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कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा परमपूज्य भारतरत्न बाबा सहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को उनके 58वें परिनिर्वाण दिवस

Posted on 07 December 2013 by admin

कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा परमपूज्य भारतरत्न बाबा सहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को उनके 58वें परिनिर्वाण दिवस (पुण्यतिथि) पर श्रद्धा-सुमन अर्पित; देश में एक जाति-विहीन समतामूलक मानवतावादी समाज की स्थापना के लिये बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का जीवन संघर्ष, त्याग-तपस्या व अनेकों प्रकार की कुर्बानियाँ हमेशा ही प्रेरणा का श्रोत बनी रहेगी : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा), चेयरपर्सन, बी.एस.पी. संसदीय दल एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी सुश्री मायावती ज    इस मौक़े पर ख़्ासतौर से बी.एस.पी. के लोगाें ने पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रमों के ज़रिये, इनको अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किये व इनके कार्यों को भी याद किया, इन सभी लोगों का सुश्री मायावती जी द्वारा दिल से आभार प्रकट;;प्प्प्द्ध  दक्षिण अफ्रीका को सरकारी रंग व नस्लभेद के अभिशाप से मुक्त कराने वाले श्री नेलसन मण्डेला की आज ही के दिन हुर्इ मृत्यु कुदरत का एक इत्तिफाक, उनके निधन पर भी शोक व्यक्त व श्रद्धांजलि,
;प्टद्ध   अयोध्या के विवादित ढाँचा का 6 दिसम्बर को परिनिर्वाण दिवस के दिन विध्वंस करना एक गहरी साजिश एवं संविधान व बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के धर्मनिरपेक्ष सिद्धान्त व आदर्श की घोर अवहेलना,
;टद्ध      मुज़फ्फरनगर दंगा पीडि़त परिवारों के लगभग 50 मासूम बच्चों की मौत एक अत्यन्त गंभीर मानवीय त्रासदी का मामला, संसद में बी.एस.पी. द्वारा काम रोको नोटिस एवं केन्द्र सरकार से इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्रवार्इ व मज़बूत क़दम उठाने की सुश्री मायावती जी की केन्द्र से माँग।

नर्इ दिल्ली, 6 दिसम्बर, 2013 : अपने भारत देश में ज़ात-पात व ऊँच-नीच के कारण यहाँ व्याप्त असमानता से ग्रस्त समाज में ख़्ाासकर दलितों, पिछड़ों एवं अन्य उपेक्षित वर्ग के लोगों को आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ जीने के उनके बुनियादी मानवीय हक़ को संविधान व क़ानूनी तौर पर दिलाने का महान व युग-परिवर्तनीय कार्य करने के कारण उन सबके दिल-दिमाग़ में अत्यन्त आदरपूर्वक रचने व बसने वाले उनके मसीहा भारतरत्न, बोधिसत्व परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को, आज उनके 58वें परिनिर्वाण दिवस (पुण्यतिथि) पर, बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी व कृतज्ञ, राष्ट्र ने अत्यन्त आदर व सम्मानपूर्वक स्मरण किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

संसद का शीतकालीन सत्र कल दिनांक 05 दिसम्बर से प्रारम्भ होने के कारण, बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा), चेयरपर्सन, बी.एस.पी. संसदीय दल एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी इन दिनों दिल्ली में ही हैं और आज सुबह बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की 58वें परिनिर्वाण दिवस पर उन्होंनेे सबसे पहले आज सुबह 12, गुरुद्वारा रकाबगंज रोड, नर्इ दिल्ली मेें स्थापित  बहुजन प्रेरणा केन्द्र में लगी बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की भव्य प्रतिमा पर पुष्पांजलि करके अपना श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। इसी प्रेरणा केन्द्र में ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के रूके अधूरे कारवाँ को गति प्रदान करने वाले बामसेफ, डी.एस.-4 व बी.एस.पी. मूवमेन्ट के जन्मदाता एवं संस्थापक  मान्यवर श्री कांशीराम जी की असिथ कलश, उनकी वसीयत के मुताबिक, प्रतिष्ठापित है।

तदुपरान्त, सुश्री मायावती जी संसद भवन गयीं, जिसके प्रागंण में स्थापित बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की विशाल प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। संसद भवन परिसर में आयोजित इस श्रद्धा-सुमन कार्यक्रम के अवसर पर सांसदों आदि के साथ-साथ यहाँ पर काफी संख्या में अन्य प्रमुख लोग भी एकत्र थे, जो सुश्री मायावती जी को बड़ी उम्मीद व बहुत आदर भाव की नजर से देख रहे थे, मानो उनमें व उनके कार्यों में वे लोग बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का अक्स (प्रतिबिम्ब) देखते हो कि वही एक मात्र नेता हैं जो देश के दलितों, पिछड़ों व शोषितों एवं सर्वसमाज के गरीबों आदि का सही मायने में हित साधकर उनका कल्याण कर सकती हैं। सुश्री मायावती जी के साथ-साथ दिल्ली में मौजूद पार्टी के सभी सांसदों व कुछ अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को भावभीनी श्रद्धांजलि दी एवं उनके सपनों का सही मायने में जाति-विहीन समतामूलक मानवतावादी भारत, बी.एस.पी. मूवमेन्ट के माध्यम से, देश बनाने का संकल्प दोहराया।

