प्रदेश के कारागार मंत्री एवं प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने आज यहां कहा कि लोकतंत्र में जनादेश का सम्मान सभी को करना होता है लेकिन चुनावों के जो नतीजे आए हैं वे चिंता और चिंतन के विषय हैं। सांप्रदायिक ताकतो के इस उभार को देखते हुए लोकसभा चुनावों में तीसरे विकल्प की आवश्यकता है। श्री मुलायम सिंह यादव इस दिशा में प्रयासरत हैं। उन्हीं के कारण उ0प्र0 में साम्प्रदायिक ताकत नहीं पनप सकी है। देश के समक्ष आज जो चुनौतिया हैं उनका सामना देश केा जोड़ने वाली ताकतें ही कर सकती हैं। सांप्रदायिक विचारधारा राष्ट्र की एकता अखंडता और धर्मनिरपक्षता के लिए खतरा है।
जिन राज्यों में भाजपा की बढ़त मिली है, उसके पीछे कांगे्रस की कुनीतिया हैं । उसी ने भाजपा को आगे बढ़ाने का काम किया है। कांगे्रस ने केन्द्र मेंं अपने दो कार्यकाल में मंहगार्इ और भ्रष्टाचार के रिकार्ड कायम किए हैं। घोटालों ने देश की जनता को बहुत क्षुब्ध किया है। देश की सीमाओं की सुरक्षा को भी अनदेखा किया। जिस तरह से कांगे्रस ने देश पर अपनी गलत नीतिया थोपी है उसकी प्रतिक्रिया में जनता ने कागे्रस को नकारा है। इस नकारात्मक प्रतिक्रिया के परिणाम स्वरूप ही भाजपा को बढ़त मिली है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी का उदय कांगे्रस और भाजपा दोनों के प्रति जनविक्षोभ का परिणाम है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने केन्द्र सरकार से लगातार मंहगार्इ पर नियंत्रण के लिए डा0 लोहिया की दाम बांधों नीति अपनाने, सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिशें लागू करने, महिला आरक्षण बिल में सुधार करने, प्रोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था पर जोर न देने, मुसिलम नौजवानों और गरीबों, वंचितों को इंसाफ दिलाने की बारबार याद दिलार्इ लेकिन कांग्रेस ने कभी उस पर ध्यान नहीं दिया।
समाजवादी पार्टी ने धर्म निरपेक्षता की भावना को प्रोत्साहन के लिए कांगे्रस सरकार को कहा। लेकिन अपने सत्तामद में चूर कांगे्रस ने कोर्इ सही सलाह नही मानी। इसके बजाय कांगे्रस नेतृत्व ने जनता को लुभाने वाली योजनाओं को प्राथमिकता दी। जनता ने कांगे्रस की खाध सुरक्षा बिल को चुनावी स्टंट माना। कांगे्रस ने धर्म निरपेक्षता को कमजोर किया है। केन्द्र में सत्ता के बाद भी कांगेस जनविरोधी नीतिया अपनाने से बाज नहीं आर्इ। कांगे्रस से नाराजगी का जिन तत्वों ने फायदा उठाकर अपना संख्या बल बढ़ाया है उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि जनता ने उनको स्वीकार नहीं किया है। सिर्फ कांगे्रस को हटाया भर है। आगामी लोकसभा चुनावों में जनता भाजपा-कांगे्रस को भाव न देकर एक नए राजनीतिक विकल्प को सत्ता में बिठाने का काम करेंगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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