भारतीय जनता पार्टी ने बाढ़ से पीडि़त लोगों के बचाव व राहत कार्य में बरती जा रही शिथिलता की निन्दा की है। प्रदेश प्रवक्ता सत्यदेव सिंह ने प्रेस ब्रीफिंग मे कहा कि नागरिकों उ0प्र0 में कई जनपदों मे बाढ़ से तबाही हुई है। उन्होंने समाचार पत्र मे प्रकाशित समाचार का हवाला देते हुए कहा कि सरकारी बाढ़ राहत कार्य और सरकार की संवेदनशीलता का हाल यह है बाराबंकी के परसावल गांव का पीडि़त परिवार पेड़ पर चढ़ कर जान बचा रहा है। नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ और भयावह होती जा रही है। परिणाम स्वरूप एक ओर जहां जन धन की हानि है वही खेती योग्य भूमि नदियों के पेट मे समा रही है। बाढ़ के दौरान नदियो द्वारा छोड़े गए बालू से भी हजारों हेक्टेयर जमीन सदैव के लिए समाप्त हो चुकी है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह विनाश प्रत्येक वर्ष होता है परन्तु सरकारें और वर्तमान सरकार पूरी तरह निष्क्रिय एवं मूकदर्शक बनी है। बाढ़ से बचाव की कोई तात्कालिक तथा दीर्घकालिक योजना नहीं बनाई जाती है। इसका एक कारण कुछ नेताओं और अधिकारियांे को इससे होने वाला लाभ है। शारदा, राप्ती, बूढी राप्ती गंडक , घाघरा, सरयू आदि नदियां प्रत्येक वर्ष यह विनाश का तांडव करती है। बाढ़ से बचे लोगों को बीमारी से जूझना पड़ रहा है। इस बीमारी के इलाज के मोर्चे पर भी सरकार यथावत शिथिल है। बचाव व राहत कार्य में मानवीय दृष्टिकोण का भी घोर उपेक्षा है।
श्री सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया कि बाढ़ का हवाई सर्वेक्षण भी सिर्फ अखबार एवं जनता को मूर्ख बनाने के अधिक कुछ नही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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