Posted on 16 September 2013 by admin
राष्ट्रीय लोकदल महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी आज दूसरी बार चुपके से मुजफ्फरनगर पहुंचे तथा हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार वालों से बातचीत कर अपनी संवेदना व्यक्त की और लोगों से आग्रह किया कि वे मिलजुलकर रहें जो इस क्षेत्र की परंपरा रही है।
दंगों की सीबीआर्इ जांच की मांग करते हुए जयन्त चौधरी ने राज्य सरकार से न्याय न मिलने तक लड़ने तथा अयोग्य, भ्रष्ट और निर्दयी सपा सरकार को राज्य की सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि 7 सितम्बर तथा उसके बाद की घटनाओं में प्रशासन की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
जयन्त चौधरी ने तड़के सुबह 5 बजे बिना किसी पार्टी पदाधिकारी को सूचित किए तथा बिना सुरक्षा के राज्य में प्रवेश किया तथा मुजफ्फरनगर में तीन गांवों रहमतपुर, बसेड़ा और बोखलहेड़ी का दौरा किया। वह सबसे पहले बसेड़ा गांव पहुंचे और बृजपाल सिंह राणा के परिवारीजनों से मिले एवं अपनी संवेदना व्यक्त की। बृजपाल सिंह महापंचायत से लौटते समय 7 सितम्बर 2013 को मारे गए थे। उनकी चार लड़कियां तथा एक लड़का है, तीन लड़कियों की शादी हो चुकी है तथा लड़का 12वीं में पढ़ रहा है। उसके बाद वह रहमतपुर पहुंचे और अजय के परिवारीजनों से मिले। अजय की 7 सितम्बर 2013 को जाली गांव में हिंसा के दौरान मौत हुर्इ थी।
उसके बाद जयन्त चौधरी बोखलहेड़ी गांव पहुंचे तथा मृतक सोहनवीर और शौकत के परिवारीजनों से मिले। बाद में मुजफ्फरनगर में पार्टी के सांसद संजय सिंह चौहान के निवास पर जयन्त चौधरी ने दोनों समुदायों के बुजुर्ग लोगों के साथ बैठक कर पार्टी अध्यक्ष चौ. अजित सिंह का संदेश सुनाया जिसमें उन्होंने कहा, Þमैं तीन पीढि़यों के इस रिश्ते को नफरत के माहौल से टूटने नहीं दूंगा।ß बैठक में दोनों समुदाय के लोगों में शाही इमाम मौलाना जाकिर, मौलाना फुरकान, मौलाना जमालुददीन, कारी जकी, मौलाना जैलुददीन, कृष्णपाल राठी, सुधीर भारती, ठा. अरुण सिंह तथा अन्य लोग उपसिथत थे।
रालोद नेता जयन्त चौधरी ने कहा, Þमैंने दूसरी बार प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है। मैंने दोनों समुदायों के नेताओं तथा परिवारों से मुलाकात की है। लोग प्रशासन से दुखी तथा नाराज हैं। उत्तर प्रदेश सरकार लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। मैं सीबीआर्इ जांच तथा जान-माल की हानि का उचित मुआवजा देने की मांग करता हूं।Þ
जयन्त ने शांति तथा सुलह के लिए अपने-अपने समुदायों को मजबूत संदेश देने के लिए गांव के बुजुर्गों की भूमिका पर जोर दिया। जयन्त चौधरी ने पार्टी के लोगों को शांति बहाल करने तथा सक्रिय रूप से गांवों का दौरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, Þजो लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, मैं उनसे शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं तथा जो लोग अपने घर छोड़कर चले गए हैं, मैं उनको वापस लाने के लिए उनके गांवों में अनुकूल माहौल तैयार करने का कार्य करूंगा।ß
जयन्त की साधारण दौरा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दौरे से अलग है जिन्होंने 27 अगस्त 2013 को कवाल में पहली घटना के बाद लगभग 20 दिन बाद प्रभावित जिले का दौरा किया है। मुजफ्फरनगर तथा शामली में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के बजाए प्रशासन मुख्यमंत्री के इस दौरे की सुरक्षा व्यवस्था में पूरा जोर दे रहा है।
दूसरी बार जयन्त क्षेत्र में घुसने में कामयाब रहे। इससे पहले 13 सितम्बर 2013 को उत्तर प्रदेश पुलिस के रोकने से पहले ही उन्होंने मेरठ जनपद के तीन गांवों मोर खुर्द, मोहम्मदपुर शिखस्त तथा निलोखा का दौरा किया था। गाजियाबाद में प्रवेश करने के प्रयास में सांसद जयन्त चौधरी को 9 सितम्बर 2013 को गिरफ्तार किया गया था। रालोद अध्यक्ष तथा केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह को 9 सितम्बर 2013 को उत्तर प्रदेश में नहीं जाने दिया उसके बावजूद भी 12 सितम्बर को उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 September 2013 by admin
