मौनी अमावस्या पर्व पर आज लाखो श्रद्धालुओ ने गोमती नदी के सीताकुड घाट पर स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया ।
आपको बताते चले कि प्रति वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है यूं तो पूरा महीना ही स्नान दान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। परन्तु इस महीने की कुछ तिथियां स्नान दान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है जिसमे मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, गणेश चतुर्थी, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, एकादशी व माघ पूर्णिमा मुख्य है ।
जैसा कि एक कहावत भी है कि ‘ग्रहणे काशी, मकर प्रयाग, चैत राम नवमी दशहरा धोपाप’। परन्तु यदि प्र्रयाग या काशी मे किसी कारण वश स्नान न कर सके तो अपने समीप ही स्थित नदी मे स्नान कर लेना चाहिये ।
मौनी अमावस्या का पर्व होने के नाते आज सुदूर ग्रामीण क्षेत्रो सहित जनपद वासियो ने भी गोमती के पावन तट सीताकुंड घाट पर स्नान दान किया । रविवार को सुबह से ही लम्भुआ, कादीपुर, जयसिंहपुर, कुडवार, कूरेभार, रामगंज की तरफ से ट्रैक्टर तथा अनेक सवारी गाडियो तथा पैदल चलने वाले श्रद्धालुओ का तांता सीताकुड घाट की तरफ बढ रहा था ।
शहर के तिकोनिया पार्क, दीवानी चैराहा होते हुए लोग सीताकुंड के पावन घाट की तरफ वढ रहे थे । सडक के दोनो तरफ मिठाई के साथ अन्य आवश्यक सामग्री की दुकाने लगी हुई थी जिन दुकानो से लोग प्रसाद व मिठाई खरीदते नजर आये ।
शहर मे बढी अचानक भीड के कारण जनपद का यातायात भी खासा प्रभावित हुआ भीड के कारण जगह जगह जाम की स्थित बनी रही । लोग मुख्य मार्गो को छोडकर गली कूचो से होते हुए अपने अपने गंतव्य तक पहुचे ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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