कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा परमपूज्य भारतरत्न बाबा सहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को उनके 58वें परिनिर्वाण दिवस (पुण्यतिथि) पर श्रद्धा-सुमन अर्पित; देश में एक जाति-विहीन समतामूलक मानवतावादी समाज की स्थापना के लिये बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का जीवन संघर्ष, त्याग-तपस्या व अनेकों प्रकार की कुर्बानियाँ हमेशा ही प्रेरणा का श्रोत बनी रहेगी : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा), चेयरपर्सन, बी.एस.पी. संसदीय दल एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी सुश्री मायावती ज इस मौक़े पर ख़्ासतौर से बी.एस.पी. के लोगाें ने पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रमों के ज़रिये, इनको अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किये व इनके कार्यों को भी याद किया, इन सभी लोगों का सुश्री मायावती जी द्वारा दिल से आभार प्रकट;;प्प्प्द्ध दक्षिण अफ्रीका को सरकारी रंग व नस्लभेद के अभिशाप से मुक्त कराने वाले श्री नेलसन मण्डेला की आज ही के दिन हुर्इ मृत्यु कुदरत का एक इत्तिफाक, उनके निधन पर भी शोक व्यक्त व श्रद्धांजलि,
;प्टद्ध अयोध्या के विवादित ढाँचा का 6 दिसम्बर को परिनिर्वाण दिवस के दिन विध्वंस करना एक गहरी साजिश एवं संविधान व बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के धर्मनिरपेक्ष सिद्धान्त व आदर्श की घोर अवहेलना,
;टद्ध मुज़फ्फरनगर दंगा पीडि़त परिवारों के लगभग 50 मासूम बच्चों की मौत एक अत्यन्त गंभीर मानवीय त्रासदी का मामला, संसद में बी.एस.पी. द्वारा काम रोको नोटिस एवं केन्द्र सरकार से इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्रवार्इ व मज़बूत क़दम उठाने की सुश्री मायावती जी की केन्द्र से माँग।
नर्इ दिल्ली, 6 दिसम्बर, 2013 : अपने भारत देश में ज़ात-पात व ऊँच-नीच के कारण यहाँ व्याप्त असमानता से ग्रस्त समाज में ख़्ाासकर दलितों, पिछड़ों एवं अन्य उपेक्षित वर्ग के लोगों को आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ जीने के उनके बुनियादी मानवीय हक़ को संविधान व क़ानूनी तौर पर दिलाने का महान व युग-परिवर्तनीय कार्य करने के कारण उन सबके दिल-दिमाग़ में अत्यन्त आदरपूर्वक रचने व बसने वाले उनके मसीहा भारतरत्न, बोधिसत्व परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को, आज उनके 58वें परिनिर्वाण दिवस (पुण्यतिथि) पर, बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी व कृतज्ञ, राष्ट्र ने अत्यन्त आदर व सम्मानपूर्वक स्मरण किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
संसद का शीतकालीन सत्र कल दिनांक 05 दिसम्बर से प्रारम्भ होने के कारण, बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा), चेयरपर्सन, बी.एस.पी. संसदीय दल एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी इन दिनों दिल्ली में ही हैं और आज सुबह बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की 58वें परिनिर्वाण दिवस पर उन्होंनेे सबसे पहले आज सुबह 12, गुरुद्वारा रकाबगंज रोड, नर्इ दिल्ली मेें स्थापित बहुजन प्रेरणा केन्द्र में लगी बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की भव्य प्रतिमा पर पुष्पांजलि करके अपना श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। इसी प्रेरणा केन्द्र में ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के रूके अधूरे कारवाँ को गति प्रदान करने वाले बामसेफ, डी.एस.-4 व बी.एस.पी. मूवमेन्ट के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी की असिथ कलश, उनकी वसीयत के मुताबिक, प्रतिष्ठापित है।