इस अवसर पर इलेक्ट्रनिक व प्रिन्ट मीडियाकर्मियों की भारी भीड़ मौजूद थी, जिन्होंने उनसे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की। उन मीडियाकर्मियों को सम्बोधित करते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व अपने देश में सामाजिक परिवर्तन की महानायिका बहन कुमारी मायावती जी ने कहा कि भारत को एक जाति-विहीन समतामूलक मानवतावादी समाज बनाने के लिये बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का जीवन संघर्ष, त्याग-तपस्या व अनेकों प्रकार की कुर्बानियाँ हमेशा ही प्रेरणा का श्रोत बनी रहेगी। देश के करोड़ों अनूसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग एवं धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के साथ-साथ अपरकास्ट समाज के ग़रीबों व पीडि़तों को मान-सम्मान का जीवन देने एवं उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिये बाबा साहेब डा. अम्बेडकर ने अपना पूरा जीवन समर्पित किया और जब आगे चलकर देश के आज़ाद होने पर संविधान निर्माण करने का शुभ-अवसर प्राप्त हुआ तो तब उन्होंने इन उपेक्षित वगोर्ं के लोगों को हर मामले में आत्म-सम्मान के साथ जीने का क़ानूनी अधिकार देकर उन्हें वोट के माध्यम से अपनी पसन्द की सरकार बनाने का भी मार्ग प्रशस्त किया, जिससे इन उपेक्षित वगोर्ं के लोगों में सम्मानपूर्वक जीने की एक नर्इ आशा जगी। इसी क्रम में  बी.एस.पी. मूवमेन्ट का कारवां भी अग्रसर है ताकि राजनैतिक सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके अपनी तकदीर सही तरीके से खुद यहाँ सवांरी जा सके।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि यह कुदरत का एक इत्तिफाक ही है कि भारत में दलितों, शोषितों, पीडि़तों के मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का आज परिनिर्वाण दिवस है और आज ही के दिन दक्षिण अफ्रीका देश में रंगभेद का काफी ज़ोरदार तरीक़े से काफी डटकर विरोध करते हुये लगभग 27 वर्ष तक (अर्थात 10 हज़ार दिनों) तक जेल में रहकर मुल्क को आजाद कराने वाले वहाँ के पूर्व राष्ट्रपति श्री नेलसन मण्डेला के देहान्त की खबर मिली है, जिनके प्रति भी मैं अपनी व अपनी पार्टी की ओर से शोक व्यक्त करते हुये उन्हें भी श्रद्धा-सुमन अर्पित करती हूँ। बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की तरह ही श्री नेलसन मण्डेला का शोषित-पीडि़त व उपेक्षित समाज के उत्थान के लिये योगदान व कुर्बानी अविस्मरणीय व अतुलनीय है।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर देश भर में लोग अपने-अपने तौर पर तथा बी.एस.पी. के लोग ख़्ाासतौर से अनेकों  कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें स्मरण करते हुये उन्हें शत-शत नमन कर रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बी.एस.पी. सरकार द्वारा निर्मित ऐतिहासिक विश्व-स्तरीय ”डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल” में भी लोगों ने बड़े पैमाने पर एकत्र होकर परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर कोे अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। लखनऊ के इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में ख़्ाासतौर से बी.एस.पी. के छोटे-बड़े जिम्मेंवार पदाधिकारियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के सभी 75 जि़लों से बड़ी संख्या में आये बी.एस.पी के कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने भाग लिया और बाबा साहेब के कारवां को मंजि़ल तक पहुँचाने के लिये बी.एस.पी. मूवमेन्ट को तन, मन, धन से पूरा-पूरा सहयोग करने के अपने संकल्प को दोहराया, जिसके लिये सुश्री मायावती जी ने मीडिया के माध्यम से, उन सब लोगों का दिल से आभार प्रकट किया।

अपने इस संक्षिप्त सम्बोधन के बाद सुश्री मायावती जी ने मीडियाकर्मियों द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर पूछे गये प्रश्नों के जवाब भी दिये। आज छ: दिसम्बर के दिन ही सन 1992 में अयोध्या में बाबारी मसिजद के विध्वंस के सम्बन्ध में मीडिया द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने कहा कि साम्प्रदायिक तत्वों ने बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्माण के दिन ही बाबरी मसिजद का विध्वंस करके अपनी घोर धर्मनिरपेक्षता- विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है, क्योंकि बाबा साहेब अपने देश में धर्मनिरपेक्षता के जर्बदस्त हिमायती थे और इसी कारण उन्होंने भारतीय संविधान की बुनियाद धर्मनिरपेक्षता की ठोस बुनियाद पर रखी थी, जो इन साम्प्रदायिक ताकतों को पसन्द नहीं व इससे वे लोग दु:खी हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या के विवादित ढाँचें का विध्वंस संविधान व उसकी धर्मनिरपेक्ष सिद्धान्त की खुली घोर अवहेलना है।

पशिचमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर व शामली जिले में हुये दंगों के बाद वहाँ काफी तादाद में शिविरों में दयनीय जीवन व्यतीत करने वाले ग़रीब परिवारों के लगभग 50 बच्चों की मौत के सम्बन्ध में पूछे गये एक सावल के जवाब में सुश्री मायावती जी ने कहाकि यह सही है कि उनकी पार्टी बी.एस.पी. ने इस सम्बन्ध में संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल स्थगित करके इस विषय पर चर्चा करने की नोटिस दी है, क्योंकि यह मानवीय त्र्रासदी से सम्बद्ध यह एक गम्भीर मामला है, जिसमें उत्तर प्रदेश सपा सरकार की घोर लापरवाही स्पष्ट तौर पर झलकती है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने कहा कि मुज़फ्फरनगर दंगा उत्तर प्रदेश सपा सरकार की घोर नाकामी तो है ही, परन्तु दंगा पीडि़त लोगों को दिन-प्रतिदिन की जरूरी चाजों कों उपलब्ध कराने व उनके पुनर्वास के लिये समय पर आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं करा पाने के कारण शिविरों में रह रहे लगभग 50-60 हजार लोगों का जीवन नरक सा बन गया है, जिसको गम्भीरता से लेते हुये केन्द्र की सरकार को बिना समय गवांये प्रभावी तौर दख़्ाल देना चाहिये, ताकि मासूम लोगों की जिन्दगी बचायी जा सके। उत्तर प्रदेश की लापरवाह सरकार के खिलाफ भी केन्द्र सरकार को मज़बूत कदम उठाने की ज़रूरत है।

पशिचम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश श्री ए.के. गांगुली के विरूद्ध माननीय सुप्रीम कोर्ट को जाँच समिति दवारा एक प्रशिक्षु महिला वकील दवारा लगाये गये यौन उत्पीडन के आरोप को प्रथम दृष्टाया सही पाये जाने से सम्बनिधत एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में यह ज्यादा उचित होगा कि कानून को अपना काम करने दिया जाए। वैसे इस मामले में अगर जसिटस गांगुली नैतिकता के आधार पर स्वयं अपने पद से इस्तीफा दे देते हैं तो यह ज्यादा बेहतर होगा।

