Archive | March 14th, 2012

पार्टी विधानमंडल में रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी

Posted on 14 March 2012 by admin

img_9850-optimizedभारतीय जनता पार्टीे ने जनता द्वारा दिये गए जनादेश को स्वीकार करते हुए कहा कि पार्टी विधानमंडल में रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी। आज प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित प्रदेश पदाधिकारी मंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने यह बात कही।
श्री शाही ने कहा कि बैठक में 2012 के विधानसभा चुनाव पर विचार-विमर्श हुआ तथा परिणाम की समीक्षा के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधायक डा0 लक्ष्मीकान्त बाजपेई की अध्यक्षता में अध्ययन समिति का गठन किया गया जो प्रत्येक बिन्दुओं पर गहराई से विचार करेगी। इस समिति में सतपाल मलिक, धर्मपाल सिंह, डा0 महेन्द्र सिंह, अशोक कटारिया, अशोक गोयल, दिवाकर सेठ, श्रीमती अनुपमा जायसवाल, केदारनाथ सिंह, जयप्रकाश निषाद, नरेश सिरोही, सुशील शाक्य रहेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा नगरीय निकाय चुनाव पूरी ताकत से लड़ने के लिए तैयार है। इसके लिए दो समितियां बनाई गई हैं। नगर निगम के लिए डा0 दिनेश शर्मा, कौशलेन्द्र सिंह, दमयन्ती गोयल तथा नगरपालिका के लिए सुरेश खन्ना, हरद्वार दुबे, मनीष असीजा को जिम्मेदारी दी गई है।
img_9837श्री शाही ने कहा कि 31 मार्च के पहले सभी जिलों की बैठकें होगी जिसमें विधानसभावार समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि वातावरण के हिसाब से हम अधिक सीटें पाने की अपेक्षा में थे किन्तु मतों के धु्रवीकरण के कारण ऐसा नहीं हो सका। कार्यकर्ता पूरी ताकत से चुनाव में लगे थे जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि आज की बैठक आगे की रणनीति और स्थानीय निकाय चुनाव की जीत पर केन्द्रित रही। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रेल बजट में किराए की वृद्धि से महंगाई और बढ़ेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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प्रदेशवासियों को सभी चुनावी वायदे पूरे करने का भरोसा दिलाया

Posted on 14 March 2012 by admin

14-03-aनवनिर्वाचित मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज यहां उद्योगपतियों को प्रदेश में कानून व्यवस्था की अनुकूल स्थिति और प्रदेशवासियों को सभी चुनावी वायदे पूरे करने का भरोसा दिलाया। आत्मविश्वास से लबरेज श्री यादव ने कहा हम प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और समाजवादी पार्टी की नई सरकार प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जानेवाले निर्णय लेने में हिचकेगी नहीं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री का पद शासन-सत्ता के लिए नहीं है बल्कि जनता की सेवा करने का अवसर है और इसे पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाऊगाॅ। अखिलेश यादव आज पार्टी मुख्यालय में जैन समाज द्वारा आयोजित स्वागत कार्यक्रम में बोल रहे थे। आगरा, कन्नौज, कोलकाता तथा प्रदेश के अन्य जनपदों से आए जैन समाज के वरिष्ठ लोगों ने चुनावो मे समाजवादी पार्टी की जीत पर अखिलेश यादव का अभिनन्दन करते हुए उन्हें शाल ओढ़ाकर तथा गुलदस्ते देकर स्वागत किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव श्री किरनमय नन्दा, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी पं0 बंगाल समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री विजय भदौरिया सहित पश्चिम बंगाल के अग्रणी उद्योगपति निशीथ जैन, संदीप जैन, संदीप गंगवाल, नीलेश पारिख, भरतजी गंगवाल, सुनील जैन, बेनाराजी और राहुल जैन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश में बेईमानी और भ्रष्टाचार के चलते उद्योग पनप नहीं रहे थे। समाजवादी पार्टी की सरकार में कानून व्यवस्था की ऐसी स्थिति होगी जिसमें निवेश का माहौल बनेगा। उन्होने उद्यमियों का स्वागत करते हुए प्रदेश में उनके द्वारा पूंजीनिवेश किए जाने की उम्मीद जताई। अखिलेश यादव ने प्रेस प्रतिनिधियों के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि समाजवादी पार्टी की उनकी सरकार में नए और अनुभवी दोनो ही लोगों का तालमेल होगा। मंत्रिमण्डल छोटा होगा और इसमें हर वर्ग का प्रतिनिधित्व होगा। उन्होने कहा कि बेकारी भत्ता देने का वायदा अवश्य पूरा किया जाएगा। जब बसपा सरकार हजारों करोड़ रूपए पार्को, स्मारकों और मूर्तियों पर फंूक सकती है तो बेकारी भत्ता देने के लिए धनराशि क्यों नहीं जुटाई जा सकती है। उन्होने कहा कि प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर बेकारी का पहले अंदाजा नहीं था। जिला सेवायोजन कार्यालयों में लाठीचार्ज की शिकायतों पर उन्होने इस सम्बन्ध में अफसरों से बात की है और अब कहीं ऐसी बात सुनने को नहीं मिलेगी। व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाइन लगवाना इंतजाम के तहत होता है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे यूपी के विकास के लिए जनता ने जिम्मेदारी सौंपी है। जनता को धन्यवाद कि उसने बहुमत देकर हमें उन बुराइयों से बचा लिया जिनमें हमें फंसना पड़ता। अब हमें समाजवादी पार्टी के संगठन के और ज्यादा विस्तार पर ध्यान देना होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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रेलवे बजट पूर्णतया दिशाहीन बजट है