तदुपरान्त, सुश्री मायावती जी संसद भवन गयीं, जिसके प्रागंण में स्थापित बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की विशाल प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। संसद भवन परिसर में आयोजित इस श्रद्धा-सुमन कार्यक्रम के अवसर पर सांसदों आदि के साथ-साथ यहाँ पर काफी संख्या में अन्य प्रमुख लोग भी एकत्र थे, जो सुश्री मायावती जी को बड़ी उम्मीद व बहुत आदर भाव की नजर से देख रहे थे, मानो उनमें व उनके कार्यों में वे लोग बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का अक्स (प्रतिबिम्ब) देखते हो कि वही एक मात्र नेता हैं जो देश के दलितों, पिछड़ों व शोषितों एवं सर्वसमाज के गरीबों आदि का सही मायने में हित साधकर उनका कल्याण कर सकती हैं। सुश्री मायावती जी के साथ-साथ दिल्ली में मौजूद पार्टी के सभी सांसदों व कुछ अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को भावभीनी श्रद्धांजलि दी एवं उनके सपनों का सही मायने में जाति-विहीन समतामूलक मानवतावादी भारत, बी.एस.पी. मूवमेन्ट के माध्यम से, देश बनाने का संकल्प दोहराया।
इस अवसर पर इलेक्ट्रनिक व प्रिन्ट मीडियाकर्मियों की भारी भीड़ मौजूद थी, जिन्होंने उनसे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की। उन मीडियाकर्मियों को सम्बोधित करते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व अपने देश में सामाजिक परिवर्तन की महानायिका बहन कुमारी मायावती जी ने कहा कि भारत को एक जाति-विहीन समतामूलक मानवतावादी समाज बनाने के लिये बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का जीवन संघर्ष, त्याग-तपस्या व अनेकों प्रकार की कुर्बानियाँ हमेशा ही प्रेरणा का श्रोत बनी रहेगी। देश के करोड़ों अनूसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग एवं धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के साथ-साथ अपरकास्ट समाज के ग़रीबों व पीडि़तों को मान-सम्मान का जीवन देने एवं उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिये बाबा साहेब डा. अम्बेडकर ने अपना पूरा जीवन समर्पित किया और जब आगे चलकर देश के आज़ाद होने पर संविधान निर्माण करने का शुभ-अवसर प्राप्त हुआ तो तब उन्होंने इन उपेक्षित वगोर्ं के लोगों को हर मामले में आत्म-सम्मान के साथ जीने का क़ानूनी अधिकार देकर उन्हें वोट के माध्यम से अपनी पसन्द की सरकार बनाने का भी मार्ग प्रशस्त किया, जिससे इन उपेक्षित वगोर्ं के लोगों में सम्मानपूर्वक जीने की एक नर्इ आशा जगी। इसी क्रम में बी.एस.पी. मूवमेन्ट का कारवां भी अग्रसर है ताकि राजनैतिक सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके अपनी तकदीर सही तरीके से खुद यहाँ सवांरी जा सके।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि यह कुदरत का एक इत्तिफाक ही है कि भारत में दलितों, शोषितों, पीडि़तों के मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का आज परिनिर्वाण दिवस है और आज ही के दिन दक्षिण अफ्रीका देश में रंगभेद का काफी ज़ोरदार तरीक़े से काफी डटकर विरोध करते हुये लगभग 27 वर्ष तक (अर्थात 10 हज़ार दिनों) तक जेल में रहकर मुल्क को आजाद कराने वाले वहाँ के पूर्व राष्ट्रपति श्री नेलसन मण्डेला के देहान्त की खबर मिली है, जिनके प्रति भी मैं अपनी व अपनी पार्टी की ओर से शोक व्यक्त करते हुये उन्हें भी श्रद्धा-सुमन अर्पित करती हूँ। बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की तरह ही श्री नेलसन मण्डेला का शोषित-पीडि़त व उपेक्षित समाज के उत्थान के लिये योगदान व कुर्बानी अविस्मरणीय व अतुलनीय है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर देश भर में लोग अपने-अपने तौर पर तथा बी.एस.पी. के लोग ख़्ाासतौर से अनेकों कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें स्मरण करते हुये उन्हें शत-शत नमन कर रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बी.एस.पी. सरकार द्वारा निर्मित ऐतिहासिक विश्व-स्तरीय ”डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल” में भी लोगों ने बड़े पैमाने पर एकत्र होकर परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर कोे अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। लखनऊ के इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में ख़्ाासतौर से बी.एस.पी. के छोटे-बड़े जिम्मेंवार पदाधिकारियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के सभी 75 जि़लों से बड़ी संख्या में आये बी.एस.पी के कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने भाग लिया और बाबा साहेब के कारवां को मंजि़ल तक पहुँचाने के लिये बी.एस.पी. मूवमेन्ट को तन, मन, धन से पूरा-पूरा सहयोग करने के अपने संकल्प को दोहराया, जिसके लिये सुश्री मायावती जी ने मीडिया के माध्यम से, उन सब लोगों का दिल से आभार प्रकट किया।