उल्लेखनीय है कि बहन कुमारी मायावती जी के नेतृत्व में अब तक उत्तर प्रदेश में चार बार बनी उनकी सरकार में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए तथा उनके आदर-सम्मान में जनहित की अनेकों महत्वपूर्ण योजनाएं और कार्यक्रम भी संचालित किये गये। इसके तहत अनुसूचित जातिजनजाति व पिछड़ा वर्ग एवं अन्य कमज़ोर वर्गों के लोगों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए डा. अम्बेडकर ग्रामसभा विकास विभाग का गठन करते हुए इनकी आबादी बाहुल्य वाले गांवों की तरक्की और खुशहाली के लिए डा. भीमराव अम्बेडकर ग्रामसभा विकास योजना काफी प्रभावी ढंग से चलायी गयी। इसके अलावा, 10 हज़ार डा. अम्बेडकर ग्रामों की अनुसूचित जाति की बसितयों में सोडियम लाइट लगाये गये। अम्बेडकर ग्राम सभाओं की प्रत्येक दलित बसितयों में बहुउíेशीय सामुदायिक केन्द्र बनाये गये। अनुसूचित जातिजनजाति वर्गों के लोगों को रोज़गार उपलब्ध कराने के उददेश्य से डा. अम्बेडकर विशेष रोज़गार योजना को प्रभावी रूप से संचालित किया गया।

इसी प्रकार, बाबा साहेब के सम्मान में आगरा विश्वविधालय का नामकरण बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर किया गया। इसी विश्वविधालय में बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के नाम पर अम्बेडकर पीठ की भी स्थापना की गयी। डा. अम्बेडकर के नाम पर अनुसूचित जातिजनजाति कोचिंग सेन्टर की स्थापना जनपद अलीगढ़ और आगरा में की गयी। फै़ज़ाबाद मण्डल के अन्तर्गत अम्बेडकरनगर के नाम से नये जि़ले का गठन किया गया। वाराणसी में बाबा साहेब के नाम पर स्टेडियम का नामकरण तथा रामपुर में संग्रहालय व पुस्तकालय की स्थापना की गयी। इसके अलावा, जनपद बांदा में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर मेडिकल कालेज, नोएडा तथा गे्रटर नोएडा में डा. भीमराव अम्बेडकर मल्टी सुपर स्पेशियल्टी अस्पताल स्थापित कराये गये।
साथ ही, कानपुर में डा. अम्बेडकर इन्स्टीटयूट आफ टेक्नालाजी फार हैण्डीकैप्ड तथा जनपद आज़मगढ़ में डा. अम्बेडकर भवन का निर्माण कराया गया। जनपद मैनपुरी तथा क़न्नौज में डा. भीमराव अम्बेडकर राजकीय महाविधालय की स्थापना की गयी। इसी प्रकार, लखनऊ में डा. भीमराव अम्बेडकर अन्तर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम तथा गे्रटर नोएडा में 500 सीटों वाले डा. अम्बेडकर अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावास का निर्माण कराया गया। आगरा एवं गौतम बुद्ध नगर में डा. अम्बेडकर पार्क स्थापित किया गया। लखनऊ में डा. अम्बेडकर पर्यावरण म्यूजि़यम तथा डा. अम्बेडकर पर्यावरण परिसर का निर्माण कराया गया। बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर विश्वविधालय, लखनऊ में अम्बेडकर पीठ की स्थापना तथा प्रशासनिक भवन संकुल का निर्माण कराया गया है।

बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के उददेश्य से ही बी.एस.पी. सरकार द्वारा लखनऊ में गोमती नदी के तट पर विश्व-स्तरीय  ”डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल” स्थापित किया गया है, जिसके अन्र्तगत डा. भीमराव अम्बेडकर विहार, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन गैलरी, डा. भीमराव अम्बेडकर स्मारक दृश्य स्थल, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन प्रतिबिम्ब स्थल तथा सामाजिक परिवर्तन संग्रहालय स्थापित है। इसके अलावा, डा. भीमराव अम्बेडकर गोमती पार्क का निर्माण और इस पार्क में डा. अम्बेडकर की प्रतिमा भी स्थापित की गयी। साथ ही, लखनऊ में डा. भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-1, खण्ड-2, खण्ड-3 एवं डा. भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-4, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल हेतु नवीनीकृत गोमती बि्रज, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल हेतु ओवर बि्रज का निर्माण भी कराया गया। डा. भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-1 में बाबा साहेब की चहुँमुखी प्रतिमा की स्थापना की गयी है।

बी.एस.पी. सरकार द्वारा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर लघु उधमी प्रादेशिक पुरस्कार योजना, डा. अम्बेडकर नि:शुल्क बोरिंग योजना तथा डा. अम्बेडकर कृषि ऊर्जा सुधार योजना भी संचालित की गयी। इसके अलावा, लखनऊ में देश के सबसे बड़े सभागारों में एक डा. भीमराव अम्बेडकर सभागार का निर्माण तथा सभागार परिसर में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित की गयी है। दिल्ली के नज़दीक नोएडा में भी भव्य ”राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल” स्थापित करके इसमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के साथ-साथ, देश में दलित एवं अन्य पिछड़े वगोर्ं में जन्मे अनेकों और महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों को भी पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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अवस्थापना सुविधाओं के लिए धनराशि स्वीकृत

Posted on 07 December 2013 by admin

उत्तर प्रदेश शासन ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में नया सवेरा नगर विकास योजना के तहत तीन नगर पंचायत-अकबरपुर (कानपुर देहात), शीशगढ़ (बरेली) तथा जफराबाद (जौनपुर) को अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 72.36 लाख रुपये व्याज रहित ऋण के रूप में स्वीकृत किये हैं। इसी प्रकार नगरीय सड़क सुधार योजना के अन्तर्गत 12 स्थानीय निकायों में सड़कों के निर्माण के लिए 461.50 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त की गयी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री श्री बलराम यादव ने कहा