Posted on 14 March 2012 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि संसद में प्रस्तुत रेलवे बजट पूर्णतया दिशाहीन बजट है। इस बजट से रेलवे का निराशाजनक चित्र प्रस्तुत होता है। उत्तर प्रदेश की तो इसमें घोर उपेक्षा हुई है। रेलवे यात्रियों की सुख-सुविधा और सुरक्षा के बारे में इसमें आश्वासन भर दिए गए है जबकि किराये में बढ़ोत्तरीकरके आम आदमी की दुश्वारी बढ़ाई गई हैं। रेलमंत्री ने काम बस चलाऊ ढंग से अपने कर्तव्य की खानापूरी कर दी है।
समाजवादी पार्टी को भरोसा था कि रेलमंत्री इस बार अपनी कृपादृष्टि उत्तर प्रदेश पर भी करेगें। लेकिन उनके पूरे भाषण से ऐसा लगा कि जैसे उत्तर प्रदेश की कोई अहमियत ही राष्ट्रीय फलक पर नहीं रह गई है। रायबरेली में कोच फैक्ट्री में उत्पादन शुरू होने की चर्चा करके ही वे उत्तर प्रदेश से मुंह मोड़ गए। विदिशा में डीजल इंजन पुर्जा कारखाना, छपरा में पहिया फैक्ट्री, कर्नाटक, गुजरात के कच्छ क्षेत्र में नई फैक्ट्री, उड़ीसा में मालगाड़ी बनाने का कारखाना बनने की घोषणाएं हुई है। उत्तर प्रदेश में प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की बात सुनकर लगा जैसे उत्तर प्रदेश के जख्मों पर नमक छिडक दिया गया हो। रेलमंत्री के बजट में जो स्वीकृतियां हैं वही जताती हैं कि रेलवे की हालत खस्ता हो गई है। उन्होने माना है कि रेलवे में साफ सफाई की दशा ठीक नहीं है, खानपान सेवा को बेहतर बनाने की जरूरत है और कर्मचारी कल्याण के कार्यक्रम भी शुरू किए जाने की आवश्यकता है। रेलवे की माली हालत खराब है। माल ढुलाई का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। यात्रियों की संख्या में भी कमी हुई है। 5 हजार करोड़ मुनाफे का अनुमान था लेकिन हकीकत में यह 1492 करोड़ में ही सिमट गया। रेलवे की प्रस्तावित सुरक्षा योजनाएं धनाभाव का शिकार बन गई है। लखनऊ को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने का सपना अधूरा ही रह गया है। रेलमंत्री ने हर क्लास का किराया बढ़ाकर आम यात्रियो के साथ गहरा विश्वासघात किया है। यात्रियों की सुविधाओं की अनदेखी, उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ और रेलवे के ढांचे में सुधार का अभाव इन सब समस्याओं से घिरी रेलवे को जिस क्रांतिकारी पहल की जरूरत थी उसका पूर्णतया इस बजट में अभाव दिखता है। इस तरह यह बजट पूर्णतया जनविरोधी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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नया कर गुजरने की लालसा

Posted on 14 March 2012 by admin

s1तुरही निगाड़ा होई शाह
अब राज मिलेगा होई शाह
ताज मिलेगा होई शाह
सरकार मिलेगी होई शाह
तुरही निगाड़ा होई शाह

