा0 जे0एन0पाण्डेय, आयुर्वेदाचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि उच्च रक्तचाप साइलेन्टकिलर के रूप में शरीर को नुकसान करता है, जिससे मास्तिष्क आघात, गुर्दे फेल होना, लकवा जैसी समस्यायें उत्पन्न होती हैं। चिन्ता शोक क्रोध मोटापा, धूम्रपान, फास्टफूट जैसे अनियमित खानपान आदि उच्चरक्त चाप के प्रमुख कारण हैं। अनुलोम-विलोम तथा नाड़ी शोधक प्राणायाम द्वारा इनसे बचाव हो कसता है। सभा की अध्यक्षता डा0 शिव प्रकाश त्रिपाठी पूर्व प्राचार्य संस्कृत महाविद्यालय सण्डीला द्वारा की गयी तथा संचालन श्री जगदानन्द झा ने किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पशुओं के बाॅझपन निवारण कैम्प प्रत्येक पशु चिकित्सालय पर लगाने के निर्देश

Posted on 22 October 2014 by admin

उ0प्र0 सरकार ने समस्त मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को पशुपालकों/ किसानों के दुधारू पशुओं के बाॅझपन का शिकार होने पर उसके इलाज हेतु प्रदेश के समस्त पशु चिकित्सालयांे/पशु चिकित्सा केन्द्रों पर प्रत्येक माह में तीन बार पशुओं के बाॅझपन निवारण कैम्प लगाने के निर्देश दिये हैं।
यह जानकारी प्रदेश के पशुधन विकास मंत्री श्री राजकिशोर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि पशुपालक तथा किसान अपने दुधारू पशुओं के नवजात पशुओं में समय-समय पर डी वर्मिंग स्थानीय पशुचिकित्सालय पर पशुचिकित्साधिकारी की सलाह से करायें।
श्री सिंह ने मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को सम्पूर्ण प्रदेश में खुरपका एवं मुॅहपका टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 1.18 करोड़ पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पशुओं को होने वाली लंगडि़या बीमारी से बचाव तथा उपचार हेतु बी0क्यू0, वैक्सीन से टीकाकरण कराने की व्यवस्था सभी पशु अस्पतालों की गयी है।
पशुधन विकास मंत्री श्री सिंह ने बताया कि पशुओं को गम्भीर बीमारियों से बचाव एवं उपचार हेतु प्रचुर मात्रा में दवाओं की उपलब्धता समस्त पशुचिकित्सक अस्पतालों एवं पशु चिकित्सा केन्द्रों पर सुनिश्चित की गयी है। पशु चिकित्साधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा पशुपालकों एवं किसानों को पशुओं के पालन, पोषण पशुओं की देख-भाल, बीमारियों से बचाने, संरक्षण, संवर्धन तथा दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने हेतु जरूरी जानकारी देने की भी व्यवस्था की गयी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जनपद हाथरस में एक करोड़ रुपये का अपमिश्रक सीज मिलावट खोरों के विरूद्ध मारे गये छापों में 4091 नमूने संग्रहीत

Posted on 22 October 2014 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिलावट खोरों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत गत 9 अक्टूबर को जनपद हाथरस में प्रवर्तन दल द्वारा छापा मारकर दूध में मिलावट हेतु प्रयोग किये जाने वाला लगभग एक करोड़ रुपये मूल्य का अपमिश्रक सीज किया गया। दीपावली त्यौहार के मद्देनजर पूरे प्रदेश में मिलावट खोरों के विरूद्ध अभियान चलाया जा रहा है।
यह जानकारी आज यहां प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन श्री हेमन्त राव ने देते हुए बताया कि प्रदेश में आम जनमानस को शुद्ध खाद्य एवं पेय पदार्थ उपलब्ध कराने हेतु मिलावट खोरों के विरूद्ध छापे की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में खाद्य एवं पेय पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरूद्ध मारे गये 3225 छापे में 4091 संदेहास्पद खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्रित किये गये। संग्रहीत नमूने की जांच में 949 नमूने मिलावट के पाये गये। इस दौरान प्रवर्तन दल द्वारा 33412 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण भी किया गया।
श्री राव ने बताया कि 949 नमूनों में मिलावट पाये जाने पर 866 व्यक्तियों/प्रतिष्ठानों के विरूद्ध न्यायालयों में 803 वाद दायर किये गये। न्यायालय द्वारा 630 वादों में 781 व्यक्तियों को अर्थदण्ड, 32 व्यक्तियों को सजा एवं 8 व्यक्तियों को सजा एवं अर्थदण्ड दोनों लगाया गया। उन्होंने बताया कि मिलावटी/सिंथेटिक दूध के विरूद्ध चलाये गये विशेष अभियान के दौरान कुल 1525 छापे मारे गये, जिसमें दूध के 1774 नमूने संग्रहीत किये गये तथा भारी मात्रा में सिंथेटिक एवं मिलावटी दूध को जब्त एवं नष्ट किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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