Posted on 20 July 2012 by admin
ई-गवर्नेन्स प्लान के अन्तर्गत स्टेट पोर्टल, एस0एस0डी0जी0 तथा ई-फाम्र्स योजना के क्रियान्वयन हेतु जिलाधिकारी अजय चैहान की अध्यक्षता में 20 जुलाई को प्रातः 10 बजे से कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। योजना के सम्बन्ध में चर्चा के उपरान्त एन.आई.सी. में चार सत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया है। उन्होंने निर्देश दिये है कि जिला स्तर पर आयोजित प्रशिक्षण में सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी प्रत्येक दशा में प्रतिभाग करें।
अपर जिलाधिकारी(नगर) /नोडल अधिकारी अरूण प्रकाश ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया है कि जिलाधिकारी के सम्बोधन के पश्चात, प्रातः11 बजे से 12ः30 बजे तक सभी उप जिलाधिकारी, उप नगर आयुक्त, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला प्रोवेशन अधिकारी, सहायक निदेशक सेवा योजन, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला विकलांग कल्याण अधिकारी भाग लेगें। तत्पश्चात अपरान्ह 12ः30 बजे से 2 बजे तक सत्र में सभी तहसीलदार, समस्त अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत प्रतिभाग करेंगें
उन्होंने बताया कि दोपहर 2 बजे से 3ः30 बजे तक के सत्र में समस्त खण्ड विकास अधिकारी भाग लेंगें और अपरान्ह 3ः30 बजे से 5 बजे तक के सत्र में समस्त सहायक विकास (पंचायत) एन.आई. सी में प्रशिक्षण प्राप्त करेगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 20 July 2012 by admin
जल की एक एक बूंद बचाने का संकल्प लें
जिलाधिकारी अजय चोैहान ने अपील की है कि जल स्रोतो को प्रदूषित होने से बचाने के प्रयत्नों के साथ साथ पानी का संयमित उपयोग पर भी ध्यान दें। भूजल हम सब की बहुमूल्य धरोहर है इसका अपव्यय न करें। वर्षा जल संचयन कर भूजल संरक्षित करे और जल की एक एक बंूद बचाने का संकल्प ले।
उन्होनें कहा है कि जल प्रकृति का अनुपम उपहार है जिसके बिना जीवन की कल्पना ही नही की जा सकती है। हम अपनी जीवन प्रणाली को उचित दिशा मे विकसित करें और जल स्रोतों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निवर्हन करंे। विभिन्न क्षेत्रो में जल के उपयोग कम करने एवं संरक्षण करने की ऐसी बहुत सी छोटी-छोटी गतिविधियां सुझाई गई है। रोजाना के कार्यो मे- ब्रुश करते समय शेब करते समय, नहाते/कपडे धोते समय, सफाई तथा वाहन को धोने समय बाल्टी/मग का प्रयोग करें और बेवजह नल खुला न छोडे।
उन्होनें कहा है कि भूजल संरक्षण, इसके विवेक युक्त दोहन व उपभोग, सतही तथा भूजल के सहयुक्त विकास एवं उपयोग के प्रति जन जागरूकता हेतु सरकारी संस्थानों के साथ ही सामाजिक संगठनो का भी सक्रिय सहयोग भी अपेक्षित है। उन्होंने बताया है कि जनपद स्थित सभी कार्यालयाध्यक्षों को शासन के निर्देशानुसार 16 से 22 जुलाई के मध्य भूजल सप्ताह को सफल बनाने के निर्देश दिये गये है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 20 July 2012 by admin
आज उत्तर प्रदेश विधान सभा के 401 विधायकों ने राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान स्थल तिलक हाॅल लखनऊ में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। प्रदेश के 02 विधायक श्री महेश शर्मा एवं स्वदेश शर्मा ने निवार्चन आयोग की अनुमति से दिल्ली में मतदान किया। प्रदेश के सभी सांसदों ने दिल्ली में मतदान किया। लखनऊ में किसी
