उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि आगामी रबी विपणन वर्ष 2014-15 में लगभग 45 लाख मी0टन गेहू खरीद का लक्ष्य प्रस्तावित कर विस्तृत कार्ययोजना बनार्इ जाय। उन्होंने कहा कि किसानाें की सुविधा को दृषिटगत रखते हुए क्रय केन्द्राें हेतु स्थानाें का चयन कर गेहू खरीद हेतु लगभग 05 हजार क्रय केन्द्र खोले जाय ताकि किसानाें को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। उन्हाेंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि किसानों को किसी भी सिथति में घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर गेहू बेचने हेतु विवश न होना पडे़।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में रबी विपणन वर्ष 2014-15 के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहू खरीद कराये जाने हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि गेहू खरीद आगामी 01 अप्रैल से प्रारंभ कराकर 30 जून तक खरीदने का कार्यक्रम प्रस्तावित किया जाय। उन्हाेंने कहा कि समस्त क्रय एजेंसियों द्वारा गेहू विक्रेता किसान के खाते में गेहू के मूल्य का सीधा भुगतान आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से कराया जाय। उन्हाेंने कहा कि जिन केन्द्राें पर आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था उपलब्ध न हो, उन पर किसानों को गेहू के मूल्य का भुगतान केन्द्र प्रभारी द्वारा 02 लाख की सीमा तक एकाउण्ट पेर्इज चेक के माध्यम से कराया जाय तथा इससे अधिक राशि का भुगतान जनपदीयसम्भागीय कार्यालय द्वारा एकाउण्ट पेर्इज चेक के माध्यम से कराया जाय। उन्होंने कहा कि यह सुनिशिचत किया जाय कि क्रय एजेंसियों को गेहू की डिलीवरी के उपरान्त नियमित रूप से तत्परता पूर्वक भुगतान प्राप्त होता रहे ताकि क्रय केन्द्राें पर किसी भी दशा में धन का अभाव न होने पाए। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने हेतु उन्हे बिचौलियों से अवश्य बचाया जाय।
श्री उस्मानी ने कहा कि गेहू खरीद हेतु पर्याप्त बोराें की व्यवस्था सुनिशिचत करा ली जाय। उन्होेंने कहा कि प्रदेश में किसानों को अधिकाधिक लाभ पहुचाने एवं उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य तत्काल उपलब्ध कराने के उददेश्य से रबी विपणन 2014-15 में सरकारी क्रय केन्द्राें पर गेहू का क्रय सीधे किसानों से किया जाएगा। किसानों से गेहू की खरीद किसान जोतबही, किसान क्रेडिट कार्ड, साधन सहकारी समितियों की पास बुक व अन्य फोटो युक्त पहचान पत्र के आधार पर की जाएगी। किसानों अथवा उनके परिवार के सदस्य का मेाबाइल नम्बर (यदि उपलब्ध है) भी क्रय-पंजिका में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि क्रय एजेनिसयों द्वारा स्थापित क्रय केन्द्रों पर किसानों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का दायित्व राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद का होगा जो किसानों व उनके पशुओं के लिए पानी, पार्किंग ,छन्ने ,पंखे, पैट्रोमेैक्स ,त्रिपाल आदि के साथ-साथ बिनोइंग फैन व इलेक्ट्रानिक कांटा आदि वस्तुओ को क्रय संस्थाओं को उनकी आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराएंगे।
खाध आयुक्त श्रीमती अर्चना अग्रवाल ने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2014-15 के लिए राज्य सरकार के पास पर्याप्त संख्या में बोरे उपलब्ध हैं एवं गेहू क्रय के परिप्रेक्ष्य में नये बोरों के क्रय की आवश्यकता नहीं है। क्रय संस्थाएं गत वर्षों के अवशेष 50 कि0गा्र0 भार-क्षमता वाले एच0डी0पी0र्इ0पी0पी0 गाठ व सेवा योग्य जूट गाठ बैग्स का प्रयोग प्राथमिकता पर करेंगी और उनका प्रयोग हो जाने पर ही अवशेष बचे जूट गाठ बोरों का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए सम्भागीय खाध नियंत्रक पूर्णत: उत्तरदायी होंगें। रबी विपणन वर्ष 2014-15 में गेहू का क्रय सेन्ट्रल पूल के लिए किया जाएगा। अत: क्रय एजेनिसयों द्वारा अपने क्रय केन्द्राें पर क्रय किये गए गेहू की डिलीवरी, एफ0सी0आर्इ0 के क्षेत्र प्रबन्धक द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार एफ0सी0आर्इ0 के डिपो पर इस प्रकार की जाएगी कि केन्द्रों पर गेहू की अधिक मात्रा का जमाव न होने पाए तथा गेहू की डिलीवरी नियमित रूप से होती रहे।
बैठक में प्रमुख सचिव, खाध एव रसद, श्री दीपक त्रिवेदी, प्रमुख सचिव, वित्त श्री आनन्द मिश्रा, प्रमुख सचिव कृषि एवं सहकारिता श्री देवाशीष पाण्डा, खाध आयुक्त श्रीमती अर्चना अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारीगण उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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