Posted on 18 April 2013 by admin
१७ अप्रैल । भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के नगर अध्यक्ष मो० आरिफ बागवान की अध्यक्षता मे अमहट मंडी मेें एक बैठक की गई । बैठक में भा०कि०यू० के प्रदेश सचिव दिनेश प्रताप सिंह एवं सदस्यगण तथा किसान एवं सब्जी आढती उपस्थित थे ।
बैठक मे मो० आरिफ ने बताया कि किसान एव फल सब्जी वव्रहृेता व्यापारी के सहमति से ३० अप्रैल को अमहट मंडी सुलतानपुर में सुबह ११ बजे किसान व्यापार एकता सम्मेलन का आयोजन किया जायेगी । जिसमें किसान एवं फल सब्जी व्यापारियों की सभी समस्याओं पर गहन विचार किया जायेगा । तथा उनकी समस्याओ के निराकरण के लिए सम्बन्धित अधिकारियों से मुलाकात करके के लिए कहा जायेगा । बैठक में राजू बोरा वाले, मो० अमीन, चुन्नू शमशाद अहमद, हाशिम, जुग्गू, जितेन्द्र कुमार, रामकुमार, मो० सलीम, गुलाम उमर आदि लोग उपस्थित रहे ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 18 April 2013 by admin
१७ अप्रैल । आज जिधर नजर दौडाइये कुछ ना कुछ ऐसा नकारात्मक पहलू जरुर दिख जायेगा जिससे हमें सोचने पर मजबूर हो जाना पड़ता है कि आगे आने वाले वक्त मे क्या होने वाला है जब नशे की बात वयस्को के संदर्भ मे की जाती है तो इसे हम बडी विकट समस्या के रुप मे देखते है लेकिन ये हमारा दुर्भाग्य ही है जो आज हम बच्चो को भी नशे की लत का शिकार देख रहे है ।
आमतौर पर ये बच्चे या तो गरीब श्रेणी के बाल मजदूर है या फिर उच्च वर्ग के हाई प्रोफाइल स्कूल मे पढ़ने वाले धनाढ््यों के बच्चे। गरीब वर्ग के साधन हीन बच्चे जिनकी उम्र्र औसतन १०-१२ वर्ष की होगी कायदे से तो उनकी पढ़ाई लिखाई की उम्र्र है लेकिन हालात से मजबूर होकर उन्हे काम पर लगा दिया जाता है आज दूसरों की देखा देखी धूम्रपान करने लगे है ।
तमाम ऐसी जगहो पर जहां ऐसे बच्चे काम करते है इन्हे फुरसत के पलो मे आप बीडी सुलगाकर पीते हुए देख सकते है पान की दुकानो से ऐसे वच्चो को पान मसाला लेते हुए देखा जा सकता है । बच्चे जिन्हे ढ़ंग से भोजन मिलना चाहिए ताकि उनका शरीर स्वस्थ हरे दिमाग स्वस्थ हो अगर वो नशे की गिरफ्त मे आ चुके है तो उनकी युवावस्था क्या होगी और बुढापा किस कदर गुजरेगा ।
आप सोचिए नया पौधा जिसको ढ़ंग से पानी मिलना चाहिए ताकि उसका पोषण और संवर्द्धन हो सके अगर उसकी जडो मे तेजाब की बूंदे डाली जाने लगी तो क्या होगा उस पौधे का आप खुद अंदाजा लगा लीजिए इसी तरह वर्तमान मे धनी वर्ग के बच्चे स्कूल के दौरान जो वक्त बचता है उसमे सिगरेट का प्रयोग करते हुए देखे जा सकते है ।
बचपन की कोमल अवस्था अगर ऐसे अंगारो से जलाई जाने लगी तो देश का भविष्य क्या होगा ज्यादा बताने की आवश्यकता नही है दोनो वर्ग के बच्चो मे ऐसी दुष्प्रवृत्त्ति का एक कारण तो साफ नजर आ रहा है कि ऐसे बच्चे जरुरत से ज्यादा स्वतंत्र है ।
कारण अलग अलग है लेकिन पारिवारिक देखरेख और नियंत्रण इन बच्चो के मामले मे शिथिल है आज आवश्यकता है कि इस बारे मे गौर से विचार किया जाय और इन नये पौधो को पानी की जगह तेजाब की सिंचाई से बचाया जाय तभी भारतवर्ष के सुखद भविष्य की सफल कल्पना की जा सकती है । वरना बिना हवा भरा टायर गाडी को कितनी दूर खींच पायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 18 April 2013 by admin
१७ अप्रैल । नवरात्र का पावन महीना चल रहा है श्रद्धा और भक्ति के अनुसार हिन्दू जनमानस इसे मना रहा है । कुछ लोग नौ दिनो का व्रत रखे हुए है । वही कुछ लोग प्रथम दिन और अष्टमी के दिन अर्थात २ दिवसीय व्रत अनुष्ठान करते है । अपनी अपनी सामथ्र्य है मन स्वच्छ एवं पवित्र होना चाहिए ।
प्रथम नवरात्रि में सिर्फ नौ दिनो का व्रत रखकर हम मां भगवती की आराधना करते है । जबकि द्वितीय नवरात्रि में नौ दिनो के व्रत के साथ साथ विश्व प्रसिद्ध त्योहार दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है । दोनो नवरात्रि में हम मां दुर्गा के नौ रुपो की नौ दिनो में पूजा अर्चना करते है और मां को मनाते है । मां भगवती के हर रुप का अलग अलग महत्व है जैसे दुर्गा रुप शक्ति का परिचायक है तो मां शारदा का रुप विद्या का परिचायक है । तो मां शारदा का रुप विद्या का परिचायक है नौ रुपो की आराधना मात्र आराधना ही नही है बल्कि सम्पूर्ण ब्रहमांड की शक्ति का आवाहन इन्ही नौ दिनो में हो जाता है जो समस्त मानव जाति के लिए शुभकारी एवं फलदायी होता है ।
आधुनिकता एवं घोर वैज्ञानिकता के इस युग में ऐसे धार्रि्मक पर्वो में जनमानस की बढती आस्था यह सिद्ध करती है सर्व शक्तिमान सत्त्ता की छाया में सारा विश्व फलफूल रहा है और हम बिना इस सत्ता की अनुकंपा के एक कदम भी नही चल सकते । दूर जाने की जरुरत नही अपने आस पास देखिये छोटे छोटे बच्चे नवरात्रि का व्रत रखे हुए दिख जायेगें जिन्हे दिन भर कुछ ना कुछ खाने की आदत होती है । यह श्रद्धा नही तो और क्या है । अस्तिकता ही एक ऐसा कारण है जिससे मानव समाज अपना विकास एवं प्रगति कर रहा है ।
कई तरह के धार्रि्मक व्रत हमारे हिन्दू समाज में विद्यमान है जिसमे इस नवरात्रि पर्व के नौ दिवसीय व्रत की महिमा का वर्णन शब्दो में कर पाना सर्वथा असंभव अपने सामथ्र्य के अनुसार हम मां भगवती के नौ रुपो की आराधना करें और मां भगवती हमारी भक्ति स्वीकार करके सारी मानव जाति पर अपनी दया दृष्टि बनायें रखें यही कामना हमें सच्चे मन से करनी चाहिए । नवरात्रि के पावन पर्व पर सच्ची आराधना यही है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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