सहारनपुर के मण्डलायुक्त श्री भुवनेश कुमार ने कहा कि राहत शिविरों में सुविधाओं की कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस व प्रशासन दंगार्इयों के विरूद्ध और अधिक सख्ती करेगी। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर व शामली जनपदों में कुल 47 राहत शिविर लगाये गये है, जिनमें लगभग 43 हजार लोग शरण लिये हुए हैं। उन्होंने बताया कि दंगों में 27 मृतकों के परिजनों को दो करोड़ 75 लाख रुपये तथा गम्भीर व साधारण रूप से घायल पीडि़तों के बीच 10.50 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गयी है।
श्री भुवनेश कुमार ने आज राहत शिविरों का जायजा लेने के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनपद शामली की शामली तहसील में 06 कैम्पों में लगभग 12859 लोग तथा कैराना तहसील के 11 कैम्पों में 3501 व्यकित शरण लिये हुए है। इसी प्रकार मुजफ्फरनगर जनपद में 27,208 व्यकित राहत शिविरों में शरण लिये हुए है।
मण्डलायुक्त ने बताया कि राहत शिविरों में साफ-सफार्इ का समुचित ख्याल रखे जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। 05 कैम्पों में मोबाइल टायलेट तथा 02 मेें स्थार्इ टायलेट का व्यवस्था करार्इ गयी है। उन्होंने बताया कि राहत शिविर में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य की समुचित देख-रेख के लिए चिकित्सकों की टीम नियुक्त की गयी है तथा प्रत्येक दो या तीन शिविरों के बीच एक एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि राहत शिविरों की देखरेख करने के लिए प्रत्येक राहत शिविर पर एक-एक नोडल अधिकारी भी नामित किया गया है।
श्री भुवनेश कुमार ने बताया कि हिंसा में 26 मृतकों को 10-10 लाख रूपये तथा पत्रकार स्वर्गीय राजेश वर्मा के परिवारजनों को 15 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है। इसी प्रकार 20 साधारण रूप से घायल व्यकितयों को 20-20 हजार रूपये तथा 13 गम्भीर रूप से घायल व्यकितयों को 50-50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 16 September 2013 by admin
मुजफ्फरनगर में सिथति तेजी से सामान्य की ओर अग्रसर है। मुजफ्फरनगर में विगत 27, 30 व 31 अगस्त एवं 7 सितम्बर की घटनाओं के संबंध में तथा उसके बाद हुर्इ घटनाओं के मामलों की विवेचना के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन सेल का गठन किया गया है। विवेचना कार्य में विशेष रुप से दक्ष पुलिसकर्मी इसमें तैनात किये गये है।
मुजफ्फरनगर में मृतकों की कुल संख्या 39 है तथा घायलों की कुल संख्या 69 है। घायलों में से 18 व्यकित मेरठ उपचार के लिए भेजे गये है तथा 9 व्यकित मुजफ्फरनगर के अस्पताल में भर्ती है, जिनका सुचारु रुप से उपचार चल रहा है। घायलों में से शेष उपचार के उपरान्त अपने-अपने घरों में चले गये है। आज प्रात: लगभग 9:15 बजे ग्राम लोर्इ कस्बा व थाना फुगाना में सुभाष उर्फ अनिल व राजीव (दोनो जाट) ग्राम लोर्इ के जंगल में घास लेने गये थे। किन्ही अज्ञात व्यकितयों द्वारा उनको गोली मारे जाने की सूचना मिली है।
