उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ के प्रबंध निदेशक श्री वी0 के0 यादव ने बताया कि पेरार्इ सत्र 2013-14 के दौरान कार्यरत 23 सहकारी चीनी मिलों द्वारा 25 दिसम्बर तक कुल 160.02 लाख कु0 गन्ने की पेरार्इ की जा चुकी है, जबकि गत सत्र 2012-13 की अवधि में 156.57 लाख कु0 गन्ने की पेरार्इ की गयी थी। इस प्रकार वर्तमान सत्र में गत सत्र की अपेक्षा इस अवधि तक 3.45 लाख कु0 गन्ने की अधिक पेरार्इ की गयी है। उन्होंने बताया कि 25 दिसम्बर तक कार्यरत मिलों द्वारा 11.64 लाख कु0 चीनी का उत्पादन किया गया, जोकि गत सत्र के दौरान हुए चीनी उत्पादन से 0.06 लाख कु0 अधिक है। वर्तमान में औसत क्षमता उपयोग 93 प्रतिशत प्राप्त किया गया है, जोकि गत सत्र की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश में गन्ना उत्पादक कृषकों के व्यापक हितों को सर्वोपरि रखते हुए वर्ष 2012-13 के गन्ना मूल्य का शतप्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि चालू वर्ष 2013-14 में भुगतान की व्यवस्था के अनुरूप सहकारी चीनी मिलों द्वारा नियत अवधि से कुल देय गन्ना मूल्य का 71 प्रतिशत भुगतान किया गया है।
श्री यादव ने कहा कि सहकारी क्षेत्र की मिलों को पूरी क्षमता के साथ चलाने के निर्देंश दिये गये है। उन्होंने कहा कि चीनी मिल प्रबंधकों को निर्देंश दिये गये है कि किसी भी सहकारी मिल में कोर्इ घटतौली नहीं होनी चाहिए तथा किसानों को गन्ने की तौल में कोर्इ असुविधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मिल प्रबंधकों के कार्यों के नियमित समीक्षा की जा रही है तथा किसी भी मिल प्रबंधक की शिकायत आने पर उसके विरूद्ध सख्त कार्रवार्इ की जायेगी। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिल संघ मुख्यालय राणा प्रताप मार्ग लखनऊ में एक कन्टोल रूम स्थापित किया गया है। जिसके द्वारा प्रतिदिन प्रत्येक मिल में किये जा रहे गन्ना पेरार्इ एवं किसानों के भुगतान की समीक्षा की जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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