Posted on 01 October 2011 by admin
शस्त्र लाइसेंस फार्म सही भरा है और सारी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं तो एसपी कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। इस कार्यालय से की संस्तुति के साथ फाइल खुद ही डीएम कार्यालय पहुंच जायेगी। यदि फार्म में औपचारिकताएं पूरी नहीं होंगी तो फाइल थाने का वापस हो जायेगी। यह व्यवस्था नये पुलिस अधीक्षक रमित शर्मा ने लागू की है।
सूत्रों के अनुसार जनपद में 41,502 शस्त्र लाइसेंस हैं जिनमें सिंगल बैरल बंदूक के 16,590, डबल बैरक बंदूक के 12,494, एमएल गन 1805, राइफल 669 तथा थर्टी कारबाइन के 63 लाइसेंस शामिल हैं। इसके अलावा हजारों शस्त्र लाइसेंस फार्म, डीएम कार्यालय, एसपी कार्यालय, थानों, सीओ कार्यालय, अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय, डीसीआरबी तथा एलआईयू कार्यालय में लम्बित हैं। रिपोर्ट लगवाने के लिए आवेदक पुलिस कार्यालय के बराबर चक्कर लगाते रहते हैं। आरोप है कि बिना सुविधा शुल्क लिए रिपोर्ट नहीं लगायी जाती है। तत्कालिक एसपी अखिलेश कुमार तथा प्रेम गौतम ने शस्त्र लाइसेंसधारकों के लिए गुरुवार को दिन निश्चित किया था। उनके कार्यालय में शस्त्र लाइसेंस आवेदकों की लम्बी कतार लगती थी। प्रत्येक आवेदक एक हाथ में अर्जी लेकर उनके समक्ष पेश होता था। जिस अर्जी पर पुटअप फार्म लिखा होता था, वह फार्म अग्रसारित होकर डीएम कार्यालय भेज दिया जाता था लेकिन वर्तमान पुलिस अधीक्षक रमित शर्मा ने सभी शस्त्र लाइसेंस फार्म थानों को वापस भेजकर पुनरू रिपोर्ट लगाने के निर्देश दिए थे। उधर एसपी का कहना है कि शस्त्र लाइसेंस आवेदक को उनके पास आने की जरूरत नहीं है। यदि फार्म में सारी औपचारिकताएं पूरी हैं तो संस्तुति होकर डीएम कार्यालय भेज दिया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 01 October 2011 by admin
गुणवत्तापूर्ण एवं समयानुसार पूर्ण कराने के जिलाधिकारी ने दिये निर्देश
मनरेगा द्वारा प्राप्त धनराशि का उपभोग समयानुसार शतप्रतिशत करना सुनिश्चित करे तथा कार्य को प्रत्येक दशा में मानक के अनुसार गुणवत्ता परक होना चाहिए, इसके साथ ही कराये जाने वाले कार्य की वीडियोग्राफी भी कार्य प्रारम्भ से पूर्व व पश्चात कराना अनिवार्य सुनिश्चित करे।
यह निर्देश जिलाधिकारी नवदीप रिणवा ने विकास भवन स्थित सभागार में आयोजित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी योजना सतर्कता अनुश्रवण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2011-12 में मनरेगा के अन्तर्गत जो भी धनराशि जिस विभाग को अवमुक्त की गई है उसे वह विभाग प्रत्येक दशा में समयानुसार तथा गुणवत्ता पूर्ण करना सुनिश्चित करे।
जिलाधिकरी श्री रिणवा ने गोमती के किनारे भारी पैमाने पर हो रहे अवैध कृषि भूमि कब्जे को भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने भूमि संरक्षण अधिकारी को निर्देशित किया कि वह जब भी गोमती तटीय सील्ट की सफाई प्रारम्भ करे उसकी सूचना उन्हें अवश्य दे ताकि वह भी स्थलीय निरीक्षण हेतु मौके पर पहुंचकर वस्तु स्थिति से अवगत हो सके। उन्होंने गोमती तटीय सिल्ट सफाई में अवैध कृषि भूमि कब्जेदारों को बेदखल किये जाने के निर्देश दिये ताकि गोमती नदी के पूर्व स्वरूप को बरकारार रखा जा सके। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता नहर को निर्देशित किया कि आगामी नवम्बर माह से प्रारम्भ होने वाली नहरो/माइनरो/कोलम्बो की सील्ट सफाई से पूर्व उसकी वीडियोंग्राफी एवं किसी उच्चधिकारी का निरीक्षण अवश्यक कराना सुनिश्चित करने तथा कार्य भी मानके के अनुरूप होना चाहिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मुरली मनोहर लाल, जिला विकास अधिकारी अशोक अग्रवाल उपस्थित थे।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न समिति हुई बैठक में पुलिस अधीक्षक रमित शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी मुरली मनोहर लाल, सहायक श्रमायुक्त अनुपमा गौतम, डाॅ.ओरी लाल, अजय पाल राठौर, रामप्रसाद, विजय आदि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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