मुजफ्फरनगर में अब तक कुल 542 व्यकित गिरफ्तार किये गये है। नगर क्षेत्र के मिश्रित आबादी वाले तीन थाना क्षेत्रों कोतवाली, नर्इ मण्डी व सिविल लाइन में सिथति को सामान्य होते देख आज दिन में कफ्यर्ू में ढील प्रात: 7:00 बजे से सायं 7:00 बजे तक दी गयी, जिसमें अब तक शांति-व्यवस्था बनी रही। जनपद की सिथति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। थानों को सेक्टर में विभाजित कर गहन गश्त की जा रही है एवं पिकेट लगाये गये है। मुजफ्फरनगर जिले के ग्रामीण एवं नगरी क्षेत्रों में शांति समिति की बैठकें कर आपसी भार्इचारासौहार्द कायम किये जाने के प्रयास किये जा रहे है। मुजफ्फरनगर जिले में लगी सेना की 8 कालम टुकडि़यों का जनपद के संवेदनशील नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र में फ्लैग मार्च कराया गया। जिले में 36 कम्पनी पीएसी एवं केन्द्रीय अद्र्धसैनिक बल भी तैनात है। मुजफ्फरनगर जिले में 10 राहत शिविर कैम्प लगाये गये है जिनके द्वारा राहत सामग्री व अन्य सुविधायें प्रदान की जा रही हैं। 24 मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये प्रति मृतक के अनुसार कुल 2 करोड़ 40 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है। गम्भीर रुप से घायल 21 व्यकितयों को 50 हजार रुपये की दर से कुल 40 लाख 50 हजार एवं सामान्य रुप से घायल 48 व्यकितयों को 20 हजार रुपये की दर से कुल 9 लाख 60 रुपये की सहायता राशि का वितरण किया जा चुका है।
शामली में दंगे से एक व्यकित की मृत्यु होना पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया है शेष 3 अन्य व्यकित घटनाओं में मारे गये है। घायलों की कुल संख्या 12 है। एक कालम सेना एवं 13 कम्पनी पीएसी एवं केन्द्रीय अद्र्धसैनिक बल तैनात है। शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु कुल 170 व्यकितयो की गिरफ्तारी अब तक की गयी है। जनपद में सिथति नियंत्रण में है तथा सतर्क दृषिट रखी जा रही है।
सहारनपुर जिले में एक व्यकित की मृत्यु हुर्इ है तथा 9 व्यकितयों के घायल होने की सूचना है। जिले में 10 कम्पनी पीएसी एवं केन्द्रीय अद्र्वसैनिक बल तैनात है। शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु अब तक 190 व्यकितयों की गिरफ्तारी की गयी है। उल्लेखनीय है कि पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया है कि उपरोक्त उलिलखित एक व्यकित की मृत्यु दंगे से संबंधित है अथवा नही इसकी जानकारी प्राप्त की जा रही है। सिथति नियंत्रण में है तथा सतर्क दृषिट रखी जा रही है।
बागपत जिले में मृतकों की कुल संख्या 3 है तथा 7 व्यकित घायल हुये है। शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु अब तक 20 व्यकितयों की गिरफ्तारी की गयी है। धारा 151107116 में 882 व्यकितयों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 9 कम्पनी पीएसी एवं केन्द्रीय अद्र्वसैनिक बल की व्यवस्था की गयी है। सिथति नियंत्रण में है। फोर्स द्वारा सतर्क दृषिट रखी जा रही है।
मेरठ जिले में मृतकों की कुल संख्या दो है। 7 कम्पनी पीएसी एवं केन्द्रीय अद्र्वसैनिक बल तैनात है। धारा 151107116 में 911 व्यकितयों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि जनपद में कुल 03 व्यकितयों की मृत्यु हुर्इ जिनमें से 2 का संबंध दंगे से है तथा एक व्यकित अन्य घटनाओं से है। वर्तमान समय में सिथति नियंत्रण में है। फोर्स द्वारा सतर्क दृषिट रखी जा रही है ताकि कोर्इ अन्य अप्रिय घटना न घट सके।
हापुड़ जिले में 1 कम्पनी पीएसी तैनात है। कानून व्यवस्था हेतु जिला प्रशासन व पुलिस बल द्वारा सतर्क दृषिट रखी जा रही है।
बिजनौर जिले में 2 कम्पनी पीएसी एवं 2 कम्पनी एसएसबी तैनात है। धारा 151107116 में 72 व्यकितयों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सिथति नियंत्रण में है। सिथति पर सतर्क दृषिट रखी जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 September 2013 by admin