सांसद ने मतदान नहीं किया। आज राष्ट्रपति का चुनाव पूर्वाह्न 10 बजे से प्रारम्भ हो गया था। विधान सभी सदस्यों एवं मंत्रीगणों ने पंतिबद्ध होकर अपने मतदान का प्रयोग किया। सबसे पहले उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया तथा सबसे अन्त में विधायक श्री श्याम प्रसाद ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उल्लेखनीय है कि प्रतिपक्ष के नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी विधान सभा के अध्यक्ष के बाद मतदान किये। इसके बाद प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव, श्री अम्बिका चैधरी, श्री बलराम यादव, श्री रघुराज प्रताप सिंह, श्री ओम प्रकाश सिंह, श्री राम गोविन्द चैधरी सहित प्रदेश सरकार के सभी कैबिनेट एवं राज्य मंत्रियों ने दो-तीन मंत्री समूहों एवं विधायकों के साथ मतदान किया। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री मो0 आजम खाँ ने 03ः10 बजे मतदान किया तथा अपने पार्टी के समर्थित उम्मीदवार को सुनिश्चित विजयी उम्मीदवार बताया। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुश्री उमा भारती, श्री हुकुम सिंह, श्री कलराज मिश्र, श्री लक्ष्मी कान्त बाजपेई सहित अनेक भाजपा के नेताओं ने मतदान किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री प्रमोद तिवारी, श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, श्री अखिलेश प्रताप सिंह, श्री प्रदीप माथुर सहित सभी विधायकों ने मतदान किया, राष्ट्रीय लोकदल के श्री तेजपाल सिंह, श्री दलवीर सिंह सहित अन्य विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस प्रकार सदन के निर्दलीय सदस्य एवं अपना दल की सुश्री अनुप्रिया पटेल, पीस पार्टी के डाॅ0 अयूब, श्री अखिलेश प्रताप सिंह सहित अन्य विधायकों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मतदान के समय तिलक हाॅल में मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री उमेश सिन्हा चुनाव प्रेक्षक श्री आदि थेला जैवारा प्रसाद तथा विधान सभा के प्रमुख सचिव एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी श्री प्रदीप कुमार दुबे, सचिव सूचना श्री अमृत अभिजात, जिला अधिकारी श्री अनुराग यादव, सहायक निर्वाचन अधिकारी श्री अनिल कुमार सहित विधान सभा के संयुक्त सचिव, उपसचिव एवं अन्य चुनाव में तैनात अधिकारी उपस्थित थे।
चुनाव में राष्ट्रपति के उम्मीदवार श्री पी0ए0 संगमा के चुनाव एजेण्ट डाॅ0 राधा मोहन दास अग्रवाल तथा दूसरे उम्मीदवार श्री प्रणव मुखर्जी के चुनाव एजेण्ट श्री अनुग्रह नारायण सिंह विधायक एवं विधान परिषद सदस्य श्री विवेक बंसल भी उपस्थित रहे।
चुनाव समाप्ति 05 बजे के बाद मत पेटियाँ चुनाव प्रेक्षक उम्मीदवारों के एजेण्ट तथा सहायक निर्वाचन अधिकारी की उपस्थित में सील की गयी तथा मत पेटियाँ दिनाँक 20 जुलाई को 10ः30 बजे नई दिल्ली के लिए हवाई जहाज से सहायक चुनाव अधिकारी द्वारा ले जायी जायेगी। आज का चुनाव शान्तिपूर्वक एवं कुशलता से सम्पन्न हुआ। सूचना निदेशक तथा विधान सभा सचिवालय से मीडियाकर्मी के कवरेज में पूरा सहयोग दिया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 20 July 2012 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की सपा सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए सरकार की कथनी और करनी पर सवाल खड़े किये ? प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि एकतरफ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने घोषणा पत्र में किये वादों को पूरा करने की बात करते है वही दूसरी ओर सिंचाई शुल्क के रूप में करोड़ो रूपये वसुलने का लक्ष्य निर्धारित कराते है।
