प्रदेश के प्रमुख सचिव गन्ना एवं चीनी उधोग श्री राहुल भटनागर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि गन्ना किसानों को गन्ने की तौल में चीनी मिलों द्वारा घटतौली नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गन्ना विभाग के उप आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि व मिलों द्वारा क्रय किये जाने वाले गन्ने की तौल की नियमित जांच करे। जिससे किसानों को कोर्इ असुविधा न होने पाये। उन्होंने कहा कि घटतौली की शिकायत मिलने पर संबंधित मिल के विरूद्ध सख्त कार्यवाही किया जाय।
प्रमुख सचिव गन्ना आज यहां विभागीय अधिकारियों के साथ गन्ना पेरार्इ सत्र 2013-14 की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि घटतौली की जांच हेतु गन्ना आयुक्त द्वारा कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह अपने-अपने क्षेत्रों की चीनी मिलों की जांच कर घटतौली पर रोक लगाये। उन्होंने कहा कि गन्ना माफियाओं पर रोक लगाये तथा यह प्रयास करें कि किसान अपना गन्ना सीधे चीनी मिलो को दे, जिससे किसानों को उचित मूल्य प्राप्त हो सके।
प्रमुख सचिव ने कहा कि किसानों का वर्ष 2012-13 के पुराने बकाये तथा वर्ष 2013-14 पेरार्इ सत्र के गन्ना मूल्य अदेयता के अनुसार भुगतान कराया जाय। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य की अदेयता के अनुसार भुगतान किसानों को करें। उन्होंने कहा कि पेरार्इ सत्र 2012-13 के गन्ना मूल्य बकाया 21741 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को हो गया है जो कि कुल बकाये का 97 प्रतिशत है। इसी प्रकार पेरार्इ सत्र 2013-14 का 2507 करोड़ रुपये का भुगतान 5 फरवरी 2014 तक हो गया है। इस अवधि तक 342 लाख टन गन्ना की पेरार्इ की गर्इ तथा 30.34 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
श्री भटनागर ने गन्ना आयुक्त को निर्देशित किया कि वह प्रतिदिन गन्ने की पेरार्इ तथा उसके भुगतान की समीक्षा करे जिससे किसानों को कोर्इ असुविधा न होने पाये। उन्होंने प्रबन्ध निदेशक सहकारी चीनी मिल संघ को निर्देशित किया कि सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों की क्षमता मेंबढ़ोत्तरी करे जिससे सरकारी क्षेत्रों के मिलों द्वारा पिछले वर्षों से अधिक गन्ने की पेरार्इ करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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