Posted on 08 February 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि इस विरासत को भावी पीढि़यों को किस रूप में छोड़कर जाएंगे, इस पर विचार करना हम सबकी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री आज यहां छतर मंजिल के संरक्षण एवं पुनरुद्धार के संबंध में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला का उदघाटन करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इतिहास हमें सीखने का अवसर प्रदान करता है। यह भी सच है कि इतिहास को बदला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक भवन और उनका स्थापत्य बताता है कि पिछली पीढ़ी के लोगों की सोच क्या थी। श्री यादव ने लखनऊ की तमाम खूबियों खासकर इसकी गंगा-जमुनी तहजीब और सौहार्द की परम्परा का उल्लेख किया। उन्हाेंने कहा कि लखनऊ में पर्यटन के विकास की अपार सम्भावनाएं हैं। आगरा, मथुरा, वृन्दावन में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां आने के लिए प्रेरित करने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जतार्इ कि आगरा-लखनऊ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे इस दिशा में मददगार साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयास ये होना चाहिए कि प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों के साथ-साथ अन्दरूनी इलाकों के प्राचीन भवनों का भी संरक्षण किया जाए। उन्हाेंने मुख्य सचिव से यह अपेक्षा की कि कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले सुझावों को लागू करने के लिए बजट में धनराशि का प्राविधान किया जाए। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में पर्यटन पर ध्यान देने व पार्क का निर्माण कराने का उल्लेख किया था। इसके दृषिटगत 400 एकड़ क्षेत्रफल में जनेश्वर मिश्र पार्क के विकास की योजना है। उन्होंने नदियों के जल को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त रखे जाने पर भी बल दिया। लखनऊ के विकास के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए श्री यादव ने कहा कि उच्चस्तरीय कैंसर संस्थान, आर्इ.टी.सिटी., टि्रपल आर्इ.टी. और स्टेडियम से शहर को खास पहचान मिलेगी। इसी प्रकार मेट्रो रेल नागरिकों को आवागमन की त्वरित सुविधा प्रदान करेगी। संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अरूण कुमारी कोरी ने अपने सम्बोधन में कहा कि छतर मंजिल इन्डो-इटालियन स्थापत्य का उदाहरण है। इस भवन के समीप फरहत बख्श कोठी है, जिसका निर्माण इन्डो-फेंच शैली में किया गया था। उन्होंने बताया कि भवन के संरक्षण के बाद इसमें सिटी म्यूजियम और सिटी साइंस म्यूजियम की स्थापना की योजना है। मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जमाने से लखनऊ कला पारखियों का शहर रहा है। वर्ष 1951 से छतर मंजिल में केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान की प्रयोगशाला स्थापित रही। वर्ष 1968 मंें छतर मंजिल पैलेस और फरहत बख्श कोठी को राज्य सरकार ने संरक्षित स्मारक घोषित किया। तभी से प्रयास जारी थे कि ये संरक्षित स्मारक पुरातत्व विभाग को सौंपे जाएं। वर्तमान सरकार की गम्भीर पहल के कारण सन 2013 में भारत सरकार द्वारा यह ऐतिहासिक भवन राज्य पुरातत्व निदेशालय को सौंपे जाने की सहमति दी गर्इ। उन्होंने कहा कि इन इमारतों से सम्बनिधत काफी टेबल बुक के प्रकाशन की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है। उन्होंंने यह भी कहा कि कार्यशाला के सुझावों तथा विचारों के आधार पर एक कार्य योजना तैयार की जाएगी। इससे पूर्व, प्रमुख सचिव संस्कृति श्री राजन शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए चयनित विषयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कार्यशाला को भवन के दरबार हाल में आयोजित किया जा रहा है, ताकि कार्य की चुनौतियों और विषय वस्तु की बेहतर समझ हासिल हो सके। कार्यशाला के दौरान राज्य संग्रहालय द्वारा ‘गुजि़श्ता लखनऊ विषयक चित्र-प्रदर्शनी भी आयोजित की गर्इ है। