समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि संसद में प्रस्तुत रेलवे बजट पूर्णतया दिशाहीन बजट है। इस बजट से रेलवे का निराशाजनक चित्र प्रस्तुत होता है। उत्तर प्रदेश की तो इसमें घोर उपेक्षा हुई है। रेलवे यात्रियों की सुख-सुविधा और सुरक्षा के बारे में इसमें आश्वासन भर दिए गए है जबकि किराये में बढ़ोत्तरीकरके आम आदमी की दुश्वारी बढ़ाई गई हैं। रेलमंत्री ने काम बस चलाऊ ढंग से अपने कर्तव्य की खानापूरी कर दी है।
समाजवादी पार्टी को भरोसा था कि रेलमंत्री इस बार अपनी कृपादृष्टि उत्तर प्रदेश पर भी करेगें। लेकिन उनके पूरे भाषण से ऐसा लगा कि जैसे उत्तर प्रदेश की कोई अहमियत ही राष्ट्रीय फलक पर नहीं रह गई है। रायबरेली में कोच फैक्ट्री में उत्पादन शुरू होने की चर्चा करके ही वे उत्तर प्रदेश से मुंह मोड़ गए। विदिशा में डीजल इंजन पुर्जा कारखाना, छपरा में पहिया फैक्ट्री, कर्नाटक, गुजरात के कच्छ क्षेत्र में नई फैक्ट्री, उड़ीसा में मालगाड़ी बनाने का कारखाना बनने की घोषणाएं हुई है। उत्तर प्रदेश में प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की बात सुनकर लगा जैसे उत्तर प्रदेश के जख्मों पर नमक छिडक दिया गया हो। रेलमंत्री के बजट में जो स्वीकृतियां हैं वही जताती हैं कि रेलवे की हालत खस्ता हो गई है। उन्होने माना है कि रेलवे में साफ सफाई की दशा ठीक नहीं है, खानपान सेवा को बेहतर बनाने की जरूरत है और कर्मचारी कल्याण के कार्यक्रम भी शुरू किए जाने की आवश्यकता है। रेलवे की माली हालत खराब है। माल ढुलाई का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। यात्रियों की संख्या में भी कमी हुई है। 5 हजार करोड़ मुनाफे का अनुमान था लेकिन हकीकत में यह 1492 करोड़ में ही सिमट गया। रेलवे की प्रस्तावित सुरक्षा योजनाएं धनाभाव का शिकार बन गई है। लखनऊ को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने का सपना अधूरा ही रह गया है। रेलमंत्री ने हर क्लास का किराया बढ़ाकर आम यात्रियो के साथ गहरा विश्वासघात किया है। यात्रियों की सुविधाओं की अनदेखी, उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ और रेलवे के ढांचे में सुधार का अभाव इन सब समस्याओं से घिरी रेलवे को जिस क्रांतिकारी पहल की जरूरत थी उसका पूर्णतया इस बजट में अभाव दिखता है। इस तरह यह बजट पूर्णतया जनविरोधी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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