प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा में ” सरकार के सिचाई के जितने भी साधन हैं, जैसे- नहर और सरकारी नलकूप, इससे किसानो को पानी मुफ्त दिया जायेगा। ” का वादा किया था। लेकिन सरकार ने इस संदर्भ में आज तक कोई दिशा-निर्देश सिचाई विभाग को नही जारी किये। जिसके कारण सिचाई विभाग ने अपनी समीक्षा बैठक में चालू वित्तीय वर्ष में करोड़ो रूपये सिचाई वसूली का लक्ष्य सुनिश्चित किया है। विभाग मई माह मे कई करोड़ रूपये वसूल भी कर चुका है।
प्रदेश प्रवक्ता श्री पाठक ने कहा कि सिचाई विभाग अपनी सिचिंत भूमि का वर्ष में दो बार एक मई को रवी फसलों का और एक दिसम्बर को खरीफ की फसलों के सिचिंत क्षेत्रफल का ब्यौरा एकत्र कर सूची बनाकर राजस्व विभाग को वसूली के लिए भेजता है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए सरकार ने सदन से जो बजट पास कराया उसमे किसानो के सिचाई शुल्क माफ किये जाने के लिए वित्तीय प्राविधान नही है।
उन्होंने कहा कि यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि सरकार की नियत किसानों के सिचाई शुल्क माफ करने की नही है। सपा घोषणा पत्र में किये गये वादो से लगता है कि वादे वादे की ही तरह रह जायेगे। कही न कही मुख्यमंत्री की कथनी और सरकार की करनी मे अन्तर स्पष्ट दिखाई दे रहा है मुख्यमंत्री बेरोजगारी भत्ता सहित तमाम लोकप्रिय घोषणाएं लागू किये जाने का दावा करते है पर इतने नियम कानून बन जा रहे है की बेरोजगार ढूंढे नही मिल रहे है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि शीघ्र किसानो से किये वादा निभाये सिचाई शुल्क के रूप मे वसूली पर रोक लगाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 20 July 2012 by admin
बात को बेबात करके गलत ढंग से प्रस्तुत करने के शगल के चलते एक बार फिर इलेक्ट्रानिक मीडिया विवादों की तह में आया है। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चैधरी द्वारा अपने समय में विद्याार्थियों को शिक्षा के समय दंड देने की प्रथा के अब बदल जाने की बात करने पर उनकी बात को अधूरे ढंग से प्रस्तुत करके बेवजह का बवाल बनाने की कोशिश का राजधानी के अनेक समाजिक संगठनों तथा पत्रकार संगठनों ने विरोध किया है। बेसिक शिक्षा मंत्री की बेदाग छवि और शिक्षा के क्षेत्र में विकास की नीति के चलते कुछ लोगों को उनकी कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े करने के लिये कोशिश की लेकिन अच्छी छवि के श्री चैधरी ने बेवाकी के साथ षडंयत्र की कलई खोल कर रखी दी है। श्री चैधरी बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में लगातार पिछड़ रहे प्रदेश को आगे बड़ाने तथा सरकारी स्कूलों की गिरती छवि को बचाने के प्रयास में लगातार कोशिश कर रहे है। उन्होंने जिलों में रहने वाले अधिकारियों और विधायकों तथा राजनैतिक व्यक्तियों का आवाहान किया है कि सरकारी स्कूल में ही अपने बच्चों को पढ़ाकर समाज को सरकारी स्कूलों के प्रति प्रेरित करे। प्रत्येक विधायक या चुने हुये प्रतिनिधि की जुम्मेदारी है कि अपने-अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूल की गुणवत्ता और शिक्षा व्यवस्था अच्छी हो तभी सच्चा समाजवाद आयेगा। समाजवादी विचारों के चलते पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चन्द्रशेखर के साथ कदम-कदम से मिलाने वाले राम