वह लखनऊ के निम्न मध्य वर्ग की एक मुसिलम महिला है जिसकी प्रसिद्धि का मूल कारण यह है कि कुछ वर्ष पूर्व वह लखनऊ के कश्मीरी मौहल्ला वार्ड से समाजवादी पार्टी के टिकट पर निगम पार्षद रही हैं। पर यही पूर्ण सत्य नहीं है! सूबी काजमी जन्म से ही नेत्रहीन हैं। कुछ समय पूर्व एक धार्मिक उपदेशक ने उनसे विवाह केवल इस आशा में किया कि अल्लाह इस सुकर्म के बदले अगली जिन्दगी में उन्हें पुरस्कृत करेगा। ततपश्चात इस पूर्व पार्षद ने ग्रहस्थ जीवन का कार्यभार संभाला। जन्म से ही कुदरत की ओर से दी गर्इ चुनौतियों के बावजूद विवाह के उपरान्त बर्तन चोखा और घर की साफ सफार्इ में अपने को लगा लिया। आज वह एक पांच वर्षीय बच्चे की मां भी है और घर के सब कार्य कुशलतापूर्वक करने की चेष्टा में लगी रहती है।
सूबी काजमी ने अपनी जिन्दगी में कोर्इ रौशनी, कोर्इ रंग नहीं देखा। यहां तक कि देखभाल करने वाले पति और अपने शरारती बच्चे की सूरत तक नहीं देखी। लेकिन वह आज भी उन सारी आकांशाओं और आशाओं को जिन्दा रखे हैं जो किसी भी आम युवती में पार्इ जाती हैं। वैवाहिक जीवन के बंधन में बंधने के बाद राजनीति से उनका संबंध टूट गया था; अब उनकी एक बड़ी आरजू राजनीति के मैदान में वापिस उतरने की है। इस कारण सूबीने फिर से क्षेत्रीय राजनीति में सक्रिय बनने के लिए सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से संपर्क साधा है।
”उन बीते दिनों में भी मुलायम सिंह जी मेरे अभिभावक थे, सूबी कहती हैं। ”वह हमेशा मुझे प्रोत्साहन देते थे, यहां तक कि सपा के कर्इ स्थापित नेता समझते थे कि मुलायम सिंह जी उन से अधिक मेरी सुनते हैं। अहमद हसन जैसे आज के बड़े राजीनतिज्ञ मेरे घर आया करते थे क्योंकि वह अच्छी तरह जानते थे कि मैं मुलायम सिंह जी से कितना करीब थी। हालांकि मैं एक नौसिखिया बच्चे के समान थी, जबिक मुलायम जी उस समय भी एक कुशल राजनेता थे। तब भी वह मुझे आगे बढ़ाया करते थे, हमेशा! वह मुझे बताया करते थे कि मुझे क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए। अब समय और अनुभव ने मुझे परिपक्व किया है तो मुझे अतीत की अपनी गलितयों का अहसास होता है।
अब जब वह अपना मन बना चुकी हैं, करीब एक दशक बाद सूबी राजनीति में लौटने को तैयार हैं। वह कहती है: ”जब मैं राजनीति में थी तो मैंने शादी के बारे में कभी सोचा भी नहीं था। मैं अपनी कमी को जानती और समझती थी। मेरे पांच साल के नगर पार्षद के रूप में कार्यकाल के दौरान दूसरों ने हर प्रकार के लाभ उठाए। मैं केवल निर्वाचन क्षेत्र में काम करने पर ध्यान केंदि्रत रखती थी जबिक मेरे इर्द गिर्द जो लोग थे वह हर प्रकार का लाभ लेने के लिए आतुर रहते थे। मेरे लिए इससे प्रसन्नता का कारण क्या हो सकता था जब सैयद शादाब हुसैन ने विवाह का प्रस्ताव रखा। शादी और परिवार की जिम्मेवारियों के बाद मेरा जीवन पूरी तरह बदल गया। धीरे धीरे राजनीति मेरे जीवन से दूर खिसकती गयी, यहां तक कि मुझे पता भी नहीं रहा कि बाकी दुनिया में क्या हो रहा है। अगले कुछ वर्षों में, मुख्यत: मेरे बच्चे के जन्म के बाद से मैं पूर्णता पारिवारिक जीवन व्यतीत करने लगी।
सूबी काजमी आगे कहती हैं, ”अब समय बदल गया है। मेरा पुत्र अब बड़ा हो गया है और स्कूल जाने लगा है। मैंने निर्णय ले लिया है कि मैं राजनीति में पुन: लौटूंगी। इसी ने मुझे मान्यता दी है और इसी से मैं समाज को जो मेरी तमाम कमियों के बावजूद मुझ पर बड़ा मेहरबान रहा है वापिस कुछ दे सकती हूं। मैं पूर्ण रूप से राजनीति में वापसी के लिए तत्पर हूं।
मुलायम की बात करें तो उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने हेतु वह हमेशा अल्पसंख्यक वोट पर आरक्षित रहे हैं। परन्तु सपा सुप्रिमो के लिए यह कठिनार्इ का दौर है। मौहम्मद आजम खां और कमाल फारूकी जैसे वरिष्ठ नेता सपा के कामकाज के तरीके से संतुष्ट नहीं हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कुछ कर पाने में नाकाम रहने के कारण सपा सरकार पर हर ओर से हमले हो रहे हैं। वह मुसलमान जो मुलायम सिंह के राजनीतिक जीवन के पिछले 25 वर्षों में निरंतर उनके साथ थे उत्तर प्रदेश सरकार की दंगार्इयों पर काबू पाने में असमर्थता और भाजपा और वी एच पी जैसी आर एस एस समर्थित संगठनों से मिलीभगत की अफवाहों के कारण पार्टी का साथ छोड़ने की कगार पर दिखार्इ दे रहे हैं। ऐसे कठिनार्इ के समय में सूबी जैसे लोग समाजवादी पार्टी के लिए राहत साबित हो सकते हैं और पार्टी ने मुसलमानों के बीच जो प्रतिष्ठा खो दी है उसे बहाल करने में मददगार बन सकते हैं।