हुब्बलवतनी के बोल की तरह समाजवादियों को अपनी सरकार के मिलने पर खुशी है। कैसी होगी सुबह और फिर कैसी होगी शाम की कल्पनाओं में डूबा सूबा इतिहास में दर्ज होते नये सूरज की पलक पावड़े बिछाकर स्वागत करने को आतुर है। पिछले 5 वर्र्षाे में यूपी के आवाम नेे जिस तरह सड़कों पर लहुलुहान होने का पुलसिया अवमानवीये कहर को भोगा है। उसके खत्म होने की अभिलाषा में तूफान से दिया टकराने जैसी घटना अंजाम तक एक नया इतिहास लिखकर पहुँची है। बिचारे भूखे किसान खाद और पानी के लिये जब गुहार लगाते थे तो सत्ता का बेलगाम चाबुक रिरयाता उनकी खाल खीचने के लिये पिल पड़ता था। गणेश प्रसाद गंभीर के शब्दों में कहा जाये तो ‘‘खून बिखरा है/खाल उधड़ी है/लोथड़े बिखरे। नहीं दिखता/किसी को यह मंज्जर/ हर एक आँख में ही/माड़ा है। हम जहाँ साँस ले रहे है/सुन! ये यकीनन/कसाईबाड़ा है। इस कसाईबाड़ा से मुक्ति के लिये यूपी की जनता ने समाजवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत से अधिक 225 सीटों का तोफा देकर अपनी चाहत जता दी है। अब जुम्मेदारी अखिलेश यादव के हाथों में है। वे अपनी जुम्मेदारी को कैसे निभाते है।
सबसे पहले तो यही सवाल है कि ये मूलभूत जरूरतें क्या हैं? हमारे प्रदेश में गरीब जनता की रोजी-रोटी कपड़ा और मकान जैसी आम और अहम जरूरतें तक पूर्ण नही हो पायी है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बातों पर तो ध्यान ही किसी का नही गया है। शिक्षा माफियाओं के कब्जे में कैद होने के कारण आम आदमी के लिये दिवास्वप्न बनती जा रही है। किसानों के लिये खेती घाटे का सौदा बन गयी है। तो लघु उद्योगों की पूरी कमर टूट चुकी है। टूटते करघे बिखरते घर पूर्वी उत्तर प्रदेश की दर्दनाक तस्वीर पेश करती है। भूख से बेहाल और बदहाल बुन्देलखंड में पैकिज के नाम पर हुई लूट का खेल के साथ खनिज सम्पदा की लूट के अलावा जमीन अधिग्रहण जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण है।

अखिलेश यादव के उभरने के पीछे जहां एक ओर अतीत के दृष्टांत हैं जिसमें सपा की पूर्ववर्ती सरकारों की अराजकता से उपजी विफलता है, वहीं दूसरी ओर चुनौतीपूर्ण भविष्य है। उनको अतीत से सबक सीखते हुए जनता की आशाओं को पूरा करने का दायित्व संभालना है। उत्तर प्रदेश की जनता उनसे काफी अपेक्षाएं रखती है। अब प्रदेश की जनता स्वप्न देख रही है कि जात-पांत और धर्म की सीमाओं से निकलकर वे सिर्फ विकास के ही एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे।

पिता की राजनैतिक विरासत को मुस्तैदी से संभालने का दायित्व अखिलेश ने बखूबी निभाया है। उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार में उनकी भूमिका इस बात की तस्दीक करती है कि वे राजनीति का ककहरा सीख चुके है। आखिर उ.प्र. की नब्ज पहचानने का हुनर उन्हें आ ही गया है।
अखिलेश को अभी बहुत कुछ कर दिखाना है, उत्तर प्रदेश के हालिया चुनावी परिदृश्य में अखिलेश का जादू जन के मन पर जिस तरह असर दिखाने में कामयाब रहा है। उसी असर को सरकार नीति और रीति को लागू करके दिखाने का मौका उनके हाथों में आ रहा है। नए नेता राजनीति में कदम जमाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है। अब कुछ कर दिखाने का समय है। युग तेजी से बदल रहा है और जीने के नए मापदंड बन रहे है। राजनीति भी नए आयाम गढ़े जाने के लिए तत्पर है जिसमें आडंबर और बेईमानी से बात नहीं बनेगी। जनता की पैनी नजर नेताओं के कारनामों पर जमी है सो, नौटंकीबाज नेताओं की दाल नहीं गलने वाली।
भारतीय लोकतंत्र और चुनावों को दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक कवायद माना जाता है।

