भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भ्रष्टाचार, कालेधन एवं आय से अधिक सम्पत्ति के गम्मीर आर्थिक अपराधों में लिप्त लोगों पर चुनाव लडने से रोक लगनी चाहिए।
श्री नकवी ने जोकि भाजपा की केन्द्रीय चुनाव सुधार समिति के संयोजक भी है, ने कहा कि ऐसे लोग धनबल की ताकत पर चुनाव जीतने के बाद इस जीत को ‘‘भ्रष्टाचार पर जनादेश’’ और ‘‘लूट पर छूट,, का प्रमाण पत्र’’ मान लेते हैं। आर्थिक अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने हेतु उपयुक्त सुरक्षा उपायों के साथ, कड़े कानूनी प्रावधान की जरुरत है
श्री नकवी ने कहा कि पार्टी चुनाव सुधारो पर काफी समय से काम कर रही है, धन बल का दुरुपयोग, चुनावों में कालेधन का इस्तेमाल, अपराधीकरण पर प्रभावी रोक, आदर्श चुनाव आचार संहिता में सुधार, डमी उम्मीदवारों की भरमार पर रोक, मतदान प्रक्रिया और सरल व सस्ती बनाने, चुनावों में राजनैतिक पार्टियों के खर्च में पारदर्शिता आदि पर विभिन्न सुधारात्मक सुझाव, एवं संस्तुति का मसौदा तैयार कर रही है।
श्री नकवी ने कहा कि ‘‘राईट टू रिकाॅल’’ जैसे मुददों को आज के माहौल में व्यवहारिक नही माना जा सकता। इस व्यवस्था का कालेधन की ताकत से आर्थिक अपराधी दुरुपयोग कर सकते हैं, ऐसे समय में जबकि हर छः महीने में किसी न किसी राज्य में चुनाव, उप-चुनाव के जरिए लोग, पार्टियों और उम्मीदवारों को रिजेक्ट, रिकाॅल करने का अवसर पाते रहते हो, ‘‘राईट टू रिकाॅल’’ की बात बेमानी है। भाजपा ने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों में सुधार का सुझाव दिया था, जिसे कुछ हद तक चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया है, जिसके तहत ई0वी0एम0 की मतदान प्रकिया काफी हद तक मतदाताओं को सन्तुष्ट कर सकेगी।
श्री नकवी ने कहा कि चुनावों में डमी उम्मीदवारों पर अंकुश लगाने हेतु प्रभावी कदम उठाने की जरुरत है, डमी उम्मीदवारों की रोकथाम के लिए जरुरी है कि राजनैतिक पार्टियों के उम्मीदवारों के पोलिंग ऐजेन्ट, काउन्टिंग ऐजेन्ट और चुनाव ऐजेन्टों की संख्या दोगुनी की जाय। क्योंकि देखा गया है कि अधिकांश राजनैतिक पार्टियों के उम्मीदवार पोलिंग ऐजेन्ट, काउन्टिंग ऐजेन्ट के लालच में डमी उम्मीदवारों को नामांकन हेतु प्रोत्साहित-प्रायोजित करते है।
श्री नकवी ने कहा कि केन्द्र सरकार को चुनाव सुधारों कि दिशा में तेजी से प्रभावी कदम बढाना चाहिए, सरकार को गौस्वामी कमेटी, बोहरा कमेटी, इन्द्रजीत गुप्त कमेटी सहित विभिन्न चुनाव सुधार समितियों की रिपोर्ट एवं विभिन्न राजनैतिक दलों के सुझाव पहले ही मिल चुके हैं। इस दिशा में सरकार को चुनाव आयोग के साथ विभिन्न राजनैतिक दलों की तत्काल बैठक बुलाकर चुनाव सुधारों से सम्बन्धित मसौदे को अन्तिम रुप देना चाहिए, ताकि संसद में इस पर चर्चा होकर पास किया जा सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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