प्रदेश प्रमुख के सचिव लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन श्री महेश कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना के माध्यम से क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने एवं कम विकसित क्षेत्रों में रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने तथा महिलाओं की उद्योग जगत में पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना चलाई गई है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है कि बेरोजगार महिलाओं को अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करने में सहयोग प्रदान करना है। इन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु इस योजनान्तर्गत महिला उद्यमियों द्वारा स्थापित की जाने वाली सूक्ष्म एवं लघु औद्योगिक इकाईयों को राष्ट्रीकृत बैंको, राज्य वित्त निगम अथवा अन्य वित्तीय संस्थाओं से प्लाण्ट एवं मशीनरी के क्रय किये गये पूंजी विनियोजन हेतु स्वीकृत/वितरित सावधि ऋण पर 05 प्रतिशत की दर से अधिकतम रु0 50.00 हजार प्रति इकाई प्रति वर्ष की दर से अधिकतम 05 वर्षों के लिए 2.50 लाख प्रति इकाई को यह सुविधा उपलब्ध होगी।
श्री गुप्ता ने बताया कि योजना के अन्तर्गत महिला उद्यमी की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता इण्टरमीडियट के स्थान पर हाईस्कूल उत्तीर्ण कर दी गई है तथा इसमें उत्पादन क्षेत्र व सेवा क्षेत्र की भी इकाईयों को सम्मिलित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत ब्याज अनुदान की धनराशि उपलब्ध प्रविधान के अन्तर्गत ही रखी गई है। सेवा क्षेत्र की इकाईयों का तात्पर्य एम.एस.एम.ई. मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समय-समय पर परिपत्रों के माध्यम से घोषित सेवा क्षेत्र जैसे-व्यापारिक सेवायें, कम्यूनिकेशन सेवायें, निर्माण कार्य सेवायें, वितरण संबंधी सेवायें, शैक्षिक सेवायें, फाइनेंन्शियल सेवायें, आदि है। उक्त से संबंधित पात्र उद्यमी इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु अपने-अपने जनपद के महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र से किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क कर अपना आवेदन-पत्र जमा कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस योजना हेतु पर्याप्त धनराशि जिला उद्योग केन्द्रों को भेज दी गई है। इसलिए अधिक से अधिक महिला इस योजना का लाभ उठा सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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