उत्तर प्रदेश के 16 जनपदों में पशुओं को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए पशु टीकाकरण का कार्य लक्ष्य से काफी कम रहने पर इन जनपदों के मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को सचेत करतेे हुये एक सप्ताह के अन्दर लक्ष्यपूर्ति के निर्देश दिये। पन्द्रह जनपदों के सी0वी0ओ0 को योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि का 50 प्रतिशत भी खर्च न कर पाने पर इनको प्रतिकूल प्रविषिट देते हुए पन्द्रह दिन के अन्दर बजट को खर्च करनेके निर्देश दिये तथा फैजाबाद उप निदेशक, पशुधन को चेतावनी दी गयी। संयुक्त निदेशकों को जिम्मेदारी से कार्य करने तथा विभागीय निदेशक को योजनाओं के संचालन में तेजी लाने के निर्देश दिये।
प्रदेश के लघु सिंचार्इ एवं पशुधन मंत्री श्री राज किशोर सिंह आज यहां बापू भवन सिथत सभाकक्ष में विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने रिलीज बजट के 50 प्रतिशत से कम खर्च की लापरवाही पर कासगंज, एटा, मुरादाबाद, सम्भल, अमेठी, सुल्तानपुर, बस्ती, सोनभद्र, महाराजगंज, जौनपुर, रामपुर, बाराबंकी, औरैया, महोबा तथा अम्बेदकर नगर के मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को प्रतिकूल प्राविषिट देने के निर्देश दिये। प्रति उन्होंने पूवार्ंचल के 15 बाढ़ प्रभावित जनपदों में पशुओं के लिए भूसे की आपूर्ति, पशु टीकाकरण, कुक्कुट, कमधेनु एवं बकरी पालन योजना, बुन्देलखण्ड पैकेज तथा योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि के खर्च आदि की समीक्षा की तथा विभागीय योजनाओं के संचालन में लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवार्इ करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पशुओं को भरपेट भूसा-चारा मिले अत: बाढ़ प्रभावित जिलों के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, जिला प्रशासन से समन्वय कर पशुओं के
लिए भूसे की आपूर्ति सुनिशिचत कराते रहें तथा जल भराव की सिथति में संक्रामक बीमारियों को रोकने के लिए पशु टीकाकरण के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये।
पशुधन मंत्री ने कहा कि विभागीय योजनायें वास्तविक लाभार्थी तक पहुंचे इसके लिए अधिकारी पूरे मनोयोग से कार्य करें और किसी भी प्रकार की बहाने बाजी स्वीकार नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जिला एवं मण्डल स्तर के विभागीय अधिकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें तथा प्रगति से मुख्यालय को अवगत करायें। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपना सी0यू0जी0 नम्बर 24 घण्टे चालू रखें ताकि समस्याओं का निस्तारण समय से किया जा सके। उन्होंने बाढ़ से क्षतिग्रस्त पशु चिकित्सालय एवं पशु सेवा केन्द्र के सुदृढ़ीकरण का कार्य समय से पूरा करने के निर्देश दिये ताकि ये मानक के अनुरूप बन सके।
श्री सिंह ने सभी मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को पशुचिकित्सा के लिए दवाओं की आपूर्ति सुनिशिचत करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रदेश के सभी जनपदों में आर0के0वी0वार्इ0 के तहत पशुओं का कृतिम गर्भाधान, पैरावेटस प्रशिक्षण एवं पशुपालन प्रशिक्षण में अल्पसंख्यकों को आबादी के अनुपात में आरक्षण दिये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बुन्देखण्ड पैकेज के तहत लाभार्थियों को बकरी पालन, मुर्गीपालन एवं कामधेनु पालन की योजनाओं का लाभ दिया जाय तथा लाभार्थी के साथ इन यूनिटों की फोटोग्राफी भी करार्इ जाय तथा लाभार्थी का फोन नम्बर भी उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली इन योजनाओं का लाभ आम आदमी को हर हाल में उपलब्ध कराया जाय इसके लिए अधिकारी जनपद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक बुलाये तथा बैंकों से समन्वय भी करें ताकि अधिक से अधिक लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि योजनाओं के संचालन में अधिकारी पारदर्शिता से कार्य करें, कहीं भी कोर्इ शिकायत नहीं मिलनी चाहिये नहीं तो इसकी जांच होगी और संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवार्इ की जायेगी।
बैठक में प्रमुख सचिव पशुधन श्री योगेश कुमार, निदेशक पशुपालन डा0 रूद प्रताप सिंह, अपर निदेशक पशुपालन श्री जयशंकर दुबे, सी0र्इ0ओ0 (एल0डी0बी0) डा0 बी0बी0एस0 यादव, उप निदेशक डा0 बी0के0सिंह के साथ-साथ मुख्यालय एवं जिला तथा मण्डल स्तर के अधिकारी उपसिथत थे।