Posted on 07 December 2013 by admin

उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री श्री बलराम यादव ने कहा कि भूख मुकित एवं जीवन रक्षा गारण्टी योजना के तहत बी0पी0एल0 परिवार की गरीब महिलाओं को दो-दो साड़ी एवं वृद्ध जनों को एक-एक कम्बल शीघ्र वितरण किया जाना है। प्रदेश सरकार साड़ी वितरण योजना के अन्तर्गत यूपिका एवं यू0पी0 हैण्डलूम कार्पोरेशन के माध्यम से सीधे बुनकरों से साड़ी क्रय करेगी इससे बुनकरों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा और उनकी आर्थिक सिथति भी मजबूत होगी।
यह बात यहाँ विधान भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा करते हुए पंचायतीराज मंत्री श्री बलराम यादव ने कही। उन्होंने कहा कि साड़ी के लगभग 2.10 करोड़ एवं कम्बल के 57 लाख लाभार्थी पात्र पाये गये हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि योजना के तहत बड़ी संख्या में साड़ी एवं कम्बल की आवश्यकता होगी इसकी उपलब्धता हेतु कार्य योजना शीघ्र बना ली जाये। उन्होंने गत 4 दिसम्बर को निदेशक पंचायती राज एवं बुनकर प्रतिनिधियों के साथ हुर्इ बैठक में विचारणीय बिन्दु-साड़ी की विशिषिटयों में आंशिक संशोधन, लागत मूल्य एवं भुगतान प्रणाली को सरल बनाने आदि बिन्दुओं पर 15 दिसम्बर तक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुये कहा कि नियम को व्यवहारिक एवं पारदर्शी बनाया जाये ताकि बनुकरों को भुगतान समय से किया जा सके। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाये।

श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बुनकरों को हैण्डलूम चलाने एवं उत्पादकता बढ़ाने हेतु उन्हें फ्लैट रेट पर बिजली की आपूर्ति की जा रही है। लगभग 64 हजार बुनकरों के फ्लैट रैट बिजली के पासबुक बनाये गये हैं। बुनकरों के उत्पाद के विपणन हेतु मुबारकपुर, आजमगढ़ में विपणन केन्द्र की स्थापना के लिए 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गर्इ है। उन्होंने कहा योजना के तहत बुनकरों की माली हालत में सुधार, रोजगार-सृृजन एवं हथकरघा उधोग को बढ़ावा देने हेतु ही सीधे बुनकरों से साड़ी क्रय करने की योजना बनार्इ गयी है। उन्होंने बताया कि भूख मुकित एवं जीवन रक्षा गारण्टी योजना के तहत बी0पी0एल0 परिवार की 18 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को दो-दो साड़ी एवं 65 वर्ष के वृद्ध जनों को एक-एक कम्बल दिये जाने हेतु कुल 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है जिसके सापेक्ष 500 करोड़ रुपये जनपदों को जारी कर दिये गये।
बैठक में प्रमुख सचिव पंचायतीराज श्री अरूण सिंघल, विशेष सचिव श्री भरत लाल राय, निदेशक पंचायतीराज श्री सौरभ बाबू, वरिष्ठ प्रबन्धक यू0पी0 हैण्डलूम श्री आर0एस0गुप्ता एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपसिथत थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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प्रबन्ध निदेशक द्वारा चीनी मिलों का औचक निरीक्षण

Posted on 07 December 2013 by admin

उ0प्र0 सहकारी चीनी मिल संघ के प्रबन्ध निदेशक डा0 बी0के0यादव ने सरकारी चीनी मिल पुवाया व पूरनपुर का औचक निरीक्षण किया। पूरनपुर चीनी मिल में निरीक्षण के दौरान मुख्य रसायनविद श्री सी0बी0 सिंह के क्रिया-कलापों को चीनी मिल के हितों के प्रतिकूल पाया गया। निर्धारित मानकों के अनुसार चीनी मिल संचालित न करने का दोषी पाया गया जिसके कारण तकनीकी विशेषज्ञों की संस्तुति के उपरान्त उनकों पदावनत कर दूसरी चीनी मिल में स्थानान्तारित कर दिया गया है।
पुवाया चीनी मिल-जनपद शाहजहाँपुर के निरीक्षण के दौरान प्रबन्ध निदेशक द्वारा चीनी मिल के प्रधान प्रबन्धक को समय से चीनी मिल चलाने के निर्देश देते हुये 15 दिसम्बर 2013 तक चीनी मिल के समस्त कार्य पूर्ण कराने हेतु कहा गया। पुवाया चीनी मिल पिछले तीन वर्ष से बन्द थी। इस मिल के चलने से यहाँ के किसानों में काफी उत्साह है।
श्री यादव ने सभी सहकारी चीनी मिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसी भी चीनी मिल में कार्य के प्रति लापरवाही नहीं होनी चाहिए। चीनी मिले पुरी क्षमता के साथ चलार्इ जाय। उन्होंने कहा कि कार्य में लापरवाही पाये जाने पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों को औचक निरीक्षण पूरी पेरार्इ सत्र में उनके द्वारा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी मिल में कोर्इ तकनीकी गड़बड़ी होने पर तत्काल मुख्यालय सिथति कन्ट्रोल रूम को सूचित किया जाय।
प्रदेश में 23 सहकारी क्षेत्र की तथा एक चीनी निगम की चीनी मिल पेरार्इ का कार्य प्रारम्भ कर दी है। एक चीनी मिल पुवाया जनपद शाहजहाँपुर 20 दिसम्बर तक चलने का प्रस्ताव है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति श्री नेल्सन मंडेला के निधन पर गहरा दु:ख जताते हुए कहा

Posted on 07 December 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति श्री नेल्सन मंडेला के निधन पर गहरा दु:ख जताते हुए कहा है कि वे रंगभेद, नस्लभेद के खिलाफ अहिंसक आंदोलन के महान नायक थे। उन्होने गांधी जी के रास्ते पर चलकर दक्षिण अफ्रीका को बि्रटिष साम्राज्यशाही से मुकित दिलार्इ थी। उनका निधन सम्पूर्ण मानवता की क्षति है।
श्री यादव ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना जतार्इ है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा

