Posted on 11 February 2013 by admin
ऽ विदेषी पर्यटक भी आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति हो रहे आकर्षित।
कुंभ मेला में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय द्वारा अब तक मेला क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों में स्थापित 11 चिकित्सालयों के माध्यम से कुल दो लाख से अधिक मरीजों का उपचार किया जा चुका है। यह जानकारी डा0 मनोज कुमार द्विवेदी नोडल अधिकारी/क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी इलाहाबाद ने देते हुए बताया कि अस्पताल में एक इनडोर भी है जिसके द्वारा बाहर के रोगियों को इनडोर की सुविधा दी जाती है एवं आयुर्वेद चिकित्सा के माध्यम से निःषुल्क दवाइयां उपलब्ध करायी जाती है। चिकित्सालय श्रद्धालुओं, कल्पवासियों एवं स्नानार्थियों के लिए 24 घन्टे खुला रहता है। किसी को असुविधा होने पर डा0 अवधेष मिश्रा, प्रभारी अधिकारी आयुर्वेद मो0 09412970180 एवं डा0 मनोज कुमार द्विवेदी नोडल अधिकारी आयुर्वेद मो0 09415392183 पर सम्पर्क कर सकते है। कुंभ मेले में 33 चिकित्सा अधिकारी लगाये गये हैं जो आने वाले मरीजों का 24 घंटे उचित देखभाल कर दवाईया वितरित करते है। उन्होंने बताया कि मेले में खांसी, स्वास, जोड़ो की गठिया, पेट के मरीज, स्किन के मरीज, भूख न लगना, हाजमा सही न होना, ज्यादा आ रहे है। मुख्य रूप से खांसी, स्वास, गठिया के मरीज ज्यादा है जिनकी समुचित देखभाल कर दवाईयां उपलब्ध करायी जा रही है।
प्रषासनिक षिविर आयुर्वेद एवं राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय सेक्टर नम्बर 2 काली मार्ग परेड ग्राउन्ड में स्थापित है। जिसमें मरीजों के उपचार हेतु 4 शायिकाओ की व्यवस्था है। इसके अलावा अन्तर्विभाग, वाह्य कक्ष, बहिरंग विभाग, औषधि वितरण कक्ष, फार्मेसिस्ट की भी व्यवस्था है। श्री द्विवेदी ने बताया कि देष के लोगों के अलावा विदेषी लोग भी अब आयुर्वेद के प्रति जागरूक हो रहे है। उन्होंने बताया कि इसका ताजा उदाहरण सेक्टर 11 में स्लोवेनिया देष के विदेषी पर्यटकों ने चिकित्सालय में आकर आयुर्वेद पद्धति, दवाइयां, और औषधियों आदि की जानकारी ली और दी जा रही सेवाओं के प्रति प्रसंसा व्यक्त की। उन्होंने बताया कि उ0प्र0 षासन की तरफ से पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया गया है पूरा मेला क्षेत्र में कहीं पर भी औषधियों की कोई कमी नहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 11 February 2013 by admin
मौनी अमावस्या पर्व पर आज लाखो श्रद्धालुओ ने गोमती नदी के सीताकुड घाट पर स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया ।
आपको बताते चले कि प्रति वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है यूं तो पूरा महीना ही स्नान दान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। परन्तु इस महीने की कुछ तिथियां स्नान दान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है जिसमे मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, गणेश चतुर्थी, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, एकादशी व माघ पूर्णिमा मुख्य है ।
जैसा कि एक कहावत भी है कि ‘ग्रहणे काशी, मकर प्रयाग, चैत राम नवमी दशहरा धोपाप’। परन्तु यदि प्र्रयाग या काशी मे किसी कारण वश स्नान न कर सके तो अपने समीप ही स्थित नदी मे स्नान कर लेना चाहिये ।
मौनी अमावस्या का पर्व होने के नाते आज सुदूर ग्रामीण क्षेत्रो सहित जनपद वासियो ने भी गोमती के पावन तट सीताकुंड घाट पर स्नान दान किया । रविवार को सुबह से ही लम्भुआ, कादीपुर, जयसिंहपुर, कुडवार, कूरेभार, रामगंज की तरफ से ट्रैक्टर तथा अनेक सवारी गाडियो तथा पैदल चलने वाले श्रद्धालुओ का तांता सीताकुड घाट की तरफ बढ रहा था ।
शहर के तिकोनिया पार्क, दीवानी चैराहा होते हुए लोग सीताकुंड के पावन घाट की तरफ वढ रहे थे । सडक के दोनो तरफ मिठाई के साथ अन्य आवश्यक सामग्री की दुकाने लगी हुई थी जिन दुकानो से लोग प्रसाद व मिठाई खरीदते नजर आये ।
शहर मे बढी अचानक भीड के कारण जनपद का यातायात भी खासा प्रभावित हुआ भीड के कारण जगह जगह जाम की स्थित बनी रही । लोग मुख्य मार्गो को छोडकर गली कूचो से होते हुए अपने अपने गंतव्य तक पहुचे ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 11 February 2013 by admin