गोविन्द चैधरी ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुये कहा कि हमे लोकतंत्र में मंत्री को चैकीदार की भूमिका अदा करनी है। जिस प्रकार चैकीदार घर की सुरक्षा करता है उसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करना है। अपने कथन को गलत ढंग से पेश करने के मामले में उन्होंने स्पष्ट किया कि मैने शिक्षकों से और अभिभावकों से कहा था कि स्थितिया हमारे जमाने की नही है। आज हमें बदली हुई परिस्थतियों में शिक्षा को नये ढंग से देना है। गौर तलब है कि गंगा प्रसाद मेमोरियल हाल में परिषदीय बेसिक शिक्षकों के प्रतिनिधि सम्मेलन में बेसिक शिक्षा मंत्री ने पूर्व शिक्षण व्यवस्था जिसमें छात्र उपस्थिति शत-प्रतिशत होती थी तथा छात्र अपने पठन-पाठन के प्रति एकाग्र होता था, मात्र उदाहरण दिया। वर्तमान में शिक्षा छात्र केन्द्रित है तथा शिक्षण विधि का आधार छात्र की रूचि व मनोविज्ञानिक है। वास्तव में वर्तमान शिक्षण विधि पर मंत्री द्वारा कोई प्रश्नचिन्ह नही उठाया गया, बल्कि पूर्व शिक्षण व्यवस्था का उदाहरण ही दिया गया है।
वास्तव में नवीन शिक्षा व्यवस्था के अनुसार अभी तक ग्रामीण अंचलों में न तो व्यवस्था की गयी और न ही जन-जागरण किया गया जिसका प्रतिफल है कि ग्रामीण विद्यालयों में छात्र उपस्थिति 40 से 50 प्रतिशत ही है वह भी क्रमशः। वर्तमान बेसिक शिक्षा मंत्री ग्रामीण अंचलों में बेसिक शिक्षा कैसे सुदृढ़ हो, प्रतिदिन चिन्तन करते रहते है। संघ के पदाधिकारियों से जब भी भेंट होती है, बेसिक शिक्षा के सुधार हेतु तथा छात्रों की शत्-प्रतिशत उपस्थिति व समय से विद्यालय संचालन के लिये नित्य प्रति प्रेरित करते रहते है। जब से वर्तमान बेसिक शिक्षामंत्री ने बेसिक शिक्षा का दायित्व संभाला है तब से बेसिक शिक्षा में सुधार का प्रदेश में एक माहौल बना है क्योंकि मंत्री निरन्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा के गुणवत्तपूर्ण सुधार तथा छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति हेतु अभिभावकों, छात्रों एवं शिक्षकों में सामजस्य उपस्थित करने को प्रयासरत है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 20 July 2012 by admin
उत्तर प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून के क्रियान्वयन को लेकर स्वयंसेवी संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान ने राजधानी स्थित राजाजीपुरम कार्यालय में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । विचार गोष्ठी में संस्थान के पदाधिकारियों,सदस्यों के साथ साथ बड़ी संख्या में स्थानीय जनमानस नें प्रतिभाग किया।
गोष्ठी का आरम्भ करते हुए प्रसिद्ध समाजसेविका उषा ने कहा कि केंद्र सरकार के शिक्षा के अधिकार कानून को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराते हुए इस कानून को सभी स्कूलों में लागू करते हुए सभी सरकारी और गैर सरकारी निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीटें गरीब के बच्चों को देना अनिवार्य कर दिया है ।उत्तर प्रदेश में भी सरकार शिक्षा के अधिकार कानून को सख्ती से लागू करे और ऐसे निजी स्कूल जो गरीब बच्चों को 25 प्रतिशत आरक्षण नहीं दे रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और गरीब बच्चों को दाखिला नहीं देने वाले स्कूलों की मान्यता खत्म की जाये ।