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन श्री संजीव सरन ने कहा कि यह भवन ऐतिहासिक हेरीटेज जोन के समीप सिथत है। इसके संरक्षण से पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि होगी। उन्हाेंने कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे विशेषज्ञों के सम्बन्ध में भी जानकारी प्रदान की। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक श्री प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि देश की धरोहर, समद्ध और बहुमूल्य है। भावी पीढ़ी के लिए इसे बचाकर रखना हमारा दायित्व है। छतर मंजिल के संरक्षण कार्य में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण हर सम्भव तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक इमारतों के मूल स्वरूप में बदलाव किए बगैर, पर्यटन के दृषिटकोण से इनके बेहतर इस्तेमाल पर विचार किया जाना चाहिए। इसके मददेनजर दिल्ली के लाल किला परिसर सिथत भवनों के वैकलिपक उपयोग के प्रयास किए जा रहे हैं। लखनऊ विश्वविधालय के प्रो0 पी.के. घोष ने छतर मंजिल के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने भवन को सांस्कृतिक केन्द्र के तौर पर विकसित किए जाने की बात कही।
सुश्री परवीन तल्हा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि छतर मंजिल अवध के नवाबों का रिहाइशी भवन था। यह भवन सन 1857 की क्रानित का भी गवाह था, जब देशवासियों ने एकजुट होकर अंग्रेजी हुकूमत को ललकारा था। उन्होंने बताया कि इस भवन से ही नवाब वाजिद अली शाह ने लखनऊ से कलकत्ता के लिए प्रस्थान किया था।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कार्यशाला की स्मारिका का विमोचन भी किया। राज्य पुरातत्व निदेशक श्री पी.के. सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उदघाटन के अवसर पर संस्कृति विभाग के सलाहकार श्री संदीप बंसल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, सचिव मुख्यमंत्री श्री पनधारी यादव सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 08 February 2014 by admin
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश की महिला उधमियों के सशकितकरण के लिए महिला उधमी प्रोत्साहन योजना-2013 लागू की गयी है, जो कि पूर्वांचल, मध्यांचल तथा बुंदेलखण्ड के 12 मण्डलों- लखनऊ, कानपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, फैजाबाद, इलाहाबाद, बस्ती, झांसी, चित्रकूट, गोरखपुर, देवीपाटन, आज़मगढ के 49 जनपदों में क्रियानिवत है। इस योजना के अन्तर्गत इण्टरमीडिएट पास कुल 515 महिला उधमियों को योजना का लाभ वित्तीय वर्ष 2013-14 में प्रदान किया जाना है जिसमें प्रदेश के अल्पसंख्यक समुदाय की 103 महिला उधमियों को विशेष रूप से योजना का लाभ दिया जाना है ताकि बेरोजगार महिलाओं द्वारा अपना उधम स्थापित किया जा सके।