Posted on 07 December 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में विकास की गति में अवरोधक की भूमिका में बसपा, कांग्रेस और भाजपा जनविरोधी गतिविधियों में उतर आए हैं। इन सबने एक सुर में समाजवादी पार्टी सरकार का विरोध शुरू कर दिया है। दरअसल इन सभी दलों की चिन्ता यह है कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के विकास एजेण्डा से इनके प्रति जनता में अविश्वास बढ़ रहा है। लोग इनकी नीतियों से ऊब गए हैं और समाजवादी पार्टी के लिए दिन प्रतिदिन उनका रूझान बढ़ रहा है।
बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता को प्रदेश की जनता ने पांच सालों तक झेला है। उनको मुजफफरनगर और शामली में कैम्पों मेें रह रहे बच्चो की याद अब आर्इ है। उनकी इस दिखाऊ सहानुभूति का कोर्इ असर नहीं होने वाला है क्योंकि सब जानते हैं कि अपने कार्यकाल में उन्होने किसी दलित को अपने पास नहीं फटकने दिया। वे ऐसे पांच लोगों का नाम भी नहीं बता सकती है जिनके दु:खदर्द मेें वे शामिल हुर्इ हों। वे तो समाजवादी पार्टी सरकार से उसके सत्ता में आने के पहले दिन से ही नाराज हैं और हर 15-20 दिनो में अपनी रूटीन प्रेसवार्ता में वे पुराने लिखे हुए पन्ने पढ़ने लगती है। वे समझती हैं कि जनता इनके झांसे में आ जाएगी।
सच तो यह है कि सुश्री मायावती को डा0 भीमराव अम्बेडकर का नाम लेने का भी अधिकार नहीं है। डा0 अम्बेडकर के विचारों से उल्टे वे दलितों को बरगलाने और सत्ता के लिए उनके सभी सिद्धांतों से समझौता करने की माहिर है। डा0 अम्बेडकर तो समाजवादी नेता डा0 राम मनोहर लोहिया से मिलकर सामाजिक क्रांति की दिशा में राजनीति का रूख मोड़ने की कोशिश में ही थे।  बसपा अध्यक्ष को सिर्फ अपनी मूर्तियों की स्थापना करने और पत्थरों से दोनों हाथों से कमीशन बटोरने का ही काम रह गया था।
बसपा के भ्रष्टाचार को बढ़ाने में कांग्रेस और भाजपा की साझेदारी रही है। प्रदेश को खोखला करने और बदनाम करने का काम बसपा शासन के पांच वर्षो में किया गया। भाजपा ने सांप्रदायिकता का जहर फैलाया। बाबरी मसिजद ध्वंस कर संविधान के साथ खिलवाड़ किया। कांग्रेस ने शिलान्यास और मसिजद में मूर्ति पूजा कराने में सहयोग किया। राष्ट्र की एकता और सामाजिक सामंजस्य को नष्ट करने की इस साजिश में कांग्रेस भाजपा और बसपा तीनों का गठजोड़ रहा है।
समाजवादी पार्टी ने बसपा के कुशासन  की खिलाफत की, कांग्रेस की यथासिथति नीतियों का विरोध किया और भाजपा की सांप्रदायिकता को उसकी सीमाओं में कैद करने का साहस दिखाया है। श्री मुलायम सिंह यादव लगातार साम्प्रदायिकता ताकतों को चुनौती देते रहे है। अल्पसंख्यकों की आस्था को बचाए रखने का काम उन्होने किया है। समाजवादी पार्टी की सरकार सभी के हित की योजनाएं चला रही है और समाज के पिछड़े, कमजोर और वंचित तबको के लिए सामाजिक न्याय की लड़ार्इ लड़ रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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महिला विधालय में ”व्यकितत्व एवं दृषिटकोण विकास पर एक सप्ताह की प्रथम अभ्यासगत प्रशिक्षण कार्यशाला के द्वितीय दिवस पर - घ्यान एवं वकृता कौशल पर डा0 रशिमी सोनी से मिला प्रशिक्षण

Posted on 07 December 2013 by admin

मैडम मुझमें आत्म विश्वास की कमी है। संवाद एवं सार्वजनिक व्याख्यान देते समय हिचकिचाहट होती है - जबान लड़खड़ाती है एवं कहीं गलत ना बोल जायें इसलिये खामोश रहते हैं। मुझे सब पढ़ने के बाद भी स्मरण में कुछ नहीं रहता। मै एकाग्र होकर अपनी पढ़ार्इ पर ध्यान नही दे पाती हू।  यह कुछ सवाल थे जो कि छात्राओं ने कार्यशाला की संचालिका एवं महिला विधालय की शिक्षिका एवं मनोवैज्ञानिक डा0 रशिमी सोनी से द्वितीय दिवस पर ”व्यकितत्व एवं दृषिटकोण विकास (च्मतेवदंसपजल - ।जजपजनकम क्मअवसमचउमदज) विषय पर प्रथम अभ्यासगत प्रशिक्षण एक सप्ताह की कार्यशाला में पूछे। डा0 सोनी ने कार्यशाला के प्रथम सत्र में आज छात्राओं को बताया एवं अभ्यासन कराया कि कैसे हम अपने जीवन में लक्ष्य तय करें एवं अपने जीवन मूल्यों को कैसे पहचानें, हमारे जीवन के क्या सिद्धान्त हैं, हमारी अभिरूचि एवं व्यकितगत योग्यतायें पर ध्यान केनिद्रत करें। मानवीय सम्बंधों के सिद्धान्तों पर छात्राओं को कल दिये गये तीनो मंत्रो  - स्वीकार करना, प्रशंसा करना एवं समायोजित करना को 40 चालीस छात्राओं में बने समूह में कैसे अमल में लाया। इस पर उनके फीडबैक को कार्यशाला में लिया गया। प्रतिभागियों को उनके जीवन के सबसे सुखद पहलू पर अंगेजी में पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी-अपनी बात रखने के प्रशिक्षण के साथ साथ अभिव्यकित का अवसर भी प्रदान किया गया। ध्यान द्वारा एकाग्र होने पर छात्राओं को ध्यान के विभिन्न गुर बताते हुए डा0 सोनी ने प्रतिभागियों से उसे व्यवहारिक रूप में करवा कर भी कार्यशाला की सार्थकता प्रदान की। डा0 रशिमी सोनी ने कहा कि आत्म अवलोकन द्वारा इन चारों के समुचित विकास के लिए शिक्षा के दौरान विधालय परिसर में शिक्षकोंविशेषज्ञों द्वारा इस दिशा में सतत संवाद भी छात्राओं से होना आज समय की सबसे बड़ी मांग है। व्यकित अपने जीवन में कितना सफल है इसका मूल्यांकन उसके सोचने (दृषिटकोण) के तरीके पर निर्भर करता है जिसके द्वारा वह परिसिथतियों का मुकाबला भी कर एवं उन्हें अपने लिये अवसर में बदल कर लक्ष्य की प्रापित भी कर सकता है। विभिन्न सत्रों में जिन्दगी को और बेहतर बनाने एवं अपने जीवन के सही उददेश्यों एवं लक्ष्यों की प्रापित हेतु यह बताया जायेगा कि यह जरूरी है कि व्यकित शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक तथा अध्यातिमक पक्षों पर ध्यान दें।