सूबी काजमी में वह सब कुछ है जिसके लिए मुलायम पहचाने जाते हैं या अपने को पहचनवाना चाहते हैं। वह मुसिलम बहुल इलाके की हिजाब पहनने वाली एक युवती हैं। उनका नेत्रहीन होना सहानुभूति का कारक भी बन सकता है। समय बताएगा कि मुलायम इस युवती की राजनीति में वापसी की तमन्ना को किस प्रकार पूरा करते हैं?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 September 2013 by admin
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणव मुखर्जी ने आज 14 सितम्बर, 2013 को डा. एस. सोलोमन, निदेशक, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ को हिन्दी दिवस 2013 के अवसर पर केन्द्र सरकार की राजभाषा पत्रिका हेतु इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार 2012-13 के द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार विज्ञान भवन, नर्इ दिल्ली में आयोजित राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति महोदय के कर कमलों द्वारा डा. सोलोमन को प्रदान किया गया। गृह मंत्रालय द्वारा इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार के लिए संस्थान द्वारा प्रकाशित राजभाषा पत्रिका इक्षु को चयनित किया गया था। इस अवसर पर राष्ट्रपति महोदय ने विभिन्न श्रेणियों में केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों को लगभग 40 पुरस्कार प्रदान किये।
राजभाषा पत्रिका इक्षु को भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा वैज्ञानिक लेखन तथा कार्यालयीन कामकाज में हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहन देने के लिए प्रकाशित किया जाता है। यह पुरस्कार केन्द्र सरकार के क क्षेत्र के हिन्दी भाषी राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखण्ड व हिमाचल प्रदेश सिथत केन्द्र सरकार के कार्यालयों प्रकाशित पत्रिकाओं में सामाजिक, विचारोत्तेजक व ज्ञानवर्धक लेख, मानक हिंदी, सरल भाषा शैली, कुशल संपादन, पत्रिका के कलेवर की कलात्मकता व उत्कृष्ट छपार्इ हेतु दिया गया। यह पत्रिका संस्थान द्वारा वर्ष में दो बार प्रकाशित की जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 14 September 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के 16 जनपदों में पशुओं को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए पशु टीकाकरण का कार्य लक्ष्य से काफी कम रहने पर इन जनपदों के मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को सचेत करतेे हुये एक सप्ताह के अन्दर लक्ष्यपूर्ति के निर्देश दिये। पन्द्रह जनपदों के सी0वी0ओ0 को योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि का 50 प्रतिशत भी खर्च न कर पाने पर इनको प्रतिकूल प्रविषिट देते हुए पन्द्रह दिन के अन्दर बजट को खर्च करनेके निर्देश दिये तथा फैजाबाद उप निदेशक, पशुधन को चेतावनी दी गयी। संयुक्त निदेशकों को जिम्मेदारी से कार्य करने तथा विभागीय निदेशक को योजनाओं के संचालन में तेजी लाने के निर्देश दिये।