प्रदेश के आयुक्त एवं निदेशक उधोग श्री एल0 वेंकटेश्वर लू ने बताया कि महिला उधमियों द्वारा बंदेलखण्ड, पूर्वांचल व मध्यांचल के जिलों में स्थापित की जाने वाली सूक्ष्म व लघु उधोग इकाइयों में प्लाण्ट मशीनरी लगाने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों वित्तीय निगम, पिकप या अन्य वित्तीय संस्थाओं से स्वीकृत सावधि ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 हजार रुपये प्रति इकार्इ प्रतिवर्ष की दर से 5 साल के लिए 2.50 लाख रुपये ब्याज उपादान की सुविधा उपलब्ध होगी। किसी अन्य योजना के तहत ब्याज उपादान का लाभ प्राप्त करने वाली इकाइयों या पी0एम0र्इ0जी0पी0 के तहत लाभानिवत इकाइयों को योजना का फायदा नहीं मिलेगा। इस योजना में लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र महिला उधमी अपना आवेदन जिले के महाप्रबन्धक, जिला उधोग कार्यालय को प्रस्तुत करेंगी। जिला उधोग केंद्र के महाप्रबंधक से मांग पत्र संस्तुति संबंधी कागजात मिलने के बाद उधोग निदेशालय, उ0प्र0 द्वारा ब्याज उपादान का भुगतान सीधे इकार्इ के बैंक खाते में हस्तान्तरित कर दिया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 08 February 2014 by admin
प्रदेश के प्रमुख सचिव गन्ना एवं चीनी उधोग श्री राहुल भटनागर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि गन्ना किसानों को गन्ने की तौल में चीनी मिलों द्वारा घटतौली नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गन्ना विभाग के उप आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि व मिलों द्वारा क्रय किये जाने वाले गन्ने की तौल की नियमित जांच करे। जिससे किसानों को कोर्इ असुविधा न होने पाये। उन्होंने कहा कि घटतौली की शिकायत मिलने पर संबंधित मिल के विरूद्ध सख्त कार्यवाही किया जाय।
प्रमुख सचिव गन्ना आज यहां विभागीय अधिकारियों के साथ गन्ना पेरार्इ सत्र 2013-14 की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि घटतौली की जांच हेतु गन्ना आयुक्त द्वारा कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह अपने-अपने क्षेत्रों की चीनी मिलों की जांच कर घटतौली पर रोक लगाये। उन्होंने कहा कि गन्ना माफियाओं पर रोक लगाये तथा यह प्रयास करें कि किसान अपना गन्ना सीधे चीनी मिलो को दे, जिससे किसानों को उचित मूल्य प्राप्त हो सके।
प्रमुख सचिव ने कहा कि किसानों का वर्ष 2012-13 के पुराने बकाये तथा वर्ष 2013-14 पेरार्इ सत्र के गन्ना मूल्य अदेयता के अनुसार भुगतान कराया जाय। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य की अदेयता के अनुसार भुगतान किसानों को करें। उन्होंने कहा कि पेरार्इ सत्र 2012-13 के गन्ना मूल्य बकाया 21741 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को हो गया है जो कि कुल बकाये का 97 प्रतिशत है। इसी प्रकार पेरार्इ सत्र 2013-14 का 2507 करोड़ रुपये का भुगतान 5 फरवरी 2014 तक हो गया है। इस अवधि तक 342 लाख टन गन्ना की पेरार्इ की गर्इ तथा 30.34 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
श्री भटनागर ने गन्ना आयुक्त को निर्देशित किया कि वह प्रतिदिन गन्ने की पेरार्इ तथा उसके भुगतान की समीक्षा करे जिससे किसानों को कोर्इ असुविधा न होने पाये। उन्होंने प्रबन्ध निदेशक सहकारी चीनी मिल संघ को निर्देशित किया कि सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों की क्षमता मेंबढ़ोत्तरी करे जिससे सरकारी क्षेत्रों के मिलों द्वारा पिछले वर्षों से अधिक गन्ने की पेरार्इ करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 08 February 2014 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने अवकाश प्राप्त बि्रगेडियर श्री आर0डी0सिंह को उ0प्र0 पूर्व सैनिक कल्याण निगम का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुकित एक वर्ष के लिए की गयी है। श्री सिंह ने अध्यक्ष पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 08 February 2014 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि पिछड़ों, अति पिछड़ों तक समाजवादी पार्टी की नीतियां और समाजवादी पार्टी सरकार की उपलबिधयां पहुचाने के लिए समजावादी पार्टी की सामाजिक न्याय अधिकार यात्रा को आज पार्टी मुख्यालय से कारागार मंत्री श्री राजेन्द्र चौधरी ने पार्टी का ध्वज दिखाकर रवाना किया। यात्रा के संयोजक श्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, मंत्री एवं उपाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के नेतृत्व में यह यात्रा 6 फरवरी से 10 फरवरी 2014 तक कन्नौज, मैनपुरी, औरैया, इटावा तथा फिरोजाबाद तक चलेगी।
