समाजवादी पार्टी के प्रदेष प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि भाजपा नेता भले ही अपने मुंह मियाॅ मिट्ठू बनें हकीकत में उम्मीद के मुताबिक उन्हें किसी क्षेत्र में बड़ी सफलता नहीं मिल रही है। लोकसभा चुनाव में अच्छे दिनों का झूठा सपना दिखाकर भाजपा ने केन्द्र की सत्ता पर तो कब्जा जमा लिया लेकिन जैसे-जैसे जनता को हकीकत मालूम होती जा रही है, उसका रंग उतरता जा रहा है। उसके पुराने संगीसाथी भी साथ छोड़ते जा रहेे हैं। प्रदेष में विधान सभा के उपचुनावों के नतीजों का संकेत है कि भाजपा की सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की साजिषें भी अब कामयाब नहीं होगी। बदले हालात की जानकारी पर ही राश्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हरियाणा-महाराश्ट्र की अधूरी जीत पर भी भाजपा को बधाई नहीं दी है।
उत्तर प्रदेष में समाजवादी सरकार जिस तरह राज्य को प्रगति की दिषा में ले जा रही है, उससे मुख्यमंत्री श्री अखिलेष यादव की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। जनता को विष्वास हो गया है कि समाजवादी पार्टी सरकार अपने सभी वायदे निभाने में पीछे नहीं रहेगी। मेट्रों, मेदांता, आईबी हब, गंगा और यमुना एक्सप्रेस वे जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं साकार रूप ले रही है। इससे रोटी रोजगार के अनगित अवसर सृजित होगें।
भाजपा आरएसएस जैसे संगठन जो समाजवादी सरकार की जनहितकारी योजनाओं से ध्यान हटाने में लगे हैं उन्हें 2017 तक तो अपना अस्तित्व बचाना भी मुष्किल हो जाएगा। अभी भी भाजपा नेतृत्व को प्रदेष में अपनी हार की षर्म नहीं है और दूसरे राज्यों में मिली मामूली कामयाबी पर इतना घमंड हो गया है कि समाजवादी पार्टी को ही चुनौती देने लगे हैं। जबकि लोकसभा-विधानसभा चुनाव दोनों अभी हों तो भाजपा को अपनी असलियत पता चल जाएगी।
भाजपा और आरएसएस दोनों ही पिछले कुछ वर्शो से सांप्रदायिकता के एजेण्डा को धार देने में लगे रहे हंै। अभी पिछले दिनो आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक में लवजिहाद, तुश्टीकरण, मुस्लिमों को हिन्दू संज्ञा देने जैसे मसले जानबूझकर उठाए गए। समाज को बांटने की अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए ही संघ षाखाओं के विस्तार पर बल दिया गया है। संघ की बैठक में सेवा का कोई संकल्प लिया गया हो, ऐसा संकेत नहीं मिला है।
सच तो यह है कि संघ की कार्यकारिणी के पूर्व समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय सम्मेलन में जिस तरह केन्द्र सरकार की नीतियों पर प्रहार किया गया और धर्मनिरपेक्षता पर बल दिया गया उससे आरएसएस को भी अब अपने दांव उलटे पड़ते नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेष यादव समाज के बीच सद्भाव और सौहार्द को बढ़ावा दे रहे हैं। श्री मुलायम सिंह यादव के रहते सांप्रदायिक ताकतें कभी उभर नहीं सकती है। दिखावें के राश्ट्रवाद और सांस्कृतिक विचारधारा की बातें संघ अपनी साजिषों पर पर्दा डालने के लिए करता है। समाजवादी पार्टी इस तरह के दुश्प्रचार और अफवाहबाजी कभी भी कामयाब नहीं होने देगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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