प्रदेश के लघु सिंचार्इ एवं पशुधन मंत्री श्री राज किशोर सिंह आज यहां बापू भवन सिथत सभाकक्ष में विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने रिलीज बजट के 50 प्रतिशत से कम खर्च की लापरवाही पर कासगंज, एटा, मुरादाबाद, सम्भल, अमेठी, सुल्तानपुर, बस्ती, सोनभद्र, महाराजगंज, जौनपुर, रामपुर, बाराबंकी, औरैया, महोबा तथा अम्बेदकर नगर के मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को प्रतिकूल प्राविषिट देने के निर्देश दिये। प्रति उन्होंने पूवार्ंचल के 15 बाढ़ प्रभावित जनपदों में पशुओं के लिए भूसे की आपूर्ति, पशु टीकाकरण, कुक्कुट, कमधेनु एवं बकरी पालन योजना, बुन्देलखण्ड पैकेज तथा योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि के खर्च आदि की समीक्षा की तथा विभागीय योजनाओं के संचालन में लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवार्इ करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पशुओं को भरपेट भूसा-चारा मिले अत: बाढ़ प्रभावित जिलों के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, जिला प्रशासन से समन्वय कर पशुओं के
लिए भूसे की आपूर्ति सुनिशिचत कराते रहें तथा जल भराव की सिथति में संक्रामक बीमारियों को रोकने के लिए पशु टीकाकरण के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये।
पशुधन मंत्री ने कहा कि विभागीय योजनायें वास्तविक लाभार्थी तक पहुंचे इसके लिए अधिकारी पूरे मनोयोग से कार्य करें और किसी भी प्रकार की बहाने बाजी स्वीकार नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जिला एवं मण्डल स्तर के विभागीय अधिकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें तथा प्रगति से मुख्यालय को अवगत करायें। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपना सी0यू0जी0 नम्बर 24 घण्टे चालू रखें ताकि समस्याओं का निस्तारण समय से किया जा सके। उन्होंने बाढ़ से क्षतिग्रस्त पशु चिकित्सालय एवं पशु सेवा केन्द्र के सुदृढ़ीकरण का कार्य समय से पूरा करने के निर्देश दिये ताकि ये मानक के अनुरूप बन सके।
श्री सिंह ने सभी मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को पशुचिकित्सा के लिए दवाओं की आपूर्ति सुनिशिचत करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रदेश के सभी जनपदों में आर0के0वी0वार्इ0 के तहत पशुओं का कृतिम गर्भाधान, पैरावेटस प्रशिक्षण एवं पशुपालन प्रशिक्षण में अल्पसंख्यकों को आबादी के अनुपात में आरक्षण दिये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बुन्देखण्ड पैकेज के तहत लाभार्थियों को बकरी पालन, मुर्गीपालन एवं कामधेनु पालन की योजनाओं का लाभ दिया जाय तथा लाभार्थी के साथ इन यूनिटों की फोटोग्राफी भी करार्इ जाय तथा लाभार्थी का फोन नम्बर भी उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली इन योजनाओं का लाभ आम आदमी को हर हाल में उपलब्ध कराया जाय इसके लिए अधिकारी जनपद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक बुलाये तथा बैंकों से समन्वय भी करें ताकि अधिक से अधिक लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि योजनाओं के संचालन में अधिकारी पारदर्शिता से कार्य करें, कहीं भी कोर्इ शिकायत नहीं मिलनी चाहिये नहीं तो इसकी जांच होगी और संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवार्इ की जायेगी।
बैठक में प्रमुख सचिव पशुधन श्री योगेश कुमार, निदेशक पशुपालन डा0 रूद प्रताप सिंह, अपर निदेशक पशुपालन श्री जयशंकर दुबे, सी0र्इ0ओ0 (एल0डी0बी0) डा0 बी0बी0एस0 यादव, उप निदेशक डा0 बी0के0सिंह के साथ-साथ मुख्यालय एवं जिला तथा मण्डल स्तर के अधिकारी उपसिथत थे।
Posted on 14 September 2013 by admin
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. एम. एम. पल्लमराजू ने कहा है कि विश्व संस्कृति के विकास में संस्कृत की भूमिका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। यह न केवल ऋषियों की वाणी को सुरक्षित रखने वाली देश की प्राचीन धरोहर है वरन आधुनिक काल में विश्वबंधुत्व के सिद्धान्त भी इसमें लिपिबद्ध हैं। जीवन मूल्यों को समझने के लिए इसे जीवित रखने की नहीं, वरन इसे नये ढंग से विकसित करने की जरूरत है। इसी के कारण देश कभी ‘विश्व गुरु के रूप में जाना जाता रहा। शब्द और भाषा के प्रयोग से नया संसार रचा जा सकता है। आज विश्व भारत की ओर देख रहा है। इसमें संस्कृत के अध्यापकों का दायित्व और बढ़ जाता है। संस्कृत के लिए सरकार अभी जो कर रही, उसमें और गति देने के लिए ‘द्वितीय संस्कृत आयोग के गठन का निर्णय लिया गया है। इसमें संस्कृत के विद्वानों व समाज वैज्ञानिकों की मदद लेकर सरकार संस्कृत के विकास के लिए सभी संभव उपाय करेगी।