प्रतिभागियों द्वारा इस अवसर पर अपने अनुभव में कहा कि जीवन में पहली बार पाठयक्रम की शिक्षा के मध्य इस कार्यशाला के प्रशिक्षण से हमें जीवन में परिवर्तन की आहट महसूस होने लगी है। कार्यशाला का संचालन विधालय के सभागार में आज प्रात: 09 बजे से अपरान्ह 12 बजे तक किया गया।
ज्ञातव्य हो कि कार्यशाला महिला कालेज में कार्यरत सांस्कृतिक पीठ इला कौल कमल सृजन पीठ के साफ्ट सिकल्स क्लब के तत्वाधान में महिला विधालय द्वारा यह अभिनव प्रयोग किया जा रहा है, जिसमें एक एक सप्ताह की प्रशिक्षण कार्यशाला में चालीस छात्राओं के प्रशिक्षण के कार्यक्रम में भाग लिया। जिसमें सवांद की तकनीकें, सार्वजनिक व्याख्यान देने की कला, आत्मविश्वास का निर्माण, तनाव एवं गुस्से पर नियंत्रण की विधा, लक्ष्यप्रापित एवं समय के प्रबंधन की तकनीके, स्मरण शकित का विस्तार, एकाग्र होने का अभ्यास एवं शकित का विकास एवं सम्बंधों में सकारात्मक बन्धनों का विकास सहित अन्य विषयों पर व्यवहारिक एवं अभ्यासगत प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 09, 12, 19, 20 एवं 21 दिसम्बर को विधालय के सभागार में प्रात: 09 बजे से अपरान्ह 12 बजे तक संचालित होता रहेगा। दिनांक 28 नवम्बर 2013 को इसी विषय पर परिचयात्मक व्याख्यान देते हुए डा0 रशिमी सोनी कहा था कि व्यकितत्व एवं दृषिटकोण विकास के कर्इ आयाम है। उनके द्वारा विधालय में वर्ष भर ऐसे कर्इ प्रशिक्षण कार्यक्रम भी विधालय की छात्राओं हेतु आयोजित होंगेे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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भारत का संविधान देश के सभी नागरिकों के लिए बराबरीए आजादीए न्या य एवं आत्म सम्माशन सुनिश्चित करता है

Posted on 07 December 2013 by admin

भारत का संविधान देश के सभी नागरिकों के लिए बराबरीए आजादीए न्या य एवं आत्म सम्माशन सुनिश्चित करता है और इन लक्ष्यों  को हासिल करने के लिए निशक्त जनों समेत सभी नागरिकों के लिए एक समावेशी समाज के निर्देश दिए है। विभिन्ना विषयों को लेकर संविधान में उल्लेिखित अनुसूचियों में निशक्तहजनों के शक्तिकरण की प्रत्यिक्ष जिम्मेेदारी राज्यत सरकारों को दी गई है। इस वजह से निशक्तयजनों के सशवक्तिकरण की प्राथमिक जिम्मेशदारी राज्यो सरकारों पर भी हैं। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार देश में विभिन्नश प्रकार के व्यायधियों से ग्रस्तै लोगों की संख्यास 2ण्19 करोड़ है जो देश की कुल आबादी का 2ण्13 प्रतिशत है। इनमें दृष्टिबाधिताए सुननेए बोलनेए चलने.फिरने में लाचार और मानसिक निशक्तवता से पीडि़त लोग शामिल हैं।
भारत श्श्एशिया प्रशांत में निशक्तबजनों की बराबरी और पूर्ण भागीदारी से जुड़े समझौतेश्श् पर हस्ताोक्षर कर चुका है। इसके अलावा भारत ने एक समावेशी बाधारहित और अधिकारयुक्तस समाज की दिशा में प्रयत्नरशील श्बिवाको मिलेनियम फ्रेमवर्कश्श् समझौते पर भी हस्ताुक्षर किये है। भारत ने निशक्त्जनों के अधिकारों और अस्मिता की सुरक्षा तथा उसे बढ़ावा देने के संयुक्तस राष्ट्रत सम्मेतलन पर भी हस्ता क्षर किये है और 1 अक्तूाबरए 2008 को इसका अनुमोदन किया था। देश में निशक्त्जनों के लिए वर्ष 2005 में एक राष्ट्रीाय नीति बनाई गई थी। इस नीति में मुख्ये ध्या्न विभिन्नए प्रकार की निशक्तंताओं को रोकनेए ऐसे लोगों के आर्थिक एवं भौतिक पुनर्वास के उपायों पर केंद्रित किया गया है। इस नीति को सरकार एवं अन्य  एजेंसियों द्वारा क्रियान्वित किया जाना है। संयुक्तय राष्ट्रस के दिशा.निर्देशों के अनुसार विश्वो में प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीैय निशक्ततता दिवस मनाया जा रहा है।

निशक्त जनों के लिए राष्ट्री य संस्थातन

देश की निशक्तन आबादी की विभिन्नन समस्यांओं से कारगर तरीके से निपटने के लिए प्रत्येकक श्रेणी के निशक्त्जनों के लिए निम्ननलिखित राष्ट्रीएय संस्थाीनों की स्थापपना की गई है।
1ण्      राष्ट्री य दृष्टिबाधिता संस्थाननए देहरादून
2ण्     राष्ट्री य ओर्थोपेडिकली संस्थानन कोलकोता
3ण्     अली यावर जंग राष्ट्री य बधिर संस्थाान मुबंई
4ण्     राष्ट्री य मानसिक विकलांग संस्थाथनए सिकंदराबाद
5ण्     राष्ट्री य पुनर्वासए प्रशिक्षण एवं शोध संस्थादनए कटक
6ण्     शारीरिक विकलांग संस्था्नए नई दिल्ली
7ण्     राष्ट्री य बहुव्यासधी सशक्तीशकरण संस्थाानए चेन्नसर्इ

