सरकारी चिकित्सा व्यवस्था की समुचित उपाय न हाने के कारण झोलाछाप डाक्टर गरीब जनता के जीवन के साथ खिलवाड कर रहे है ।
क्षेत्र मे अप्रशिक्षित झोलाछाप डाक्टर धन कमाने के कारण गरीब जनता को भ्र्रमित करते रहते है तथा मरीज की अत्यन्त गम्भीर हालत होने पर अन्यत्र रवाना करते है ।
जिससे मरीज की हालत और भी गम्भीर हो जाती है मरीज का सही ढ़ग से इलाज न करके उसे धन कमाने के उदद्ेश्य से काफी समय तक उसके तीमारदाते को दौडाते रहते है ।
झोलाछाप डाक्टरो की इस कार्य पद्धति से प्रत्येक वर्ष अनेक मौते होती है इलाके के क्षेत्र मे इसी प्रकार बेहद ग्रामीण अंचलो की बाजारो मे नर्सिंग होम भी चल रहे है।
जहां केवल धन की ही प्राथमिकता दी जाती है कही कही पर गर्भवती महिलाओ के इलाज के नाम पर उनके जीवन के साथ खिलवाड किया जा रहा है। जिससे कभी-कभी जच्चा और बच्चा दोनो की जान पर बन आती है साथ ही मेडिकल स्टोर मालिको की मिली भगत के चलते महिला चिकित्सा प्रसव के दौरान जो दवाइंया मंगवाती है ।
उनमे से अधिकतर दवाएं प्रयोग न करके दवाखाने पर रख लेती है और उन्हे बाद मे बेच दी जाती है इन छोलाछाप डाक्टरो द्वारा मरीजो को नकली दवाइंया भी दी जाती है ।
जिससे मरीजो को किसी भी प्रकार का कोई लाभ भी नही होता है इन डाक्टरो की सांठ गांठ के चलते मेडिकल स्टोर मलिको भी नकली दवाइंया धडल्ले से बेचते है।
जिस पर छोलाछाप डाक्टरो का कमीशन भी निर्धारित होता है इलाके की जनता मे झोलाछाप डाक्टरो की इस कार्य पद्धति के प्रति बहुत ही आव्रहृोश व्याप्त है ।
गरीब जनता का कहना है कि मेहनत मजदूरी करके कमाये गये धन से डाक्टर जेबे मोटी करते रहते है स्वास्थ्य विभाग को जब भी इसकी शिकायत की जाती है तो वह कार्यवाई के नाम पर कथित डाक्टरो से वसूली के अलावा कुछ भी नही होता है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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