अपने इस संक्षिप्त सम्बोधन के बाद सुश्री मायावती जी ने मीडियाकर्मियों द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर पूछे गये प्रश्नों के जवाब भी दिये। आज छ: दिसम्बर के दिन ही सन 1992 में अयोध्या में बाबारी मसिजद के विध्वंस के सम्बन्ध में मीडिया द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने कहा कि साम्प्रदायिक तत्वों ने बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्माण के दिन ही बाबरी मसिजद का विध्वंस करके अपनी घोर धर्मनिरपेक्षता- विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है, क्योंकि बाबा साहेब अपने देश में धर्मनिरपेक्षता के जर्बदस्त हिमायती थे और इसी कारण उन्होंने भारतीय संविधान की बुनियाद धर्मनिरपेक्षता की ठोस बुनियाद पर रखी थी, जो इन साम्प्रदायिक ताकतों को पसन्द नहीं व इससे वे लोग दु:खी हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या के विवादित ढाँचें का विध्वंस संविधान व उसकी धर्मनिरपेक्ष सिद्धान्त की खुली घोर अवहेलना है।
पशिचमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर व शामली जिले में हुये दंगों के बाद वहाँ काफी तादाद में शिविरों में दयनीय जीवन व्यतीत करने वाले ग़रीब परिवारों के लगभग 50 बच्चों की मौत के सम्बन्ध में पूछे गये एक सावल के जवाब में सुश्री मायावती जी ने कहाकि यह सही है कि उनकी पार्टी बी.एस.पी. ने इस सम्बन्ध में संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल स्थगित करके इस विषय पर चर्चा करने की नोटिस दी है, क्योंकि यह मानवीय त्र्रासदी से सम्बद्ध यह एक गम्भीर मामला है, जिसमें उत्तर प्रदेश सपा सरकार की घोर लापरवाही स्पष्ट तौर पर झलकती है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने कहा कि मुज़फ्फरनगर दंगा उत्तर प्रदेश सपा सरकार की घोर नाकामी तो है ही, परन्तु दंगा पीडि़त लोगों को दिन-प्रतिदिन की जरूरी चाजों कों उपलब्ध कराने व उनके पुनर्वास के लिये समय पर आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं करा पाने के कारण शिविरों में रह रहे लगभग 50-60 हजार लोगों का जीवन नरक सा बन गया है, जिसको गम्भीरता से लेते हुये केन्द्र की सरकार को बिना समय गवांये प्रभावी तौर दख़्ाल देना चाहिये, ताकि मासूम लोगों की जिन्दगी बचायी जा सके। उत्तर प्रदेश की लापरवाह सरकार के खिलाफ भी केन्द्र सरकार को मज़बूत कदम उठाने की ज़रूरत है।
पशिचम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश श्री ए.के. गांगुली के विरूद्ध माननीय सुप्रीम कोर्ट को जाँच समिति दवारा एक प्रशिक्षु महिला वकील दवारा लगाये गये यौन उत्पीडन के आरोप को प्रथम दृष्टाया सही पाये जाने से सम्बनिधत एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में यह ज्यादा उचित होगा कि कानून को अपना काम करने दिया जाए। वैसे इस मामले में अगर जसिटस गांगुली नैतिकता के आधार पर स्वयं अपने पद से इस्तीफा दे देते हैं तो यह ज्यादा बेहतर होगा।
उल्लेखनीय है कि बहन कुमारी मायावती जी के नेतृत्व में अब तक उत्तर प्रदेश में चार बार बनी उनकी सरकार में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए तथा उनके आदर-सम्मान में जनहित की अनेकों महत्वपूर्ण योजनाएं और कार्यक्रम भी संचालित किये गये। इसके तहत अनुसूचित जातिजनजाति व पिछड़ा वर्ग एवं अन्य कमज़ोर वर्गों के लोगों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए डा. अम्बेडकर ग्रामसभा विकास विभाग का गठन करते हुए इनकी आबादी बाहुल्य वाले गांवों की तरक्की और खुशहाली के लिए डा. भीमराव अम्बेडकर ग्रामसभा विकास योजना काफी प्रभावी ढंग से चलायी गयी। इसके अलावा, 10 हज़ार डा. अम्बेडकर ग्रामों की अनुसूचित जाति की बसितयों में सोडियम लाइट लगाये गये। अम्बेडकर ग्राम सभाओं की प्रत्येक दलित बसितयों में बहुउíेशीय सामुदायिक केन्द्र बनाये गये। अनुसूचित जातिजनजाति वर्गों के लोगों को रोज़गार उपलब्ध कराने के उददेश्य से डा. अम्बेडकर विशेष रोज़गार योजना को प्रभावी रूप से संचालित किया गया।