श्री पल्लम राजू आज यहाँ इनिदरा गांधी प्रतिष्ठान में, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय ‘राष्ट्रीय-संस्कृत-सम्मेलन का उदघाटन कर रहे थे।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे प्रख्यात राजनयिक और विद्वान, ‘भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद के अध्यक्ष डा. कर्ण सिंह ने व्याख्यान देते हुए कहा कि यहाँ मैं हिमालय का प्रतिनिधित्व करने आया हूँ। जीवन का कोर्इ भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जिस पर संस्कृत का प्रभाव नहीं है। संस्कृत का वा³मय विशाल है। वेद, पुराण, इतिहास, दर्शन, आयुर्वेद, योग, नाटयशास्त्र, जलसंरक्षण, आदि सभी विषयों पर इस भाषा में व्यापक लेखन हुआ है। उससे आधुनिक ज्ञान-विज्ञान को पुष्ट किया जाना चाहिए। डा. कर्ण सिंह ने सभी विश्वविधालयों में संस्कृत के विभाग खोले जाने की अनिवार्यता पर बल देते हुए केन्द्रीय मंत्री पल्लम राजू से अनुरोध किया कि ऐसा इसलिए किया जाय कि इससे न केवल लोग संस्कृत सीखें, बलिक दूसरे विषयों के लोग भी संस्कृत वा³मय में जो लिखा गया है, उससे लाभ उठायें और इससे समाज का और अन्तत: विश्व संस्कृति का विकास हो सकेगा।
इनिदरा गांधी प्रतिष्ठान के खचाखच भरे हाल में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच डा. सिंह ने कहा कि जब वे संस्थान के अध्यक्ष थे, संसदीय संस्कृत समिति का गठन किया, आकाशवाणी पर संस्कृत वार्ता की शुरुआत करार्इ और देश में ‘संस्कृत दिवस की परम्परा शुरु की। प्रसन्नता की बात है कि ये परम्परा चल रही है।
सारस्वत अतिथि व मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारतीय संस्कृति की परम्परा संस्कृत से गहरार्इ से जुड़ी हुर्इ है। यदि बचपन में वापस जा सकता तो संस्कृत सीखता ताकि उस गहरार्इ से परिचित हो सकता। इसी के माध्यम से संसार में हमारी पहचान है। इस भाषा को आगे ले जाना है। उन्होंने विद्वानों से अपील की कि वे तीन दिनों के अपने विमर्श के द्वारा ऐसी कार्ययोजना बनाने में मदद करें जिससे वर्तमान और आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ किया जा सके। यह किसी जाति, धर्म या वर्ग की भाषा नहीं है, इसका सारा साहित्य राष्ट्रवादी है। इससे सम्पूर्ण विश्व लाभानिवत हुआ है। इसे रोजगार से जोड़े जाने की जरूरत है। डा. राधाकृष्णन, पंडित नेहरू और डा. अम्बेडकर ने इसकी गम्भीरता को समझा। उ.प्र. की राजधानी में हो रहा यह सम्मेलन, संस्कृत के विकास के लिए, मील का पत्थर साबित होगा।
अतिथियों का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के कुलपति प्रो. ए. पी. सचिचदानन्द ने कहा कि सम्मेलन का उददेश्य सम्पूर्ण विश्व में, संस्कृत की उपादेयता को बतलाना है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों के दीप प्रज्ज्वलन, सांदीपनी वेद विधा प्रतिष्ठान, उज्जैन के वैदिकों द्वारा वैदिक मंगलाचरण एवं राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान की छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना व स्वागत गान से हुआ। इस अवसर पर मंत्री डा. पल्लम राजू द्वारा संस्थान की पत्रिका ‘संस्कृत विमर्श के आठवें अंक का लोकार्पण किया गया। प्रख्यात वैदिक विद्वान पं. रामनाथ वेदालंकार को मरणोपरान्त सम्मान व प्रशसितपत्र दिया गया जो उनके पुत्र डा. विनोद चंद विधालंकार ने ग्रहण किया।
सभा का संचालन संस्थान के मुक्त स्वाध्याय केन्द्र के निदेशक, प्रो. रमाकान्त पाण्डेय ने व धन्यवाद ज्ञापन लखनऊ परिसर के प्राचार्य प्रो. अर्कनाथ चौधरी ने किया। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न भागों से डेढ़ हजार से अधिक लोग भाग ले रहे हैं।