मोतिगरपुर क्षेत्र मे बाल विकास परियोजना का लाभ नौनिहालो को नही मिल रहा है आंगनबाडी केन्द्रो की दशा दयनीय है ।
बच्चो को पका भोजन देने की योजना भी कागजो तक सीमित है स्थानीय बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित आंगनबाडी केन्द्रो पर पुष्टाहार के अलावा हांटकुक योजना संचालित है ।
योजना का उदद्ेश्य तीन से छरू वर्ष के बच्चो को आंगनबाडी केन्द्रो पर पौष्टिक आहार देकर उनको पूर्व की शिक्षा देना है । साथ ही गर्भवती व धात्री महिलाओ को इस योजना का लाभ देकर शिशु जन्म मृत्यु दर मे कमी लाने का प्रयास किया जाना चाहिए लेकिन यह योजना अपनी पटरी से उतर गयी है ।
बच्चो व गर्भवती, धात्री को मिलने वाला पुष्टाहार बाजारो मे बेचा जा रहा है आलम यह है कि किसी भी केन्द्रो पर बच्चो की संख्या दहाई से उहृपर नही लेकिन रजिस्टरो पर इनकी उपस्थित लगभग ३० से ४० बच्चो तक रहती है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 11 February 2013 by admin
सरकारी चिकित्सा व्यवस्था की समुचित उपाय न हाने के कारण झोलाछाप डाक्टर गरीब जनता के जीवन के साथ खिलवाड कर रहे है ।
क्षेत्र मे अप्रशिक्षित झोलाछाप डाक्टर धन कमाने के कारण गरीब जनता को भ्र्रमित करते रहते है तथा मरीज की अत्यन्त गम्भीर हालत होने पर अन्यत्र रवाना करते है ।
जिससे मरीज की हालत और भी गम्भीर हो जाती है मरीज का सही ढ़ग से इलाज न करके उसे धन कमाने के उदद्ेश्य से काफी समय तक उसके तीमारदाते को दौडाते रहते है ।
झोलाछाप डाक्टरो की इस कार्य पद्धति से प्रत्येक वर्ष अनेक मौते होती है इलाके के क्षेत्र मे इसी प्रकार बेहद ग्रामीण अंचलो की बाजारो मे नर्सिंग होम भी चल रहे है।
जहां केवल धन की ही प्राथमिकता दी जाती है कही कही पर गर्भवती महिलाओ के इलाज के नाम पर उनके जीवन के साथ खिलवाड किया जा रहा है। जिससे कभी-कभी जच्चा और बच्चा दोनो की जान पर बन आती है साथ ही मेडिकल स्टोर मालिको की मिली भगत के चलते महिला चिकित्सा प्रसव के दौरान जो दवाइंया मंगवाती है ।
उनमे से अधिकतर दवाएं प्रयोग न करके दवाखाने पर रख लेती है और उन्हे बाद मे बेच दी जाती है इन छोलाछाप डाक्टरो द्वारा मरीजो को नकली दवाइंया भी दी जाती है ।
जिससे मरीजो को किसी भी प्रकार का कोई लाभ भी नही होता है इन डाक्टरो की सांठ गांठ के चलते मेडिकल स्टोर मलिको भी नकली दवाइंया धडल्ले से बेचते है।
जिस पर छोलाछाप डाक्टरो का कमीशन भी निर्धारित होता है इलाके की जनता मे झोलाछाप डाक्टरो की इस कार्य पद्धति के प्रति बहुत ही आव्रहृोश व्याप्त है ।
गरीब जनता का कहना है कि मेहनत मजदूरी करके कमाये गये धन से डाक्टर जेबे मोटी करते रहते है स्वास्थ्य विभाग को जब भी इसकी शिकायत की जाती है तो वह कार्यवाई के नाम पर कथित डाक्टरो से वसूली के अलावा कुछ भी नही होता है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 11 February 2013 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि कांगे्रस के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष को उत्तर प्रदेश में विकास की नई चिन्ता सताने लगी है। केन्द्र में उनकी पार्टी की सरकार चल रही है जबकि प्रदेश मंे आजादी के बाद कई दशकों तक उनका राज रहा है। इतने लंबे कंागे्रस राज के बावजूद उत्तर प्रदेेश पिछड़ा प्रदेश बना रहा है। गरीबी, अशिक्षा, बीमारी और बेकारी जैसी समस्याएं देश में आज भी मुंह बांए हैं। जिन क्षेत्रों का कांगे्रस की अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जी संसद में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वे क्षेत्र भी विकास को तरस रहे हैं। वहाॅ के नौजवान बेरोजगारी और अशिक्षा से त्रस्त हैं। बीमार इलाज को तरस रहे हैं।
समाजवादी पार्टी की सरकार ने अपने पाॅच साल के चुनावी वायदों में से अधिकांश साल भर के अंदर ही पूरे कर दिए। प्रदेश में बेकारी भत्ता बंटा, किसानों का कर्ज माफ हुआ, मुफ्त सिंचाई हुई, बंधक जमीन की नीलामी होगी। मुफ्त इलाज की व्यवस्था है। अभी कल ही मशीन चालित रिक्शे बांटे गए हैं। सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की पूर्ति की दिशा में प्रभावी कदम उठाए गए हैं। लेकिन पता नहीं कौन सी एजेन्सी कांगे्रस उपाध्यक्ष को जानकारियाॅ देती हैं कि वे सब गलत ही निकलती हैं। कहते हैं झूठ के पैर नहीं होते हैं। कांगे्रस के युवा नेता झूठ और फरेब के सहारे राजनीतिक बयान देंगे तो उसके नतीजे भी उन्हें ही भुगतने होंगे।
