उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने कार्यदायी संस्थानों को निर्देश दिए कि मल्टी सेक्टोरल डिसिट्रक्ट डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के अन्तर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ प्रत्येक दशा में आगामी 31 मार्च 2014 तक पूर्ण कराना होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत तिथि के एक वर्ष के अन्दर संबंधित कार्यदायी संस्थाओं को 60 प्रतिशत कार्य किए जाने का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्थाओं को अधूरे निर्मित भवनों को निर्धारित तिथि तक पूर्ण करने हेतु प्रोजेक्टवार माइल स्टोन निर्धारित कर एक सप्ताह में सूचित करना होगा। उन्होेंने कहा कि लमिबत निर्माण कार्याें की प्रगति की समीक्षा प्रोजेक्टवार अलग से की जाएगी।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में मल्टी सेक्टोरल डिसिट्रक्ट डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के अन्तर्गत कार्यों हेतु गठित राज्य स्तरीय समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्हांेंने कहा कि प्रदेश में अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में 24 नये आर्इटीआर्इ भवन,809 आंगनबाड़ी केन्द्र,37 स्वास्थ्य उपकेन्द्र,45 इंटर कालेज,18 प्राथमिकसामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एंव 44 पाइप्ड पेय जल योजना के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृत हेतु भारत सरकार को भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी एक माह के अन्दर भारत सरकार के निर्देशानुसार जनपदों से पुनरीक्षित योजनाओं का प्रस्ताव अवश्य मांग लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 45 जनपदों में 144 विकास खण्ड तथा 18 स्थानीय निकायों में एमएसडीपी योजना का क्रियान्वयन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एमएसडीपी योजना के तहत शिक्षा,स्वास्थ्य,तथा कौशल विकास को प्राथमिकता दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में उत्तर प्रदेश हेतु तदर्थ रूप से 727.96 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है। परिव्यय के सापेक्ष 580.46 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के सापेक्ष 395.39 करोड़ रुपये के केन्द्रांश की स्वीकृत प्राप्त हो गर्इ है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास योजना के अन्तर्गत एमएसडीपी योजना में 63 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर स्वीकृत हेतु भारत सरकार को भेजा जा रहा है। जिसके तहत लगभग 32 हजार अल्पसंख्यक युवाओं को व्यावसायिक परक प्रशिक्षण प्रदान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि एमएसडीपी द्वारा चयनित कार्यों की मानीटरिंग एवं औचक निरीक्षण जनपदों में कमेटी भेजकर कराया जाएगा।
श्री उस्मानी ने निर्देश दिए कि अल्पसंख्यक छात्रों को स्वीकृत छात्रवृतित का वितरण आगामी माह जनवरी से अवश्य प्रारम्भ करा दिया जाए। उन्हाेंने कहा कि एमएसडीपी योजना के अन्तर्गत नगरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, कौशल विकास एवं चिकित्सास्वास्थ्य को अवस्थापना सृजन में प्राथमिकता दी जाए। उन्हाेंने कहा कि अवस्थापना का सृजन ऐसे स्थान पर कराया जाए, जहां अवस्थापना के प्रभाव क्षेत्रांंें में अल्पसंख्यक समुदाय की जनसंख्या कम से कम 25 प्रतिशत हो। उन्होंने कहा कि अगर अवस्थापना किसी ग्रामबसावट के लिए हो तो वह ग्रामबसावट भी अल्पसंख्यक बाहुल्य अवश्य होनी चाहिए। उन्होेंने कहा कि अवस्थापना सृजन हेतु जिलाधिकारियों द्वारा भूमि उपलब्ध होने का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा।
बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन श्री संजीव मित्तल, सचिव अल्पसंख्यक कल्याण श्री देवेश चतुर्वेेदी सहित संबंधित विभाग के प्रमुख सचिवसचिव एवं गठित राज्य स्तरीय समिति के सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारीगण उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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