सामाजिक न्याय अधिकार रथयात्रा को रवाना करते हुए कारागार मंत्री श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव ने पिछड़ो को मान सम्मान और अवसर दिए है। उन्होने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सुविधाएं दी थी जिसे बसपा सरकार ने रदद कर दिया था। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने इनको पुन: सुविधाएं दिलाने के लिए केन्द्र सरकार को लिखा है। उन्होने कहा कि सामाजिक न्याय के सिद्धांत को आगे बढ़ाते हुए समाजवादी पार्टी ने पिछड़ो में जन जागरण के लिए इन यात्राओं को शुरू किया है। जिन्होने समाज में गैर बराबरी पैदा की वे आज भी वंचितों को उनका अधिकार और सम्मान नहीं देना चाहते हैं।
श्री चौधरी ने कहा कि कांग्रेस भाजपा और बसपा की सामाजिक नीतियों के कारण पिछड़े और अति पिछड़े अन्याय और विषमता के शिकार रहे हैं। समाज में उन्हें बहुत अपमान झेलना पड़ा है। समाजवादी पार्टी इस अन्याय के खिलाफ लगातार संघर्षशील रही है। श्री मुलायम सिंह यादव ने संसद में और बाहर पिछड़ों की आवाज उठार्इ है।
सामाजिक न्याय अधिकार यात्रा आज लखनऊ से चलकर बांगरमऊ, बिल्हौर, ककवन, रसूलाबाद, वेला, तिर्वा होते हुए कन्नौज पहुचकर वहां रात्रि विश्राम करेगी। इस यात्री दल ने जगह-जगह सभाएं और प्रेसवार्ता कर पिछड़ों को सामाजिक न्याय दिलाने के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
आज सामाजिक न्याय अधिकार रथयात्रा में श्री राम आसरे विश्वकर्मा, अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग, श्री नरेश उत्तम, अध्यक्ष समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ एवं डा0 राजपाल कश्यप, श्री सुनील यादव, चौ0 लालता प्रसाद निषाद, डा0 हीरा ठाकुर, अनीस मंसूरी, (सभी राज्यमंत्री), राम सुन्दर दास निषाद एमएलसी, डा0 फिदा हुसैन अंसारी, डा0 मुन्ना अलवी, कुलदीप वर्मा, रमेश प्रजापति, संजय विधार्थी, शिववली विश्वकर्मा, कौशल्या प्रजापति, कृपारानी प्रजापति, हीरालाल गोंड पहलवान, कमल मौर्य, श्रीनिवास जोगी, गुलशेर सैफी, सुरेन्द्र नायक, जग्गूपाल, जनार्दन बिन्द, कमलाकान्त प्रजापति, सियाराम यादव आदि ने शिरकत की।
समाजवादी पार्टी सरकार की उपलबिधयों को जन-जन तक पहुचाने के लिए 01 फरवरी से 7 फरवरी,2014 तक प्रदेश के सभी विधान सभा क्षेत्रों में साइकिल यात्राएं भी चल रही है। हर तरफ लाल टोपियों की लहर थी। आज इस यात्रा का छठां दिन है। ये सभी कार्यक्रम लोकसभा चुनावो की तैयारी का हिस्सा भी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 08 February 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के कृषि एवं धर्मार्थ कार्य मंत्री श्री आनंद सिहं कैलाश मानसरोवर यात्रा से लौटे धार्मिक यात्रियों को 07 फरवरी को विधान सभा के कमरा न0-80 में आर्थिक सहायता के रुप में चेक उपलब्ध करायेंगे।