इसी प्रकार, बाबा साहेब के सम्मान में आगरा विश्वविधालय का नामकरण बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर किया गया। इसी विश्वविधालय में बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के नाम पर अम्बेडकर पीठ की भी स्थापना की गयी। डा. अम्बेडकर के नाम पर अनुसूचित जातिजनजाति कोचिंग सेन्टर की स्थापना जनपद अलीगढ़ और आगरा में की गयी। फै़ज़ाबाद मण्डल के अन्तर्गत अम्बेडकरनगर के नाम से नये जि़ले का गठन किया गया। वाराणसी में बाबा साहेब के नाम पर स्टेडियम का नामकरण तथा रामपुर में संग्रहालय व पुस्तकालय की स्थापना की गयी। इसके अलावा, जनपद बांदा में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर मेडिकल कालेज, नोएडा तथा गे्रटर नोएडा में डा. भीमराव अम्बेडकर मल्टी सुपर स्पेशियल्टी अस्पताल स्थापित कराये गये।
साथ ही, कानपुर में डा. अम्बेडकर इन्स्टीटयूट आफ टेक्नालाजी फार हैण्डीकैप्ड तथा जनपद आज़मगढ़ में डा. अम्बेडकर भवन का निर्माण कराया गया। जनपद मैनपुरी तथा क़न्नौज में डा. भीमराव अम्बेडकर राजकीय महाविधालय की स्थापना की गयी। इसी प्रकार, लखनऊ में डा. भीमराव अम्बेडकर अन्तर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम तथा गे्रटर नोएडा में 500 सीटों वाले डा. अम्बेडकर अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावास का निर्माण कराया गया। आगरा एवं गौतम बुद्ध नगर में डा. अम्बेडकर पार्क स्थापित किया गया। लखनऊ में डा. अम्बेडकर पर्यावरण म्यूजि़यम तथा डा. अम्बेडकर पर्यावरण परिसर का निर्माण कराया गया। बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर विश्वविधालय, लखनऊ में अम्बेडकर पीठ की स्थापना तथा प्रशासनिक भवन संकुल का निर्माण कराया गया है।
बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के उददेश्य से ही बी.एस.पी. सरकार द्वारा लखनऊ में गोमती नदी के तट पर विश्व-स्तरीय ”डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल” स्थापित किया गया है, जिसके अन्र्तगत डा. भीमराव अम्बेडकर विहार, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन गैलरी, डा. भीमराव अम्बेडकर स्मारक दृश्य स्थल, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन प्रतिबिम्ब स्थल तथा सामाजिक परिवर्तन संग्रहालय स्थापित है। इसके अलावा, डा. भीमराव अम्बेडकर गोमती पार्क का निर्माण और इस पार्क में डा. अम्बेडकर की प्रतिमा भी स्थापित की गयी। साथ ही, लखनऊ में डा. भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-1, खण्ड-2, खण्ड-3 एवं डा. भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-4, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल हेतु नवीनीकृत गोमती बि्रज, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल हेतु ओवर बि्रज का निर्माण भी कराया गया। डा. भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-1 में बाबा साहेब की चहुँमुखी प्रतिमा की स्थापना की गयी है।
बी.एस.पी. सरकार द्वारा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर लघु उधमी प्रादेशिक पुरस्कार योजना, डा. अम्बेडकर नि:शुल्क बोरिंग योजना तथा डा. अम्बेडकर कृषि ऊर्जा सुधार योजना भी संचालित की गयी। इसके अलावा, लखनऊ में देश के सबसे बड़े सभागारों में एक डा. भीमराव अम्बेडकर सभागार का निर्माण तथा सभागार परिसर में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित की गयी है। दिल्ली के नज़दीक नोएडा में भी भव्य ”राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल” स्थापित करके इसमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के साथ-साथ, देश में दलित एवं अन्य पिछड़े वगोर्ं में जन्मे अनेकों और महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों को भी पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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