अखिलेश यादव के सामने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के साथ सभी के सामने बिना भेदभाव के सर्वव्यापी, सर्वग्राही और सर्वस्वीकारी, सर्वहितकारी बनने की चुनौती है। ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में लगातार कुछ नया करने की माँग प्रत्योक क्षेत्र से आयेगी। आज का युग उपभोक्तावाद आधुनिकता औद्योगिकीकरण व्यवसाय -वाणिज्यकरण जैसी आक्रामक स्थतियों से कसमाकस कर रहा है। इस तनाव और अपाधावी भरे माहौल में कुछ सर्वथा नया कर गुजरने की लालसा सहजता सपाट ब्यानी, क्षेत्रीय रंगत, लोकतंत्र तथा जातीऐ स्मृति त्तवों के बीच समय की चुनौतियों को समझ परख कर करना होगा। जो सपने उन्होंने चुनाव के पूर्व अपनी पार्टी की ओर से हर मंच पर जाकर दिखाये थे उनको पूरा करने का नैतिककता पूर्ण दबाव सदैव रहेगा। स्थतियों के सही आकलन चुनौती का सही सामना करके अति विशिष्ट और अति समान और वस्तुनिष्ट बनाकर दुधारी मार के बीच लोगों के दिलों दिमाग पर मरहम लगानी होगी? जातियों के खाने में बट चुकी नौकरशाही को अपने रास्ते पर लाने के लिये काबिले गौर कौन सी तकनीक लगानी होगी। जिससे समता और ममता की बात सब तक पहुँच जाये। सिर्फ सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाये के थोथे नारे से उपजा आक्रोश को बारिश की ठंडी बूदों से सिचित करके संवेदनापूर्ण सुशासन लाने के लिए कदम-कदम पर जागरूक होना पड़ेगा। घोर लापरवाहा नौकरशाही ने पिछले एक हफ्ते में जिस तरह सत्ता परिवर्तन के बाद भी अपने आप को अतीत की छाया से बिलग नही किया। उसके कारण चुनौतियाँ अधिक है। बेरोजगारी भत्ते के लिये सरकारी कार्यालयों में पंजीयन के लिये आने वाले लोगों के साथ पुलसिया बरताव निश्चय ही आक्रोश बड़ाता है। अपने ही वादों को पूरे करने के लिये अपने ही लोग जब आते है। तो उनके साथ हमदर्दी के बदले लाठियों का स्वागत पुलसिया सगल बन गया है।
मानवाधिकारी के उल्लंघन के मामले में देश में सबसे अधिक बदनाम यूपी पुलिस को पटरी पर लाना जितना कठिन है उतना ही कठिन भ्रष्टाचार रूपी दीमक पर रोक लगाना। उद्योगीकरण के राह में रोड़ा बनी अराजकता को भी रोकना पहली प्राथमिकता होगी। हालाकि जिस तरह से अखिलेश यादव के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत मिलने के साथ ही जो कड़े फैसले लिये गये है। उन फैसलों ने आने वाले अच्छे दिनों का आगाज किया है। चैराहों पर बड़े-बड़े हार्डिग लगाकर सत्ता के नजदीक होने की घोषणा करने वालों से लेकर बड़ी-बड़ी गाडि़यों में सत्तारूड़ पार्टियों का झण्डा लगाकर बेलगाम होने के रास्ते को रोकने के जो कदम उठाये है। वह इस दिशा में एक अच्छी पहल है। इस पहल से समाजवादी पार्टी का चाल चरित्र चेहरा ही नही। एक इक्कीसवीं सदी का नया रूप भी सामने आया है। जो सिर्फ लखनऊ तक ही सीमित नहीं रहना चाहता है। अखिलेश का विनम्र चेहरा संयत शब्द मजबूत संदेश ने जिस तरह सत्ता जनित विरोध को सपा के लाभ में बदल दिया। उसे उसी विनम्रता के साथ सत्ता के संचालन में समाजवादी संस्कार में संचालित करना होगा तभी उम्मीद की साईकिल सभी घरों में मुस्कराहट की वायस बनेगी। विकास का विजन जो उन्होंने देखा है। उस विजन को पूरा करने के लिये पूरा बहुमत पास है। इस लिये बदलाव नई सोच … नये जोश के साथ करने के लिये जिस बुलन्द इरादे से मुलायम सिंह यादव की विरासत को अखिलेश यादव ने सम्भाला है। उसे अपनी मेहनत और लगन से साकार करने की जुम्मेदारी है। अखिलेश यादव की सफलता की कुंजी मेहनत और लगन में निहित है।

-सुरेन्द्र अग्निहोत्री
राजसदन 120/132
बेलदारी लेन, लालबाग, लखनऊ
मो0ः 9415508695

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