समाजसेवी विष्णु दत्त ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून वर्ष 2009 में बनाया गया था। इस कानून के तहत 6 से 14 साल के बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया गया है। संविधान के 46 वें संशोधन से 6 से 14 साल के बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना मौलिक अधिकार बना दिया गया, परंतु अनगिनत बच्चे ऐसे हैं, जिनके लिए यह अधिनियम अभी भी बेमानी है। अधिनियम के तहत बच्चों को घर-घर से खोज कर स्कूलों में पंजीकृत कराना अनिवार्य
है परन्तु स्कूल चलो अभियान के बावजूद सभी बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।
गोष्ठी में अन्य वक्ताओं नें विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के क्रियान्वयन में ग्राम पंचायतों, नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं और नगर निगमों की भी भूमिका का निर्धारण हो ।ग्राम पंचायतें और नगरीय निकाय अपने क्षेत्र में सर्वेक्षण कराकर बच्चों के जन्म से लेकर उनके 14 वर्ष की तक की आयु प्राप्त होने तक का रिकॉर्ड रखें जिसे हर साल अपडेट किया जाए।यह ब्योरा उत्तर प्रदेश नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली, 2011 के अनुसार एक निर्धारित प्रपत्र पर हो, जिसमें बच्चे का नाम, लिंग, जन्मतिथि , जन्म स्थान , अभिभावक का नाम, पता और व्यवसाय उस पूर्व प्राथमिक विद्यालय या आंगनबाड़ी केंद्र का उल्लेख जहां बच्चा छह वर्ष तक की आयु प्राप्त होने तक रहा उस प्रारंभिक विद्यालय का नाम जिसमें बच्चे ने प्रवेश लिया,बच्चे का वर्तमान पता ,कक्षा जिसमें वह पढ़ रहा है, बच्चा यदि कमजोर और साधनहीन वर्ग से ताल्लुक रखता है, तो उसका उल्लेख ,यदि किसी वजह से छह से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे की पढ़ाई छूट गई हो, तो वह कारण, विकलांगता के कारण विशेष सहूलियतों और आवासीय सुविधाओं की अपेक्षा रखने वाले बच्चों का विवरण होना चाहिए । नियमावली के अनुसार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी छह से 14 वर्ष तक के हर बच्चे का स्कूल में नामांकन और उपस्थिति सुनिश्चित करें। वह यह भी सुनिश्चित करें कि बच्चा स्कूल में दिये जा रहे ज्ञान को प्राप्त कर रहा है और उसने प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर ली है। इन बातों पर नजर रखने के लिए हर बच्चे को एक अनन्य पहचान संख्या आवंटित की जाए।बेसिक शिक्षा विभाग स्कूल खुलते ही सबसे पहले बच्चों को पुस्तकों का वितरण किया जाना सुनिश्चित करे।स्कूल चलो अभियान को सफल बनाने के लिए बीएसए पर उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जाये । उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बच्चों को पुस्तक वितरण किया जाये ।परिषदीय स्कूलों में अधिक से अधिक बच्चों के नामांकन के लिए नामांकन महोत्सव मनाये जायें ।
गोष्ठी का समापन करते हुए संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा नें शिक्षा के अधिकार कानून को लागू करने के लिए जिम्मेवार सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को समुचित प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता पर वल दिया ताकि वे इस कानून को इसकी मूल मंशा के अनुरूप लागू करा सकें ।उर्वशी ने गोष्ठी में उपस्थित जनमानस से अपने आसपास के गरीब बच्चों को स्कूल भेजने को प्रेरित करने एवं अपने पास के स्कूल में शिक्षा के अधिकार कानून के क्रियान्वयन के लिए आगे आकर संस्थान को सहयोग प्रदान करने की अपील भी की ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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