ये सभी संस्थाान नई.नई खोजों और ऐसे लोगों की क्षमता में विकास से जुडे प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सेवा प्रदान करने जैसे कार्यक्रमों के लिए मुख्यो रूप से जिम्मेादार है। निशक्त्जनों के लिए देश के पांच समग्र क्षेत्रीय केंद्रों – श्रीनगरए लखनऊए भोपालए सुंदरनगर और गुवाहाटी में क्षेत्रीय पुनर्वास केंद्र हैं। ये केंद्र विभिन्न‍ प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए निशक्ताजनों को व्या पक प्रशिक्षण देकर तथा उनके पुनर्वास में मदद करते है। रीढ़ की हड्डी की चोट के कारण तथा हड्डियों एवं मांसपेशियों में विभिन्नप व्यामधियों से ग्रस्त् लोगों के लिए मोहालीए कटकए जबलपुर और बरेली में चार क्षेत्रीय पुनर्वास केंद्र ऐसे लोगों को बेहतर सेवाएं दे रहे हैं ताकि वे अपना जीवन आत्मंसम्मा न से जिये और दूसरों पर आश्रित न हो। कानपुर स्थित कृत्रिम बांह निर्माण निगम एएलआईएमसीओ सावर्जनिक क्षेत्र का निकाय है जो निशक्तकजनों के लिए सहायक उपकरण बनाने में संलग्नि है। यहां तैयार किये जाने वाले उत्पातदों को भारतीय मानक संस्थाान द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करना जरूरी है। इन उत्पातदों का विपणन क्षेत्रीय विपणन केंद्रों. कोलकोताए मुबंईए चेन्नाईए भुवनेश्वगर और दिल्ली् द्वारा किया जाता है। इसके अलावा राष्ट्री य संस्था.नों और स्वै छिक संगठनों की भी इनमें मदद ली जाती है।

वित्तीीय सहायता

राष्ट्री य विकलांगता वित्त् एवं विकास निगम श्एनएचएफडीसीश् विकलांगजनों को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाने के लिए उन्हेंी ऋण सुविधाएं प्रदान करने में शीर्ष स्त र का वित्तीकय संस्था न है। राज्यभ सरकारोंध्संघशासित प्रदेशों और गैर.सरकारी संगठनों द्वारा अधिकृ‍त विभिन्न् एजेंसियों के माध्य।म से अनुदान राशि वितरित की जाती है। यह निगम स्नानतक एवं उच्चं शिक्षा के लिए ऋण सहायता उपलब्धअ कराता है। इसके अलावा यह उनकी तकनीकी एवं व्याषपारिक कौशल के उन्न‍यनए उनकी उत्पा दन इकाईयों के बेहतर प्रबंधन में भी सहायता करता है। केंद्र सरकार विकलांगजनों के लिए सहायक उपकरणों एवं मशीनों की खरीद के लिए एक सहायता योजना क्रियान्वित कर रही हैं। इस योजना का मुख्यं लक्ष्य  जरूरतमंद निशक्तयजनों को उनके काम में आने वाले बेहतरए टिकाऊए वैज्ञानिक रूप से निर्मित उपकरणों की खरीद में सहायता करना है जिससे उनके भौतिक सामाजिक एवं मानसिक पुनर्वास को बढ़ावा मिल सके और वे अपनी विकलांगता के प्रभाव को कम करते हुए अपनी आर्थिरक समताओं में वृद्धि कर सके। यह योजना एजेंसियों जैसे स्वैतछिक संगठनोंए सामाजिक न्या्य एवं आधिकारिक मंत्रालय के तहत राष्ट्री य संस्थाेनों एएलआईएमसीओए जिला परिषदोंए जिला ग्रामीण विकास एजेंसियों के द्वारा लागू की जाती है। इस तरह के कार्यों में जुड़ी क्रियान्वजयन एजेंसियां सहायक उपकरणों एवं मशीनों की खरीदारी उनके निर्माण एवं वितरण के लिए अनुदान राशि उपलब्धक कराती है। इस योजना में ऐसे लोगों के चिकित्साए सर्जरी भी शामिल हैं ताकि इसके बाद उनमें इस तरह के उपकरण अथवा कृत्रिम अंग बखूबी लगाए जा सके।