Posted on 14 September 2013 by admin
प्रमुख वन संरक्षक श्री जे0 एस0 अस्थाना ने बताया कि चालू वर्ष के वर्षकाल में वृक्षारोपण अभियान की शुरूआत होने के बाद तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस अभियान के अन्र्तगत सितम्बर माह 2013 तक प्रदेश मे ंकुल 5.45 करोड़ पौधों को रोपण हुआ है। यह प्रगति निर्धारित वृक्षारोपण लक्ष्य के 126.16 प्रतिशत है। इसमें वन विभाग द्वारा 49,500 हे0 क्षेत्र के विरूद्ध 54850.98 हे0 क्षेत्र में वृक्षारोपण किया गया है। वर्षाकाल प्रारम्भ होते ही वृक्षारोपण कार्य प्रारम्भ कर वन विभाग द्वारा अब तक 436.73 लाख पौधे रोपित किये जा चुके हैं। इस सप्ताह वृक्षारोपण कार्य में अच्छी प्रगति आयी है तथा पौध रोपण का लक्ष्य लगभग पूर्ण हो चुका है।
श्री अस्थाना ने बताया कि इटावा में फिशर फारेस्ट में 5-5 हेक्टयर में गि्रड बनाकर उनमें एक ही प्रजाति के पौधों का रोपण किया जा रहा है, जो भविष्य में एक विशिष्ट वृक्षारोपण के रूप में तैयार होगा। इस क्षेत्र में विशेष रूप से चिनिहत प्रजातियां जैसे नीम, बरगद, पीपल, पाकड़ इमली, बेल, कदम्ब आदि के रोपण को प्राथमिकता दी गयी है। फिशर फारेस्ट में 1000 एकड़ में इको रेस्टोरेशन कार्यक्रम के अन्तर्गत 153240 पौधों का रोपण किया गया है। यह देश में प्रथम बार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण प्रदेश में वन महोत्सव का आयोजन किया गया है। जनप्रतिनिधियों एवं विशिष्ट जनों की उपसिथति में कुल 870 स्थलों पर 412110 पौधे रोपे गये। 15 अगस्त-2013 को एक दिन में 25,000 पौधों का रोपण किया गया। उन्होंने बताया कि वृक्षारोपण में वन विभाग द्वारा 49,500 हेक्टेयर क्षेत्र में 3,21,75,000 पौध एवं अन्य राजकीय विभाग यथा ग्राम्य विकास, ऊर्जा,
औधोगिक विकास, आवास एवं शहरी नियोजन, सिंचार्इ लोक निर्माण, सहकारिता, भूमि एवं जल संसाधन, उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा व बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 18,100 हेक्टेयर क्षेत्र में 1,17,65,000 पौधे रोपित किए गये हैं। प्रदेश के समस्त जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला वृक्षारोपण समिति की बैठकें इस वर्षाकाल में आयोजित हुर्इ है। जिससे इस सप्ताह अन्य विभागों द्वारा किये गये वृक्षारोपण कार्य में प्रगति आर्इ है।
Posted on 14 September 2013 by admin
अन्तर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस, 16 सितम्बर, 2013 के उपलक्ष्य में उ0 प्र0 पर्यावरण निदेशालय द्वारा आचलिक विज्ञान नगरी, के सहयोग से दिनांक 14,15 व 16 सितम्बर, 2013 को स्कूली बच्चों में पर्यावरणीय जागरूकता उत्पन्न करने हेतु विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। दिनांक 16.9.2013 को एक संगोष्ठी का आयोजन आचलिक विज्ञान नगरी, सेक्टर-र्इ, अलीगंज, लखनऊ सिथत उनके सभागार में 10:00 बजे से 11:30 बजे पूर्वान्ह तक कराया जाएगा, जिसमें दिनांक 14 व 15 सितम्बर, 2013 को आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेता बच्चों का पुरस्कृत भी किया जायेगा।
Posted on 14 September 2013 by admin
इसका उदघाटन 16 सितम्बर, 2013 को प्रात: 11:00 बजे किया जायेगा। आर0 पी0 बी0 डी0 के प्रमुख भास्कर भटटाचारजी ने बताया कि हिन्दी सप्ताह के दौरान किवज, वाद-विवाद, आशु भाषण, हिन्दी भाषी का हिन्दी ज्ञान, अनुवाद, लेख, टिप्पण व मसौदा लेखन एवं हिन्दी टंकण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा। मुख्य अतिथि पदमश्री प्रोफेसर मोहन चन्द्र पन्त, निदेशक, राम मनोहर लोहिया इंस्टीटयूट आफ मेडिकल सांइसेस गोमतीनगर, एवं अध्यक्ष डा0 मुकुल दास, वैज्ञानिक आर्इ0 आर्इ0 टी0 आर0 होंगे।