प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बने अभी एक साल ही हो रहा है। इस अवधि में जनता के हित में तमाम निर्णय लिए गये। पता नहीं क्यांे उन्हें इस दौर में ही तमाम शिकायतें हो गई हैं। उन्हें तब विकास की चिंता नहीं हुई थी जब पिछले पाॅच साल तक बसपा का अंधेर राज चल रहा था। बसपा की तत्कालीन मुख्यमंत्री के दौर में केन्द्रीय मदद से चलने वाले राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में करोड़ों का घोटाला होता रहा। जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे बसपा के भ्रष्ट मंत्रियों और अधिकारियों की जेबों में जाते रहे और कांगे्रस के केन्द्रीय नेता-मंत्री मूकदर्शक बने रहे।
समाजवादी पार्टी की विशेषता यह है कि वह जो वायदे करती है, उसे पूरा भी करती है। श्री मुलायम सिंह यादव का मानना है कि वायदे तोड़ना भ्रष्टाचार है। समाजवादी पार्टी की सरकार और इसके मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने भी कहा है कि घोषणापत्र को पूरा करना सबसे पवित्र काम है। इसके विपरीत कांगे्रस सरकारें चाहें केन्द्र में रही हो या प्रदेश में, बेझिझक वायदे तोड़ने में माहिर रही हैं। यूपीए सरकार ने मंहगाई और बेरोजगारी दूर करने का वायदा किया पर दो कार्यकाल में कुछ नहीं किया। उल्टे गरीबों पर मंहगाई की चोट बढ़ा दी। डीजल पेट्रोल परिवहन खाद, सब महंगा कर किसान की रीढ़ तोड़ दी।
श्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए संकल्पित हैं। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए काम शुरू किया किन्तु केन्द्र 20 करोड़ की आबादी पर एक एम्स दे रहा है। राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण सड़क बनाने में यूपी से भेदभाव कर रहा है। प्रदेष को जितने आर्थिक पैकेज की जरूरत है, नहीं मिल रहा है। दरअसल कांगे्रस का चरित्र तो विकास विरोधी ही रहा है। वह तो हमेशा ‘‘गरीबी हटाओं’’ की जगह ‘‘गरीब हटाओं’’ की नीति चलाती रही है
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 11 February 2013 by admin
सपा मुखिया द्वारा स्वयं यह स्वीकार किये जाने कि उन्हें मालूम है कि राज्य सरकार के मंत्री के साथ ही अधिकारी एवं कुछ वह लोग भी भ्रष्टाचार में शामिल हैं जो मंत्री नहीं है। इससे कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश सरकार पर लगाये जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि हो गयी है।
प्रदेश कंाग्रेस के मीडिया कोआर्डिनेटर अशोक सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि समाचारपत्रों में दिये गये बयान के मुताबिक अब जबकि सपा मुखिया को यह मालूम चल ही गया है कौन-कौन मंत्री और कौन-कौन से वह अधिकारी एवं व्यक्ति, जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उन्हें उनका नाम सार्वजनिक करना चाहिए। ताकि प्रदेश सरकार के मंत्रियों, अधिकारियों एवं समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके। इसके साथ ही जो भी मंत्री या जो मंत्री नहीं हैं, भ्रष्टाचार में लिप्त हैं उन पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराकर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।
श्री सिंह ने कहा कि पिछले दस माह के प्रदेश सरकार के शासनकाल में सपा मुखिया द्वारा तमाम बार सपा सरकार के मंत्रियों, विधायकों एवं कार्यकर्ताओं को सुधरने की नसीहत दी गयी। कल उन्होने पुनः सुधरने की चेतावनी देते हुए एक्शन लेने की बात कही है, सपा मुखिया को यह बताना चाहिए कि आखिर अभी तक ऐसे भ्रष्ट मंत्रियों, अधिकारियों को विरूद्ध कार्यवाही करने से उन्हें कौन रोक रहा था?
श्री सिंह ने कहा कि सपा मुखिया द्वारा जब अब यह खुलासा कर ही दिया गया है कि राज्य सरकार के मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह सपा मुखिया से ऐसे भ्रष्ट मंत्रियों को चिन्हित कराकर उन्हें तुरन्त मंत्रिमण्डल से बर्खास्त करें तथा जो अधिकारी व सपा कार्यकर्ता भ्रष्टाचार कर रहे हैं उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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