स्थानीय उप रजिस्ट्रार कार्यालय में व्याप्त भश्टाचार को लेकर कृशि हेतु भूमि का क्रय करना या मकान हेतु प्लाट का बैनामा कराना दुष्कर बना हुआ है। सरकारी रसीद के साथ उतनी ही धन राषि की अवैध वसूली किसी से छुपी नही है। सब कुछ जानकर भी आला अधिकारियों ने मौन साध रखा है। कार्यालय दलालों एवं तिकड़म बाजों की पौ बारह हो रही है। बैनामे में चपरासी से लेकर अधिकारी तक का प्रतिशत बंधा है। कांग्रेस के जिला महासचिव रमेष चन्द्र गुप्त ने जिलाधिकारी उक्त धंाधली अविलम्ब रोकने की गुहार लगाते हुये चेतावनी दी है। कि अधिकारियों द्वारा इस मुददे पर ध्यान न दिये जाने पर आन्दोलन की रूपरेखा कांग्रेस जन बना सकते है। मालूम हो कि तहसील मुख्यालय स्थित उप निबन्धक कार्यालय स्थित है जहां उप रजिस्ट्रार सहित तीन लिपिक व चपरासियों का फौज फाटा है। प्रदेष में बसपा सरकार भश्टाचार प्रषासन देने को जहां संकल्प दोहराती है। वहीं इस विभाग के कारिन्दे भ्रश्टाचार के आकण्ड में डूबकर उसकी छवि में कालिख पोतने का काम कर रहे है। आश्चर्य जनक यह भी पहलू यह है कि यहां दस से बीस वर्शो के अन्तराल से जमे बाबू अवैध वसूली के इस उपनिबन्धक कार्यालय से हटने का मोह नहीं त्याग पा रहे है। भ्रश्टाचार की यह पराकाश्ठा ही कही जायेगी कि जहां बाबू वर्ग देर रात्रि तक कार्यालय खोलकर काम निपटाते है। इस कार्यालय खुलने का समय मनमाना है। लिपिक वर्ग तकरीबन ग्यारह बजे आमद करा देता है। वहीं अधिकारी अपरान्ह आकर अपनी दबंग षैली का अनुभव षासन को करा रहे है। जिला सचिव उपनिबन्धक कार्यालय में व्याप्त भ्रश्टाचार पर अंकुश नहीं लगा तो कांग्रेस जन इस मुद्दे पर आन्दोलन की रूपरेखा बना सकते है। सूत्रों की अगर मानें तो जनपद के मुख्यालय से लगाकर सभी सबरजिस्टारों के कार्यालय में दोहरी वसूली चलती है जिसमें डीड राइटर एवं अधिवक्ताओं का भी खुला हिस्सा रहता है ऐसा न करने पर स्टाम्प कमी एवं अन्य कमियां दिखाकर मुकदमा करने की खुली घुड़की दी जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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