प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य श्री नवनीत सहगल ने आज यहां इस सम्बन्ध में जानकारी दी। उन्होने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा से लौटे यात्रियों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता अनुदान के रुप में उपलब्ध करार्इ जाती है। उन्होने बताया कि यह आर्थिक सहायता नियमानुसार उत्तर प्रदेश के व्यकित को जीवन में एक बार धार्मिक यात्रा के उपरान्त उपलब्ध करार्इ जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 08 February 2014 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के गठन हेतु सामान्य निर्वाचन कार्यक्रम सम्बन्धी गत 28 जनवरी को जारी अधिसूचना को स्थगित कर दिया है। निर्वाचन कार्यक्रम की तिथियों सम्बन्धी अधिसूचना बाद में जारी की जायेगी।
यह जानकारी निर्वाचन अधिकारी श्री जय प्रकाश पाण्डेय ने दी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 08 February 2014 by admin
संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा छतर मंजिल परिसर के समुचित संरक्षण एवं रचनात्मक उपयोग के सम्बन्ध में सार्थक कार्य योजना तैयार करने के उददेश्य से उत्तर प्रदेश के पुरातत्व निदेशालय द्वारा आगामी 7 व 8 फरवरी को छतर मंजिल परिसर को सांस्कृतिक एवं पर्यटन केन्द्र के रुप में विकसित करने विषयक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन छतर मंजिल परिसर हाल में पूर्वान्ह 10.30 बजे होगा।
संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री राजन शुक्ला ने बताया कि इस कार्यशाला में देश के मूर्धन्य इतिहासकारों, पुरातत्वविदों, वास्तुविदों, वैज्ञानिकों एवं संग्रहालय विशेषज्ञों द्वारा शोध पत्रों का प्रस्तुतिकरण एवं विचार मंथन किया जायेगा। कार्यशाला में प्राप्त सुझावों के आधार पर प्रदेश के धरोहरों को बचाने की कार्य योजना तैयार की जायेगी। इस दृषिट से यह कार्यशाला अति महत्वपूर्ण होगी। पुरातत्व निदेशालय के निदेशक श्री वी0के0 सिंह ने बताया कि कार्यशाला पांच तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया है। पहले दिन दो सत्र तथा दूसरे दिन तीन तकनीकी सत्र होंगे।
कार्यशाला मंें पहले दिन लखनऊ विश्वविधालय के मध्य कालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के डा0 पी0के0 घोष, डा0 ए0 चक्रवर्ती काशी हिन्दू विश्वविधालय वाराणसी के डा0 अनुराग आरोही, कोलकाता की सुश्री नीता दास एवं वास्तु कलासंकाय के विधार्थियोें द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे। द्वितीय सत्र में आर्इ0आर्इ0टी0, काशी हिन्दू विश्वविधालय वाराणसी के डा0 राजेश कुमार, आर्इ0आर्इ0टी0 रुड़की से प्रो0 पुष्पलता तथा सिन्टेक, नर्इ दिल्ली के श्री नितिन बहल अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।
कार्यशाला के दूसरे दिन तृतीय सत्र में संरक्षणविद श्री ए0जी0के0 मेनन, सुश्री आभा एन0 लाम्बा एवं सुश्री नलिनि ठाकुर द्वारा छतर मंजिल के संरक्षण से सम्बनिधत शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे। इसी सत्र में वास्तुविद श्री कुमार कार्तिकेय, इन्टेक संरक्षणविद श्री दिव्य गुप्ता, वास्तुविद श्री आशीष श्रीवास्तव, स्वीडन के डा0 सतीश चन्द्र, श्री एन0के0 मंडवाल एवं श्री निसार खान के शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे।
चतुर्थ सत्र में श्री ए0के0 दास, श्री सिद्वार्थ दास, विपुल वाष्र्णेय तथा पंचम सत्र में श्री मो0 शहीर, सुश्री प्रियलीन सिंह, कु0 आयला खान तथा श्री चन्द्र प्रकाश अपने विचार व्यक्त करेंगे।
तकनीकी सत्र के समापन के पश्चात खुला सत्र होगा जिसमेें श्रोताओं से विचार आमंत्रित किये जायेंगे जिन पर चर्चा होगी। इस कार्यशाला में प्रस्तुत शोध पत्रों के निष्कर्ष एवं परिणाम पर भी प्रकाश डाला जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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