कानूनी उपाय
सर्वोच्चप न्या यालय के निर्देश
सर्वोच्चप न्या यालय ने हाल ही में एक ऐतिहासिक फैसले में सरकार को निशक्तजजनों को आवंटित किए गए तीन प्रतिशत आरक्षण को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। सर्वोच्चज न्याियालय ने सरकार को यह भी निर्देश दिए हैं कि वह निशक्तद.जनों के मानवीय अधिकारों की रक्षा करे और सार्वजनिक स्था नों और दफ्तरों में उनके लिए बाधारहित माहौल को सुनिश्चिमत बनाया जाए।
निशक्तजजन अधिनियमए 1995
फरवरी 1996 से निशक्ताजन ;समान अवसरए अधिकार सुरक्षा एवं पूरी भागीदारीद्ध अधिनियमए 1995 के नाम से एक विस्तृ्त कानून लागू किया गया है। इस कानून में केंद्रीय व राज्यर दोनों स्त5रों पर शिक्षा रोजगार एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसे पुनर्वास के निवारण व प्रोत्सारहन संबंधी पहलुओंए बाधारहित माहौल के निर्माणए निशक्तनजनों के लिए पुनर्वास सेवाओं के प्रावधानए संस्थाधगत सेवाओं और सहयोगी सामाजिक सुरक्षा युक्तियों जैसे बेरोजगारी भत्ता  और शिकायतों के निपटान के प्रावधान है। नि‍शक्तहजनों के बारे में मुख्य  आयुक्तत निशक्तरजन ;समान अवसरए अधिकार सुरक्षा एवं पूरी भागीदारीद्ध अधिनियमए 1995 की धारा 57 के अंतर्गत नियुक्तं किए गए एक महत्वरपूर्ण वैधानिक अधिकारी हैं। मुख्यध आयुक्तय के कार्यों और कर्तव्योंज में निशक्तनजनों के लिए राज्य  आयुक्तोंा के कामों का ताल.मेल बनाए रखनाए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए अनुदानों के उपयोग पर निगरानी रखनाए निशक्तोजनों को दिए गए अधिकारों एवं सुविधाओं की रक्षा के लिए कदम उठाना और निशक्तोजनों को अधिकारों से वंचित रखे जाने पर की गई शिकायतों पर गौर करना शामिल है। मुख्या आयुक्त  निशक्तिजनों के लिए बने किसी नियम. कानून को लागू न किए जाने पर इस मामले का स्वितरू संज्ञान ले सकते है और गवाहों को बुलानेए उनका पता लगानेए पुनरू पूछताछ और किसी प्रकार के दस्ता वेजों को पेश करने संबंधी नागरिक न्याूयालय के अधिकार रखते है। निशक्त जनों के लिए राष्ट्री य न्या स ऑटिज़्ंमए सेरीब्रल पल्सीाए मानसिक विकलांगता और विभिन्ना प्रकार की व्याकधियों संबंधी अधिनियमए 1999 के अंतर्गत स्थातपित की गई एक वैधानिक संस्थाऔ है।
इस न्यानस का मुख्यं उद्देश्यप ऐसी व्यााधियों से ग्रस्त। व्यकक्तियों को जहां तक संभव हो सकेए आत्म‍निर्भरता से जीने के समर्थ व सशक्त  बनानाए आवश्य कता आधारित सेवाएं प्रदान करने वाले संगठनों के पंजीकरण के लिए सहयोग बढ़ाने और आवश्य कता पड़ने पर निशक्ताजनों के कानूनी संरक्षक नियुक्तढ करने की प्रक्रिया शुरू करना है।
भारतीय पुनर्वास परिषद
भारतीय पुनर्वास परिषद 1992 के भारतीय पुनर्वास परिषद अधिनियम के अंतर्गत स्था पित की गई एक वैधानिक संस्था9 है। यह परिषद पुनर्वास के क्षेत्र में विभिन्नत प्रकार के पेशेवरों के लिए प्रशि‍क्षण नीतियां व कार्यक्रम विधिवत रूप से तैयार करने व विशेष शिक्षा का दायित्वं संभालता है। इसके कार्यों में देशभर में सारे प्रशिक्षण संस्था नों में विभिन्नक स्तररों पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को नियंत्रित करनाए पारस्पतरिक आधार पर देश में व देश के बाहर निशक्त्जनों के पुनर्वास के क्षेत्र में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाने वाले संस्थाेनोंध्विश्विविद्यालयों को मान्यतता प्रदान करनाए पुनर्वास और विशेष शिक्षा के क्षेत्र में शोध को प्रोत्सााहन देनाए पुनर्वास के क्षेत्र में मान्याता प्राप्तर योग्येताएं रखने वाले पेशेवरों के लिए एक केंद्रीय पुनर्वास पंजीकरण प्रक्रिया का रख.रखाव और विकलांगता के क्षेत्र में काम कर रही संस्था ओं के सहयोग से पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रमों को जारी रखने को प्रोत्सा हन देना है।;पसूकाद्ध

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू

Posted on 07 December 2013 by admin

केंद्र सरकार ने सातवें केंद्रीय वित्त् आयोग के गठनए इसके विचारार्थ विषयों और रिपोर्ट सौंपने की संभावित समय.सीमा से जुड़ी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसकी रिपोर्ट उपलब्धट होने पर ही इसके प्रभावी होने की तिथि का पता लगेगा। वित्त  मंत्रालय में राज्यध मंत्री श्री नमो नारायण मीणा ने आज लोकसभा में एक प्रश्न् के लिखित उत्तरर में यह जानकारी दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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श्री आनन्दी शर्मा ने श्री नेल्स न मंडेला के निधन पर शोक व्यिक्तग किया

Posted on 07 December 2013 by admin

केन्द्री य वाणिज्ये और उद्योग मंत्री तथा भारतीय रंगभेद विरोधी आंदोलन के पूर्व अध्य क्ष श्री आनन्दय शर्मा ने श्री नेल्सरन मंडेला के निधन पर गहरा दुख व्य क्तक किया है। अपने शोक संदेश में उन्होंऔने कहारूश्श्दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के दौर के समापन के बाद के प्रथम राष्ट्र पति नेल्सखन मंडेला के निधन से हम सभी को गहरा दुख पहुंचा है। उनके निधन से विश्वर ने स्वालधीनता और मानव गरिमा का महान प्रतीक खो दिया है। वे एक ऐसे नेता थेए जिन्होंकने दुनिया भर में भेदभाव और दमन के शिकार लाखों लोगों में आशाए साहस और हिम्म‍त का प्रसार किया । उन्होंपने रंगभेद के अभिशाप के विरुद्ध दक्षिण अफ्रीकी जनता के साहसपूर्ण संघर्ष का नेतृत्व  किया और नृशंस रंगभेदी शासन का तख्ता  पलट सुनिश्चित किया।
श्री मंडेला में अपने उद्देश्ये के प्रति अपार दृढ़ताए अपने साहस के प्रति अटूट विश्वानस और अथाह नम्रता थी। कई वर्षों तक कालकोठरी में बंद रहने सहित दशकों की कैद के बावजूद वे अपने विकट संघर्ष के प्रति दृढ़निश्च य के साथ संकल्पकबद्ध रहें। गैर.रंगभेदी लोकतांत्रिक दक्षिण अफ्रीका के प्रथम राष्ट्रनपति होने के नाते उन्हों ने सच्चा ई और सु‍लह के मार्ग का अनुसरण करते हुए दशकों की रंगभेदी तानाशाही और हिंसा से आहत लोगों के जख्मोंा पर मरहम लगाया। वे सच्चें नायक और युवाओंए कार्यकर्ताओं तथा स्वााधीनता सेनानियों की कई पीढि़यों के प्रेरणास्रोत थें। उनके निधन ने विश्वा को बेहद दुख से भर दिया है और ये दिन एक युग के अंत का प्रतीक है। इतिहास श्री मंडेला के संघर्ष और बलिदान को आदर से याद करेगा। जिन सिद्धांतों का उन्हों ने समर्थन कियाए वे आने वाली पीढि़यों को निरंतर प्रेरित करते रहेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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